Friday, August 19, 2011

सुमित आनन्द भाव-भूमि रसवंत पुस्तकक लोकार्पण

सुमित आनन्द

भाव-भूमि रसवंत पुस्तकक लोकार्पण
जखन-तखन द्वारा ललितनारायण मिथिला विष्वविद्यालयक संगीत एवं नाट्य विभागमे डॉ भीमनाथ झाक समग्र मूल्यांकन ‘भाव-भूमि रसवंत’ पुस्तकक लोकार्पण समारोह दिनांक 06 03 2011 के ँ अपराह्ण 03 बजे दिनमे मनाओल गेल। एहि 512 पृष्ठक पुस्तकक लोकार्पण करैत बहुभाषाविद् पं गोविंद झा कहलनि जे डॉ भीमनाथ झाक भाषा सर्वजन सुलभ अछि। ओ चिंता व्यक्त कयलनि जे वर्तमान समयमे भावना मरि रहल अछि संगहि कवि लोकनिके ँ दोसरक हेतु जीबाक परामर्ष देलनि।
पुस्तकक समीक्षा करैत मैथिलीक सुप्रसिद्ध समीक्षक श्री मोहन भारद्वाज हिनक एहि पोथीके ँ साहित्यिक दस्तावेज कहलनि। ओ हिनक छन्दोबद्ध एवं तुकान्त रचनाक भूरि-भूरि प्रषंसा कयलनि संगहि ईहो कहलनि जे छन्दोबद्ध रचना स्थायी महत्वक थिक। बच्चा सभक पाठ्यक्रममे सम्मिलित करबाले हुनका अर्वाचीन कविक छन्दोबद्ध रचना नहि भेटैत छनि। श्री भारद्वाज हिनका एकसरे एहन लेखक मानैत छथि जे लगभग 150 साहित्यकारपर लिखि चुकल होथि। कार्यक्रमक अध्यक्षता करैत वयोवृद्ध साहित्यकार पं चन्द्रनाथ मिश्र ‘अमर’ डॉ झाक लेखनकेँ महत्वपूर्ण अवदान कहलनि। ज्योत्स्ना चन्द्रमक संचालन एवं डॉ अषोक मेहताक धन्यवाद ज्ञापनसँ सम्पन्न समारोहमे डॉ झा अपन लेखनक संबंधमे कहलनि जे ओ जे किछु कए सकलाह से अक्षरपुरुष लोकनिक सान्निध्य आ स्नेहभाजनक कारणसँ। कार्यक्रमक ष्षुभारम्भ श्री हीरेन्द्र कुमार झाक स्वागत भाषण एवं अंजली मेहता द्वारा ‘‘वाणी हेरू, कृपा दृग फेरू’’ कविताक गायनसँ भेल जे डॉ झाक लिखल थिक। पुस्तकक सुन्दर प्रस्तुतीकरणक हेतु प्रायः सभ वक्ता लोकनि डॉ विभूति आनन्दक प्रयासक प्रषंसा कयलनि।
एहि अवसरपर पटना सहित आसपासक जिलाक पर्याप्त संख्यामे साहित्यकार लोकनिक उपस्थिति छल जाहिमे प्रमुख छलाह-डॉ सुरेष्वर झा, डॉ गणपति मिश्र, श्री कमला कान्त झा, प्रो अजीत वर्मा, डॉ शिवाकान्त पाठक डॉ देवनारायण यादव, डॉ षषिनाथ झा, डॉ नीता झा, डॉ रमण झा डॉ नरेन्द्र नारायण निराला, डॉ आषा मिश्र, डॉ नरेष मोहन झा, डॉ बुचरू पासवान, डॉ धीरेन्द्र नाथ मिश्र, डॉ पुष्पम नारायण, श्री अमलेन्दु शेखर पाठक इत्यादि।।(साभार विदेह www.videha.co.in)

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