Wednesday, November 16, 2011

खूजत अलग मिथिला प्रदेशक द्वार? छोट प्रदेशक समर्थन कएलनि मुख्यमंत्री( रिपोर्ट- नवेंदु कुमार झा)

बिहारक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार छोट प्रदेशक समर्थन कएलनि, सेवा यात्रापर जाइसॅ पहिने पटनामे श्रीकुमार कहलनि जे- सिद्धांत रूपसॅ छोट प्रदेशक समर्थन करैत छी मुदा ई मामिला केन्द्र आ राज्यक मध्यक अछि। नीतीश कुमारक एहि बयानक बाद अलग मिथिला राज्यक आशा बढ़ल अछि। ज्यों विकास आ प्रशासनिक दृष्टिए उत्तर प्रदेशक चारि भागमे बटबाराक प्रति श्री कुमार अपन सहमति दऽ रहल छथि तँ अलग मिथिला राज्यक लेल सेहो हुनका आगाँ अएबाक चाही।

मिथिला राज्यक मांग कोनो नव नहि अछि। आजादीक बादे अलग प्रदेशक मांग होइत रहल अछि मुदा मिथिलाक संस्कृति, संस्कार आ माटिमे ओ तेजी नहि देखाओल जे झारखंड, उत्तराखंड आ छत्तीसगढ़मे देखाओल। मिथिलाक लोक शांतिप्रिय छथि आ सादगीक संग अपन बात सरकारक सोझा रखैत रहलाह अछि जकर परिणाम अछि जे स्वतंत्राक 64 वर्षक बादो रौदि आ बाढ़िक शिकार बनल अछि आ अपन माटिकेँ छोड़ि पेटक आगिकेँ शांत करबाक लेल प्रवासी बनि अनकर भविष्य सुधारि रहल छथि। ई दुर्भाग्य अछि जे गोटेक चारि दशक धरि मिथिलाक पुत्रक हाथ मे सत्ताक डोरि रहल मुदा मिथिलाक नोर पोछबाक कोनो प्रयास नहि भेल। पछिला दू दशक रणनीति दृश्य देखी तँ स्पष्ट अछि जे कुशासनक डेढ़ दशकमे विकासक मतलब सारण छल आ एखन पछिला छह वर्षमे विकासक मतलब नालन्दा भऽ गेल अछि, मुदा मिथिला पुत्र सभ मिथिलाकेँ विकासक केन्द्र नहि बना ओकरा अपन राजनीतिक शतरंज बना देलनि जकर परिणाम आइ सोझाँ अछि आ बिहारक राजनीतिमे चारू खाना चित्त भऽ बौक बनल अपन कुर्सी बचबऽ लेल दुहाइ सरकार कऽ रहल छथि।
 
मुख्यमंत्रीक ई विचार एहन समय मे आएल अछि जखन देशमे छोट प्रदेशकेँ लऽ कऽ राजनीति गर्माएल अछि। ई उचित समय अछि जखन मिथिला राज्यक समर्थक सड़कपर उतरथि। किएक तँ बिहारक संग रहने मिथिलाक विकास होएब संभव नहि अछि। एकर उदाहरण संयुक्त बिहार अछि। संयुक्त बिहारमे विकासक धार दक्षिण बिहार (आब झारखंडमे बहैत छल तहिना एखन विकासक मतलब सेहो दक्षिण बिहार (यानि नालन्दा) भऽ गेल अछि। एतबा नहि बिहारक स्थापनाक शताब्दी वर्षमे चुनल गेल राज्य गीतमे सेहो मिथिला लापता अछि। जखन गीतक लेखक खांटी बिहारी होथि तँ भला हुनका मिथिला किएक सुझतनि। तें आब तँ सरकार सेहो मिथिलाकेँ बिहारक अंग नहि मानैत अछि। सरकारकेँ बाबू कुंवर सिंहक गुणगान स्वीकार अछि। मुदा मिथिलाक विभूति महाकवि विद्यापति, दीना-भद्री, लोरिक सलहेस, मंडन, आयाचीक जनतब नहि अछि। ज्यों एकर जनतब बिहार सरकारक विद्वान निर्णायक मंडलीकेँ रहैत तँ ओ भला मिथिलाक एहि महान विभूति सबहक उपेक्षा कऽ लिखल गेल गीतकेँ राज्य गीतक रूपमे कन्नहु स्वीकृति नहि दैत।
 
आब समय आबि गेल अछि। उत्तर प्रदेशक मुख्यमंत्री चुनावक समय छोट प्रदेशक तुरूपक पत्ता भने अपन राजनीतिक उद्देश्यक पूर्तिक लेल फेकलनि अछि मुदा बिहारक मुख्यमंत्री नीतीश कुमारक छोट प्रदेशक समर्थन अलग मिथिला राज्यक निर्माणक दिशामे मीलक पाथर साबित भऽ सकैत अछि। मुदा एहि लेल प्रयास करऽ पड़त किएक तँ नेनाकेँ कनने बिना माय सेहो दूध नहि पिअबैत अछि तँ भला बिहार सरकार आ केन्द्र सरकार सादगी, सदाचार आ शांतिसॅ बैसल रहलापर अलग प्रदेश बनाओत ई असंभव अछि।

 

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