Monday, July 30, 2012

कोलकाता मे मिथिला महोत्सबक रंगारंग उद्घाटन (रिपोर्ट चन्दन कुमार झा)

कोलकाताक प्रसिद्ध महाजाति सदनक सभागार मे दिनांक २९ जुलै २०१२ केँ मिथिला विकास परिषदक तत्वावधान मे नौ दिवसीय मिथिला महोत्सवक उद्घाटन समारोह समपन्न भेल.कार्यक्रमक उद्घाटन भारत सरकारक स्वास्थ्य राज्यमंत्री आ' स्थानीय सांसद श्री सुदीप बंदोपाध्याय दीप प्रज्वलित कय आ' महाकवि विद्यापतिक चित्र पर माल्यार्पण कए कयलनि.अहि अवसर पर मिथिला विकास परिषदक पछिला किछु बरखक गतिविधि पर आधारित स्मारिकाक विमोचन सेहो कयल गेल .अपन उद्घाटन भाषण मे श्री सुदीप बंदोपाध्याय कहलथि जे कोलकाता आ' पश्चिम बंग मे लाखो मैथिल रहैथ छथि जिनकर सहयोग हुनका सदति भेटैत रहलन्हि अछि आ'से ओहो मिथिला-मैथिली-मैथिलक हरसंभव सहयोगक लेल हरदम तत्पर छथि आ' भविष्यो मे रहताह.आगत अतिथि मे सर्वश्री कमलाकांत झा, अध्यक्ष मैथिली अकादमी,पटना, श्रीमती स्मिता बक्सी,स्थानीय विधायक, श्री गीतेश शर्मा-प्रसिद्ध साहित्यकार,श्री कामदेव झा,ईत्यादि गणमान्य व्यक्ति मंच पर उपस्थित छलाह.परिषद द्वारा आगत-अतिथि केँ पाग,दोपटा आ' पुष्पगुच्छ दए स्वागत कयल गेल.विशिष्ट अतिथि श्री कमलाकांत झा कहलनि जे मैथिली मात्र एकटा भाषा नहि छैक अपितु एकटा संस्कृति छैक संगहि चिन्ता जतौलन्हि जे मैथिल अपन माटि-पानिक भाषा आ' समृद्ध सांस्कृतिक-साहित्यिक परंपरा केँ बिसरल जा रहल अछि.ओ कहलन्हि जे कोलकाता केँ मैथिलीक साहित्यिक आ' सांस्कृतिक उत्थान मेँ उल्लेखनीय अवदान रहलैक अछि आ' एहि कार्यमे मिथिला विकास परिषदक योगदान महत्वपूर्ण छैक.दर्शक दीर्घा मे बैसल करीब एक हजार सँ बेशी मैथिल आस धरौने छल जे कमलाबाबू मैथिली अकादमीक मैथिली साहित्यक उत्थानक मादेँ कयल जा रहल अवदानक सेहो किछु चर्चा करताह मुदा हुनका सभकेँ से मनोरथ पूर नहि भऽ सकल.परिषदक अध्यक्ष श्री अशोक झा अपन भाषण मे समस्त मैथल सँ आह्वान कयलन्हि जे ओ सभ मिथिला -मैथिली-मैथिलक विकासक प्रति अलग सोचथि आ अलग (नव-नव तरीका सँ) काज करथि. ओ कहलथि जे कोलकाताक बड़ाबजार मे एकटा भव्य मिथिला भवनक निर्माण, कोलकाता मे मैथिली अकादमीक स्थापना, गुआहाटी सँ दरभंगा जयनगर के लेल सीधा रेल संपर्क, दरभंगा मे सार्वजनिक एयरपोर्टक निर्माण एवं दरभंगा मेडिकल कालेज अस्पताल के एम्स केँ समान दर्जा हुनकर आ' मिथिला विकास परिषदक किछु महत्वपूर्ण लक्ष्य अछि जकरा प्रप्तिक हेतु ओ लगातार संघर्ष आ प्रयास करैत रहताह.
समारोहक दोसर चरण मे परिषदक महिला शाखा द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत कयल गेल जकर शुरुआत गोसउनि गीत जय-जय भैरवि.. पर आधारित सुश्री भावना प्रतिहस्तक भावनृत्यक संग भेल..तकरा बाद मिथिलाक विभिन्न लोकनृत्य झिझिया,झरनी,लगनी,डोमकछ आ' जट-जटिनक प्रस्तुति श्रोता-दर्शक के खूब रुचल जकर सबुत सभागार मे हुनकर सभक थपड़ीक अनुगूंजन स्वतः दऽ रहल छल.मैथिल ललना अपराजिता, चंदा आ' भावना द्वारा अनेक लोकगीत प्रस्तुत कयल गेल आ' दर्शक द्वारा सराहल गेल.श्री रामसेवक ठाकुरक मंचसंचालन सेहो सभ केँ नीक लागल मुदा बीच-बीच मे हिन्दीक काव्यांश आ' शायरी श्रोता-दर्शक सभकेँ खटकैत रहल.कार्यक्रमक अंतिम चरण मे "कखन हरब दुख मोर" नामक नृत्यनाटिका प्रस्तुत कएल गेल जकर परिकल्पना अध्यक्ष अशोक झा आ' निर्देशन राजू जी कयने छलाह.समारोहक सफल आयोजन मे सर्वश्री युगलकिशोर झा, डा.विरेन्द्र मल्लिक,अशोक झा "भोली" विनय प्रतिहस्त,गोपीकान्त झा "मुन्ना",श्रीमती चंदा झा एवं परिषदक आन-आन सदस्यक महत्वपूर्ण योगदान रहल.महोत्सवक अगिला चरणक आयोजन मे १२ अगस्त के गीतगाइन प्रतियोगिता होयत.
चित्र साभार भाष्कर झा

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