Sunday, February 23, 2014

सगर राति दीप जरए , आन्दोलन आ बभनभोज- अतुलेश्वर


सगर राति दीप जरए , आन्दोलन आ बभनभोज- अतुलेश्वर
कथा साहित्यक प्रकाशन करए वला पत्र-पत्रिका अभावक कारण एकटा प्रश्न ठाढ़ भेल कि यदि मैथिलीक रचनाकारकें अपन रचनाक लेल कोनो मंच नहि भेटत तँ मैथिली आबयवला समयमे रचनाकारक अभाव सँ गुजरि सकैत अछि। आ मैथिली भाषा आ साहियक क्रान्तिकारी पुरुष डा.काञ्चीनाथ झा किरणक जन्म दिवसक अवसर पर लोहना गाममे जे समारोह आयोजन भेल छल ओहिमे पंजाबी भाषामे जहिना भरि रातिक कथा गोष्ठी कयल जा रहल छल ओहिना मैथिली भाषामे आरम्भ कयल जाए। आ कथा साहित्यक पुरोधा आ युवा साहित्यकारक पथपर्दशक स्व. प्रभाष कुमार चौधरीक नेतृत्वमे ई आन्दोलन प्रारम्भ भेल । कहल जा सकैछ जे काल सापेक्ष ई आन्दोलन मैथिली साहित्य लेल वरदान साबित भेल,कारण कतेको कथाकार, आलोचक एहि आन्दोलन सँ मैथिली साहित्य मध्य उपस्थित भेलाह तँ दोसर दिश एक नव आलोचनाक बाट फूजल। मुदा आइ काल्हि तँ एहि मे कथाक चर्चा सँ बेशी मानकीकरण,कखनो जातिवाद,कखनो भत्ताक गप्प होइत अछि। एतेक धरि जे कथाक गोष्ठीक अस्मिता पर कुठाराघात करैत किछु मैथिली अहित सेवी लोकनि ओकरा सरकारी संस्थाक कार्यक्रमसँ जोड़ि ओकर अस्मिता आ स्वतंत्रताक नष्ट करबाक प्रयास क’ रहल छथि। कारण जखनहिं साहित्य अकादेमी आ सरकारी संस्था सभसँ जोड़ल जाएत तँ एहि गोष्ठी सँ जनसहभागिता कम भेल जाएत आ कथा गोष्ठी अपन उद्देश्यक बाटसँ भटकि जाएत ई षडयंत्र हमरा जनैत एहि कारणेँ कएल जा रहल अछि , जे मैथिलीमे नव-नव रचनाकारक अभाव हुअए आ मैथिली साहित्य किछु वर्ग धरि सिमटि जाए। एहि तरहेँ बहुतों गोटा एहि बेरक कथा गोष्ठीकेँ सगर राति दीप जरएक श्रृंखला सँ नहि जोड़बाक आग्रह कयलन्हि अछि समर्थन हमरो अछि,कारण यदि हम सभ विरोध नहि करब तखनि ई लोकनि हमर सभक अस्मिता पर एहिना आघात कयल करताह आ जेकरा रोकब आवश्यक अछि, एहि लेल एकजूट होयब जरूरी अछि।नहि तँ एकटा आन्दोलन षडयंत्रक फाँसमे समाप्त भ’ जाएत।
हँ एहि गोष्ठी मे एकटा बात उठल छल जे बभनभोज। गोष्ठी कथा गोष्छी नहि भ’ बभनभोज भ’ गेल , ई सगर राति दीप जरए लेल एकटा आर आघात भेल । आशा करब आदरणीया विभा रानी सँ जे एहि आन्दोलनक दीपकेँ उद्देश्य सँ नहि भटकय देथि पुनः माँ जानकीक भाषा मैथिलीक आन्दोलन अपन उद्देश्य मे लागि जाए। आ सगर राति दीप जरए मैथिली कथा साहित्यक दीपकेँ मात्र जरौने टा नहि रहए ओ सम्पूर्ण विश्वमे मैथिली कथा साहित्यक दीप जगमगबैत रहए । एहि कामनाक संग हम सभ पुनः अपन आन्दोलनक नेतृत्व स्वयं करी आ घुसपैठिया लोकनिकेँ एहि आन्दोलन सँ भगाबी । एहि उद्देश्य संग दक्षिण भारत आबि आ माँ जानकीकेँ मोन पाड़ि।

Saturday, February 22, 2014

पहिल सगर राति जकरा सगर विश्वमे लाइव प्रसारित कएल जाएत


पहिल सगर राति जकरा सगर विश्वमे लाइव प्रसारित कएल जाएत।
लिंक अछि:

http://new.livestream.com/accounts/7191650/events/2768483


हकार (ओमप्रकाश झा)
८१म सगर राति दीप जरय कथा गोष्ठीक आयोजन देवघरमे २२ मार्च २०१४ शनि दिन भऽ रहल अछि। ई आयोजन देवघरमे बमपास टाउन स्थित "बिजली कोठी" नम्बर ३ मे संध्या ५ बजे सँ २२ मार्च २०१४ केँ शुरू भऽ कऽ २३ मार्चक भोर धरि हएत। अहाँ सभ कथाकार लोकनि सादर आमंत्रित छी।
डॉ. रमानन्द झा 'रमण'

कथा मि‍लन सदाय-सगर राति‍ दीप जरय केर 80म गोष्‍ठी (निर्मलीमे आयोजि‍त)-80म सगर राति‍ दीप जरय'' निर्मलीमे 45 गोट पोथीक लोकार्पण-रिपोर्ट उमेश मण्डल




80म सगर राति‍ दीप जरय'' निर्मलीमे 45 गोट पोथीक लोकार्पण-

बाल निबंध-

1. देवीजी (ज्योती झा चौधरी) कवि‍ राजदेव मण्डल

वि‍वि‍धा-

1. कुरुक्षेत्रम अन्तर्मनक- (गजेन्द्र ठाकुर) डॉ. बचेश्वर झा

शब्द.कोष-

1. अंग्रजी-मैथि‍ली शब्दकोष- (गजेन्द्र ठाकुर) डॉ. रामाशीष सिंह
2. मैथि‍ली-अंग्रेजी शब्दकोष- (गजेन्द्र ठाकुर) डॉ. अशोक अवि‍चल
वि‍हनि‍ कथा संग्रह-
1. बजन्ता-बुझन्ता (जगदीश प्रसाद मण्डाल) अनुमण्‍डलाधि‍कारी अरूण कुमार सिंह
2. तरेगन- दोसर संस्करण (जगदीश प्रसाद मण्डल)- वि‍धायक सतीश साह

लघु कथा संग्रह-
1. सखारी-पेटारी (नन्द वि‍लास राय) डॉ. शि‍वकुमार प्रसाद
2. उलबा चाउर (जगदीश प्रसाद मण्डल) वि‍नोद कुमार ‘वि‍कल’
3. अर्द्धांगि‍नी (जगदीश प्रसाद मण्डल) दुर्गानन्द मण्डल
4. सतभैंया पोखरि‍ (जगदीश प्रसाद मण्डल) प्रो. जयप्रकाश साह
5. भकमोड़ (जगदीश प्रसाद मण्डल) फागुलाल साहु

दीर्घ कथा संग्रह-

1. शंभुदास (जगदीश प्रसाद मण्डल) सदरे आलम गौहर

कवि‍ता संग्रह-

1. बसुन्धरा (राजदेव मण्‍डल) गजलकार ओम प्रकाश झा
2. राति‍-दि‍न (जगदीश प्रसाद मण्डल) रामजी प्रसाद मण्डल
3. रथक चक्का उलटि‍ चलै बाट (रामवि‍लास साहु) नाटककार बेचन ठाकुर
4. नि‍श्तुकी दोसर संस्‍करण (उमेश मण्डल) जनकवि‍ रामदेव प्रसाद मण्डल ‘झारूदार’
5. इन्द्र्धनुषी अकास (जगदीश प्रसाद मण्डल) पत्रकार राम लखन यादव
6. प्रतीक (मनोज कुमार कर्ण मुन्नाजी) अधि‍वक्‍ता वीरेन्द्र कुमार यादव

गजल संग्रह-

1. क्यो जानि‍ नै सकल हमरा (ओम प्रकाश झा) साहि‍त्‍यकार जगदीश प्रसाद मण्डल
2. माझ आंगनमे कति‍याएल छी (मनोज कुमार कर्ण मुन्नाजी) गायक रामवि‍लास यादव
3. मोनक बात (चन्दन कुमार झा) डॉ. शि‍वकुमार प्रसाद
4. अंशु (अमि‍त मि‍श्र) कथाकार कपि‍लेश्वर राउत

गीत संग्रह-

1. गीतांजलि‍ (जगदीश प्रसाद मण्डल) अमीत मि‍श्र
2. तीन जेठ एगारहम माघ (जगदीश प्रसाद मण्डल) चन्दन कुमार झा
3. सरि‍ता (जगदीश प्रसाद मण्डल) बालमुकुन्द
4. सुखाएल पोखरि‍क जाइठ (जगदीश प्रसाद मण्डल) बि‍पीन कुमार कर्ण
5. हमरा बि‍नु जगत सुन्ना छै (रामदेव प्रसाद मण्डल ‘झारूदार’) अधि‍वक्‍ता मनोज कुमार बि‍हारी
6. क्षणप्रभा- (शि‍व कुमार झा ‘टि‍ल्लू‘’) राजाराम यादव

अनुवाद साहि‍त्य-

1. पाखलो (उपन्यास (कोंकणीसँ हि‍न्दी सेवी फर्णांडि‍स एवं शंभु कुमार सिंह तथा हि‍न्दी‍सँ मैथि‍ली शंभु कुमार सिंह- कवि‍ शंभु सौरभ

नाटक-

1. रि‍हलसल (रवि‍ भूषण पाठक) कवि‍ राम वि‍लास साफी
2. बि‍सवासघात (बेचन ठाकुर) बाल गोवि‍न्द यादव ‘गोवि‍न्दाचार्य’
3. बाप भेल पि‍त्ती आ अधि‍कार (बेचन ठाकुर) कवि‍ रामवि‍लास साहु
4. रत्नाकार डकैत (जगदीश प्रसाद मण्डल) कि‍शलय कृष्ण
5. स्वयंवर (जगदीश प्रसाद मण्डल) कवि‍ शंभु सौरभ
6. पंचवटी एकांकी संचयन- (जगदीश प्रसाद मण्डल) उपन्‍यासकार राजदेव मण्डल
7. कम्‍प्रोमाइज- (जगदीश प्रसाद मण्डल) कथाकार राम प्रवेश मण्डल
8. झमेलि‍या बि‍आह (जगदीश प्रसाद मण्डल) अधि‍वक्‍ता वीरेन्द्र् कुमार यादव

उपन्यास

1. हमर टोल (राजदेव मण्डल) कवि‍ हेम नारायण साहु
2. जीवन संघर्ष (दोसर संस्करण) जगदीश प्रसाद मण्डाल) नारायण यादव
3. बड़की बहि‍न (जगदीश प्रसाद मण्डल) कवि‍ शारदा नन्द सिंह
4. जीवन-मरण (दोसर संस्करण) (जगदीश प्रसाद मण्डल) डाकबाबू छजना
5. नै धाड़ैए (बाल उपन्यास, जगदीश प्रसाद मण्डल) गुरुदयाल भ्रमर
सह्त्रबाढ़नि‍ (ब्रेल लि‍पि‍) गजेन्द्र ठाकुर) शि‍क्षक मनोज कुमार राम

वायोग्राफी-

1. जगदीश प्रसाद मण्डल एकटा वायोग्राफी- (गजेन्द्र ठाकुर) कवि‍ उमेश पासवान
संस्‍मरण साहि‍त्‍य-
मध्य प्रदेशक यात्रा (ज्योति‍ झा चौधरी) कथाकार नन्द वि‍लास राय

80म कथा गोष्ठी “कथा मि‍लन सदाय-सगर राति‍ दीप जरय” निर्मलीमे पठि‍त कथा एवं कथाकारक नाओं-
1. जीवपर दया करी- पल्लवी कुमारी
2. स्पेशल परमीट- ओम प्रकश झा
3. ढेपमारा गोसाँइ- ओम प्रकाश झा
4. ओ स्त्री - सदरे आलम गौहर
5. बाल अधि‍कार- नारायण झा
6. मांग- अमि‍त मि‍श्र
7. नवतुरि‍या- अमि‍त मि‍श्र
8. जनता लेल- अमि‍त मि‍श्र
9. थ्रीजी- मुकुन्द मयंक
10. पढ़ाइ आ खेती- बि‍पीन कुमार कर्ण
11. बदरि‍या मूसक घर- उमेश पासवान
12. अपन घर- लक्ष्मी दास
13. मि‍त्र- नारायण यादव
14. प्रेम एगो अचम्भा - बाल मुकुन्द पाठक
15. भगवानक पूजा- संजय कुमार मण्डल
16. वि‍पन्नता- पंकज सत्‍यम
17. गौतमक अहि‍ल्या-- दुखन प्रसाद यादव
18. तरकारीक चोर- ललन कुमार कामत
19. व्यंग्य- मि‍थि‍लेश कुमार व्यास
20. खेनि‍हारक लेखा- चंदन कुमार झा
21. चाहबला- कपि‍लेश्वर राउत
22. बि‍लाइ रस्ता काटि‍ देलक- राम वि‍लास साहु
23. भैरवी- रौशन कुमार झा
24. संदेह- शारदा नन्द सिंह
25. अंधवि‍श्वास- शम्भू सौरभ
26. डीजे ट्रोली- बेचन ठाकुर
27. मुखि‍याजी सँ मंत्री धरि‍ एक्के रंग- दुर्गा नन्द ठाकुर
28. कारागार- कि‍शलय कृष्ण
29. पैघ लोक के?- नन्द वि‍लास राय
30. पेंच-पाँच- शि‍व कुमार मि‍श्र
31. महेशबाबूक चौकपर एकदि‍न- गौड़ी शंकर साह
32. परि‍वर्त्तन- राजदेव मण्डल
33. एकघाप जमीन- जगदीश प्रसाद मण्डल
34. गइ बुढ़ि‍या हम बड़ बि‍हर छी- डॉ. शि‍व कुमार प्रसाद
35. भीखमंगा- डॉ. अशोक अवि‍चल

मिथिलांचलक प्रसिद्ध साहित्यिक मंच “सगर राति‍ दीप जरय” केर 80म आयोजन जे निर्मली (सुपौल)मे स्थानीय कलाकार स्व. मि‍लन सदाय केर नाओंपर आयोजित छल तइ कथा गोष्ठीमे जे समीक्षक-आलोचक सभ पठि‍त कथापर समीक्षा केने रहथि‍, आलोचना केने रहथि‍ से सूची निम्न अछि‍-
डॉ. शिव कुमार प्रसाद
ओम प्रकाश झा
राजदेव मण्डल
जगदीश प्रसाद मण्डल
डॉ. अशोक अवि‍चल
डॉ. रामाशीष सिंह
उमेश पासवान
चन्दन कुमार झा
राम वि‍लास साहु
फागुलाल साहु
पंकज सत्यम्
किशलय कृष्ण
शंभु सौरभ
कपिलेश्वर राउत
बाल गोवि‍न्द यादव गोवि‍न्दा‍चार्य
वीरेन्द्र कुमार यादव
राम वि‍लास साफी
शि‍व कुमार मि‍श्र
दुर्गानन्द मण्डल
नारायण यादव
संजय कुमार मण्‍डल
राम प्रवेश मण्डल
नारायण यादव
बालमुकुन्द पाठक
बेचन ठाकुर
दुर्गानन्द ठाकुर
शारदा नन्द सिंह
हि‍न्‍दुस्‍तान (सुपौल एवं मधुबनी संस्‍करण) दैनि‍कमे प्रकाशि‍त

Thursday, February 6, 2014

चोर रोशन कुमार झा ("राड़केँ सुख बलाय" केर लेखक ) अखनो नै हटेलक जगदीश प्रसाद मण्डलक ओकरा (चोर रोशन कुमार झा ) द्वारा कएल चोरिक लघुकथा सभ अपन ई-पत्रिका (ब्लॉग)सँ- साहित्यिक जगतमे ऐ सँ घोर क्षोभ अछि- चोर आ ओकर अधीनस्थ सम्पादक-सहयोगीपर कार्रवाइपर विचार



-चोर रोशन कुमार झा अखनो नै हटेलक जगदीश प्रसाद मण्डलक ओकरा (चोर रोशन कुमार झा ) द्वारा कएल चोरिक लघुकथा सभ अपन ई-पत्रिका (ब्लॉग)सँ- साहित्यिक जगतमे ऐ सँ घोर क्षोभ अछि- चोर आ ओकर अधीनस्थ सम्पादक-सहयोगीपर कार्रवाइपर विचार

-चोर रोशन कुमार झाक चोरिक सबूत नीचाँ लिंकमे अछि जे ओ अखन धरि अपन ई-पत्रिका (ब्लॉग) सँ डिलीट नै केलक अछि। ओकर एकटा आर ई-पत्रिका (ब्लॉग) छै जैमे ओकर अधीनस्थ सम्पादक अमलेन्दु शेखर पाठक आ सहयोगी कुमार शैलेन्द्र, शंकरदेव झा आदि छै। एकर अतिरिक्त मिथिलांगनसँ जुड़ल रवीन्द्र दासक सेहो ऐ चोरक प्रति सहानुभूति छै।

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-जगदीश प्रसाद मण्डलक रचनाक केलक चोरि-
चोरिक लिंक नीचाँ देल जा रहल अछि:
 http://mithlakgaamghar.blogspot.in/2012/05/rikshaavala.html
http://mithlakgaamghar.blogspot.in/2012/05/jivika.html
http://mithlakgaamghar.blogspot.in/2012/05/blog-post_7993.html
http://mithlakgaamghar.blogspot.in/2012/05/blog-post_9212.html
http://mithlakgaamghar.blogspot.in/2012/05/blog-post_4646.html
http://mithlakgaamghar.blogspot.in/2012/05/blog-post_691.html
http://mithlakgaamghar.blogspot.in/2012/05/blog-post_88.html
http://mithlakgaamghar.blogspot.in/2012/05/blog-post_7693.html
http://mithlakgaamghar.blogspot.in/2012/05/blog-post_4876.html
http://mithlakgaamghar.blogspot.in/2012/05/blog-post_31.html


ई धूर्त रोशन कुमार झा ई सभ रचना जगदीश प्रसाद मण्डलक " गामक जिनगी" सँ चोरा कऽ अपन ई-पत्रिकामे छपने अछि जेकर लिंक ऊपर देल गेल अछि। गामक जिनकीकेँ मैथिलीक पहिल टैगोर पुरस्कार भेटल छै।

पहिनहियो एकर संगी रण्जीत चौधरी मुन्नाजीक रचनाक लगातार चोरिमे पकड़ाएल अछि, जे अजित आजादक  मिथिलाक अबाज पर अखनो अछि। अजित आजाद मुन्नाजीकेँ कहने रहथिन्ह जे ओ रण्जीत चौधरीकेँ बैन करताह आ चोरिक रचनाकेँ डिलीट करताह, मुदा हुनकर कार्यालसँ से अखन धरि से नै भेल तावत ओही कार्यालयसँ ई नबका चोर रोशन कुमार झा आबि गेल।

ऐ चोरक संरक्षक अमलेन्दुशेखर पाठक (जिनकर पिता शिवकान्त पाठक रामदेव झा आदिक संग आकाशवाणी दरभंगा खोलने छथिन्ह, जे रोशन झाक निचुक्का ब्लैकमेल पत्रसँ सिद्ध होइत अछि, कारण ओ जकरा चाहता तकरा अमरसँ रोशन झा धरिकेँ आकाशवाणीमे कार्यक्रम देता आ गौहाटीक विद्यापति पर्वक आयोजक ककरा कहियाक टिकट पठबै छथि से ओ हिनके आ बैजू सँ पुछि कऽ आगाँसँ पठेथिन्ह!!), शंकरदेव झा आदि छथि जकरा संगे मिलि कऽ ई ब्लॉग (ई-पत्रिका) चलबैत अछि।
-ऐ संगठित चोरिमे रोशन कुमार झा, रणजीत चौधरी आदि प्यादा अछि, मुख्य खिलाड़ी यएह सभ छै।
-पूर्वपीठिका देखू http://esamaad.blogspot.in/2012/08/blog-post_4877.html



रोशन कुमार झा जे रचना चोरि केलक तकर सरगना सभक चिट्ठी/ किरदानी आदि नीचाँमे अछि

मातृभाषा: मैथिलि पाक्षिक ई-पत्रिका(!!)

जे की दरभंगास प्रकाशित पहिल ई-पत्रिका अछि . एकर पहिल अंक छपी चुकल अछि . जेना की सर्वविदित अछि जे अहि स पहिने विदेह ई-पत्रिका सेहो निकली रहल अछि . विदेह साहित्य लेल काज त कैरते अछि मुदा एक टा काज ओ बखूबी क रहल अछि आ दिन प्रतिदिन क रहल अछि . ओ काज अछि जातिवादिताक नाम पर झगरा केनाइ साहित्यकार सभ केर खुलेआम फसबूक आ ब्लोगक माध्यम स गारि पढ्नाई .
मातृभाषा ई-पत्रिकाक अंक देखैत देरी नहीं जानी किया गजेन्द्र ठाकुरअक देह में आगि किअक लागी गेलें आ ओ अपन चेला चपाटीकेर पुनः मैदान में लड़बाक लेल उतारी देलैन . हुनक एक टा चेला जिनकर नाम उमेश् मंडल छियैन ओ अपन घरवाली केर ब्लॉग ईसमदिया पर एक टा पोस्ट केलें जे फल फल आदमी मिलि ब्लाच्क्मैलिंग  करबाक उद्देश्य स अहि पत्रिकाक शुरुआत केलक अछि . विदेह फसबूक ग्रुपअक एक टा पोस्ट पर माननीय आशीष अनचिन्हार आ उमेश मंडल जी कमेन्ट देला जे मा
तृभाषा ई-पत्रिकाक सम्पादक महान ब्रह्मण वादी अमलेंदु शेखर पाठक छैथ .

अमलेंदु शेखर पाठक मैथिलिक साहित्यकार , दरभंगा रेडिओ स्टेशनअक उद्घोषक आ वरिस्थ पत्र्रकार छैथ . आब सवाल उठैत अछि जे एहन आदमी पर उमेश मंडल जी ब्रह्मण वादी हेबाक आरोप किअक लगा रहल छैथ .

अहि सवालक जवाब लेल किछु समय पाछू घुर पडत . रेडिओ स्टेशन स एक दिन पाठक जी उमेश मंडल केर फ़ोन केल्थिन जे अपनेक पोस्टल एड्रेस की अछि ? उमेशक पुछला पर पाठक जी कहलें जे आहाक रेडिओ में कथा पढबा हेतु छित्ती पता रहल छि . उमेशक काटन छल जे हमरा बदला ज हमर पिताजिकर अवसर देब त हमरा नीक लागत . पाठक जी कहलें जे आहा चिंता जुनी करू हम दुनु गोटेक अवसर देब . ओही दिन स पाठक जी ओही उमेश लेल भगवान् छल आ बहूत दिन रहबो केला . तखन उमेश आ हुनका किअक गाडिया रहल छैन .
पछिला बरख गुवाहाटी में अंतर रास्ट्रीय मैथिलि सम्मलेन भेल छल ओही थाम २ दिवसीय कार्यक्रमअक आयोजन छल . पहिल दिन कवि घोस्थी आ दोसर दिन विद्यापति समारोह . उमेश मंडल आ हुनक पिताजी केर दोसर दिनक आयोजनक लेल आमंत्रित कैल गेल छल , मुदा महा साहित्यकार उमेश मंडल एक दिन पहिने गुवाहाटी पहुँच गेला . उमेश पाठकजी स आग्रह केलें जे हाम्रो पिताजी केर कविता पढबा लेल बजेबैं अपनेक आभारी रहब . मुदा समय कम रहबाक आ कवि बेसी हेबाक कारण उमेशक आग्रह पाठक जी नहीं पूरा का सकला अहि कारने जे आदमी हुनका नजरी में आई धरी भगवान् छल से आबी ब्राह्मण वादी बनी गेल छल .
विदेह केर एहो कास्ट छैन जे दोसर ई-पत्रिका किअक निकली रहल अछि . कारण साफ़ अछि जाहि पत्रिकाक सम्पादक मंडली लोकनि अपन समय झगरा आ गारि पढबा में बितेता टा निक रचना कतय स छपता .

"राड़केँ सुख बलाय" केर लेखक रोशन कुमार झा रामदेव झाक बेटा, विद्यानाथ झा विदितक जमाए आ चन्द्रनाथ मिश्र "अमरक" नैत शंकरदेव झा-विजयदेव झाक संग मिलि कऽ एकटा ब्लैकमेलिंग ब्लॉग ई-पत्रिका (!!) मातृभाषा शुरू केलक अछि।(रिपोर्ट पूनम मण्डल)
राड़केँ सुख बलाय" केर लेखक रोशन कुमार झा रामदेव झाक बेटा, विद्यानाथ झा विदितक जमाए आ चन्द्रनाथ मिश्र "अमरक" नैत शंकरदेव झा-विजयदेव झाक संग मिलि कऽ एकटा ब्लैकमेलिंग ब्लॉग ई-पत्रिका मातृभाषा शुरू केलक अछि।
धूर्त रोशन कुमार झा:राअर के सुख बले :
मिथिलाक गाम घर :

राअर के सुख बले :()रोशन कुमार झा:

पढुआ काका किछु काज स दरभंगा आयल छलाह . जखन सव काज भ गेलैन त बस पकर्बाक लेल बस स्टैंड गेलाह , मुदा गामक बस छुट्टी गेलैन .
पधुआ काका हमरा फ़ोन केलैने ? रोशन कतय छ: ? हम आकाशवाणी लग ठाढ़ छि ? हाउ हम तोहर घरे बिसरी गेलिय . तो आबी क हमरा ल जा .

जखन हम पढुआ काका क ल के घर पर आय्लाहू त घर पर लाइन छल .चुकी गर्मी काफी छल ताहि कारने पंखा चला हुनका लग बैसी गेलहु आ हुनका अपन कंप्यूटर पर फसबूक के खोली हुनका देखाबय लाग्लाहू ?
अचानक ललका पाग केर देखैत देरी हुनक मन गडद-गडद भ गेलैने . ओ कह्लैने जे की " इ थिक मिथिला वासी केर पहचान , आ पाग पहिर्ला स बाढ़ी जाइत अछि मान "

हम कहलियैक , काका किछू लोक केर कथन अछि जे की पाग मात्र उपनयन , विवाह में पहिरे वाला एक टा परिधान अछि जे की बाभन आ लाला सब मे पहिरल जाइत अछि ?

ओ कह्लैने हौ जे इ गप करैत अछि ओ पागल हेताह ?
हम कहलियैक , कका ओ सब पढ़ल लिखल आ पैघ-पैघ साहित्यकार छैथ आ विदेह सनक पत्रिका सेहो निकालैत छैथ ?

किछु काल केर उपरान्त पढुआ कका कह्लैने जे की एकटा , दूटा ओही महानुभाव केर नाम त कहक जे सब पाग केर मिथिला केर मान नहीं बुझैत अछि आ मात्र ओकरा जातिगत स जोरी रहल अछि ?

हम कहलियैक आशीष अनचिन्हार , उमेश मंडल , पूनम मंडल प्रियंका झा आ विदेह केर सम्पादक गजेन्द्र ठाकुर .
कका कह्लैने हौ अहि मे त कोनो पैघ साहित्य कार लोकनि केर नाम कहा अछि ?
कका आजुक समय केर इ सब करता धर्ता छैथ साहित्य जगत के .
हौ यदि आजुक साहित्य केर करता एहन छैथ त नहीं जानी की होयत भविष्य मे ?

हमरा सब केर समर में हरिमोहन झा , नागार्जुन , दिनकर सब सनक महान रचना कार लोकिन छलाह . से इ सब कोनो हुनका स पैघ छैथ जखन ओ लोकिन पाग पहिर अपना केर गौरवान्वित बुझैत छलाह तखन आजुक नौसिखुआ सब के की औकात ?

ओ कह्लैने हौ बाऊ ब्रह्मण एकर विरोध किअक क रहल अछि से नहीं जानी मुदा जिनकर बाप दादा कहियो पहिर्बे नहीं केने हैथ हुनका त अवस्य ने असोहाथ बुझेतैन .
ओहुना मिथिलाक गाम घर मे कहल जाइत अछि जे की " राअर केर सुख बले " .
 ·  ·  · 3 hours ago


  • 9 minutes ago ·  · 1

  • Ashish Anchinhar एहि पत्रिका केर सम्पादक महान ब्राम्हणवादी अम्लेन्दु शेखर पाठक अछि
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  • Umesh Mandal जगदीश प्रसाद मण्डल जीकेँ गौहाटी विद्यापति समारोहमे मुख्य अतिथि बनाओल गेलापर वैद्यनाथ बैजू आ अमलेन्दु शेखर पाठक आदि हंगामा केने रहथि, अमलेन्दु शेखर पाठक कहि रहल रहथि "सपनोमे नै सोचने हेतै", एकर वीडियो देखू www.purvottarmaithil.org पर

हकार (ओमप्रकाश झा) ८१म सगर राति दीप जरय कथा गोष्ठीक आयोजन देवघरमे २२ मार्च २०१४ शनि दिन भऽ रहल अछि। ई आयोजन देवघरमे बमपास टाउन स्थित "बिजली कोठी" नम्बर ३ मे संध्या ५ बजे सँ २२ मार्च २०१४ केँ शुरू भऽ कऽ २३ मार्चक भोर धरि हएत।

हकार (ओमप्रकाश झा)
८१म सगर राति दीप जरय कथा गोष्ठीक आयोजन देवघरमे २२ मार्च २०१४ शनि दिन भऽ रहल अछि। ई आयोजन देवघरमे बमपास टाउन स्थित "बिजली कोठी" नम्बर ३ मे संध्या ५ बजे सँ २२ मार्च २०१४ केँ शुरू भऽ कऽ २३ मार्चक भोर धरि हएत। अहाँ सभ कथाकार लोकनि सादर आमंत्रित छी।