अखिल भारतीय मिथिला संघक तत्वावधान मे आयोजित मिथिला विभूति स्मृति पर्व समारोह - २०१२ के सफल बनेबाक हेतू कोटि - कोटि धन्यवाद...कार्यक्रम अत्यंत सफल रहल. श्रीमति शीला दीक्षित, मुख्यमंत्री दिल्ली, श्री प्रभात झा, राज्य सभा सांसद, श्री महाबळ मिश्र सांसद दिल्ली, श्री गौरी शंकर राजहंस, पूर्व सांसद, डॉक्टर एस सी एल गुप्ता, विधायक , श्री अनिल कुमार शर्मा सी एम डी आम्रपाली समूह, श्रीमति पूनम झा आजाद, डॉक्टर संजीव मिश्र आदिक गरिमामयी उपस्थिति रहल. स्वागताध्यक्ष डॉक्टर संजीव मिश्र के मिथिला वर्णन आ मिथिला शब्द विन्यास के अर्थ वास्तव मे अतुलनीय, रोचक आ ज्ञान वर्धक छल...
मुख्य मंत्री बजलीह जे मिथिला के लोकक कारण स दिल्ली बेसी सुंदर आ संवारल लागैत छैक. ओ ईहो बजलीह जे हुनको मैथिली भाषा बड्ड निक लागैत छैन....श्री प्रभात बाबू गाम स जुरल राह्बा पार जोर देलाह आ संगही हुनका स प्रेरणा भेटल जे एकटा सामान्य व्यक्ति केना अप्पन योग्यता आ नीक विचार के बल पर कतौ अप्पन स्थान बना सकैत अछि, हमरा सभ मैथिलक लेल प्रेरणा श्रोत अछि.
श्री अनिल कुमार शर्मा जी आम्रपाली समूह के सी एम् डी, कहलाह जे मिथिला भवन के निर्माण में अप्पन पूरा सहयोग देताह, डॉ एस सी एल गुप्ता विधायक संगम विहार सेहो विश्वास दियेलाह जे ओ श्री अनिल कुमार शर्मा जीक संग मिथिला भवनक निर्माण में सहयोग करताह.
श्री गौरी शंकर राजहंस जी, श्री राम कुमार झा एवं श्रीमति पूनम झा आज़ाद के संबोधन सेहो अनुकरणीय छल.
मिथिला के किछु गणमान्य व्यक्तित्व के मिथिला विभूति सम्मान स' सम्मानित कयल गेल. आ नव निर्वाचित मैथिल पार्षद के सेहो सम्मानित कयल गेल.
सभ अतिथि के मखान, पाग, दुपट्टा, पुष्प-हार आदि स स्वागत कयल गेलनि.
अतिथि सभक संबोधन में विलम्ब होयबाक कारण स रंगारंग कायर्क्रम सेहो विलम्ब स प्रारम्भ भेल परिणामस्वरूप कतेको कलाकार अप्पन प्रस्तुति देबा स वंचित रहलाह परन्तु ३ घंटा के लगभग जे कार्यक्रम चलल से झम्कौआ छल. बहुत श्रोता लोकनि के चल गेला तक कार्यक्रम चलैत रहल आ बादक से कार्यक्रम छल से वास्तव में सुने आ देखे वाला छल. मुख्य कलाकार में छलाह/छलीह : श्री विपिन मिश्र, श्री पवन नारायण झा, श्री अमोध झा, श्री मिथिलेश झा, श्री सुनील पवनजी, श्रीमती रश्मिरानी, कुमारी अंशुमाला, कुमारी जुली झा, श्री सुधानंद झा आदि...
कुल मिला क अपने सबहक सयहोग आ आशीर्वाद स कार्यक्रम सफल रहल. अपने सबहक अहिना समर्थन रहत त अप्पन मिथिला आ मैथिली के दशा आ दिशा भेटत जाहि सा अप्पन सबहक पहचान विशिष्ट होयत.
सतत एही अभिलाषाक संग
अपनेक
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