मिथिलांचलक पिछड़ल
क्षेत्र मे नेना सभक मध्य विज्ञानक प्रति जागरूक करबाक लेल
अभियान चलाओल जा रहल अछि। ऐ अभियानक अंतर्गत नेना सभ खेल-खेल
मे विज्ञान केँ समझि-बुझि रहल छथि। महत्वबला ऐ अभियानक नेतृत्व पूर्व राष्ट्रपति डा. ए.पी.जे. अब्दुल कलामक सहयोगी रहल भारत सरकारक पूर्व वैज्ञानिक मानस बिहारी वर्मा
कऽ रहल छथि। बाढ़ि प्रभावित दरभंगा जिला मे ऐ अभियानक सफलताक
बाद आब एकरा पूरा प्रदेशमे चलेबाक
योजना अछि। दरभंगा जिलाक घनश्यामपुर प्रखंडक छपेर गाम भोउरक
निवासी श्री वर्माक मोबाइल विज्ञान प्रयोगशाला (एमएसएल)क प्रशंसा पूर्व राष्ट्रपति डाक्टर कलाम तँ करबे कएलनि संगहि बिहारमे एकरा लोकप्रिय बना ओ नेना आ शिक्षक सभक आँखिक तारा सेहो बनि गेल छथि।
वैज्ञानिक आ
बुद्धिजीवी सभक संस्था विकसित भारत फाउंडेंशनक नींव रखनाहार श्री वर्मा
वर्ष 2010 मे बाढ़ि प्रभावित कमला बलान क्षेत्र सँ मोबाइल विज्ञान प्रयोगशाला प्रारंभ कएने छलाह। बाढ़ि प्रभावित दरभंगा, मधुबनी आ सुपौल
जिलाक मे ई प्रयोगशाला चौबीस हजार
छात्रक मध्य विज्ञानकेँ लोकप्रिय बनौलक अछि आ 758 शिक्षक केँ प्रशिक्षित सेहो कएलक अछि। ई प्रयोगशाला 2100 गामक दौरा सेहो कएलक
अछि। अगिला वर्ष प्रयोगशालाक संख्या तीन सँ बढ़ा कऽ दस करबाक योजना अछि। श्री वर्माक अनुसार 1990 मे आन्ध्र प्रदेशक कुप्पम मे विज्ञान केन्द्रक मे
गुड़ीबंका गामसँ प्रारंभक बाद मोबाइल
प्रयोगशाला महत्वपूर्ण काज कएलक अछि।
एखन धरि गोटेक 30 लाख छात्र ऐ मोबाइल
प्रयोगशालासँ विज्ञानसँ संबंधित संवाद स्थापित कएलनि अछि।
अगस्त्य फाउंडेंशन आ विकसित भारत फाउन्डेशन बिहार द्वारा प्रदेशमे मोबाइल प्रयोगशालाक कारण नेना सभ विज्ञानक प्रति
जागरूक भेलाह अछि। जइ विद्यालय मे ऐ
प्रयोगशालाक दौरा भेल अछि ओतए छात्र सभक उपस्थिति बेसी बढ़ल अछि। श्री वर्मा जनौलनि जे एक विद्यालयमे छओसँ सात बेर एम एम एल केँ लऽ जएबाक
लक्ष्य अछि। एखन धरि तीन-चारि बेर एक विद्यालयक दौरा भेल अछि। प्रारंभिक अनुभव
जनतब दैत अछि जे छात्र सभमे विज्ञानक प्रति आ ऐ विषयक प्रति
सोच बदलल अछि। छात्र सभ मे प्रश्न पूछब, विश्लेषणात्मक सोच अपन सहपाठीसँ विचार-विमर्श करबाक क्षमता बढ़ल अछि, एम एस एल मे कक्षा छओ सँ बारह धरिक छात्र केँ ध्यान मे राखि विज्ञान मॉडल तैयार कएल गेल अछि। एन
सी ई आर टी क पाठ्यक्रम पर आधारित एकर एक सय साठि विज्ञान मॉडल विषय केँ बुझबाक अंतर दृष्टि पैदा कऽ रहल अछि। ऐ अभियानक
उद्देश्य बिहारमे बेसी नेना केँ
वैज्ञानिक बनाएब अछि। ऐ सँ छात्र सभमे विज्ञानक प्रति रूचि बढ़ल अछि। शिक्षक सभ
सेहो मांग करैत छथि जे बेसीसँ बेसी बेर प्रयोगशाला हुनक विद्यालय मे आबए जइसँ विद्यालय मे विज्ञानक शिक्षकक
जे कमी अछि ओकरा दूर कएल जा सकए।
लाइट कांबेट एयरक्राफ्ट परियोजनाक सुपरसोनिक जहाज तेजसक सफलताक
संग तैयार करबा मे प्रोजेक्ट डायरेक्टर (जेनरल सिस्टम)क पद पर काज कऽ चुकल 69 वर्षक श्री वर्मा जनौलनि जे बिहार प्रतिभाक
जमीन अछि। विज्ञानक प्रति नेना सभ मे रूचि जगेबाक अछि।
विद्यालय सभ मे जमीनक स्तर पर संरचनाक अभाव मे ई एकटा चुनौतीबला काज अछि मुदा इमानदारीसँ प्रयास कएल जाए तँ ऐ मे सफलता अवश्य भेटत। श्री वर्मा विज्ञानकेँ लोकप्रिय बनेबाक संगहि उतर
बिहारमे कोसी आ ओकर सहायक नदी सभक आबएबला बाढ़िक समस्याक
क्षेत्रमे जियोमार्फो डायनेमिज्मक अध्ययन कऽ रहल छथि। हुनक उद्देश्य बिहारमे बाढ़िक समस्याक वैज्ञानिक अध्ययन करबाक अछि। श्री वर्मा मानैत छथि
जे केन्द्र आ राज्य सरकार द्वारा बाढ़ि प्रभावित क्षेत्र मे नदी सभक हाइड्रोलॉजिकल
विशेषताक अनदेखी कऽ पुल आ बान्ह आदि
बनाएब भूल अछि।
भारत सरकारक
पूर्व वैज्ञानिक मानस बिहारी वर्मा दरभंगा जिला मे प्रारंभिक शिक्षा ग्रहण कएलाक बाद मधुबनीक जिला मधेपुरक जवाहर
उच्च विद्यालय सॅ मैट्रिक परीक्षा पास कयलनि। पटना अभियंत्रण महाविद्यालयसॅ
मैकेनिकल इंजीनियरिंगक पढ़ाइ पूरा कएलनि। पूर्व राष्ट्रपति डाक्टर कलामसँ हुनक पहिल भेँट इंटीग्रेटेड मिसाइल प्रोग्रामक सिलसिलामे रक्षा अनुसंधान विकास संगठनमे
कार्यरत रहलाक दरमियान भेल छल। दरभंगा मे बिहार सरकार द्वारा
स्थापित वीमेन्स इंस्टीच्यूट ऑफ टेक्नोलॉजीक संचालन मे सेहो हुनक महत्वपूर्ण
योगदान अछि। दिसम्बर मास मे दरभंगा मे आयोजित विज्ञान मेला मे पूर्व राष्ट्रपति डा. कलाम उपस्थित भऽ श्री वर्माक लगन आ योगदानक प्रशंसा
सेहो कएने छलाह। मोबाइल विज्ञान प्रयोगशाला बिहारक संगहि आन्ध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश,
दिल्ली, गुजरात, हरियाणा,
कर्नाटक, हिमाचल प्रदेश, उड़ीसा आ महाराष्ट्र मे सफलताक संग काज कऽ चुकल अछि।
No comments:
Post a Comment