उमेश मण्डल आ पुनम मण्डल- समाद- सगर राति दीप जरय
उमेश मण्डल-सगर राति दीप जरय- ९८म कथा गोष्ठी- सिमरा (झंझारपुर)
सगर राति दीप जरय- सिमरा (झंझारपुर) 98म कथा गोष्ठी
संयोजक : डॉ. शिव कुमार प्रसाद
उद्घाटन सत्र-
दीप प्रज्जवलन : श्री महावीर प्रसाद, डॉ. योगेन्द्र पाठक ‘वियोगी’, श्री श्यामानन्द चौधरी, श्री अरविन्द ठाकुर, श्री जगदीश प्रसाद मण्डल, पो. प्रीतम‘निषाद’, श्री उमेश नारायण कर्ण, श्री नारायण यादवआ श्री योगेन्द्र राउत।
उद्घाटन भाषण : श्री अरविन्द ठाकुर, श्री श्यामानन्द चौधरी, श्री जगदीश प्रसाद मण्डल, डॉ. योगेन्द्र पाठक ‘वियोगी’आ श्री महावीर प्रसाद।
मंच संचालक : श्री संजीव कुमार ‘शमा’
पोथी लोकार्पण सत्र-
लोकार्पित पोथी :
(1.) मरजादक भोज (कथा संग्रह) : नन्द विलास राय
(2.) दुधबेचनी (कथा संग्रह) : राम विलास साहु
(3.) देखल दिन (कथा संग्रह) : जगदीश प्रसाद मण्डल
(4.) कथा कुसुम (क.सं. दो.सं.) : दुर्गानन्द मण्डल
(5.) सोंहॉंत-अनसोंहाँत (काव्य संग्रह) : डॉ. शिव कुमार प्रसाद
(6.) पघलैत हिमखंड (काव्य संग्रह, अनु.) डॉ. शिव कुमार प्रसाद
(7.) नमस्तस्यै (उपन्यास) : रबीन्द्र नारायण मिश्र
(8.) पंगु (उपन्यास) : जगदीश प्रसाद मण्डल
लोकार्पण कर्ता :
श्री महावीर प्रसाद, डॉ. योगेन्द्र पाठक ‘वियोगी’, श्री श्यामानन्द चौधरी, श्री अरविन्द ठाकुर, श्री जगदीश प्रसाद मण्डल, पो. प्रीतम ‘निषाद’, श्री उमेश नारायण कर्ण, प्रो. शुभ कुमार वर्णवाल, श्री नारायण यादवआ श्री योगेन्द्र राउत।
दू शब्द : श्री महावीर प्रसाद
मंच संचालक : उमेश मण्डल
कथा सत्र-
अध्यक्ष मण्डल
डॉ. योगेन्द्र पाठक ‘वियोगी’, श्री श्यामानन्द चौधरी, श्री अरविन्द ठाकुर, श्री जगदीश प्रसाद मण्डल, पो. प्रीतम ‘निषाद’
संचालन समिति : सूर्य नारायण यादव, दुर्गानन्द मण्डल, नन्द विलास राय, अनील ठाकुर
कथा पाठ-
प्रथम पाली-
1. प्रेमक अश्रुधार : नारायण यादव
2. बोझ : दुर्गानन्द मण्डल
3. देखल दिन : जगदीश प्रसाद मण्डल
समीक्षा : श्यामानन्द चौधरीजी, राम विलास साहुजी, अरविन्द ठाकुरजी, योगेन्द्र पाठकजी
दोसर पाली-
4. दहेज पाप छी : नन्द विलास राय
5. संघर्ष : अरविन्द ठाकुर
6. भिनसुरका गप-सप्प
समीक्षा : दुर्गानन्द मण्डलजी, उमेश नारायण कर्णजी, शिव कुमार प्रसादजी, नारायण यादवजी
तेसर पाली-
7. घरतोड़नी : प्रो. प्रीतम कुमार ‘निषाद’
8. ऐगला पड़ाव : ललन कुमार कामत
9. ई केकर दोख : राम विलास साहु
समीक्षा : कपिलेश्वर राउतजी, उमेश मण्डलजी, श्यामानन्द चौधरीजी
चारिम पाली-
10. मराएल जिनगी : कपिलेश्वर राउत
11. केकरो कियो नहि : लक्ष्मी दास
12. काबू : उमेश नारायण कर्ण
समीक्षा : नारायण यादवजी, प्रीतम कुमार ‘निषाद’जी, योगेन्द्र पाठकजी
पॉंचम पाली-
13. प्रेत लेल लड़ाइ : अमर कान्त लाल
14. जाएब नेपाल मुदा कपार जाएत संगे : शिव कुमार मिश्र
15. पुत्र मोह : लक्ष्मी नारायण प्रसाद
समीक्षा : नारायण यादवजी, प्रीतम कुमार ‘निषाद’जी, राम विलास साहुजी
छठम पाली-
16. टिप्स : रामदेव प्रसाद मण्डल ‘झारूदार’
17. नसीहत : नारायण यादव
18. आमक चोर सगर शोर : अच्छेलाल शास्त्री
समीक्षा : नन्द विलास रायजी, शिव कुमार प्रसादजी, सूर्य नारायण यादवजी
सातम पाली-
19. वाइफ : लक्ष्मी नारायण प्रसाद
20. अनुशासित प्रतिष्ठान : श्रीमती ज्योति कुमारी
21. कोचिंग : श्रीमती ज्योति कुमारी
समीक्षा : प्रीतम कुमार ‘निषाद’जी, श्यामानन्द चौधरीजी, नारायण यादवजी
अध्यक्षीय भाषण : श्री जगदीश प्रसाद मण्डल, पो. प्रीतम कुमार ‘निषाद’
धन्यवाद ज्ञापन : डॉ. शिव कुमार प्रसाद।
ऐगला आयोजन : प्रो. प्रीतम कुमार ‘निषाद’क संयोजकत्वमे, स्थान- मुरहदी (बाबूबरही)
उमेश मण्डल
‘सगर राति दीप जरय’क ९३म आ ९४ म आयोजन
१
25 मार्चक राति, रतनसारा गाममे जे ‘सगर राति दीप जरय’क 93म कथा-साहित्य गोष्ठी सम्पन्न भेल, तइमे बीहैन आ लघु मिला दू दर्जनसँ बेसी कथाक पाठ भेल। सात पालीमे कथा सभकेँ मंचपर पढ़ल गेल आ तैपर समीक्षक लोकैन समीक्षा करैत भरि रातिक समए केना बितौलैन से किनको नहि पता चलल। भोर नहि, भिनसर धरि गोष्ठी दनदनाइत रहल। समीक्षक, आलोचक आ कथाकारक संग श्रोता सेहो सगर राति जागि गोष्ठीक आनन्द लैत रहला। ओना तँ गोष्ठीक आरम्भ साझे, करीब छबे बजे भेल मुदा कथा पाठक क्रम रातिक आठ बजेसँ, जेकरा दोसर साँझ सेहो कहि सकै छी-भेल। दीप प्रज्वलनक पछाति स्वागत, स्वागत भाषण, पोथी लोकार्पण, लोकार्पित पोथी सभपर टिप्पणी इत्यादिमे करीब दू घन्टा लागिए जाइए। तहूमे चारिटा पोथीक लोकार्पण छल। जइमे पहिल छल श्री राजदेव मण्डल रचित उपन्यास- ‘जल भँवर’, दोसर- श्रीमती मुन्नी कामतजीक काव्य संग्रह- ‘सुखल मन तरसल आँखि’ आ तेसर तथा चारिम छल लघु कथा-संग्रह- ‘बीरांगना’ आ ‘स्मृति शेष’ जेकर रचियता छैथ- श्री जगदीश प्रसाद मण्डलजी। श्री मण्डलजी एवं डॉ योगेन्द्र पाठक वियोगी, प्रो. शिव कुमार प्रसाद तथा श्री नारायण यादवजीक अध्यक्षता एवं श्री दुर्गानन्द मण्डल, श्री उमेश पासवान तथा उमेश मण्डलक (अर्थात् अपने) संचालनमे सगर रातिक ऐ साहित्यिक कार्यक्रमकेँ मंचप सफल बनौल गेल, जइमे कथा सभ जे आएल छल तेकर शीर्षक निम्न अछि- 1. टुटैत मनक जुड़ाउ, 2. घुरि गाम चलु, 3. देशक इतिहास, 4. टुटल मन, 5. छोटकू दोस, 6. अछूत, 7. दादा, 8. स्टार्टर, 9. हमर पत्नीक मनोरथ, 10. कर्म मुक्ति, 11. लौल, 12. गामक कटान, 13. बोझ, 14. गोमुखी, 15. हिन्दु-मुस्लिम भाई-भाई, 16. ठिठर काका, 17. रोहानी, 18. मानव संग माछ, 19. शराब संगे शराबी, 20. दूध बेचनी चमेली, 21. तोबा बनल अंग्रेज, 22. लकबाबला, 23. घरक बाँस, 24. अन्धविश्वास, 25. भितरिया चोट।
अखन तत्काल अपनौं लोकैन निम्न कथाक आनन्द lel jau
अखन तत्काल अपनौं लोकैन निम्न कथाक आनन्द lel jau
भितरिया चोट
चाहक दोकान लग किछु लोक ठाढ़ छल आ किछु बैसल छल। गप्पक छरक्का छुटि रहल छेलइ। विषय छेलै- आइ-काल्हिक लोक सभटा काज स्वार्थेक कारण करै छइ।
मुदा हम ऐ बातपर अड़ल देलौं जे किछु काज लोक ओहनो करैत अछि जइमे कोनो स्वार्थ नइ रहै छइ। जइ काजकेँ ‘उपकार’ कहल जाइ छइ।
एम.एल.ए.क चुनाउ होइबला छेलइ। चुनाउक समैमे तँ पुलिसकेँ जेना पाँखि लगले रहै छइ। तखैने ओइठाम एकटा पुलिसिया गाड़ी रूकल। रूकल नहि बल्कि रोकए पड़लै। कारण छेलै, एकटा साइकिल सड़केपर ठाढ़ छेलै आ साइकिलबला केतौ चलि गेल छल।
एकटा सिपाही गाड़ीसँ उतैरते बाजल-
“केकर साइकिल छियौ रौ? साहैबक गाड़ी रूकल छइ। हटेबें जल्दी आकि देखबीही।”
मुदा कियो साइकिल हटेबाक लेल नहि आएल। सिपाही पूरा तमसा गेल छल। ओकर रौद्र रूप देख हम जेना भीतरसँ डेरा गेल रहौं। हम तेजीसँ गेलौं आ साइकिलकेँ हटबए लगलौं। कमजोर रहने कनी अस्थिरसँ हटबै छेलौं। डरेबर बारम्बार हॉर्न बजा रहल छेलइ। सिपाही डण्टासँ हमरा पजरामे गोंजी मारैत बाजल-
“तोहर खतियानी रोड छियौ। टेर मारैत केना चलैए! देखै नइ छै जे साहैबकेँ लेट होइ छइ!”
हड़बड़ाइत आगू बढ़लौं कि रोडक कातमे साइकिल नेने खसि पड़लौं।
चाहक दोकापर लोक ठिठिया कऽ हँसि देलक। पुलिसिया गाड़ी हॉर्न दैत चलि गेल।
एक गोरे टिटकारी मारैत बाजल-
“की यौ उपकारीजी, की भेल?”
डण्टासँ तँ कमे चोट लगल छल मुदा ‘की यौ उपकारीजी, की भेल’ सुनि भितरिया चोट जेना कुहरा देलक। लोक दिस तकलौं तँ लगल जेना नँगटे ठाढ़ छी। लाजे मुड़ी गोंतने विदा भऽ गेलौं।◌ कथाकार- श्री राजदेव मण्डल।◌
मुदा हम ऐ बातपर अड़ल देलौं जे किछु काज लोक ओहनो करैत अछि जइमे कोनो स्वार्थ नइ रहै छइ। जइ काजकेँ ‘उपकार’ कहल जाइ छइ।
एम.एल.ए.क चुनाउ होइबला छेलइ। चुनाउक समैमे तँ पुलिसकेँ जेना पाँखि लगले रहै छइ। तखैने ओइठाम एकटा पुलिसिया गाड़ी रूकल। रूकल नहि बल्कि रोकए पड़लै। कारण छेलै, एकटा साइकिल सड़केपर ठाढ़ छेलै आ साइकिलबला केतौ चलि गेल छल।
एकटा सिपाही गाड़ीसँ उतैरते बाजल-
“केकर साइकिल छियौ रौ? साहैबक गाड़ी रूकल छइ। हटेबें जल्दी आकि देखबीही।”
मुदा कियो साइकिल हटेबाक लेल नहि आएल। सिपाही पूरा तमसा गेल छल। ओकर रौद्र रूप देख हम जेना भीतरसँ डेरा गेल रहौं। हम तेजीसँ गेलौं आ साइकिलकेँ हटबए लगलौं। कमजोर रहने कनी अस्थिरसँ हटबै छेलौं। डरेबर बारम्बार हॉर्न बजा रहल छेलइ। सिपाही डण्टासँ हमरा पजरामे गोंजी मारैत बाजल-
“तोहर खतियानी रोड छियौ। टेर मारैत केना चलैए! देखै नइ छै जे साहैबकेँ लेट होइ छइ!”
हड़बड़ाइत आगू बढ़लौं कि रोडक कातमे साइकिल नेने खसि पड़लौं।
चाहक दोकापर लोक ठिठिया कऽ हँसि देलक। पुलिसिया गाड़ी हॉर्न दैत चलि गेल।
एक गोरे टिटकारी मारैत बाजल-
“की यौ उपकारीजी, की भेल?”
डण्टासँ तँ कमे चोट लगल छल मुदा ‘की यौ उपकारीजी, की भेल’ सुनि भितरिया चोट जेना कुहरा देलक। लोक दिस तकलौं तँ लगल जेना नँगटे ठाढ़ छी। लाजे मुड़ी गोंतने विदा भऽ गेलौं।◌ कथाकार- श्री राजदेव मण्डल।◌
टुटैत मनक जुड़ाउ
मन टुटने जहिना अपना संग दुनियाँ टुटए लगै छै तहिना हमरो भेल। हलाँकी मनो सबहक एके कारणे नइ टुटै छै, सबहक अपन-अपन-अपन-फराक-फराक कारण रहै छै। हँ, किछु कारण एहेन जरूर अछि जे एक-दोसरसँ मिलैए। तँए कारणक महत् केकरोसँ केकरो कम अछि सेहो नहियेँ कहल जा सकैए। जँ से रहैत तँ अपने चलियो जाइत आ दुनियाँसँ सम्बन्ध रखैत वा दुनियेँसँ चलि जाइत आ अपनासँ रखैत, सेहो तँ नहियेँ अछि तँए सबहक महत्वक महत अछिए। तहिना ने जुड़ाउ सेहो छी। ओना, टुटब आ जुड़व दुनू विपरीत पाशापर अछि, किन्तु पाशापर दुनू नइ अछि सेहो नहियेँ कहल जा सकैए। भलेँ एक प्रेम-स्वरूप आ दोसर वियोगे-स्वरूप किए ने हुअए।
ओना, टुटैत मनक क्रिया एकरंगाहो होइए आ एकरंगाह नहियोँ होइए। भलेँ गाछ-गाछमे अन्तर रहने फलो आ फलक सुआदोमे अन्तर किए ने होइत हौउ मुदा फलाफल तँ प्राय: एकरंगाहे होइए। अर्थात् जिनगीक अन्त वा एक दुनियासँ दोसर दुनियाँ जाएब तँ एकरंगाहे होइए। तँए ने कियो अपन जान दइले कनैलक बीआ फोड़ि खाइए तँ कियो सम्पन्नता रहितो बालो-बच्चा आ विवाहित संगियोँ छोड़ि आन घर चलि जाइए। तहिना कियो रेलगाड़ीमे कटैले पहिया-तरमे गरदैन दइए तँ कियो गरदैनमे फँसरी लगा घरक धरैनमे लटैक जाइए, चाहे पंखामे झूलि जाइए। मुदा तँए कि सभ एक्केरंग अछि, सेहो नहियेँ कहल जा सकैए। किछु एहनो तँ ऐछे जेकर अपन जुड़ाउ अपना संग आनोसँ रहने दुनियोँक संग ऐछे जइसँ अपन कोन बात जे आनो-ले अपन जान गमैबते अछि।
अस्तु अपनो आ अपन परिवारो आ दुनियोँक संग मन टुटैक कारण अपन अपने अछि। खाएर जे अछि सएह अहाँ सभकेँ सुनबै छी।
विद्यार्थी-जीवनमे जखन रही तखन बुझिलिऐ जे अपना-ले थोड़े पढ़ै छी माइये-बाप-ले पढ़ै छी, तेकर गवाहियो भेटिये जाइत रहए। गवाही ई भेट जाइत रहए जे जँ अपना-ले पढ़ितौं तँ अपने मन ने तैयार होइतइ, माता-पिताकेँ किए कहए पड़ै छैन, हुनका सभकेँ कोन खगता छैन। जँ अपन-अपने होइए तखन हुनको सभकेँ ने अपने काज दइतैन तइले हमरा पाछू किए पड़ै छैथ..?
बचकानी मन दुआरे आकि पढ़ैसँ देह चोरबै दुआरे, से नहि बुझि पबिऐ, तँए स्कूल-कौलेजक तँ खानापुरी करैत रहलौं मुदा पुरी-खाना नइ बुझि पबी। तँए भुसकौलोसँ भुसकौल होइत गेलौं। ई तँ बुझू कहुना कऽ जान बँचल जे थर्ड डिवीजनसँ बी.ए. पास कऽ गेलौं। नोकरी करै-जोगर तँ बनियेँ गेलौं, तँए जेतबे-तेतबे दिन-ले मनमे संतोखो भाइए गेल आ मातो-पिता अपन बेटाक कर्जसँ मुक्त भेला, तँए हुनको सबहक मनमे खुशी एबे केलैन जइसँ पितृ-सिनेहमे बढ़ोतरीए भेल जे कमल नहि। अपन दोसर ऋृण माता-पिता ईहो चुका लेलैन जे समैपर बिआहो काइए देलैन। ओइ समयमे माता-पितापर आश्रित जिनगी रहए, तँए बिआहक बेसी विचार अपनो किए करितौं, खुशी-खुशी बिआहो काइए लेलौं। बिआह होइते सासुर सन अड्डा भेटिये गेल। आबाजाहीमे आनसँ कनी बेसीए प्रेम रहल।
बी.ए. पास रहबे करी तँए मनमे आशा भरले रहए जे एतेटा देशमे जखन छी आ एते लोककेँ जखन नोकरी भेबे केलै तँ हमरा किए ने हएत। मुदा समय निकलल जाइत रहइ। बिआहक पछाइत पत्नियोँ कहलैन, आ संगियोँ-साथी हुथलक, तखन अखबारमे पढ़ि-पढ़ि भँजिया-भँजिया नोकरीक दरखास दिअ लगलौं।
केतौ लिखित परीक्षामे पासो करी तँ मौखिकमे छँटा जाइ, किए तँ किताबमे पढ़ल रहैत तखन ने बिसवासक संग भरल-पूरल जवाब देतौं से तँ मने थरथरा जाए। जइसँ बोलीए बन्न भऽ जाए, फेल कऽ जाइ। अन्तो-अन्त नोकरी नहियेँ भेल।
जिनगीक आशा टुटए लगल। टुटैत-टुटैत एते टुटि गेल जे जिनगीए-सँ घृणा भऽ गेल। घृणित मन अपनासँ लऽ कऽ दुनियाँ धरिसँ टुटि गेल। जखन सभसँ टुटिये गेल तखन मरबे नीक छल तँए सोचैत-विचारैत गरदैनमे फँसरी लगा धरैनमे लटकए लगलौं। मुदा पत्नी देख लेलैन। हलाँकी घरक संग खिड़कियो बन्न कऽ देने रहिऐ, पता नहि, केना देख लेलैन- लगैए खिड़कीक दोग-देने देख लेलैन।
गरदैनमे फँसरी लगा जखन फाँसीपर चढ़ए लगलौं कि पत्नी हल्ला केलैन। ओना, जौड़क दोस छोर दोसर दोसर खुट्टामे नइ बन्हने छेलौं, तइ बिच्चेमे हल्ला भेल! केबाड़ तोड़ि गरदैनमे जौड़ बान्हल सभ देखलैन। अपन मने हेरा गेल जे की केलौं तँ किछु ने!
हल्ला सुनि जीवन काका सेहो एला। अबिते बजला-
“ईह बुड़ि कहीं केँ! जेकरा हाथमे रूखाने-बैसला नइ रहत ओ गाम कमा गुजर कऽ लेत।”
ओना जीवनो काका तमसाएले बुझेला, मुदा अपनो मनमे मरैक तामस चढ़ले रहए। बिधुआएल मुहेँ की बजितौं, तैयो कहलयैन-
“काका बड़ गलती भेल।”
जीवन काका बजला-
“बड़ गलती नइ भेलह, भेलह एतबे जे जहिना तूँ समैयक महत् नइ देलहक, तहिना समैयो तोरा छोड़ि देलकह।” ◌उमेश मण्डल◌
ओना, टुटैत मनक क्रिया एकरंगाहो होइए आ एकरंगाह नहियोँ होइए। भलेँ गाछ-गाछमे अन्तर रहने फलो आ फलक सुआदोमे अन्तर किए ने होइत हौउ मुदा फलाफल तँ प्राय: एकरंगाहे होइए। अर्थात् जिनगीक अन्त वा एक दुनियासँ दोसर दुनियाँ जाएब तँ एकरंगाहे होइए। तँए ने कियो अपन जान दइले कनैलक बीआ फोड़ि खाइए तँ कियो सम्पन्नता रहितो बालो-बच्चा आ विवाहित संगियोँ छोड़ि आन घर चलि जाइए। तहिना कियो रेलगाड़ीमे कटैले पहिया-तरमे गरदैन दइए तँ कियो गरदैनमे फँसरी लगा घरक धरैनमे लटैक जाइए, चाहे पंखामे झूलि जाइए। मुदा तँए कि सभ एक्केरंग अछि, सेहो नहियेँ कहल जा सकैए। किछु एहनो तँ ऐछे जेकर अपन जुड़ाउ अपना संग आनोसँ रहने दुनियोँक संग ऐछे जइसँ अपन कोन बात जे आनो-ले अपन जान गमैबते अछि।
अस्तु अपनो आ अपन परिवारो आ दुनियोँक संग मन टुटैक कारण अपन अपने अछि। खाएर जे अछि सएह अहाँ सभकेँ सुनबै छी।
विद्यार्थी-जीवनमे जखन रही तखन बुझिलिऐ जे अपना-ले थोड़े पढ़ै छी माइये-बाप-ले पढ़ै छी, तेकर गवाहियो भेटिये जाइत रहए। गवाही ई भेट जाइत रहए जे जँ अपना-ले पढ़ितौं तँ अपने मन ने तैयार होइतइ, माता-पिताकेँ किए कहए पड़ै छैन, हुनका सभकेँ कोन खगता छैन। जँ अपन-अपने होइए तखन हुनको सभकेँ ने अपने काज दइतैन तइले हमरा पाछू किए पड़ै छैथ..?
बचकानी मन दुआरे आकि पढ़ैसँ देह चोरबै दुआरे, से नहि बुझि पबिऐ, तँए स्कूल-कौलेजक तँ खानापुरी करैत रहलौं मुदा पुरी-खाना नइ बुझि पबी। तँए भुसकौलोसँ भुसकौल होइत गेलौं। ई तँ बुझू कहुना कऽ जान बँचल जे थर्ड डिवीजनसँ बी.ए. पास कऽ गेलौं। नोकरी करै-जोगर तँ बनियेँ गेलौं, तँए जेतबे-तेतबे दिन-ले मनमे संतोखो भाइए गेल आ मातो-पिता अपन बेटाक कर्जसँ मुक्त भेला, तँए हुनको सबहक मनमे खुशी एबे केलैन जइसँ पितृ-सिनेहमे बढ़ोतरीए भेल जे कमल नहि। अपन दोसर ऋृण माता-पिता ईहो चुका लेलैन जे समैपर बिआहो काइए देलैन। ओइ समयमे माता-पितापर आश्रित जिनगी रहए, तँए बिआहक बेसी विचार अपनो किए करितौं, खुशी-खुशी बिआहो काइए लेलौं। बिआह होइते सासुर सन अड्डा भेटिये गेल। आबाजाहीमे आनसँ कनी बेसीए प्रेम रहल।
बी.ए. पास रहबे करी तँए मनमे आशा भरले रहए जे एतेटा देशमे जखन छी आ एते लोककेँ जखन नोकरी भेबे केलै तँ हमरा किए ने हएत। मुदा समय निकलल जाइत रहइ। बिआहक पछाइत पत्नियोँ कहलैन, आ संगियोँ-साथी हुथलक, तखन अखबारमे पढ़ि-पढ़ि भँजिया-भँजिया नोकरीक दरखास दिअ लगलौं।
केतौ लिखित परीक्षामे पासो करी तँ मौखिकमे छँटा जाइ, किए तँ किताबमे पढ़ल रहैत तखन ने बिसवासक संग भरल-पूरल जवाब देतौं से तँ मने थरथरा जाए। जइसँ बोलीए बन्न भऽ जाए, फेल कऽ जाइ। अन्तो-अन्त नोकरी नहियेँ भेल।
जिनगीक आशा टुटए लगल। टुटैत-टुटैत एते टुटि गेल जे जिनगीए-सँ घृणा भऽ गेल। घृणित मन अपनासँ लऽ कऽ दुनियाँ धरिसँ टुटि गेल। जखन सभसँ टुटिये गेल तखन मरबे नीक छल तँए सोचैत-विचारैत गरदैनमे फँसरी लगा धरैनमे लटकए लगलौं। मुदा पत्नी देख लेलैन। हलाँकी घरक संग खिड़कियो बन्न कऽ देने रहिऐ, पता नहि, केना देख लेलैन- लगैए खिड़कीक दोग-देने देख लेलैन।
गरदैनमे फँसरी लगा जखन फाँसीपर चढ़ए लगलौं कि पत्नी हल्ला केलैन। ओना, जौड़क दोस छोर दोसर दोसर खुट्टामे नइ बन्हने छेलौं, तइ बिच्चेमे हल्ला भेल! केबाड़ तोड़ि गरदैनमे जौड़ बान्हल सभ देखलैन। अपन मने हेरा गेल जे की केलौं तँ किछु ने!
हल्ला सुनि जीवन काका सेहो एला। अबिते बजला-
“ईह बुड़ि कहीं केँ! जेकरा हाथमे रूखाने-बैसला नइ रहत ओ गाम कमा गुजर कऽ लेत।”
ओना जीवनो काका तमसाएले बुझेला, मुदा अपनो मनमे मरैक तामस चढ़ले रहए। बिधुआएल मुहेँ की बजितौं, तैयो कहलयैन-
“काका बड़ गलती भेल।”
जीवन काका बजला-
“बड़ गलती नइ भेलह, भेलह एतबे जे जहिना तूँ समैयक महत् नइ देलहक, तहिना समैयो तोरा छोड़ि देलकह।” ◌उमेश मण्डल◌
२
1990 इस्वीमे आरम्भ भेल मैथिली साहित्यक प्रमुख कथा-संगोष्ठी ‘सगर राति दीप जरय’क 94म आयोजन जाल्पा मध्य विद्यालय परिसर- लौफा (मधेपुर)मे 24 जून 2017 संध्या 6 बजेमे शुरू भ’ भिनसर 6 बजेमे सम्पन्न भेल। डॉ. योगेन्द्र पाठक ‘वियोगी’ (वैज्ञानिकजी) केर संयोजकत्वमे आयोजित ऐ सगर रातिक कथा संगोष्ठीक उद्घाटन केलैन मैथिली साहित्यक सर्वश्रेष्ठ रचनकार श्री जगदीश प्रसाद मण्डल। श्री अरविन्द ठाकुर, डॉ योगानन्द झा, श्री केदार नाथ झा, डॉ. शिव कुमार प्रसाद एवम् डॉ. योगेन्द्र पाठक ‘वियोगी’क संग दीप प्रज्वलन कार्यक्रमकेँ आगाँ बढ़ौल गेल। श्रीमती कुसुमलता झा, श्री फुलेन्द्र पाठक, राम सेवक ठाकुर एवम् श्री राम किशोर सिंह स्वागत गीत एवम् डॉ. योगेन्द्र पाठक ‘वियोगी’क स्वागत भाषणक संग पोथी लोकार्पण सत्रमे प्रवेश भेल।
पाँच गोट पोथीक लोकार्पण भेल। जइमे पहिल पोथी छल डॉ. योगेन्द्र पाठक ‘वियोगी’क द्वारा अनुदित- ‘रोबो’। रोबो चेक भाषामे कारेल चापेक द्वारा लिखित ‘RUR’ नामक नाटक अछि, जेकर अंग्रेजी अनुवाद पॉल सेल्वर नामक लेखक केलैन। रोबोक लोकार्पण श्री अरविन्द ठाकुरजीक हाथे भेल। दोसर एवम् तेसर पोथी छल श्री जगदीश प्रसाद मण्डलक मौलिक कृति लघुकथा संग्रह- ‘बेटीक पैरुख’ तथा ‘क्रान्तियोग’। बेटीक पैरुख’क लोकार्पण केलैन- डॉ. शिव कुमार प्रसाद एवम् ‘क्रान्तियोग’क लोकार्पण कर्ता छला- श्री दुर्गानन्द मण्डलजी। चारिम पोथी छल श्री राम विलास साहुक रचित काव्य संग्रह- ‘कोसीक कछेर’, जेकर लोकार्पण केलैन- श्री राजदेव मण्डल आ पाँचम पोथी छल श्री बेचन ठाकुर द्वारा रचित नाटक संचयन- ‘नबघर’। ‘नबघर’क लोकार्पण केलैन डॉ. शिव कुमार प्रसाद।
लोकार्पित पाँचू पोथीक सन्दर्भमे लोर्कापण कर्ता अपन-अपन संक्षिप्त मनतव्य व्यक्त केलैन। ‘रोबो’क सन्दर्भमे श्री अरविन्द ठाकुर कहलैन- आइसँ करीब साए बर्ख पूर्व ऐ पोथीकेँ चेक भाषामे लिखल गेल छल, जेकरा मैथिली साहित्यमे डॉ. ‘वियोगी’ भावा अनुवाद केलैन। ‘रोबॉट’क कपल्पना कारेल चापेक आइसँ साए बर्ख पूर्व केने छला जे आइ अपना सबहक सोझ अछि। नाटकमे ईहो देखौल गेल अछि जे केना रोबॉट मानवक संहार करैए...।
‘बेटीक पैरुख’ कथा संग्रहक सन्दर्भमे डॉ. शिव कुमार प्रसाद कहलैन- बेटीक पैरुख संग्रहक सभटा कथा महिला सशक्तीकरणपर आधारित अछि। जँ पाठक आत्मसात् करैथ तँ स्वत: हुनकामे आत्मनिर्भता केना जागि जेतैन यएह ऐ पोथीमे संकलित सभ कथाक उत्ष अछि।
‘क्रान्तियोग’ लघु कथा संग्रहक सन्दर्भमे श्री दुर्गानन्द मण्डल कहलैन- बेकती अपने-आपमे अपन गुण-दोष केना चिन्हित करता तथा दोष मुक्त केना हेता, समयक संग चलबाक खगताकेँ केना बुझता तथा समयक संग मानवीय चेतनाकेँ जगबैत चलैले केना आ कोन बाटपर चलता इत्यादि ऐ संग्रहमे कथाकार अपन कथाक माध्यमे कहलैन अछि।
‘कोसीक कछेर’ काव्य संग्रहक सन्दर्भमे श्री राजदेव मण्डलजी कहलैन- कवि राम विलास साहुजी कोसी कातक वासी छैथ, कोसीक कछेरमे जीवन-यापन करै छैथ, अपन जीवनक अनुभवकेँ श्री साहुजी अपन काव्य सभमे बिना कोनो छान-बान्हक एव धरी-धोखाक रखलैन अछि।
‘नबघर’ पोथीक सन्दर्भमे डॉ. शिव कुमार प्रसाद कहलैन- ऐ पोथीमे चारि गोट नाटक/एकांकी अछि। चारू रचनामे वर्तमान समाजक दशा-दिशाकेँ नाटकरकार देखबैत अछि।
लोकार्पण सत्रक पछाइत कथा सत्रमे प्रवेश भेल। अध्यक्ष मण्डलक गठन भेल। श्री नारायण यादव, डॉ. योगानन्द झा, श्री अरविन्द ठाकुर आ श्री जगदीश प्रसाद मण्डल चयनित भेला। एवम् मंच संचालन हेतु डॉ. योगेन्द्र पाठक ‘वियोगी’, श्री दुर्गानन्द मण्डल, उमेश मण्डल तथा श्री नन्द विलास राय।
कुल सात पालीमे प्राय: तीन-तीन गोट कथा पाठ भेल एवम् पठित कथा सभपर आलोचक लोकैन आलोचना केलैन। विवरण निम्न अछि-
पहिल पालीमे-
1. हमर भीतरका सियाना : अरविन्द ठाकुर
2. आशीर्वाद : राम विलास साहु
3. कौआ के बौआ : प्रीतम निषाद
प्रथम पालीक पठित कथापर आलोचना केलैन-
डॉ. शिव कुमार प्रसाद, नन्द विलास राय, डॉ. योगानन्द झा।
दोसर पाली-
4. विघटन : जगदीश प्रसाद मण्डल
5. दिलजान आंटी : शम्भु सौरभ
6. कृतघ्न : आनन्द मोहन झा
आलोचना- कमलेश झा, नारायण यादव, दुर्गानन्द मण्डल।
तेसर पाली-
7. सरकार हम पापी छी : नन्द विलास राय
8. संवेदनाक शरण : आनन्द कुमार झा
9. घरवालीक झिरकी : लक्ष्मी दास
आलोचना- राजदेव मण्डल, अरविन्द ठाकुर, राम विलास साहु तथा दुर्गानन्द मण्डल।
चारिम पाली-
10. जएह अपन सएह आन : अजय कुमार दास ‘पिन्टु’
11. गामे बीरान भऽ गेल : कपिलेश्वर राउत
12. पथिक : विद्याचन्द्र झा
आलोचना- गोविन्दाचार्य, कमलेश झा, उमेश मण्डल, योगान्द झा।
पाँचिम पाली-
13. उपरारि जमीन : उमेश मण्डल
14. होनी-अनहोनी : नारायण यादव
15. स्वार्थान्ध : बेचन ठाकुर
आलोचना- योगेन्द्र पाठक ‘वियोगी’, राजदेव मण्डल, दुर्गानन्द मण्डल।
छठम पाली-
16. जुड़शीतल : शारदा नन्द सिंह
17. निर्णय : योगेन्द्र पाठक ‘वियोगी’
18. मानव आ माछ : राधाकान्त मण्डल
आलोचना- कपिलेश्वर राउत, प्रीतम निषाद, नन्द विलास राय।
सातम पाली-
19. स्वाभिमान : उमेश पासवान
20. विश्वास : आनन्द मोहन झा
21. होइ छै गोहाय : शारदा नन्द सिंह
22. कर्मक फल : दुर्गानन्द मण्डल
आलोचना- कमलेश झा, आनन्द झा, संजीव कुमार ‘शमा’ डॉ. शिव कुमार प्रसाद।
ऐगला आयोजन अर्थात् सगर राति दीप जरय’क 95म खेपक आयोजन लेल माला उठौलैन श्री नारायण यादवजी। नारायण यादवजी अवकाश प्राप्त शिक्षक छैथ, कथाकार एवं आलोचक सेहो छैथ। जयनगरमे रहै छैथ, डुमरा घर छिऐन। श्री यादवजी दीप-पंजी हस्तगत करैत कहलैन- ‘ओना तँ हम रहै छी जयनगरमे मुदा जहिना सगर राति दीप जरयक यात्रा किछु दिनसँ गाम दिस मुखर अछि तहिना हमहूँ गामेमे अर्थात् जलसैन डुमरामे पनचानबेअम आयोजन कराएब।’
हलाँकि भावी संयोजक आयोजनक तिथि सेहो निर्धारित क’ लेलाह मुदा ओ अखन दूमर्जा अछि तँए संभावित तिथि- सितम्बर मासक पहिल शनि।
पाँच गोट पोथीक लोकार्पण भेल। जइमे पहिल पोथी छल डॉ. योगेन्द्र पाठक ‘वियोगी’क द्वारा अनुदित- ‘रोबो’। रोबो चेक भाषामे कारेल चापेक द्वारा लिखित ‘RUR’ नामक नाटक अछि, जेकर अंग्रेजी अनुवाद पॉल सेल्वर नामक लेखक केलैन। रोबोक लोकार्पण श्री अरविन्द ठाकुरजीक हाथे भेल। दोसर एवम् तेसर पोथी छल श्री जगदीश प्रसाद मण्डलक मौलिक कृति लघुकथा संग्रह- ‘बेटीक पैरुख’ तथा ‘क्रान्तियोग’। बेटीक पैरुख’क लोकार्पण केलैन- डॉ. शिव कुमार प्रसाद एवम् ‘क्रान्तियोग’क लोकार्पण कर्ता छला- श्री दुर्गानन्द मण्डलजी। चारिम पोथी छल श्री राम विलास साहुक रचित काव्य संग्रह- ‘कोसीक कछेर’, जेकर लोकार्पण केलैन- श्री राजदेव मण्डल आ पाँचम पोथी छल श्री बेचन ठाकुर द्वारा रचित नाटक संचयन- ‘नबघर’। ‘नबघर’क लोकार्पण केलैन डॉ. शिव कुमार प्रसाद।
लोकार्पित पाँचू पोथीक सन्दर्भमे लोर्कापण कर्ता अपन-अपन संक्षिप्त मनतव्य व्यक्त केलैन। ‘रोबो’क सन्दर्भमे श्री अरविन्द ठाकुर कहलैन- आइसँ करीब साए बर्ख पूर्व ऐ पोथीकेँ चेक भाषामे लिखल गेल छल, जेकरा मैथिली साहित्यमे डॉ. ‘वियोगी’ भावा अनुवाद केलैन। ‘रोबॉट’क कपल्पना कारेल चापेक आइसँ साए बर्ख पूर्व केने छला जे आइ अपना सबहक सोझ अछि। नाटकमे ईहो देखौल गेल अछि जे केना रोबॉट मानवक संहार करैए...।
‘बेटीक पैरुख’ कथा संग्रहक सन्दर्भमे डॉ. शिव कुमार प्रसाद कहलैन- बेटीक पैरुख संग्रहक सभटा कथा महिला सशक्तीकरणपर आधारित अछि। जँ पाठक आत्मसात् करैथ तँ स्वत: हुनकामे आत्मनिर्भता केना जागि जेतैन यएह ऐ पोथीमे संकलित सभ कथाक उत्ष अछि।
‘क्रान्तियोग’ लघु कथा संग्रहक सन्दर्भमे श्री दुर्गानन्द मण्डल कहलैन- बेकती अपने-आपमे अपन गुण-दोष केना चिन्हित करता तथा दोष मुक्त केना हेता, समयक संग चलबाक खगताकेँ केना बुझता तथा समयक संग मानवीय चेतनाकेँ जगबैत चलैले केना आ कोन बाटपर चलता इत्यादि ऐ संग्रहमे कथाकार अपन कथाक माध्यमे कहलैन अछि।
‘कोसीक कछेर’ काव्य संग्रहक सन्दर्भमे श्री राजदेव मण्डलजी कहलैन- कवि राम विलास साहुजी कोसी कातक वासी छैथ, कोसीक कछेरमे जीवन-यापन करै छैथ, अपन जीवनक अनुभवकेँ श्री साहुजी अपन काव्य सभमे बिना कोनो छान-बान्हक एव धरी-धोखाक रखलैन अछि।
‘नबघर’ पोथीक सन्दर्भमे डॉ. शिव कुमार प्रसाद कहलैन- ऐ पोथीमे चारि गोट नाटक/एकांकी अछि। चारू रचनामे वर्तमान समाजक दशा-दिशाकेँ नाटकरकार देखबैत अछि।
लोकार्पण सत्रक पछाइत कथा सत्रमे प्रवेश भेल। अध्यक्ष मण्डलक गठन भेल। श्री नारायण यादव, डॉ. योगानन्द झा, श्री अरविन्द ठाकुर आ श्री जगदीश प्रसाद मण्डल चयनित भेला। एवम् मंच संचालन हेतु डॉ. योगेन्द्र पाठक ‘वियोगी’, श्री दुर्गानन्द मण्डल, उमेश मण्डल तथा श्री नन्द विलास राय।
कुल सात पालीमे प्राय: तीन-तीन गोट कथा पाठ भेल एवम् पठित कथा सभपर आलोचक लोकैन आलोचना केलैन। विवरण निम्न अछि-
पहिल पालीमे-
1. हमर भीतरका सियाना : अरविन्द ठाकुर
2. आशीर्वाद : राम विलास साहु
3. कौआ के बौआ : प्रीतम निषाद
प्रथम पालीक पठित कथापर आलोचना केलैन-
डॉ. शिव कुमार प्रसाद, नन्द विलास राय, डॉ. योगानन्द झा।
दोसर पाली-
4. विघटन : जगदीश प्रसाद मण्डल
5. दिलजान आंटी : शम्भु सौरभ
6. कृतघ्न : आनन्द मोहन झा
आलोचना- कमलेश झा, नारायण यादव, दुर्गानन्द मण्डल।
तेसर पाली-
7. सरकार हम पापी छी : नन्द विलास राय
8. संवेदनाक शरण : आनन्द कुमार झा
9. घरवालीक झिरकी : लक्ष्मी दास
आलोचना- राजदेव मण्डल, अरविन्द ठाकुर, राम विलास साहु तथा दुर्गानन्द मण्डल।
चारिम पाली-
10. जएह अपन सएह आन : अजय कुमार दास ‘पिन्टु’
11. गामे बीरान भऽ गेल : कपिलेश्वर राउत
12. पथिक : विद्याचन्द्र झा
आलोचना- गोविन्दाचार्य, कमलेश झा, उमेश मण्डल, योगान्द झा।
पाँचिम पाली-
13. उपरारि जमीन : उमेश मण्डल
14. होनी-अनहोनी : नारायण यादव
15. स्वार्थान्ध : बेचन ठाकुर
आलोचना- योगेन्द्र पाठक ‘वियोगी’, राजदेव मण्डल, दुर्गानन्द मण्डल।
छठम पाली-
16. जुड़शीतल : शारदा नन्द सिंह
17. निर्णय : योगेन्द्र पाठक ‘वियोगी’
18. मानव आ माछ : राधाकान्त मण्डल
आलोचना- कपिलेश्वर राउत, प्रीतम निषाद, नन्द विलास राय।
सातम पाली-
19. स्वाभिमान : उमेश पासवान
20. विश्वास : आनन्द मोहन झा
21. होइ छै गोहाय : शारदा नन्द सिंह
22. कर्मक फल : दुर्गानन्द मण्डल
आलोचना- कमलेश झा, आनन्द झा, संजीव कुमार ‘शमा’ डॉ. शिव कुमार प्रसाद।
ऐगला आयोजन अर्थात् सगर राति दीप जरय’क 95म खेपक आयोजन लेल माला उठौलैन श्री नारायण यादवजी। नारायण यादवजी अवकाश प्राप्त शिक्षक छैथ, कथाकार एवं आलोचक सेहो छैथ। जयनगरमे रहै छैथ, डुमरा घर छिऐन। श्री यादवजी दीप-पंजी हस्तगत करैत कहलैन- ‘ओना तँ हम रहै छी जयनगरमे मुदा जहिना सगर राति दीप जरयक यात्रा किछु दिनसँ गाम दिस मुखर अछि तहिना हमहूँ गामेमे अर्थात् जलसैन डुमरामे पनचानबेअम आयोजन कराएब।’
हलाँकि भावी संयोजक आयोजनक तिथि सेहो निर्धारित क’ लेलाह मुदा ओ अखन दूमर्जा अछि तँए संभावित तिथि- सितम्बर मासक पहिल शनि।
1990 इस्वीसँ आइ धरिक 'सगर राति दीप जरय'क आयोजनक विवरण- (क्रम संख्या, स्थानक नाओं एवं तिथि सहित- उमेश मण्डल)
1.
मुजफ्फरपुर
21.01.1990
2.
डेओढ़
29.04.1990
3.
दरभंगा
07.07.1990
4.
पटना
3.11.1990
5.
बेगुसराय
13.01.1991
6.
कटिहार
22.04.1991
7.
नवानी
21.07.1991
8.
सकरी
22.10.1991
9.
नेहरा
11.10.1992
10.
विराटनगर
14.04.1992
11.
वाराणसी
18.07.1992
12.
पटना
19.10.1992
13.
सुपौल 1
18.10.1993
14.
बोकारो
24.04.1993
15.
पैटघाट
10.07.1993
16.
जनकपुर
09.10.1994
17.
इसहपुर
06.02.1994
18.
सरहद
23.04.1994
19.
झंझारपुर
09.07.1994
20.
घोघरडीहा
22.10.1994
21.
बहेरा
21.01.1995
22.
सुपौल (दरभंगा)
08.04.1995
23.
काठमांडू
23.09.1995
24.
राजविराज
24.01.1996
25.
कोलकाता
रजत जयंती
28.12.1996
26.
महिषी
13.04.1997
क्र.सं.
स्थान
तिथि
27.
तरौनी
20.06.1997
28.
पटना
18.07.1997
29.
बेगूसराय
13.09.1997
30.
खजौली
04.04.1998
31.
सहरसा
18.07.1998
32
पटना
10.10.1998
33.
बलाइन; नागदह
08.01.1999
34.
भवानीपुर
10.04.1999
35.
मधुबनी
24.07.1999
36.
अन्दौली
20.10.1999
37.
जनकपुर
25.03.2000
38.
काठमांडू
25.06.2000
39.
धनबाद
21.10.2000
40.
बिटठो
21.01.2001
41.
हटनी(घोघरडीहा)
19.05.2001
42.
बोकारो
25.08.2001
43.
पटना (किरणजयंती)
01.12.2001
44.
राँची
13.04.2002
45.
भागलपुर
24.08.2002
46.
विद्यापति भवन पटना
16.11.2002
क्र.सं.
स्थान
तिथि
47.
कोलकाता
22.01.2003
48.
खुटौना
07.06.2003
49.
बेनीपुर
20.09.2003
50.
दरभंगा
21.02.2004
51.
जमशेदपुर
10.07.2004
52.
राँची
02.10.2004
53.
देवघर
08.01.2005
54.
बेगूसराय
09.04.2005
55.
पूर्णियाँ
20.06.2005
56.
पटना
03.11.2005
57.
जनकपुर (नेपाल)
12.08.2006
58.
जयनगर
02.12.2006
59.
बेगूसराय
10.02.2007
60.
सहरसा
21.07.2007
61.
सुपौल-2
01.12.2007
62.
जमशेदपुर
03.05.2008
63.
राँची
19.07.2008
64.
रहुआ संग्राम
08.11.2008
65.
पटना कथा
गंगा-3
21.02.2009
66.
मधुबनी
30.05.2009
67.
मानारायटोल नरहन- समस्तीपुर
05.09.2009
68.
सुपौल- 3
05.12.2009
69.
जनकपुर
03.04.2010
70.
कबिलपुर (दरभंगा)
12.06.2010
71.
बेरमा (झंझारपुर)
स्थान- मध्य विद्यालय परिसर- बेरमा।
(सार्वजनिक स्थलपर)
02.10.2010
72.
सुपौल
04.12.2010
73.
महिषी
कथा राजकमल
05.03.2011
74.
हजारीबाग
10.09.2011
75.
पटना
हीरक जयन्ती
10.12.2011
76.
चेन्नै
14.07.2012
77.
दरभंगा
किरण जयन्ती
01.12.2012
क्र.सं.
स्थान
तिथि
78.
घनश्यामपुर
09.03.2013
79.
औरहा
(लौकही)
(सार्वजनिक स्थलपर)
15.5.2013
80.
निर्मली
(स्थान- मानिक राम-बैजनाथ बजाज धर्मशाला, सुभाष चौक, निर्मली- सुपौल)
30.11.2013
81.
देवघर
(स्थान- बिजली कोठी, बम्पासटॉन, देवघर)
22.03.2014
82.
मेंहथ
(झंझारपुर)
कथा बौध सिद्ध मेहथपा
31.05.2014
83.
सखुआ-भपटियाही
सार्वजनिक स्थान- उत्क्रमित मध्य विद्यालयल परिसर।
30.08.2014
84.
बेरमा
मध्य विद्यालय
परिसर
(बेरमा,मधुबनी)
20.12.2014
85.
भागलपुर
‘श्याम कुंज’
(द्वारिकापुरी
भागलपुर)
04.04.2015
86.
लकसेना
उनमुक्त आश्रमक
गांधी सभा कक्ष
जिला- मधुबनी
20.06.2015
87.
श्यामा रेसिडेन्सी कॉम
विवाह हॉल
(एस.बी.आइ. केम्पस)
निर्मली (सुपौल)
19.09.2015
88.
मध्य विद्यालय- डखराम (बेनीपुर)
30.01.2016
89.
लौकही
स्थान: सूर्य प्रसाद उच्च विद्यालय- लौकही
26.03.2016
90.
लक्ष्मीनियाँ
(मधुबनी)
18.06.2016
91.
गोधनपुर
(मिथिला दीपसँ उत्तर) जिला- मधुबनी
24.9.2016
92.
नवानी
(मधुबनी)
31.12.2016
93.
रतनसारा
(घोघरडीहा)
जिला- मधुबनी
25.03.2017
94.
लौफा
(मधेपुर)
जिला- मधुबनी
24.06.2017
1.
मुजफ्फरपुर
21.01.1990
2.
डेओढ़
29.04.1990
3.
दरभंगा
07.07.1990
4.
पटना
3.11.1990
5.
बेगुसराय
13.01.1991
6.
कटिहार
22.04.1991
7.
नवानी
21.07.1991
8.
सकरी
22.10.1991
9.
नेहरा
11.10.1992
10.
विराटनगर
14.04.1992
11.
वाराणसी
18.07.1992
12.
पटना
19.10.1992
13.
सुपौल 1
18.10.1993
14.
बोकारो
24.04.1993
15.
पैटघाट
10.07.1993
16.
जनकपुर
09.10.1994
17.
इसहपुर
06.02.1994
18.
सरहद
23.04.1994
19.
झंझारपुर
09.07.1994
20.
घोघरडीहा
22.10.1994
21.
बहेरा
21.01.1995
22.
सुपौल (दरभंगा)
08.04.1995
23.
काठमांडू
23.09.1995
24.
राजविराज
24.01.1996
25.
कोलकाता
रजत जयंती
28.12.1996
26.
महिषी
13.04.1997
क्र.सं.
स्थान
तिथि
27.
तरौनी
20.06.1997
28.
पटना
18.07.1997
29.
बेगूसराय
13.09.1997
30.
खजौली
04.04.1998
31.
सहरसा
18.07.1998
32
पटना
10.10.1998
33.
बलाइन; नागदह
08.01.1999
34.
भवानीपुर
10.04.1999
35.
मधुबनी
24.07.1999
36.
अन्दौली
20.10.1999
37.
जनकपुर
25.03.2000
38.
काठमांडू
25.06.2000
39.
धनबाद
21.10.2000
40.
बिटठो
21.01.2001
41.
हटनी(घोघरडीहा)
19.05.2001
42.
बोकारो
25.08.2001
43.
पटना (किरणजयंती)
01.12.2001
44.
राँची
13.04.2002
45.
भागलपुर
24.08.2002
46.
विद्यापति भवन पटना
16.11.2002
क्र.सं.
स्थान
तिथि
47.
कोलकाता
22.01.2003
48.
खुटौना
07.06.2003
49.
बेनीपुर
20.09.2003
50.
दरभंगा
21.02.2004
51.
जमशेदपुर
10.07.2004
52.
राँची
02.10.2004
53.
देवघर
08.01.2005
54.
बेगूसराय
09.04.2005
55.
पूर्णियाँ
20.06.2005
56.
पटना
03.11.2005
57.
जनकपुर (नेपाल)
12.08.2006
58.
जयनगर
02.12.2006
59.
बेगूसराय
10.02.2007
60.
सहरसा
21.07.2007
61.
सुपौल-2
01.12.2007
62.
जमशेदपुर
03.05.2008
63.
राँची
19.07.2008
64.
रहुआ संग्राम
08.11.2008
65.
पटना कथा
गंगा-3
21.02.2009
66.
मधुबनी
30.05.2009
67.
मानारायटोल नरहन- समस्तीपुर
05.09.2009
68.
सुपौल- 3
05.12.2009
69.
जनकपुर
03.04.2010
70.
कबिलपुर (दरभंगा)
12.06.2010
71.
बेरमा (झंझारपुर)
स्थान- मध्य विद्यालय परिसर- बेरमा।
(सार्वजनिक स्थलपर)
02.10.2010
72.
सुपौल
04.12.2010
73.
महिषी
कथा राजकमल
05.03.2011
74.
हजारीबाग
10.09.2011
75.
पटना
हीरक जयन्ती
10.12.2011
76.
चेन्नै
14.07.2012
77.
दरभंगा
किरण जयन्ती
01.12.2012
क्र.सं.
स्थान
तिथि
78.
घनश्यामपुर
09.03.2013
79.
औरहा
(लौकही)
(सार्वजनिक स्थलपर)
15.5.2013
80.
निर्मली
(स्थान- मानिक राम-बैजनाथ बजाज धर्मशाला, सुभाष चौक, निर्मली- सुपौल)
30.11.2013
81.
देवघर
(स्थान- बिजली कोठी, बम्पासटॉन, देवघर)
22.03.2014
82.
मेंहथ
(झंझारपुर)
कथा बौध सिद्ध मेहथपा
31.05.2014
83.
सखुआ-भपटियाही
सार्वजनिक स्थान- उत्क्रमित मध्य विद्यालयल परिसर।
30.08.2014
84.
बेरमा
मध्य विद्यालय
परिसर
(बेरमा,मधुबनी)
20.12.2014
85.
भागलपुर
‘श्याम कुंज’
(द्वारिकापुरी
भागलपुर)
04.04.2015
86.
लकसेना
उनमुक्त आश्रमक
गांधी सभा कक्ष
जिला- मधुबनी
20.06.2015
87.
श्यामा रेसिडेन्सी कॉम
विवाह हॉल
(एस.बी.आइ. केम्पस)
निर्मली (सुपौल)
19.09.2015
88.
मध्य विद्यालय- डखराम (बेनीपुर)
30.01.2016
89.
लौकही
स्थान: सूर्य प्रसाद उच्च विद्यालय- लौकही
26.03.2016
90.
लक्ष्मीनियाँ
(मधुबनी)
18.06.2016
91.
गोधनपुर
(मिथिला दीपसँ उत्तर) जिला- मधुबनी
24.9.2016
92.
नवानी
(मधुबनी)
31.12.2016
93.
रतनसारा
(घोघरडीहा)
जिला- मधुबनी
25.03.2017
94.
लौफा
(मधेपुर)
जिला- मधुबनी
24.06.2017
उमेश मण्डल-इतिहास- सगर राति दीप जरय
सगर राति दीप जरय
केर
91म आयोजन
संयोजक : दुर्गानन्द मण्डल
स्थान : मध्य विद्यालय परिसर- गोधनपुर
24 September 2016
अयोजक : स्थानीय साहित्य प्रेमी, गोधनपुर (मधुबनी)
प्रस्तुति : उमेश मण्डल
मो. +91 9931654742
सगर राति दीप जरय (कथा पाठ एवं परिचर्चा)
91म सगर राति दीप जरय:गोधनपुर- 24.09.2016
91म सगर राति दीप जरय : गोधनपुर (मधुबनी)
स्थान : उत्क्रमित मध्य विद्यालय परिसर नका चौक गोधनपुर
स्थान : उत्क्रमित मध्य विद्यालय परिसर नका चौक गोधनपुर
1. उद्घाटन सत्र-
दीप प्रज्जवलन : श्री जगदीश प्रसाद मण्डल, डॉ. योगेन्द्र पाठक ‘वियोगी’, श्री अरविन्द ठाकुर, श्री राजदेव मण्डल आ श्री शम्भु सौरभ।
स्वागत गीत : श्री राधाकान्त मण्डल।
स्वागत भाषण : संयोजक दुर्गानन्द मण्डल।
दू शब्द : श्री अरविन्द ठाकुर, श्री योगेन्द्र पाठक वियोगी आ श्री जगदीश प्रसाद मण्डल। एवं सत्रक संचालन : उमेश मण्डल।
2. पोथी लोकार्पण सत्र-
अध्यक्ष मण्डल : डॉ. योगानन्द झा, श्री राजदेव मण्डल, डॉ. योगेन्द्र पाठक वियोगी, श्री कपिलेश्वर राउत, श्री गिरिजानन्द झा एवं अजीत झा आजाद,पहिल लोकार्पण- श्री दुर्गानन्द मण्डलक मौलिक पहिल कृति ‘कथा कुसुम’ (लघु कथा संग्रह) : लोकार्पणकर्ता- अध्यक्ष मण्डलक संग उपस्थित समस्त साहित्य प्रेमी आ साहित्यकार।
दोसर लोकार्पण- श्री जगदीश प्रसाद मण्डलक मौलिक पचपनम कृति ‘गुलेती दास’ (लघु कथा संग्रह) : लोकार्पणकर्ता- अध्यक्ष मण्डलक संग उपस्थित समस्त साहित्य प्रेमी आ साहित्यकार।
लोकार्पण उद्वोधन- डॉ. योगानन्द झा, डॉ. योगेन्द्र पाठक वियोगी, श्री राजदेव मण्डल आ श्री अजीत झा आजाद।
सत्रक संचालन- उमेश मण्डल।
3. कथा सत्र-
अध्यक्ष मण्डल- डॉ. शिव कुमार प्रसाद, श्री राम विलास साहु, श्री बेचन ठाकुर, श्री शिव कुमार मित्र आ श्री शम्भु सौरभ।
पहिल पालीक संचालन- श्री अजीत झा आजाद
कथा पाठ, पहिल पालीमे :
1. ओ अनहरिया राति- (श्री ऋृषि बशिष्ठ)
2. जी-दाँत- (श्री बेचन ठाकुर)
3. बतीसोअना- (श्री जगदीश प्रसाद मण्डल)
पहिल पालीक पठित कथा सभपर समीक्षा- डॉ. योगानन्द झा, पंडित बाल गोविन्द यादव आचार्य, श्री अरविन्द ठाकुर, श्री अनील कुमार ठाकुर, श्री शारदा नन्द सिंह तथा डॉ. शिवकुमार प्रसाद।
दोसर पाली-
संचालन : श्री संजीव कुमार ‘शमा’कथा पाठ-
1. हमर लॉटरी निकलल- (श्री नन्द विलास राय)
2. छिटकी- (श्री अजय कुमार दास ‘पिन्टु’)
3. पढ़ए फारसी बेचए तेल- (डॉ. योगेन्द्र पाठक वियोगी)
4. करोड़पति- (डॉ. योगेन्द्र पाठक वियोगी)
5. भिनसुरका जतरा- (श्री बेचन ठाकुर)
समीक्षा- श्री राजदेव मण्डल, डॉ. शिव कुमार प्रसाद, श्री शिव कुमार मिश्र आ श्री दुर्गानन्द मण्डल।
तेसर पाली-
संचालक : श्री नन्द विलास राय
कथा पाठ-
1. भैयारी- (श्री शंभु सौरभ)
2. बेटीक बाप- (श्री आनन्द मोहन झा)
3. विडम्बना- (श्री शारदानन्द सिंह)
4. स्वयंभू- (श्री अरविन्द ठाकुर)
समीक्षा- श्री अजीत झा आजाद, श्री कपिलेश्वर राउत, श्री अनील ठाकुर, श्री राम विलास साहु आ पंडित बाल गोविन्द यादव आचार्य।
चारिम पाली-
संचालक : श्री नन्द विलास राय।
कथा पाठ-
1. कचोट- (श्री संजीव कुमार ‘शमा’)
2. शंका- (श्री कपिलेश्वर राउत)
3. हँ-निहँस- (श्री अखिलेश कुमार मण्डल) समीक्षा- श्री ऋृषि बशिष्ठ, श्री अरविन्द ठाकुर, श्री राम विलास साहु, आ श्री अजय कुमार दास ‘पिन्टु’।
पाँचिम पाली-
संचालक : उमेश मण्डल
कथा पाठ-
1. मकड़ाक जाल- (श्री शिवकुमार मिश्र)
2. विपैत- (श्री राम विलास साहु)
समीक्षा- श्री जगदीश प्रसाद मण्डल, डॉ. योगानन्द झा आ डॉ शिव कुमार प्रसाद। अन्तमे
अध्यक्षीय उद्वोधन- तथा धन्यवाद ज्ञापन तथा दीप एवं पंजीक हस्तान्तरण। सगर राति दीप जरय केर 92म आयोजन मधुबनी जिलाक नवानी गाममे श्री अजय कुमार दास ‘पिन्टु’ जीक संयोजकत्वमे अही सालक अन्तिम मासमे...।
दीप प्रज्जवलन : श्री जगदीश प्रसाद मण्डल, डॉ. योगेन्द्र पाठक ‘वियोगी’, श्री अरविन्द ठाकुर, श्री राजदेव मण्डल आ श्री शम्भु सौरभ।
स्वागत गीत : श्री राधाकान्त मण्डल।
स्वागत भाषण : संयोजक दुर्गानन्द मण्डल।
दू शब्द : श्री अरविन्द ठाकुर, श्री योगेन्द्र पाठक वियोगी आ श्री जगदीश प्रसाद मण्डल। एवं सत्रक संचालन : उमेश मण्डल।
2. पोथी लोकार्पण सत्र-
अध्यक्ष मण्डल : डॉ. योगानन्द झा, श्री राजदेव मण्डल, डॉ. योगेन्द्र पाठक वियोगी, श्री कपिलेश्वर राउत, श्री गिरिजानन्द झा एवं अजीत झा आजाद,पहिल लोकार्पण- श्री दुर्गानन्द मण्डलक मौलिक पहिल कृति ‘कथा कुसुम’ (लघु कथा संग्रह) : लोकार्पणकर्ता- अध्यक्ष मण्डलक संग उपस्थित समस्त साहित्य प्रेमी आ साहित्यकार।
दोसर लोकार्पण- श्री जगदीश प्रसाद मण्डलक मौलिक पचपनम कृति ‘गुलेती दास’ (लघु कथा संग्रह) : लोकार्पणकर्ता- अध्यक्ष मण्डलक संग उपस्थित समस्त साहित्य प्रेमी आ साहित्यकार।
लोकार्पण उद्वोधन- डॉ. योगानन्द झा, डॉ. योगेन्द्र पाठक वियोगी, श्री राजदेव मण्डल आ श्री अजीत झा आजाद।
सत्रक संचालन- उमेश मण्डल।
3. कथा सत्र-
अध्यक्ष मण्डल- डॉ. शिव कुमार प्रसाद, श्री राम विलास साहु, श्री बेचन ठाकुर, श्री शिव कुमार मित्र आ श्री शम्भु सौरभ।
पहिल पालीक संचालन- श्री अजीत झा आजाद
कथा पाठ, पहिल पालीमे :
1. ओ अनहरिया राति- (श्री ऋृषि बशिष्ठ)
2. जी-दाँत- (श्री बेचन ठाकुर)
3. बतीसोअना- (श्री जगदीश प्रसाद मण्डल)
पहिल पालीक पठित कथा सभपर समीक्षा- डॉ. योगानन्द झा, पंडित बाल गोविन्द यादव आचार्य, श्री अरविन्द ठाकुर, श्री अनील कुमार ठाकुर, श्री शारदा नन्द सिंह तथा डॉ. शिवकुमार प्रसाद।
दोसर पाली-
संचालन : श्री संजीव कुमार ‘शमा’कथा पाठ-
1. हमर लॉटरी निकलल- (श्री नन्द विलास राय)
2. छिटकी- (श्री अजय कुमार दास ‘पिन्टु’)
3. पढ़ए फारसी बेचए तेल- (डॉ. योगेन्द्र पाठक वियोगी)
4. करोड़पति- (डॉ. योगेन्द्र पाठक वियोगी)
5. भिनसुरका जतरा- (श्री बेचन ठाकुर)
समीक्षा- श्री राजदेव मण्डल, डॉ. शिव कुमार प्रसाद, श्री शिव कुमार मिश्र आ श्री दुर्गानन्द मण्डल।
तेसर पाली-
संचालक : श्री नन्द विलास राय
कथा पाठ-
1. भैयारी- (श्री शंभु सौरभ)
2. बेटीक बाप- (श्री आनन्द मोहन झा)
3. विडम्बना- (श्री शारदानन्द सिंह)
4. स्वयंभू- (श्री अरविन्द ठाकुर)
समीक्षा- श्री अजीत झा आजाद, श्री कपिलेश्वर राउत, श्री अनील ठाकुर, श्री राम विलास साहु आ पंडित बाल गोविन्द यादव आचार्य।
चारिम पाली-
संचालक : श्री नन्द विलास राय।
कथा पाठ-
1. कचोट- (श्री संजीव कुमार ‘शमा’)
2. शंका- (श्री कपिलेश्वर राउत)
3. हँ-निहँस- (श्री अखिलेश कुमार मण्डल) समीक्षा- श्री ऋृषि बशिष्ठ, श्री अरविन्द ठाकुर, श्री राम विलास साहु, आ श्री अजय कुमार दास ‘पिन्टु’।
पाँचिम पाली-
संचालक : उमेश मण्डल
कथा पाठ-
1. मकड़ाक जाल- (श्री शिवकुमार मिश्र)
2. विपैत- (श्री राम विलास साहु)
समीक्षा- श्री जगदीश प्रसाद मण्डल, डॉ. योगानन्द झा आ डॉ शिव कुमार प्रसाद। अन्तमे
अध्यक्षीय उद्वोधन- तथा धन्यवाद ज्ञापन तथा दीप एवं पंजीक हस्तान्तरण। सगर राति दीप जरय केर 92म आयोजन मधुबनी जिलाक नवानी गाममे श्री अजय कुमार दास ‘पिन्टु’ जीक संयोजकत्वमे अही सालक अन्तिम मासमे...।
90म सगर राति दीप जरय
स्थान : लक्ष्मिनिया गाम
तिथि : 18 जून 2016
तिथि : 18 जून 2016
९०म खेपक दीप सगर राति
लक्ष्मीनियाँमे जरल
स्व. नेवी भगत केर स्मृतिमे ‘सगर राति दीप जरय’क ९०म आयोजन काल्हि साँझमे आरम्भ भेल जे आइ भोरमे इति भेल। ई खेप श्री राम विलास साहुजीक संयोजकत्वमे छल जेकर आयोजक समस्त लक्ष्मीनियाँ गामक साहित्य प्रेमी छला। ऐ गोष्ठीक अवसरपर तीनटा कथा संग्रहक लोकार्पण भेल। पहिल ‘अंकुर’ कथा संग्रह श्री राम विलास सहुजीक आ दोसर एवं तेसर क्रमश: ‘गाछपर सँ खसला’ आ ‘डभियाएल गाम’ श्री जगदीश प्रसाद मण्डलजीक। ऐ तीनू पोथीक लोकार्पण गाष्ठीमे उपस्थित समस्त साहित्यकार एवं साहित्य प्रेमीक हाथे भेल। दीप प्रज्व्लन सेहो सम्मिलिते रूपे भेल। कथा संत्रक अध्यक्ष मण्डलमे श्री अरविन्द ठाकुर, श्री राजदेव मण्डल आ श्री जगदीश प्रसाद मण्डलक चयन कएल गेल। तहिना संचालन समितिमे सेहो तीन गोट व्यक्तिक चयन क्रमश श्री नन्द विलास राय, श्री दुर्गानन्द मण्डल तथा उमेश मण्डलक भेल। ऐगला आयोजन श्री दुगानन्द मण्डलजीक संयोजकत्वमे दीप-गोधनपुर गाममे जरत।
प्रत्येक पालिमे प्राय: तीन-तीन कथा पाठ आ तैपर तीन-चारि समीक्षकक समीक्षा होइत रहल। प्रस्तुत अछि पहिल पालीसँ अन्तिम पालि धरिक पठित कथाक नाओं एवं कथाकारक नाओं-
१. असली परिचय : राजदेव मण्डल
२. चोटक कचोट : शम्भु सौरभ
३. मिड डे मिल : शारदा नन्द सिंह
४. अपन जाति : नन्द विलास राय
५. ई भाव हुनकामे जगए : रतन कुमार रवि
६. देवगनाह : गौड़ी शंकर साह
७. असाध्य पिता : फागुलाल साहु
८. कुत्ताक डीह : कपिलेश्वर राउत
९. मरियाएल मन : जगदीश प्रसाद मण्डल
१०. स्वाभिमान : दुर्गानन्द मण्डल
११. खिचड़ी मोछ : लक्ष्मी दास
१२. रिमझिम : उमेश नारायण कर्ण
१३. पैयाही बुधि : उमेश मण्डल
१४. बेंगक महंथी : राम विलास साहु
१५. शंकाक बेमारी : ललन कुमार कामत
१६. नेनाक बहादुरी : उमेश नारायण कर्ण
१७. श्रोता बनल कथाकार : शारदा नन्द सिंह
१८. परतर : अरविन्द कुमार ठाकुर
१९. डेरा गेल छी : राजदेव मण्डल ‘रमण’
89म सगर राति दीप जरय
लौकहीमे श्री उमेश पासवान द्वारा ‘दलित विषयक कथा केन्द्रित
२६ मार्च २०१६ केँ उच्च विद्यालय परिसर- लौकहीमे
88 म सगर राति दीप जरय
88म कथा-साहित्य गोष्ठी डखराममे सम्पन्न भेल
डखराम (बेनीपुर) मुखियाजी श्री अमर नाथ झाक आयोजकत्व आ श्री कमलेश झाक संयोजकत्वमे ‘सगर राति दीप जरय’क 88म कथा-साहित्य गोष्ठी 30 जनवरीक साँझमे शुरू भेल। जेकर उद्घाटन सम्म्लित रूपे श्री जगदीश प्रसाद मण्डल, डॉ. शिवकुमार प्रसाद, श्री राजदेव मण्डल, श्री नन्द विलास राय, श्री फागुलाल साहु, श्री शारदा नन्द सिंह, श्री उमेश पासवान, श्री कपिलेश्वर राउ, श्री उमेश नारायण कर्ण, श्री शम्भु सौरभ श्री तथा श्री राम विलास साहु केलैन। उद्घाटनक पछाइत स्वागत गीत सेहो सम्मिलित रूपे समवैत स्वरमे श्री राधाकान्त मण्डल तथा श्री रामदेव प्रसाद मण्डल झारूदार गौलैन आ स्वागत भाषण श्री कमलेश झा कहलैन- ‘1990 इस्वीसँ ‘सगर राति दीप जरय’क आरम्भ यात्रा शुरू भेल जे चलैत-चलैत आब ओइ तहपर चलि आएल अछि जेतए खॉंटी माटिक सुगन्धसँ सुगन्धित कथाक लेखन एवं पठन भऽ रहल अछि...।’उद्घाटन सत्रक पछाइत लोकार्पण सत्रमे प्रवेश भेल। श्री जगदीश प्रसाद मण्डलक दूटा पोथी, पहिल एगच्छा आमक गाछ (कथा संग्रह) आ दोसर ठूठ गाछ (उपन्यास)क लोकार्पण सम्मिलित रूपे भेल। तथा ‘खसैत गाछ’ (लघु कथा संग्रह) नामक पोथीक वितरण सेहो भेल।
क्रमश: कथा सत्रमे प्रवेश भेल। छह पालीमे कथाक पाठ। जइमे श्री उमेश नारायण कर्ण- ‘मौनी बाबा, अलवत्त छोड़ी’ शीर्षकक दूटा कथा पढ़लैन। श्री राजदेव मण्डल- एडजस्टमेन्ट, श्री राम विलास साहु- जाति, श्री शारदा नन्द सिंह- ‘आशातीत’ तथा ‘पलटा माय’, श्री जगदीश प्रसाद मण्डल- ‘एगच्छा आमक गाछ’, श्री लक्ष्मी दास- बापक धरम, श्री ललन कुमार कामत- बाबाक लोटा, श्री शम्भू सौरभ- परम्पराक बलि, श्री फागु लाल साहु- अछूत, श्री शिव कुमार मिश्र- व्यवहार तथा प्रौहित्य, श्री कपिलेश्वर राउत- घूर लगक गप, अखिलेश मण्डल- गढ़ैनगर हाथ, तथा अपने (उमेश मण्डल) पढ़लौं- ‘अपने गरदैन कटलौं।’पठित कथा सभपर एक-सँ-एक समीक्षा सेहो भेल। डॉ. शिव कुमार प्रसाद, पण्डित बाल गोविन्द आर्य ‘गोविन्दाचार्य’, श्री फागु लाल साहु, राधाकान्त मण्डल तथा श्री कमलेश झा विषद रूपे समीक्षा कार्य केलैन। मुदा श्री राजदेव मण्डल, श्री शारदा नन्द सिंह, श्री कपिलेश्वर राउत, श्री उमेश पासवान, श्री शिवकुमार मिश्र, श्री राजा राम यादव, श्री नन्द विलास राय तथा अपने (उमेश मण्डल) सेहे समीक्षा कार्यमे भाग लेलौं।
अगिला गोष्ठीक भार लैत श्री उमेश पासवान कहलैन- 89म सगर राति दीप जरय- लौकही (जिला मधुबनी)मे कराएब। जेकर हकार मंचेसँ दऽ रहल छी जे 89म गोष्ठीमे ‘दलित विषयक कथाक विशेष स्वागत होएत।’ ऐ तरहेँ 88म गोष्ठीक समापन भेल। 89 गोष्ठी लौकहीमे श्री उमेशजी करौता। सम्भव जे मार्चक अन्तिम शनिकेँ होएत।
क्रमश: कथा सत्रमे प्रवेश भेल। छह पालीमे कथाक पाठ। जइमे श्री उमेश नारायण कर्ण- ‘मौनी बाबा, अलवत्त छोड़ी’ शीर्षकक दूटा कथा पढ़लैन। श्री राजदेव मण्डल- एडजस्टमेन्ट, श्री राम विलास साहु- जाति, श्री शारदा नन्द सिंह- ‘आशातीत’ तथा ‘पलटा माय’, श्री जगदीश प्रसाद मण्डल- ‘एगच्छा आमक गाछ’, श्री लक्ष्मी दास- बापक धरम, श्री ललन कुमार कामत- बाबाक लोटा, श्री शम्भू सौरभ- परम्पराक बलि, श्री फागु लाल साहु- अछूत, श्री शिव कुमार मिश्र- व्यवहार तथा प्रौहित्य, श्री कपिलेश्वर राउत- घूर लगक गप, अखिलेश मण्डल- गढ़ैनगर हाथ, तथा अपने (उमेश मण्डल) पढ़लौं- ‘अपने गरदैन कटलौं।’पठित कथा सभपर एक-सँ-एक समीक्षा सेहो भेल। डॉ. शिव कुमार प्रसाद, पण्डित बाल गोविन्द आर्य ‘गोविन्दाचार्य’, श्री फागु लाल साहु, राधाकान्त मण्डल तथा श्री कमलेश झा विषद रूपे समीक्षा कार्य केलैन। मुदा श्री राजदेव मण्डल, श्री शारदा नन्द सिंह, श्री कपिलेश्वर राउत, श्री उमेश पासवान, श्री शिवकुमार मिश्र, श्री राजा राम यादव, श्री नन्द विलास राय तथा अपने (उमेश मण्डल) सेहे समीक्षा कार्यमे भाग लेलौं।
अगिला गोष्ठीक भार लैत श्री उमेश पासवान कहलैन- 89म सगर राति दीप जरय- लौकही (जिला मधुबनी)मे कराएब। जेकर हकार मंचेसँ दऽ रहल छी जे 89म गोष्ठीमे ‘दलित विषयक कथाक विशेष स्वागत होएत।’ ऐ तरहेँ 88म गोष्ठीक समापन भेल। 89 गोष्ठी लौकहीमे श्री उमेशजी करौता। सम्भव जे मार्चक अन्तिम शनिकेँ होएत।
उमेश मण्डल
88म कथा-साहित्य गोष्ठी डखराममे सम्पन्न भेल
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डखराम (बेनीपुर)क मुखियाजी श्री अमर नाथ झाक आयोजकत्व आ श्री कमलेश झाक संयोजकत्वमे ‘सगर राति दीप जरय’क 88म कथा-साहित्य गोष्ठी 30 जनवरीक साँझमे शुरू भेल। जेकर उद्घाटन सम्म्लित रूपे श्री जगदीश प्रसाद मण्डल, डॉ. शिवकुमार प्रसाद, श्री राजदेव मण्डल, श्री नन्द विलास राय, श्री फागुलाल साहु, श्री शारदा नन्द सिंह, श्री उमेश पासवान, श्री कपिलेश्वर राउत, श्री उमेश नारायण कर्ण, श्री शम्भु सौरभ तथा श्री राम विलास साहु केलैन। उद्घाटनक पछाइत स्वागत गीत सेहो सम्मिलित रूपे समवैत स्वरमे श्री राधाकान्त मण्डल तथा श्री रामदेव प्रसाद मण्डल झारूदार गौलैन आ स्वागत भाषण करैत श्री कमलेश झा कहलैन- ‘1990 इस्वीसँ ‘सगर राति दीप जरय’क आरम्भ यात्रा शुरू भेल जे चलैत-चलैत आब ओइ तहपर चलि आएल अछि जेतए खॉंटी माटिक सुगन्धसँ सुगन्धित कथाक लेखन एवं पठन भऽ रहल अछि...।’
उद्घाटन सत्रक पछाइत लोकार्पण सत्रमे प्रवेश भेल। श्री जगदीश प्रसाद मण्डलक दूटा पोथी, पहिल एगच्छा आमक गाछ (कथा संग्रह) आ दोसर ठूठ गाछ (उपन्यास)क लोकार्पण सम्मिलित रूपे भेल। तथा ‘खसैत गाछ’ (लघु कथा संग्रह) नामक पोथीक वितरण सेहो भेल।
क्रमश: कथा सत्रमे प्रवेश भेल। छह पालीमे कथाक पाठ भेल। जइमे श्री उमेश नारायण कर्ण- ‘मौनी बाबा, अलवत्त छोड़ी’ शीर्षकक दूटा कथा पढ़लैन। श्री राजदेव मण्डल- एडजस्टमेन्ट, श्री राम विलास साहु- जाति, श्री शारदा नन्द सिंह- ‘आशातीत’ तथा‘पलटा माय’, श्री जगदीश प्रसाद मण्डल- ‘एगच्छा आमक गाछ’ तथा हहौती, श्री लक्ष्मी दास- बापक धरम, श्री ललन कुमार कामत- बाबाक लोटा, श्री शम्भू सौरभ- परम्पराक बलि, श्री फागु लाल साहु- अछूत, श्री शिव कुमार मिश्र- व्यवहार तथा प्रौहित्य, श्री कपिलेश्वर राउत- घूर लगक गप, अखिलेश मण्डल- गढ़ैनगर हाथ, तथा अपने (उमेश मण्डल) पढ़लौं- ‘अपने गरदैन कटलौं।’
पठित कथा सभपर एक-सँ-एक समीक्षा सेहो भेल। डॉ. शिव कुमार प्रसाद, पण्डित बाल गोविन्द आर्य ‘गोविन्दाचार्य’, श्री फागु लाल साहु, राधाकान्त मण्डल तथा श्री कमलेश झा विषद रूपे समीक्षा कार्य केलैन। संगे श्री राजदेव मण्डल, श्री शारदा नन्द सिंह,श्री कपिलेश्वर राउत, श्री उमेश पासवान, श्री शिवकुमार मिश्र, श्री राजा राम यादव, श्री नन्द विलास राय, राम विलास साहु, उमेश नारायण कर्ण तथा अपने (उमेश मण्डल) सेहे समीक्षा कार्यमे भाग लेलौं।
अगिला गोष्ठीक भार लैत श्री उमेश पासवान कहलैन- 89म सगर राति दीप जरय- लौकही (जिला मधुबनी)मे कराएब। जेकर हकार मंचेसँ दऽ रहल छी जे 89म गोष्ठीमे ‘दलित विषयक कथाक विशेष स्वागत होएत।’
ऐ तरहेँ 88म गोष्ठीक समापन भेल। 89 गोष्ठी लौकहीमे श्री उमेशजी करौता। सम्भव जे मार्चक अन्तिम शनिकेँ होएत।
८७म सगर राति दीप जरय
सगर राति दीप जरल- ८७म कथा-साहित्य गोष
निर्मली, दिनांक 19 सितम्बर 2015 : सगर राति दीप जरय समिति- निर्मलीक प्रस्तुतिमे शहरक विशालकाय विवाह भवन- श्यामा रेसिडेन्सी- सभागार-मे सगर राति दीप जरय केर 87म गोष्ठी ‘कथा तिलजुगा’क शुभारम्भ 6:30 बजे भेल। जेकर उद्घाटन सम्मिलित रूपे केलैन, नेतरहाट उच्चतर माध्यमिक विद्यालयक पूर्व प्राचार्य डॉ. दुर्गा प्रसाद साहू, हरि प्रसाद साह महाविद्यालयक पूर्व एवं वर्तमान प्राचार्य द्वय डॉ राम अशीष सिंह, डॉ. विमल कुमार राय, प्रखण्ड विकास पदाधिकारी श्री सुशील कुमार, जिला पार्षदक पूर्व सदस्या श्रीमती आशा देवी, श्यामा रेसिडेन्सीक निर्माणकर्ता श्री सत्य नारायण प्रसाद साहु तथा सी.एम.बी. कॉलेजक हिन्दी विभागाध्यक्ष सह मैथिली साहित्यक चर्चित साहित्यकार प्रो. धीरेन्द्र कुमार।
अवसरपर श्री रामदेव प्रसाद मण्डल ‘झारूदार’ स्व रचित गीत- “करू स्वागत स्वीकार हे प्रियवर, हम नै अपनेक योग्य...।”सँ स्वागत केलैन, तथा धन्यवाद ज्ञापनक संग स्वागत-भाषण केलैन, प्रोफेसर द्वय डॉ. शिव कुमार प्रसाद, डॉ. श्रीमोहन झा।
ऐ तरहें उद्घाटन सत्रसँ पोथी लोकार्पण सत्रमे प्रवेश भेल। सत्रक मुख्य अतिथि, बिहार अति पिछड़ा प्रकोष्ठक सदस्य मो. शरफराज अहमद संगे विशिष्ठ अतिथि रहैथ- डॉ श्यामानन्द चौधरी, डॉ. सुरेन्द्र प्रसाद सिंह, श्री अशोक कुमार मिश्र, श्री शंभु सौरभ, श्री दुर्गानन्द मण्डल, श्री उमेश नारायण कर्ण, श्री श्रीकृष्ण राम, श्री अजय कुमार दास, श्री नागेश्वर कामत, श्रीमती विभा कुमारी, श्रीमती अनुपम कुमारी, श्री मनोज कुमार साह उर्फ चन्दनजी, श्री जे. के. आनन्द, श्री रतन कुमार रवि, श्री विनोद कुमार गोप, श्री राम प्रवेश मण्डल तथा श्री रामलखन भण्डारी, तथा सत्रक अध्यक्षता केलैन- समर्पणक चेअरमेन श्री दुर्गानन्द मण्डल, मध्य विद्यालयक शिक्षक मो. ए.के. मंजूर, सामाजिक कार्यकर्ता श्री सुरेन्द्र प्रसाद यादव, श्री विनोद कुमार तथा मध्य विद्यालयक प्राचार्य श्री नारायण प्रसाद सिंह।
पॉंच गोट पोथीक लोकार्पण भेल। जइमे टैगोर साहित्य पुरस्कारसँ पुरस्कृत एवं विदेह भाषा सम्मानसँ सम्मानित साहित्यकार श्री जगदीश प्रसाद मण्डल रचित चारि गोट पोथी- ‘गुड़ा-खुद्दीक रोटी’, ‘फलहार’, ‘लजबिजी’ आ ‘गामक शकल-सूरत’ लघुकथा संग्रहक छल आ पॉंचम- ‘विदेह’ आ ‘वैदेह’ द्वय सम्मानसँ सम्मानित साहित्यकार श्री राजदेव मण्डल रचित पोथी- ‘जाल’ (पटकथा) रहए। पाँचू पोथी भरि सभागारमे वितरणो भेल।
भाड़ी संख्यामे विद्वत-श्रोतागणक उपस्थिति सेहो छल। जेना- इतिहासक विभागाध्यक्ष प्रो. जय प्रकाश साहु, अधिवक्ता सह पत्रकार श्री रौशन कुमार गुप्ता, श्री सागर कुमार साहु, श्री विष्णु कुमार गुप्ता, श्री टुनटुन कामत, श्री राम नरेश यादव, श्री अजय कुमार गुप्ता, श्री आलोक कुमार ‘नाहर’, श्री राम विलास सिंह, श्री बिहारी मण्डल, श्री राज कुमार यादव, श्री बद्रीलाल यादव, श्री राम नारायण कामत, श्री रामकृष्ण ठाकुर, श्री राजदेव मण्डल, श्री अरविन्द कुमार मण्डल, श्री राजेश पासवान, श्री संजीव कुमार, ई. आशुतोष कुमार, श्रीमती आराधना मिस्टी, श्री चन्द्र भूषण झा ‘राधव’, श्री मनोज कुमार झा, श्री राजकुमार मिश्र, श्री अरविन्द यादव, श्री विनय कुमार रूद्र, श्री बिलट मण्डल, श्री रामबाबू कामत, श्री दशरथ प्रसाद यादव, श्री राम अशीष मण्डल, श्री लक्ष्मी मण्डल, डॉ. विष्णुदेव ठाकुर, श्री गोपाल गिरि, श्री राजाराम यादव, संतोष कुमार पाण्डेय, श्री सत्य नारायण महतो, सुश्री काजोक कुमारी, श्री मदन महतो, श्री शम्भु कमार साह, श्री योगीलाल कामत, श्री हजारी प्रसाद साहु, तथा अवकाश प्राप्त शिक्षक श्री अशर्फी साहु इत्यादि-इत्यादि।
क्रमश: आगू बढ़ैत कथा सत्रमे प्रवेश कएल...।
ऐ सत्रक अध्यक्षता केलैन ‘सखारी-पेटारी’ कथा संग्रहक कथाकार श्री नन्द विलास राय, ‘रथक चक्का उलैट चलै बाट’क कवि श्री राम विलास साहु, ‘उलहन’ कथा संग्रहक कथाकार श्री कपिलेश्वर राउत तथा अशर्फी दास साहु समाज इण्टर महिला महाविद्यालय- निर्मली केर मैथिली विभागाध्यक्ष प्रो. हेम नारायण साहु। सात पालीमे विभक्त पच्चीस गोट कथा पाठ भेल, समीक्षा भेल। ऐ तरहें तीनू सत्रक समापन भेल। जेकर संचालक छला- श्री संजीव कुमार ‘शमा’, श्री भारत भूषण झा, श्री दुर्गानन्द मण्डल तथा श्री उमेश मण्डल।
अन्तिम सत्र ‘अगिला गोष्ठी केतए’मे प्रवेश भेल। चारि गोट प्रस्ताव आएल, पहिल- श्री रोहित कुमार सिंहक दरभंगा लेल मार्च 2016. श्री दुखन प्रसाद यादवक ‘धबही’ लेल जून 2016 तथा दिसम्बर 2015क गोष्ठी लेल दूटा, प्रथम- श्री कमलेश झाक ‘डखराम’ लेल तथा श्री राजदेव मण्डलक ‘रतनसारा-मुसहरनियॉं’ लेल।
सभामे बैसल समस्तक विचारपर अध्यक्ष मण्डल द्वारा निर्णय भेलैन- डखराम। अत: अगिला गोष्ठी श्री कमलेश झाक संजोजकत्वमे दरभंगा जिलाक बेनीपुर अनुमण्डल अन्तर्गत ‘डखराम’ गाममे होएत।
भावी संयोजक श्री कमलेश झाकेँ वर्तमान संयोजक श्री उमेश मण्डल दीप तथा पंजी समर्पित केलैन।
अन्तमे, धन्यवाद ज्ञापनमे, बाहरसँ आएल साहित्यकार, स्थानीय साहित्यकार एंव सहयोगी तथा विशेष सहयोगीकेँ संयोजक धन्यवाद-नमन केलैन। ऐ तरहें सगर रातिक कथा शेष भेल।
निम्न अछि- क्रमानुसार पठित कथाक नओं, कथाकारक नाओं, तथा समीक्षकक सुची, संगे सगर राति दीप जरय समिति- निर्मली केर सक्रिय कार्यकर्ता, संचालक तथा विशेष सहयोगीक सेहो।
कथा पाठ एवं समीक्षा :
पहिल पाली-
१. फ्रेण्ड : पल्लवी कुमारी
२. सभसँ कठिन जातिक अपमान : रतन कुमार ‘रवि’३. अवाक् : राजदेव मण्डल
समीक्षा : डॉ. विमल कुमार राय, डॉ. श्यामानन्द चौधरी, डॉ. राम अशीष सिंह।
दोसर पाली-
४. अवसरवाद : अजय कुमार दास
५. ऊपर फरकी मामीक सराध : लक्ष्मी दास
६. हाथी आ मूस : जगदीश प्रसाद मण्डल
समीक्षा : श्री कमलेश झा, श्री दुर्गानन्द मण्डल (बनरझूला) श्री दुर्गानन्द मण्डल।
तेसर पाली-
७. बबाजीक मकड़जाल : संजीव कुमार ‘शमा’८. शैतान आ भगवान : दुर्गानन्द मण्डल
९. सहोदरा नै बना पेलौं : उमेश मण्डल
समीक्षा : डॉ. शिव कुमार प्रसाद, डॉ. विमल कुमार राय, डॉ. श्यामानन्द चौधरी, डॉ. राम अशीष सिंह।
चारिम पाली-
१०. समाजक हाल : रोहित कुमार सिंह
११. इज्जतक सवाल : राम विलास साहु
१२. हैवानक संग सधमुहोँ : दुखन प्रसाद यादव
१३. बाल बोध : शम्भु सौरभ
१४. एक दिन हमरो : शारदा नन्द सिंह
समीक्षा : श्री फागु लाल साहु, श्री सुशील कुमार साह, श्री राजदेव मण्डल ‘रमण’।
पॉंचिम पाली-
१५. सिद्धि साध्ये : उमेश नारायण कर्ण ‘कल्पकवि’१६. श्रोता : अशोक कुमार मिश्र
१७. फ्रॉडिज्म : शिव कुमार मिश्र
१८. कर्मक फल : फागु लाल साहु
समीक्षा : श्री राजदेव मण्डल, श्री रतन कुमार ‘रवि’, श्री कमलेश झा।
छठम पाली-
१९. आब कहू : नन्द विलास राय
२०. हमर समाज : कौशल झा
२१. खुशी : पंकज कुमार ‘प्रभाकर’२२. मौखिक : राधाकान्त मण्डल
२३. मनुखक मोल : सुशील कुमार
समीक्षा : श्री राम विलास साहु, श्री संजीव कुमार ‘शमा’, श्री उमेश मण्डल।
सातम पाली-
२४. एकटा आर : शारदानन्द सिंह
२५. बरियातीमे गारि : लक्ष्मी दास
समीक्षा : डॉ श्यामानन्द चौधरी, श्री कमलेश झा।
.......................श्री संजय कुमार मण्डल, श्री सत्रुघ्न कुमार मण्डल, श्री विनोद ठाकुर, श्री सुजीत कुमार साहु, श्री अखिलेश कुमार मण्डल, श्री शशि भूषण कुमार, श्री संतोष कुमार राय आदि।
श्री सुरेश महतो, श्री मुकुल प्रसाद साहु, श्री सुरेन्द्र प्रसाद यादव, श्री विनोद कुमार तथा उमेश मण्डल।
श्री सत्य नारायण प्रसाद साहु, श्री नारायण प्रसाद सिंह, श्री पिंकु पंसारी, श्री राम प्रकाश साहु, श्री देवेश कुमार सिंह, श्री प्रभाष कुमार कामत, श्री मनोज कुमार शर्मा, श्री देवेश कुमार सिंह, श्री रामनाथ गुप्ता, श्री राम लखन भण्डारी, श्री अखिलेश चौधरी, श्री राम सुन्द्रर साहु, प्रो. धीरेन्द्र कुमार तथा डॉ. विमल कुमार राय...।
अवसरपर श्री रामदेव प्रसाद मण्डल ‘झारूदार’ स्व रचित गीत- “करू स्वागत स्वीकार हे प्रियवर, हम नै अपनेक योग्य...।”सँ स्वागत केलैन, तथा धन्यवाद ज्ञापनक संग स्वागत-भाषण केलैन, प्रोफेसर द्वय डॉ. शिव कुमार प्रसाद, डॉ. श्रीमोहन झा।
ऐ तरहें उद्घाटन सत्रसँ पोथी लोकार्पण सत्रमे प्रवेश भेल। सत्रक मुख्य अतिथि, बिहार अति पिछड़ा प्रकोष्ठक सदस्य मो. शरफराज अहमद संगे विशिष्ठ अतिथि रहैथ- डॉ श्यामानन्द चौधरी, डॉ. सुरेन्द्र प्रसाद सिंह, श्री अशोक कुमार मिश्र, श्री शंभु सौरभ, श्री दुर्गानन्द मण्डल, श्री उमेश नारायण कर्ण, श्री श्रीकृष्ण राम, श्री अजय कुमार दास, श्री नागेश्वर कामत, श्रीमती विभा कुमारी, श्रीमती अनुपम कुमारी, श्री मनोज कुमार साह उर्फ चन्दनजी, श्री जे. के. आनन्द, श्री रतन कुमार रवि, श्री विनोद कुमार गोप, श्री राम प्रवेश मण्डल तथा श्री रामलखन भण्डारी, तथा सत्रक अध्यक्षता केलैन- समर्पणक चेअरमेन श्री दुर्गानन्द मण्डल, मध्य विद्यालयक शिक्षक मो. ए.के. मंजूर, सामाजिक कार्यकर्ता श्री सुरेन्द्र प्रसाद यादव, श्री विनोद कुमार तथा मध्य विद्यालयक प्राचार्य श्री नारायण प्रसाद सिंह।
पॉंच गोट पोथीक लोकार्पण भेल। जइमे टैगोर साहित्य पुरस्कारसँ पुरस्कृत एवं विदेह भाषा सम्मानसँ सम्मानित साहित्यकार श्री जगदीश प्रसाद मण्डल रचित चारि गोट पोथी- ‘गुड़ा-खुद्दीक रोटी’, ‘फलहार’, ‘लजबिजी’ आ ‘गामक शकल-सूरत’ लघुकथा संग्रहक छल आ पॉंचम- ‘विदेह’ आ ‘वैदेह’ द्वय सम्मानसँ सम्मानित साहित्यकार श्री राजदेव मण्डल रचित पोथी- ‘जाल’ (पटकथा) रहए। पाँचू पोथी भरि सभागारमे वितरणो भेल।
भाड़ी संख्यामे विद्वत-श्रोतागणक उपस्थिति सेहो छल। जेना- इतिहासक विभागाध्यक्ष प्रो. जय प्रकाश साहु, अधिवक्ता सह पत्रकार श्री रौशन कुमार गुप्ता, श्री सागर कुमार साहु, श्री विष्णु कुमार गुप्ता, श्री टुनटुन कामत, श्री राम नरेश यादव, श्री अजय कुमार गुप्ता, श्री आलोक कुमार ‘नाहर’, श्री राम विलास सिंह, श्री बिहारी मण्डल, श्री राज कुमार यादव, श्री बद्रीलाल यादव, श्री राम नारायण कामत, श्री रामकृष्ण ठाकुर, श्री राजदेव मण्डल, श्री अरविन्द कुमार मण्डल, श्री राजेश पासवान, श्री संजीव कुमार, ई. आशुतोष कुमार, श्रीमती आराधना मिस्टी, श्री चन्द्र भूषण झा ‘राधव’, श्री मनोज कुमार झा, श्री राजकुमार मिश्र, श्री अरविन्द यादव, श्री विनय कुमार रूद्र, श्री बिलट मण्डल, श्री रामबाबू कामत, श्री दशरथ प्रसाद यादव, श्री राम अशीष मण्डल, श्री लक्ष्मी मण्डल, डॉ. विष्णुदेव ठाकुर, श्री गोपाल गिरि, श्री राजाराम यादव, संतोष कुमार पाण्डेय, श्री सत्य नारायण महतो, सुश्री काजोक कुमारी, श्री मदन महतो, श्री शम्भु कमार साह, श्री योगीलाल कामत, श्री हजारी प्रसाद साहु, तथा अवकाश प्राप्त शिक्षक श्री अशर्फी साहु इत्यादि-इत्यादि।
क्रमश: आगू बढ़ैत कथा सत्रमे प्रवेश कएल...।
ऐ सत्रक अध्यक्षता केलैन ‘सखारी-पेटारी’ कथा संग्रहक कथाकार श्री नन्द विलास राय, ‘रथक चक्का उलैट चलै बाट’क कवि श्री राम विलास साहु, ‘उलहन’ कथा संग्रहक कथाकार श्री कपिलेश्वर राउत तथा अशर्फी दास साहु समाज इण्टर महिला महाविद्यालय- निर्मली केर मैथिली विभागाध्यक्ष प्रो. हेम नारायण साहु। सात पालीमे विभक्त पच्चीस गोट कथा पाठ भेल, समीक्षा भेल। ऐ तरहें तीनू सत्रक समापन भेल। जेकर संचालक छला- श्री संजीव कुमार ‘शमा’, श्री भारत भूषण झा, श्री दुर्गानन्द मण्डल तथा श्री उमेश मण्डल।
अन्तिम सत्र ‘अगिला गोष्ठी केतए’मे प्रवेश भेल। चारि गोट प्रस्ताव आएल, पहिल- श्री रोहित कुमार सिंहक दरभंगा लेल मार्च 2016. श्री दुखन प्रसाद यादवक ‘धबही’ लेल जून 2016 तथा दिसम्बर 2015क गोष्ठी लेल दूटा, प्रथम- श्री कमलेश झाक ‘डखराम’ लेल तथा श्री राजदेव मण्डलक ‘रतनसारा-मुसहरनियॉं’ लेल।
सभामे बैसल समस्तक विचारपर अध्यक्ष मण्डल द्वारा निर्णय भेलैन- डखराम। अत: अगिला गोष्ठी श्री कमलेश झाक संजोजकत्वमे दरभंगा जिलाक बेनीपुर अनुमण्डल अन्तर्गत ‘डखराम’ गाममे होएत।
भावी संयोजक श्री कमलेश झाकेँ वर्तमान संयोजक श्री उमेश मण्डल दीप तथा पंजी समर्पित केलैन।
अन्तमे, धन्यवाद ज्ञापनमे, बाहरसँ आएल साहित्यकार, स्थानीय साहित्यकार एंव सहयोगी तथा विशेष सहयोगीकेँ संयोजक धन्यवाद-नमन केलैन। ऐ तरहें सगर रातिक कथा शेष भेल।
निम्न अछि- क्रमानुसार पठित कथाक नओं, कथाकारक नाओं, तथा समीक्षकक सुची, संगे सगर राति दीप जरय समिति- निर्मली केर सक्रिय कार्यकर्ता, संचालक तथा विशेष सहयोगीक सेहो।
कथा पाठ एवं समीक्षा :
पहिल पाली-
१. फ्रेण्ड : पल्लवी कुमारी
२. सभसँ कठिन जातिक अपमान : रतन कुमार ‘रवि’३. अवाक् : राजदेव मण्डल
समीक्षा : डॉ. विमल कुमार राय, डॉ. श्यामानन्द चौधरी, डॉ. राम अशीष सिंह।
दोसर पाली-
४. अवसरवाद : अजय कुमार दास
५. ऊपर फरकी मामीक सराध : लक्ष्मी दास
६. हाथी आ मूस : जगदीश प्रसाद मण्डल
समीक्षा : श्री कमलेश झा, श्री दुर्गानन्द मण्डल (बनरझूला) श्री दुर्गानन्द मण्डल।
तेसर पाली-
७. बबाजीक मकड़जाल : संजीव कुमार ‘शमा’८. शैतान आ भगवान : दुर्गानन्द मण्डल
९. सहोदरा नै बना पेलौं : उमेश मण्डल
समीक्षा : डॉ. शिव कुमार प्रसाद, डॉ. विमल कुमार राय, डॉ. श्यामानन्द चौधरी, डॉ. राम अशीष सिंह।
चारिम पाली-
१०. समाजक हाल : रोहित कुमार सिंह
११. इज्जतक सवाल : राम विलास साहु
१२. हैवानक संग सधमुहोँ : दुखन प्रसाद यादव
१३. बाल बोध : शम्भु सौरभ
१४. एक दिन हमरो : शारदा नन्द सिंह
समीक्षा : श्री फागु लाल साहु, श्री सुशील कुमार साह, श्री राजदेव मण्डल ‘रमण’।
पॉंचिम पाली-
१५. सिद्धि साध्ये : उमेश नारायण कर्ण ‘कल्पकवि’१६. श्रोता : अशोक कुमार मिश्र
१७. फ्रॉडिज्म : शिव कुमार मिश्र
१८. कर्मक फल : फागु लाल साहु
समीक्षा : श्री राजदेव मण्डल, श्री रतन कुमार ‘रवि’, श्री कमलेश झा।
छठम पाली-
१९. आब कहू : नन्द विलास राय
२०. हमर समाज : कौशल झा
२१. खुशी : पंकज कुमार ‘प्रभाकर’२२. मौखिक : राधाकान्त मण्डल
२३. मनुखक मोल : सुशील कुमार
समीक्षा : श्री राम विलास साहु, श्री संजीव कुमार ‘शमा’, श्री उमेश मण्डल।
सातम पाली-
२४. एकटा आर : शारदानन्द सिंह
२५. बरियातीमे गारि : लक्ष्मी दास
समीक्षा : डॉ श्यामानन्द चौधरी, श्री कमलेश झा।
.......................श्री संजय कुमार मण्डल, श्री सत्रुघ्न कुमार मण्डल, श्री विनोद ठाकुर, श्री सुजीत कुमार साहु, श्री अखिलेश कुमार मण्डल, श्री शशि भूषण कुमार, श्री संतोष कुमार राय आदि।
श्री सुरेश महतो, श्री मुकुल प्रसाद साहु, श्री सुरेन्द्र प्रसाद यादव, श्री विनोद कुमार तथा उमेश मण्डल।
श्री सत्य नारायण प्रसाद साहु, श्री नारायण प्रसाद सिंह, श्री पिंकु पंसारी, श्री राम प्रकाश साहु, श्री देवेश कुमार सिंह, श्री प्रभाष कुमार कामत, श्री मनोज कुमार शर्मा, श्री देवेश कुमार सिंह, श्री रामनाथ गुप्ता, श्री राम लखन भण्डारी, श्री अखिलेश चौधरी, श्री राम सुन्द्रर साहु, प्रो. धीरेन्द्र कुमार तथा डॉ. विमल कुमार राय...।
समाद : पुनम मण्डल।
86म दीप सरग राति जरल
मधुबनी जिलाक फुलपरास अनुमण्डलक ‘लकसेना’ गाममे 20 जून 2015 केँ 86म ‘सगर राति दीप जरय’ (कथा-साहित्य गोष्ठी) क आयोजन ‘उन्मुक्त’क सौजन्यसँ श्री राजदेव मण्डल ‘रमण’क संयोजकत्वमे आयोजित भऽ सफल भेल। ऐ अवसरिपर श्री जगदीश प्रसाद मण्डलक दूटा पोथी क्रमश: ‘पसेनाक धरम’ आ ‘मधुमाछी’ (लघु कथा संग्रह)क लोकार्पणक संग वितरण भेल। संगे हालहिमे प्रकाशित डॉ. रंगनाथ दिवाकार (मूल नाम- रंगनाथ चौधरी)क लधु कथा संग्रह ''भखरैत नील रंग'' किछु कथाकारकेँ देल गेलनि। अगिला गोष्ठीसुपौल जिला अन्तर्गत ‘निर्मली’मे हएत से सर्वसम्मतिसँ निर्णए भेल।
फोटोक संग ब्रेकिंग न्यूज निम्न अछि-
फोटोक संग ब्रेकिंग न्यूज निम्न अछि-
संयोजक- श्री राजदेव मण्डल ‘रमण’आयोजक- उन्मुक्त
उद्घाटन- डॉ. खुशीलाल मण्डल, डॉ. योगेन्द्र पाठक ‘वियोगी’, श्री भोगेन्द्र यादव ‘भाष्कर’, श्री कमलेश झा, श्री जगदीश प्रसाद मण्डल, श्री राजदेव मण्डल, डॉ. शिव कुमार प्रसाद।
दू शब्द- श्री कमलेश झा, श्री नन्द विलास राय, श्री बाल गोविन्द यादव ‘गोविन्दाचार्य’अध्यक्ष मण्डल- श्री दुर्गानन्द मण्डल (बनरझूला), श्री भोगेन्द्र यादव ‘भाष्कर’ (अवकाश प्राप्त शिक्षक), डॉ. शिव कुमार प्रसाद, डॉ. योगेन्द्र पाठक ‘वियोगी’, श्री जगदीश प्रसाद मण्डल आ श्री कमलेश झा।
संचालन समिति- श्री दुर्गानन्द मण्डल आ उमेश मण्डल
पोथी लोकार्पण- श्री जगदीश प्रसाद मण्डलक दूटा लघु कथा संग्रह क्रमश: (1) पसेनाक धरम, (2) मधुमाछी।
पहिल पोथीक लोकार्पण कर्ता- प्रो. खुशीलाल मण्डल, प्रो. राम विलास राय आ डॉ.योगेन्द्र पाठक ‘वियोगी’।
दोसर पोथीक लोकार्पण कर्ता- श्री भोगेन्द्र यादव ‘भाष्कर’, श्री रतन कुमार ‘रवि’ आ श्री कमलेश झा।
कथा पाठ-
पहिल सत्र-
(1) चोरविद्या- पल्लवी कुमारी
(2) केतौ किछु होउ- लक्ष्मी दास
(3) टोन- दीन बन्धु झा
समीक्षा- श्री कमलेश झा, डॉ. शिव कुमार प्रसाद, श्री राजदवे मण्डल, बाल गोविन्द यादव ‘गोविन्दाचार्य’दोसर सत्र-
(4) भगवनान भरोष- ललन कुमार कामत
(5) सपनेमे बीति गेल जिनगी- संजीव कुमार ‘शमा’
(6) शबनम- उमेश नारायण कर्ण
(7) मुड़नक मुर- उमेश मण्डल
समीक्षा- श्री राम विलास साहु, डॉ. योगेन्द्र पाठक ‘वियोगी’, श्री शम्भु ‘सौरभ’, दुर्गा नन्द मण्डल (बनरझूला)
उद्घाटन- डॉ. खुशीलाल मण्डल, डॉ. योगेन्द्र पाठक ‘वियोगी’, श्री भोगेन्द्र यादव ‘भाष्कर’, श्री कमलेश झा, श्री जगदीश प्रसाद मण्डल, श्री राजदेव मण्डल, डॉ. शिव कुमार प्रसाद।
दू शब्द- श्री कमलेश झा, श्री नन्द विलास राय, श्री बाल गोविन्द यादव ‘गोविन्दाचार्य’अध्यक्ष मण्डल- श्री दुर्गानन्द मण्डल (बनरझूला), श्री भोगेन्द्र यादव ‘भाष्कर’ (अवकाश प्राप्त शिक्षक), डॉ. शिव कुमार प्रसाद, डॉ. योगेन्द्र पाठक ‘वियोगी’, श्री जगदीश प्रसाद मण्डल आ श्री कमलेश झा।
संचालन समिति- श्री दुर्गानन्द मण्डल आ उमेश मण्डल
पोथी लोकार्पण- श्री जगदीश प्रसाद मण्डलक दूटा लघु कथा संग्रह क्रमश: (1) पसेनाक धरम, (2) मधुमाछी।
पहिल पोथीक लोकार्पण कर्ता- प्रो. खुशीलाल मण्डल, प्रो. राम विलास राय आ डॉ.योगेन्द्र पाठक ‘वियोगी’।
दोसर पोथीक लोकार्पण कर्ता- श्री भोगेन्द्र यादव ‘भाष्कर’, श्री रतन कुमार ‘रवि’ आ श्री कमलेश झा।
कथा पाठ-
पहिल सत्र-
(1) चोरविद्या- पल्लवी कुमारी
(2) केतौ किछु होउ- लक्ष्मी दास
(3) टोन- दीन बन्धु झा
समीक्षा- श्री कमलेश झा, डॉ. शिव कुमार प्रसाद, श्री राजदवे मण्डल, बाल गोविन्द यादव ‘गोविन्दाचार्य’दोसर सत्र-
(4) भगवनान भरोष- ललन कुमार कामत
(5) सपनेमे बीति गेल जिनगी- संजीव कुमार ‘शमा’
(6) शबनम- उमेश नारायण कर्ण
(7) मुड़नक मुर- उमेश मण्डल
समीक्षा- श्री राम विलास साहु, डॉ. योगेन्द्र पाठक ‘वियोगी’, श्री शम्भु ‘सौरभ’, दुर्गा नन्द मण्डल (बनरझूला)
तेसर सत्र-
(8) सस्ता रोबे वार-वार- डॉ. योगेन्द्र पाठक ‘वियोगी’
(9) गंगा सुखा गेल- डॉ. योगेन्द्र पाठक ‘वियोगी’
(10) गंगा नहाएब- राम विलास साहु
(11) टुटैसँ बँचि गेल- दुर्गानन्द मण्डल
समीक्षा- श्री जगदीश प्रसाद मण्डल, श्री भोगेन्द्र यादव ‘भाष्कर’, श्री संजीव कुमार ‘शमा’, श्री राजदेव मण्डल आ उमेश मण्डल।
(8) सस्ता रोबे वार-वार- डॉ. योगेन्द्र पाठक ‘वियोगी’
(9) गंगा सुखा गेल- डॉ. योगेन्द्र पाठक ‘वियोगी’
(10) गंगा नहाएब- राम विलास साहु
(11) टुटैसँ बँचि गेल- दुर्गानन्द मण्डल
समीक्षा- श्री जगदीश प्रसाद मण्डल, श्री भोगेन्द्र यादव ‘भाष्कर’, श्री संजीव कुमार ‘शमा’, श्री राजदेव मण्डल आ उमेश मण्डल।
चारिम सत्र-
(12) शिक्षाक अन्तिम उद्देश्य- नन्द विलास राय
(13) वेस्तता- बेचन ठाकुर
(14) छोटू- शम्भु सौरभ
समीक्षा- श्री शारदा नन्द सिंह, श्री कमलेश झा, श्री अजय कुमार ‘पिण्टू’पाँचम सत्र-
(15) तितल बिलाड़ि- शिवकुमार मिश्र
(16) आब कहिया चेतब- कपिलेश्वर राउत
(17) लाचारी- गौड़ी शंकर साह
समीक्षा- श्री जगदीश प्रसाद मण्डल, योगेन्द्र पाठक ‘वियोगी’, श्री नन्द विलास राय।
(12) शिक्षाक अन्तिम उद्देश्य- नन्द विलास राय
(13) वेस्तता- बेचन ठाकुर
(14) छोटू- शम्भु सौरभ
समीक्षा- श्री शारदा नन्द सिंह, श्री कमलेश झा, श्री अजय कुमार ‘पिण्टू’पाँचम सत्र-
(15) तितल बिलाड़ि- शिवकुमार मिश्र
(16) आब कहिया चेतब- कपिलेश्वर राउत
(17) लाचारी- गौड़ी शंकर साह
समीक्षा- श्री जगदीश प्रसाद मण्डल, योगेन्द्र पाठक ‘वियोगी’, श्री नन्द विलास राय।
छठम सत्र-
(18) पहपटि- जगदीश प्रसाद मण्डल
(19) इजोरिया राति- जगदीश प्रसाद मण्डल
(20) खलिया बन्दूक भटाभटि- शारदा नन्द सिंह
समीक्षा- श्री कमलेश झा, डॉ. योगेन्द्र पाठक ‘वियोगी’, डॉ. शिवकुमार प्रसाद, श्री बाल गोविन्द ‘गोविन्दाचार्य’, श्री दुर्गा नन्द मण्डल (बनरझूला)
(18) पहपटि- जगदीश प्रसाद मण्डल
(19) इजोरिया राति- जगदीश प्रसाद मण्डल
(20) खलिया बन्दूक भटाभटि- शारदा नन्द सिंह
समीक्षा- श्री कमलेश झा, डॉ. योगेन्द्र पाठक ‘वियोगी’, डॉ. शिवकुमार प्रसाद, श्री बाल गोविन्द ‘गोविन्दाचार्य’, श्री दुर्गा नन्द मण्डल (बनरझूला)
८५ म सगर राति दीप जरय
‘कथा गंगा’मे सगर राति दीप जरल-
‘सगर राति दीप जरय’ एक ओहन मंचक नाओं छी, जइ मंचपर सभ वर्गक साहित्यकार भाग लइ छथि, जाइ-अबै छथि तथा भाषा-साहित्यक विकासक लेल विचार-विमर्श करै छथि। तँए ई ‘सगर राति दीप जरय’ मैथिली भाषा-साहित्यक सभसँ श्रेष्ठ मंच कहबैत अछि। एकर आयोजन जगह-जगह प्राय: तीन मासक अन्तरालपर १९९० ई.सँ होइत आबि रहल अछि।
८५म गोष्ठी श्री ओम प्रकाश झाक संयोजकत्व आ मिथिला परिषद केर प्रस्तुतिमे भागलपुरक द्वारिकापुरी स्थित ‘श्याम कुंज’मे आयोजित भेल जेकर उद्धघाटन वरिष्ठ समालोचक डॉ. प्रेम शंकर सिंह, ‘विदेह’ एवं टैगोर सम्मानसँ सम्मानित साहित्यकार श्री जगदीश प्रसाद मण्डल, तिलकामाझी विश्वविद्यालयक मैथिली विभागाध्यक्ष डॉ. केष्कर ठाकुर, डॉ. शिव प्रसाद यादव एवं अवकाश प्राप्त शिक्षक दुखमोचन झा संयुक्त रूपे दीप नेसि केलनि। पछाति एक विशिष्ठ अध्यक्ष मण्डल एवं संचालन समितिक निर्माण करि गोसाउनिक गीत, स्वागत गान एवं स्वस्ति वाचनसँ साँझक छह बजे गोष्ठीक शुभारम्भ भेल, रातिक १२:३० बजे घण्टा भरिक भोजनावकाश भेल, जइ शुन्यकालमे, भोजनक पछाति, संयोजक- सह गजलकार ओम प्रकाशजी अपन नव रचित दूटा गजल सुना कथाकार सभ साहित्यकार-साहित्य प्रेमीकेँ साहित्य-रसमे बोरि देलनि। पुन: कथा पाठ आ समीक्षाक क्रमकेँ आगू बढ़ौल गेल। जे चलैत-चलैत भिनसर छह बजेमे आबि अध्यक्षीय उद्बोधनक संग संयोजकक धन्यवाद ज्ञापन तथा दीप-पंजीक हस्तांतरणक पछाति इति भेल। ऐ गोष्ठीमे दूर-दूरसँ आएल साहित्यकार-कथाकार-समीक्षक एवं श्रोताक तथा स्थानीय साहित्यकार-कथाकारक संग कथा प्रेमीक बेस जमघट ताधरि बनल रहल जाधरि अगिला गोष्ठीक निर्णयक संग आयोजित गोष्ठीक समापनक घोषणा नहि कएल गेल।
८६म आयोजन मधुबनी जिला अन्तर्गत फुलपरास प्रखण्डक महिन्दवार पंचायतक ‘लकसेना’ गाममे होएत, जइमे पहुँचैक हकार दैत भावी संयोजक श्री राजदेव मण्डल ‘रमण’जी कहलनि- ‘अधिक-सँ-अधिक कथाकार-साहित्यकार-समीक्षक सभकेँ लकसेना गामक ८६म कथा गोष्ठीमे सुआगत छन्हि।’
८५म गोष्ठीक अध्यक्ष मण्डल, संचालन समिति, कथायात्राक मादे दू शब्द, पोथी लोकार्पण, कथा पाठ एवं समीक्षा-टिप्पणीक विवरण निच्चाँमे देल जा रहल अछि-
अध्यक्ष मण्डल-
डॉ. प्रेम शंकर सिंह, श्री जगदीश प्रसाद मण्डल, डॉ. केष्कर ठाकुर, श्री विवेकानन्द झा ‘बीनू’ श्री राजदेव मण्डल, श्री श्यामानन्द चौधरी।
संचालन समिति-
श्री दुगानन्द मण्डल, श्री पंकज कुमार झा एवं उमेश मण्डल।
कथायात्राक मादे दू शब्द-
प्रो. केष्कर ठाकुर, पो. प्रेम शंकर सिंह, श्री जगदीश प्रसाद मण्डल, श्री विवेकानन्द झा ‘बीनू’गोसाउनिक गीत-
श्रीमती निक्की प्रियदर्शनी आ स्वीटी कुमारी।
स्वस्ति वाचन-
श्री शिव कुमार मिश्र।
पोथी लोकापर्ण-
अपन मन अपन धन (लघु कथा संग्रह) जगदीश प्रसाद मण्डलक
उकड़ू समय (लघु कथा संग्रह) जगदीश प्रसाद मण्डलक
लोकार्पण कर्ता-
डॉ. केष्कर ठाकुर
डा. प्रेम शंकर सिंह
पहिल सत्रमे कथा पाठ-
(१) लगक दूरी- निक्की प्रियदर्शनी
(२) गहींर आँखिक बेथा- ओम प्रकाश झा
(३) डोमक आगि- रामविलास साहु
(४) शिवनाथ कक्काक डायरी- अखिलेश मण्डल।
समीक्षा-टिप्पणी, पहिल सत्रक-
डॉ. शिव कुमार प्रसाद, उमेश मण्डल, डॉ. शिव प्रसाद यादव एवं श्री नन्द विलास राय।
दोसर सत्रमे कथा पाठ-
(५) हमर बाइनिक विचार- जगदीश प्रसाद मण्डल
(६) प्राश्चित- गौड़ी शंकर साह
(७) मजाकेमे चलि गेलौं- लक्ष्मी दास।
समीक्षा-
श्री राम सेवक सिंह, प्रो. केष्कर ठाकुर, श्री श्यामानान्द चौधरी, डॉ. प्रमोद पाण्डेय।
तेसर सत्रमे कथा पाठ-
(८) जीन्स पेन्ट- नन्द विलास राय
(९) लाल नुआँ- शम्भु सौरभ
(१०) धोइते-धोइते भगवान बना देबइ- उमेश मण्डल
(११) धर्म आ धार्मिक- दुख मोचन झा
समीक्षा-
श्री ओम प्रकाश झा, डॉ. प्रेम शंकर सिंह, डा. शिव प्रसाद यादव, श्री राजदवे मण्डल।
चारिम सत्रमे कथा पाठ-
(१२) अनमेल बिआह- शिव प्रसाद यादव
(१३) मुरझाएल फूल- कपिलेश्वर राउत
(१४) पुत्रक कर्तव्य- नारायण झा
(१५) भूख- पंकज कुमार झा
(१६) बेसी भऽ गेल आब नहि- हेम नारयण साहु।
समीक्षा-
श्री जगदीश प्रसाद मण्डल, श्री विनोदानन्द झा ‘बीनू’, डॉ. शिव कुमार प्रसाद।
पाँचिम सत्रमे कथा पाठ-
(१७) भीखमंगा- प्रकाश कुमार झा
(१८) भोला- ललन कुमार कामत
(१९) विधवा बिआह- बेचन ठाकुर
(२०) होटलमे पुकार- दुखन प्रसाद यादव
(२१) चोंचाक खोंता- उमेश नारायण कर्ण
समीक्षा-
श्री श्यामानन्द चौधरी, डॉ. शिव कुमार प्रसाद, राजदेव मण्डल ‘रमण’छठिम सत्रमे कथा पाठ-
(२२) अपन घर- राजदेव मण्डल
(२३) चीफ गेष्ट- शिव कुमार मिश्र
(२४) मायाक तागत- राजदेव मण्डल ‘रमण’
(२५) आमक ठाढ़ि- शिव कुमार प्रसाद
(२६) हेराएल कोदारि- शिव कुमार प्रसाद
(२७) डिजाइनवाली कनियाँ- शारदा नन्द सिंह
समीक्षा-
उमेश मण्डल, नन्द विलास राय, श्यामानन्द चौधरी एवं हेम नारायण साहु।
समाद-
८५म गोष्ठी श्री ओम प्रकाश झाक संयोजकत्व आ मिथिला परिषद केर प्रस्तुतिमे भागलपुरक द्वारिकापुरी स्थित ‘श्याम कुंज’मे आयोजित भेल जेकर उद्धघाटन वरिष्ठ समालोचक डॉ. प्रेम शंकर सिंह, ‘विदेह’ एवं टैगोर सम्मानसँ सम्मानित साहित्यकार श्री जगदीश प्रसाद मण्डल, तिलकामाझी विश्वविद्यालयक मैथिली विभागाध्यक्ष डॉ. केष्कर ठाकुर, डॉ. शिव प्रसाद यादव एवं अवकाश प्राप्त शिक्षक दुखमोचन झा संयुक्त रूपे दीप नेसि केलनि। पछाति एक विशिष्ठ अध्यक्ष मण्डल एवं संचालन समितिक निर्माण करि गोसाउनिक गीत, स्वागत गान एवं स्वस्ति वाचनसँ साँझक छह बजे गोष्ठीक शुभारम्भ भेल, रातिक १२:३० बजे घण्टा भरिक भोजनावकाश भेल, जइ शुन्यकालमे, भोजनक पछाति, संयोजक- सह गजलकार ओम प्रकाशजी अपन नव रचित दूटा गजल सुना कथाकार सभ साहित्यकार-साहित्य प्रेमीकेँ साहित्य-रसमे बोरि देलनि। पुन: कथा पाठ आ समीक्षाक क्रमकेँ आगू बढ़ौल गेल। जे चलैत-चलैत भिनसर छह बजेमे आबि अध्यक्षीय उद्बोधनक संग संयोजकक धन्यवाद ज्ञापन तथा दीप-पंजीक हस्तांतरणक पछाति इति भेल। ऐ गोष्ठीमे दूर-दूरसँ आएल साहित्यकार-कथाकार-समीक्षक एवं श्रोताक तथा स्थानीय साहित्यकार-कथाकारक संग कथा प्रेमीक बेस जमघट ताधरि बनल रहल जाधरि अगिला गोष्ठीक निर्णयक संग आयोजित गोष्ठीक समापनक घोषणा नहि कएल गेल।
८६म आयोजन मधुबनी जिला अन्तर्गत फुलपरास प्रखण्डक महिन्दवार पंचायतक ‘लकसेना’ गाममे होएत, जइमे पहुँचैक हकार दैत भावी संयोजक श्री राजदेव मण्डल ‘रमण’जी कहलनि- ‘अधिक-सँ-अधिक कथाकार-साहित्यकार-समीक्षक सभकेँ लकसेना गामक ८६म कथा गोष्ठीमे सुआगत छन्हि।’
८५म गोष्ठीक अध्यक्ष मण्डल, संचालन समिति, कथायात्राक मादे दू शब्द, पोथी लोकार्पण, कथा पाठ एवं समीक्षा-टिप्पणीक विवरण निच्चाँमे देल जा रहल अछि-
अध्यक्ष मण्डल-
डॉ. प्रेम शंकर सिंह, श्री जगदीश प्रसाद मण्डल, डॉ. केष्कर ठाकुर, श्री विवेकानन्द झा ‘बीनू’ श्री राजदेव मण्डल, श्री श्यामानन्द चौधरी।
संचालन समिति-
श्री दुगानन्द मण्डल, श्री पंकज कुमार झा एवं उमेश मण्डल।
कथायात्राक मादे दू शब्द-
प्रो. केष्कर ठाकुर, पो. प्रेम शंकर सिंह, श्री जगदीश प्रसाद मण्डल, श्री विवेकानन्द झा ‘बीनू’गोसाउनिक गीत-
श्रीमती निक्की प्रियदर्शनी आ स्वीटी कुमारी।
स्वस्ति वाचन-
श्री शिव कुमार मिश्र।
पोथी लोकापर्ण-
अपन मन अपन धन (लघु कथा संग्रह) जगदीश प्रसाद मण्डलक
उकड़ू समय (लघु कथा संग्रह) जगदीश प्रसाद मण्डलक
लोकार्पण कर्ता-
डॉ. केष्कर ठाकुर
डा. प्रेम शंकर सिंह
पहिल सत्रमे कथा पाठ-
(१) लगक दूरी- निक्की प्रियदर्शनी
(२) गहींर आँखिक बेथा- ओम प्रकाश झा
(३) डोमक आगि- रामविलास साहु
(४) शिवनाथ कक्काक डायरी- अखिलेश मण्डल।
समीक्षा-टिप्पणी, पहिल सत्रक-
डॉ. शिव कुमार प्रसाद, उमेश मण्डल, डॉ. शिव प्रसाद यादव एवं श्री नन्द विलास राय।
दोसर सत्रमे कथा पाठ-
(५) हमर बाइनिक विचार- जगदीश प्रसाद मण्डल
(६) प्राश्चित- गौड़ी शंकर साह
(७) मजाकेमे चलि गेलौं- लक्ष्मी दास।
समीक्षा-
श्री राम सेवक सिंह, प्रो. केष्कर ठाकुर, श्री श्यामानान्द चौधरी, डॉ. प्रमोद पाण्डेय।
तेसर सत्रमे कथा पाठ-
(८) जीन्स पेन्ट- नन्द विलास राय
(९) लाल नुआँ- शम्भु सौरभ
(१०) धोइते-धोइते भगवान बना देबइ- उमेश मण्डल
(११) धर्म आ धार्मिक- दुख मोचन झा
समीक्षा-
श्री ओम प्रकाश झा, डॉ. प्रेम शंकर सिंह, डा. शिव प्रसाद यादव, श्री राजदवे मण्डल।
चारिम सत्रमे कथा पाठ-
(१२) अनमेल बिआह- शिव प्रसाद यादव
(१३) मुरझाएल फूल- कपिलेश्वर राउत
(१४) पुत्रक कर्तव्य- नारायण झा
(१५) भूख- पंकज कुमार झा
(१६) बेसी भऽ गेल आब नहि- हेम नारयण साहु।
समीक्षा-
श्री जगदीश प्रसाद मण्डल, श्री विनोदानन्द झा ‘बीनू’, डॉ. शिव कुमार प्रसाद।
पाँचिम सत्रमे कथा पाठ-
(१७) भीखमंगा- प्रकाश कुमार झा
(१८) भोला- ललन कुमार कामत
(१९) विधवा बिआह- बेचन ठाकुर
(२०) होटलमे पुकार- दुखन प्रसाद यादव
(२१) चोंचाक खोंता- उमेश नारायण कर्ण
समीक्षा-
श्री श्यामानन्द चौधरी, डॉ. शिव कुमार प्रसाद, राजदेव मण्डल ‘रमण’छठिम सत्रमे कथा पाठ-
(२२) अपन घर- राजदेव मण्डल
(२३) चीफ गेष्ट- शिव कुमार मिश्र
(२४) मायाक तागत- राजदेव मण्डल ‘रमण’
(२५) आमक ठाढ़ि- शिव कुमार प्रसाद
(२६) हेराएल कोदारि- शिव कुमार प्रसाद
(२७) डिजाइनवाली कनियाँ- शारदा नन्द सिंह
समीक्षा-
उमेश मण्डल, नन्द विलास राय, श्यामानन्द चौधरी एवं हेम नारायण साहु।
समाद-
उमेश मण्डल।
८४म सगर राति दीप जरय
८४म सगर राति दीप जरय २० दिसम्बरक साँझमे शुरू भ' २१ दिसम्बर २०१४क भिनसरमे सम्पन्न भेल। ८५म आयोजन भागलपुरमे श्री ओम प्रकाश झा केर संयोजकत्वमे मार्च २०१५क अन्तिम शनिकेँ होएत। ई निर्णए अध्यक्ष मण्डल एवं संचालन समिति तथा गोष्ठीमे उपस्थित सबहक विचारसँ भेल। ओना प्रस्ताव श्री राजदेव मण्डल ‘रमण’ जीक सेहो रहनि जे लकसेना (मधुबनी)मे हुअए। मुदा सर्वसम्मति भागलपुरेक रहल। अत: दीप आ पंजी वर्तमान गोष्ठीक संयोजक भावी संयोजककेँ देलखिन। संचालन समितिमे दुर्गानन्द मण्डल, ओम प्रकाश झा तथा उमेश मण्डल छला आ अध्यक्ष मण्डलमे शिव कुमार प्रसाद, श्यामानन्द चौधरी तथा सच्चिदानन्द ‘सचिद’। मो. गुल हसन एवं फिरोज आलम स्वागत गीत गौलनि, एवं स्वतीवाचन शिवकुमार मिश्र। तीन सत्रमे निम्न कार्यक्रमानुसार ऐ गोष्ठीक भरि रातिक यात्रा भेल-
उद्घाटन सत्र- परिचए-पात तथा दू शब्द-
उद्घाटनकर्ता-
श्यामानन्द चौधरी
जगदीश प्रसाद मण्डल
पं. सच्चिदानन्द मिश्र ‘सचिद’मिहिर झा महादेव
ओम प्रकाश झा
शिव कुमार प्रसाद
राजदेव मण्डल ‘रमण’
उद्घाटन सत्र- परिचए-पात तथा दू शब्द-
उद्घाटनकर्ता-
श्यामानन्द चौधरी
जगदीश प्रसाद मण्डल
पं. सच्चिदानन्द मिश्र ‘सचिद’मिहिर झा महादेव
ओम प्रकाश झा
शिव कुमार प्रसाद
राजदेव मण्डल ‘रमण’
पोथी लोकार्पण सत्र-
(१) डीहक जमीन (विहनि/लघु कथा संग्रह) ओम प्रकाश झाजी केर
लोकार्पणकर्ता-
जगदीश प्रसाद मण्डल,उमेश नारायण कर्ण,राम विलास साहु।
(२) समरथाइक भूत (लघु कथा संग्रह) जगदीश प्रसाद मण्डलजी केर
लोकार्पणकर्ता-
ओम प्रकाश झा
सच्चिदानन्द ‘सचिद’शम्भु सौरभ
(३) गामक शकल-सूरत (लघु कथा संग्रह) जगदीश प्रसाद मण्डलजी केर
लोकार्पणकर्ता-
श्यामानन्द चौधरी
अनुप कुमार कश्यप
राजदेव मण्डल ‘रमण’उमेश नारायण कर्ण
(४) अप्पन-बीरान (लघु कथा संग्रह) जगदीश प्रसाद मण्डलजी केर
लोकार्पणकर्ता-
बेचन ठाकुर
फागुलाल साहु
मिहिर झा महादेव
रामाकान्त मिश्र
(५) बाल-गोपाल (लघु कथा संग्रह) जगदीश प्रसाद मण्डलजी केर
लोकार्पणकर्ता-
संजय कुमार मण्डल
सूर्य नारायण कामत (सूरज कामत)
शम्भु सौरभ
शिव कुमार प्रसाद
(६) लजबिजी (लघु कथा संग्रह) जगदीश प्रसाद मण्डलजी केर
लोकार्पणकर्ता-
बमभोली झा
दुर्गानन्द मण्डल
शिव कुमार प्रसाद
गांधी प्रसाद (सरपंच)
(७) पतझाड़ (लघु कथा संग्रह) जगदीश प्रसाद मण्डलजी केर
लोकार्पणकर्ता-
ओम प्रकाश झा
श्यामानन्द चौधरी
राम विलास साहु
नन्द विलास राय
(८) रटनी खढ़ (लघु कथा संग्रह) जगदीश प्रसाद मण्डलजी केर
लोकार्पणकर्ता-
अरविन्द चौधरी
अनुप कुमार कश्यप
कपिलेश्वर राउत
मो. गुल हसन
(९) शिव दर्शन (पद्य) पं. सच्चिदानन्द मिश्र
लोकार्पणकर्ता-
ओम प्रकाश झा
शम्भु सौरभ
शिव कुमार प्रसाद
कपिलेश्वर राउत
(१०) अभिलाषा (मैथिली भजनमाला) पं. सच्चिदानन्द मिश्र
लोकार्पणकर्ता-
श्यामानन्द चौधरी
बेचन ठाकुर (सरिसव पाही)
(१) डीहक जमीन (विहनि/लघु कथा संग्रह) ओम प्रकाश झाजी केर
लोकार्पणकर्ता-
जगदीश प्रसाद मण्डल,उमेश नारायण कर्ण,राम विलास साहु।
(२) समरथाइक भूत (लघु कथा संग्रह) जगदीश प्रसाद मण्डलजी केर
लोकार्पणकर्ता-
ओम प्रकाश झा
सच्चिदानन्द ‘सचिद’शम्भु सौरभ
(३) गामक शकल-सूरत (लघु कथा संग्रह) जगदीश प्रसाद मण्डलजी केर
लोकार्पणकर्ता-
श्यामानन्द चौधरी
अनुप कुमार कश्यप
राजदेव मण्डल ‘रमण’उमेश नारायण कर्ण
(४) अप्पन-बीरान (लघु कथा संग्रह) जगदीश प्रसाद मण्डलजी केर
लोकार्पणकर्ता-
बेचन ठाकुर
फागुलाल साहु
मिहिर झा महादेव
रामाकान्त मिश्र
(५) बाल-गोपाल (लघु कथा संग्रह) जगदीश प्रसाद मण्डलजी केर
लोकार्पणकर्ता-
संजय कुमार मण्डल
सूर्य नारायण कामत (सूरज कामत)
शम्भु सौरभ
शिव कुमार प्रसाद
(६) लजबिजी (लघु कथा संग्रह) जगदीश प्रसाद मण्डलजी केर
लोकार्पणकर्ता-
बमभोली झा
दुर्गानन्द मण्डल
शिव कुमार प्रसाद
गांधी प्रसाद (सरपंच)
(७) पतझाड़ (लघु कथा संग्रह) जगदीश प्रसाद मण्डलजी केर
लोकार्पणकर्ता-
ओम प्रकाश झा
श्यामानन्द चौधरी
राम विलास साहु
नन्द विलास राय
(८) रटनी खढ़ (लघु कथा संग्रह) जगदीश प्रसाद मण्डलजी केर
लोकार्पणकर्ता-
अरविन्द चौधरी
अनुप कुमार कश्यप
कपिलेश्वर राउत
मो. गुल हसन
(९) शिव दर्शन (पद्य) पं. सच्चिदानन्द मिश्र
लोकार्पणकर्ता-
ओम प्रकाश झा
शम्भु सौरभ
शिव कुमार प्रसाद
कपिलेश्वर राउत
(१०) अभिलाषा (मैथिली भजनमाला) पं. सच्चिदानन्द मिश्र
लोकार्पणकर्ता-
श्यामानन्द चौधरी
बेचन ठाकुर (सरिसव पाही)
(११) सीडी लोकार्पण-
(१) मैथिली गजल: आगमन ओ प्रस्थान बिंदु (आलोचना संकलन) सं.सं- गजेन्द्र ठाकुर, आशीष अनचिन्हारजी केर
(२) सखुआवाली (विहनि/लघु कथा संग्रह) सं.सं- उमेश मण्डलक
(३) निर्मल सनेस (विहनि/लघु कथा संग्रह) सं.सं- उमेश मण्डलक
(४) देवघरक प्रसाद (विहनि/लघु कथा संग्रह) सं.सं- उमेश मण्डलक
(५) कथा बौद्ध सिद्ध मेहथपा- (विहनि/लघु कथा संग्रह) सं.सं- विदेह-
सम्मिलित रूपे लोकार्पण-
जगदीश प्रसाद मण्डल
शिव कुमार प्रसाद
ओम प्रकाश झा
राजदेव मण्डल ‘रमण’कपिलेश्वर राउत।
(१) मैथिली गजल: आगमन ओ प्रस्थान बिंदु (आलोचना संकलन) सं.सं- गजेन्द्र ठाकुर, आशीष अनचिन्हारजी केर
(२) सखुआवाली (विहनि/लघु कथा संग्रह) सं.सं- उमेश मण्डलक
(३) निर्मल सनेस (विहनि/लघु कथा संग्रह) सं.सं- उमेश मण्डलक
(४) देवघरक प्रसाद (विहनि/लघु कथा संग्रह) सं.सं- उमेश मण्डलक
(५) कथा बौद्ध सिद्ध मेहथपा- (विहनि/लघु कथा संग्रह) सं.सं- विदेह-
सम्मिलित रूपे लोकार्पण-
जगदीश प्रसाद मण्डल
शिव कुमार प्रसाद
ओम प्रकाश झा
राजदेव मण्डल ‘रमण’कपिलेश्वर राउत।
कथा सत्र- कथा पाठ एवं समीक्षा-
पहिल पालीमे-
लोकतंत्रक माने- ओम प्रकाश झा-
टेटरा हीरा- नन्द विलास राय-
समीक्षा-
श्यामानन्द चौधरी
फागुलाल साह
शिव कुमार प्रसाद
अनुप कुमार कश्यप।
पहिल पालीमे-
लोकतंत्रक माने- ओम प्रकाश झा-
टेटरा हीरा- नन्द विलास राय-
समीक्षा-
श्यामानन्द चौधरी
फागुलाल साह
शिव कुमार प्रसाद
अनुप कुमार कश्यप।
दोसर पाली-
पवित्र पापी- उमेश नारायण कर्ण-
जाति-पाति- दुर्गानन्द मण्डल
समीक्षा-
राम विलास साहु
राजदेव मण्डल ‘रमण’संयज कुमार मण्डल
मिहिर झा महादेव
पवित्र पापी- उमेश नारायण कर्ण-
जाति-पाति- दुर्गानन्द मण्डल
समीक्षा-
राम विलास साहु
राजदेव मण्डल ‘रमण’संयज कुमार मण्डल
मिहिर झा महादेव
तेसर पाली-
एकर उत्तरदायी के?- शम्भु सौरभ
कमतिया हवेली- राम विलास साहु
समीक्षा-
उमेश मण्डल
फागुलाल साहु
सच्चिदा नन्द झा ‘सचिद’बेचन ठाकुर (नाटकार)
एकर उत्तरदायी के?- शम्भु सौरभ
कमतिया हवेली- राम विलास साहु
समीक्षा-
उमेश मण्डल
फागुलाल साहु
सच्चिदा नन्द झा ‘सचिद’बेचन ठाकुर (नाटकार)
चारिम पाली-
खेती-वाड़ी- बेचन ठाकुर
डीहक जमीन- ओम प्रकाश झा
समीक्षा-
शिव कुमार प्रसाद
मिहिर कुमार झा
बमभोली झा
शम्भु सौरभ
खेती-वाड़ी- बेचन ठाकुर
डीहक जमीन- ओम प्रकाश झा
समीक्षा-
शिव कुमार प्रसाद
मिहिर कुमार झा
बमभोली झा
शम्भु सौरभ
पाँचिम पाली-
बिआह- गौड़ी शंकर साह
इन्फेक्शन- फागुलाल साहु
समीक्षा-
कपिलेश्वर राउत
राम विलास साहु
शशिकान्त झा
उमेश नारायण कर्ण
बिआह- गौड़ी शंकर साह
इन्फेक्शन- फागुलाल साहु
समीक्षा-
कपिलेश्वर राउत
राम विलास साहु
शशिकान्त झा
उमेश नारायण कर्ण
छठिम पाली-
पाँच भूत- उमेश नारायण कर्ण
जरि गेल माइक आस- विपिन कुमार कर्ण
समीक्षा-
कपिलेश्वर राउत
नन्द विलास राय
ओम प्रकाश झा
अनुप कुमार कश्यप
पाँच भूत- उमेश नारायण कर्ण
जरि गेल माइक आस- विपिन कुमार कर्ण
समीक्षा-
कपिलेश्वर राउत
नन्द विलास राय
ओम प्रकाश झा
अनुप कुमार कश्यप
सातिम पाली-
शिव विद्यापति- सच्चिदानन्द ‘सचिद’भरम- लक्ष्मी दास
कलयुगक निर्णए- कपिलेश्वर राउत
समीक्षा-
शम्भु सौरभ
जगदीश प्रसाद मण्डल
श्यामानन्द चौधरी।
शिव विद्यापति- सच्चिदानन्द ‘सचिद’भरम- लक्ष्मी दास
कलयुगक निर्णए- कपिलेश्वर राउत
समीक्षा-
शम्भु सौरभ
जगदीश प्रसाद मण्डल
श्यामानन्द चौधरी।
अंतमे अध्यक्षीय भाषण तथा धन्यवाद ज्ञापन।
८३म सगर राति दीप जरय
मैथिली साहित्यक प्रसिद्ध सर्वहारा मंच “सगर राति दीप जरय” केर ८३म कथा गोष्ठी फुलपरास अनुमण्डलक सखुआ-भपटियाही गामक उत्क्रमित मध्य विद्यालय परिसरमे दिनांक ३० अगस्तक (२०१४) साँझ छह बजेसँ शूरू भऽ ३१ अगस्तक भिनसर छह बजे धरि आकर्षक अध्यक्ष मण्डल तथा संचालन समिति केर अन्तर्गत चलैत रहल। अध्यक्ष मण्डलमे डा. विमल कुमार राय, डा. योगेन्द्र पाठक ‘वियागी’, श्री जगदीश प्रसाद मण्डल, श्री कमलेश झा, तथा डा. शिवकुमार प्रसाद रहथि, तहिना मंचक संचालन समितिमे श्री ओम प्रकाश झा, श्री राजदेव मण्डल आ श्री दुर्गानन्द मण्डल छला।
जहिना जन सहयोगसँ ई गोष्ठी आयोजित छल तहिना भपटियाही, सखुआ, छजना, नरहिया, निर्मली, औरहा, बेरयाही, सुरयाही, रतनसारा, चतरापट्टी, नवटोली, कदमपुरा, पकड़िया, लक्ष्मिनियाँ, गम्हरिया, बेलही इत्यादि गामक तथा टोलक साहित्य प्रेमीक उपस्थिति छल। नव-नव साहित्य प्रेमी सोझाँ एला। पठित कथापर त्वरित समीक्षा/टिप्पणी दऽ केतेक गोटे अपन नव परिचए बनौलनि, देलनि आ सोझा एला। जे सगर राति दीप जरय’क उदेस रहल अछि। उपस्थित साहित्यकार सभ अह्लादित भेला। केते गोटे अपन विचार सेहो मंचेपर व्यक्त केलनि जे अहिना गोष्ठी जँ गाम-घरमे हएत तँ नव-नव लोकक प्रवेश स्वत: साहित्य क्षेत्र होइत रहत, जइसँ समाजक संग साहित्य डेग-मे-डेग मिला कऽ चलत आ चलैत रहत। जइसँ जनजागरण हएत आ मैथिली साहित्यक मध्य एक खास अभावक पूर्ति सेहो हएत।
नारी केन्द्रित गोष्ठी भेने नारी विमर्श करैत अनेक कथा आएल। कथा मध्य ढेर रास नारी-समस्याकेँ चिन्हित कएल गेल। समीक्षक लोकनि अपन-अपन मत दैत भरि रातिक यात्राकेँ सफल बनौलनि। गामक किछु नारीओ गोष्ठीमे एक श्रोता रूपमे उपस्थित छेली।
गोष्ठीक आरम्भ सामुहिक रूपेँ विधिवत् दीप प्रज्वलित कऽ स्थानीय डा. विमल कुमार राय, श्री सूरज नारायण राय ‘सुमन’, संग-संग कलकत्तासँ आएल डा. योगेन्द्र पाठक ‘वियाेगी’, भागलपुरसँ आएल श्री ओम प्रकाश झा एवं बेरमासँ आएल श्री जगदीश प्रसाद मण्डलजी द्वारा करौल गेल।
छह पालीमे कुल २७ गोट नूतन विहनि/लघु कथाक पाठ भेल। समीक्षा भेल, दर्जन भरि पोथीक लोकार्पण भेल। जइमे दू गोट पोथी क्रमश: “कारू खिरहरि” आ “संत कारू खिरहरि” अयोधी यादव ‘अमर’क। आ पाँच गोट लघु कथाक पोथीक साॅफ्ट कौपी क्रमश: “अप्पन-बीरान”, “पतझाड़”, “बाल-गोपाल”, “रटनी खढ़” तथा नारी केन्द्रित कथा संग्रह “लजबिजी” जगदीश प्रसाद मण्डलक तहिना दूटा पटकथा पहिल “जाल” आ दोसर “पंचैती” राजदेव मण्डलक, एकटा कविता संग्रह “सूखल मन तरसल आँखि” मुन्नी कामतक आ बेचन ठाकुरक एकटा नाटक “भोँट” लोकार्पित भेल। ८४म सगर राति दीप जरयक आयोजन झंझारपुर अनुमण्डलक बेरमा गाममे शिवकुमार मिश्र जीक संयोजकत्वमे २० दिसम्बर-२०१४केँ होएत। बेरमा गाममे ७१म कथा गोष्ठी दिनांक ०२.१०.२०१०केँ मध्य विद्यालय परिसर-बुढ़िया गाछी-दुर्गा स्थान-मे भेल छल। एतेक दिनमे ई दोसर खेप छी।
अन्तमे संयोजक नन्द विलास राय स्थानीय साहित्य प्रेमी, जिनका सबहक विशेष सहयोग छल ऐ आयोजनमे, तइ सभ बेक्तीकेँ धैनवाद ज्ञापन केलनि। संग-संग श्री गजेन्द्र ठाकुर दिससँ श्रुति प्रकाशनसँ प्रकाशित मैथिलीक आधुनिक पोथी, सभ गोटेकेँ मंचेपर देल गेलनि। विशेष सहयोगी सबहक नाओं ऐ तरहेँ अछि- डा. विमल कुमार राय, श्री धीरेन्द्र कुमार, श्री सूरज नारायण राय, श्री अशोक कुमार राय, श्री सुन्दर लाल साह, मो. रिजवान, श्री सियाराम साह, श्री शम्भू सिंह, श्री यादव, श्री उमाकान्त राय, श्री जगत नारायण राय, श्री ब्रजनन्दन साह, श्री उमेश साह, श्री सुधीर साह, श्री रामकुमार मण्डल, श्री सत्य नारायण सिंह आ श्री लक्ष्मी मण्डल।
जहिना जन सहयोगसँ ई गोष्ठी आयोजित छल तहिना भपटियाही, सखुआ, छजना, नरहिया, निर्मली, औरहा, बेरयाही, सुरयाही, रतनसारा, चतरापट्टी, नवटोली, कदमपुरा, पकड़िया, लक्ष्मिनियाँ, गम्हरिया, बेलही इत्यादि गामक तथा टोलक साहित्य प्रेमीक उपस्थिति छल। नव-नव साहित्य प्रेमी सोझाँ एला। पठित कथापर त्वरित समीक्षा/टिप्पणी दऽ केतेक गोटे अपन नव परिचए बनौलनि, देलनि आ सोझा एला। जे सगर राति दीप जरय’क उदेस रहल अछि। उपस्थित साहित्यकार सभ अह्लादित भेला। केते गोटे अपन विचार सेहो मंचेपर व्यक्त केलनि जे अहिना गोष्ठी जँ गाम-घरमे हएत तँ नव-नव लोकक प्रवेश स्वत: साहित्य क्षेत्र होइत रहत, जइसँ समाजक संग साहित्य डेग-मे-डेग मिला कऽ चलत आ चलैत रहत। जइसँ जनजागरण हएत आ मैथिली साहित्यक मध्य एक खास अभावक पूर्ति सेहो हएत।
नारी केन्द्रित गोष्ठी भेने नारी विमर्श करैत अनेक कथा आएल। कथा मध्य ढेर रास नारी-समस्याकेँ चिन्हित कएल गेल। समीक्षक लोकनि अपन-अपन मत दैत भरि रातिक यात्राकेँ सफल बनौलनि। गामक किछु नारीओ गोष्ठीमे एक श्रोता रूपमे उपस्थित छेली।
गोष्ठीक आरम्भ सामुहिक रूपेँ विधिवत् दीप प्रज्वलित कऽ स्थानीय डा. विमल कुमार राय, श्री सूरज नारायण राय ‘सुमन’, संग-संग कलकत्तासँ आएल डा. योगेन्द्र पाठक ‘वियाेगी’, भागलपुरसँ आएल श्री ओम प्रकाश झा एवं बेरमासँ आएल श्री जगदीश प्रसाद मण्डलजी द्वारा करौल गेल।
छह पालीमे कुल २७ गोट नूतन विहनि/लघु कथाक पाठ भेल। समीक्षा भेल, दर्जन भरि पोथीक लोकार्पण भेल। जइमे दू गोट पोथी क्रमश: “कारू खिरहरि” आ “संत कारू खिरहरि” अयोधी यादव ‘अमर’क। आ पाँच गोट लघु कथाक पोथीक साॅफ्ट कौपी क्रमश: “अप्पन-बीरान”, “पतझाड़”, “बाल-गोपाल”, “रटनी खढ़” तथा नारी केन्द्रित कथा संग्रह “लजबिजी” जगदीश प्रसाद मण्डलक तहिना दूटा पटकथा पहिल “जाल” आ दोसर “पंचैती” राजदेव मण्डलक, एकटा कविता संग्रह “सूखल मन तरसल आँखि” मुन्नी कामतक आ बेचन ठाकुरक एकटा नाटक “भोँट” लोकार्पित भेल। ८४म सगर राति दीप जरयक आयोजन झंझारपुर अनुमण्डलक बेरमा गाममे शिवकुमार मिश्र जीक संयोजकत्वमे २० दिसम्बर-२०१४केँ होएत। बेरमा गाममे ७१म कथा गोष्ठी दिनांक ०२.१०.२०१०केँ मध्य विद्यालय परिसर-बुढ़िया गाछी-दुर्गा स्थान-मे भेल छल। एतेक दिनमे ई दोसर खेप छी।
अन्तमे संयोजक नन्द विलास राय स्थानीय साहित्य प्रेमी, जिनका सबहक विशेष सहयोग छल ऐ आयोजनमे, तइ सभ बेक्तीकेँ धैनवाद ज्ञापन केलनि। संग-संग श्री गजेन्द्र ठाकुर दिससँ श्रुति प्रकाशनसँ प्रकाशित मैथिलीक आधुनिक पोथी, सभ गोटेकेँ मंचेपर देल गेलनि। विशेष सहयोगी सबहक नाओं ऐ तरहेँ अछि- डा. विमल कुमार राय, श्री धीरेन्द्र कुमार, श्री सूरज नारायण राय, श्री अशोक कुमार राय, श्री सुन्दर लाल साह, मो. रिजवान, श्री सियाराम साह, श्री शम्भू सिंह, श्री यादव, श्री उमाकान्त राय, श्री जगत नारायण राय, श्री ब्रजनन्दन साह, श्री उमेश साह, श्री सुधीर साह, श्री रामकुमार मण्डल, श्री सत्य नारायण सिंह आ श्री लक्ष्मी मण्डल।
ब्रेकिंग-
अध्यक्ष मण्डल- डा. विमल कुमार राय, डा. योगेन्द्र पाठक ‘वियागी’, श्री जगदीश प्रसाद मण्डल, श्री कमलेश झा, डा. शिवकुमार प्रसाद।
संचालन समिति-
श्री ओम प्रकाश झा, श्री राजदेव मण्डल, श्री दुर्गानन्द मण्डल।
कथा पाठ एवं समीक्षा-
पहिल सत्रमे- जगदीश प्रसाद मण्डल- “गावीस मोइस”; शारदानन्द सिंह- “की करब से अहीं कहू”; राजदेव मण्डल- “दोख केकर” तथा लक्ष्मी दास- “गंगाजलक धोल”समीक्षा- योगेन्द्र पाठक ‘िवयोगी’, कमलेश झा, विमल कुमार राय, शिवकुमार प्रसाद, गौड़ी शंकर साह।
दोसर सत्रमे- दुर्गानन्द मण्डल- “छुतहरि”; कपिलेश्वर राउत- “बड़का खीरा”, योगेन्द्र पाठक वियागी- “विजय दृश्य-१, विजय दृश्य दू-२”; ललन कुमार कामत- “बेटी”समीक्षा- फागुलाल साहु, राजदेव मण्डल, अयोधी यादव ‘अमर’, कमलेश झा आ शिवकुमार प्रसाद।
तेसर सत्र- ओम प्रकाश झा- बेटीक बियाह, शिव कुमार प्रसाद- “झमकी”; राम िवलास साहु- “अविसबास”; हेम नारायण साहु- “बेसी भ’ गेल आब नै”समीक्षा- उमेश मण्डल, शम्भु सौरभ, दुर्गानन्द मण्डल।
चारिम सत्र- उमेश मण्डल- “कोटाक चाउर”; फागुलाल साहु- “मर्दानी नारी”; शम्भु सौरभ- “लाजो”; शिव कुमार मिश्र- “बाल विधवा”समीक्षा- कमलेश झा, ओम प्रकाश झा, राजदेव मण्डल, उमेश नारायण कर्ण तथा दुर्गानन्द मण्डल।
पाँचिम सत्र- ओम प्रकाश झा- “कुलच्छनी”; गौड़ी शंकर साह- “छोटकी”; उमेश नारायण कर्ण- “यूज एण्ड थ्रो”; अच्छेलाल शास्त्री- “गुलटेनमा”; नन्द विलास राय- “दिव्या”समीक्षा- कमलेश झा, दुर्गानन्द मण्डल, राम कुमार मण्डल, फागुलाल साहु, राजदेव मण्डल।
छअम सत्र- राम विलास साहु- “बौआ बाजल”; फागुलाल साहु- “चतुर बालक”; जगदीश प्रसाद मण्डल- “रेहना चाची”; शारदा नन्द सिंह- “फक द’ निसाँस छूटल”; डाॅ. कीर्ति नाथ झा- (वाचक- उमेश मण्डल) “शेफाली, फुलपरासवाली आ हम”समीक्षा- अयोधी यादव, ओम प्रकाश झा, शम्भू सौरभ, ललन कुमार कामत, शिव कुमार मिश्र।
अध्यक्ष मण्डल- डा. विमल कुमार राय, डा. योगेन्द्र पाठक ‘वियागी’, श्री जगदीश प्रसाद मण्डल, श्री कमलेश झा, डा. शिवकुमार प्रसाद।
संचालन समिति-
श्री ओम प्रकाश झा, श्री राजदेव मण्डल, श्री दुर्गानन्द मण्डल।
कथा पाठ एवं समीक्षा-
पहिल सत्रमे- जगदीश प्रसाद मण्डल- “गावीस मोइस”; शारदानन्द सिंह- “की करब से अहीं कहू”; राजदेव मण्डल- “दोख केकर” तथा लक्ष्मी दास- “गंगाजलक धोल”समीक्षा- योगेन्द्र पाठक ‘िवयोगी’, कमलेश झा, विमल कुमार राय, शिवकुमार प्रसाद, गौड़ी शंकर साह।
दोसर सत्रमे- दुर्गानन्द मण्डल- “छुतहरि”; कपिलेश्वर राउत- “बड़का खीरा”, योगेन्द्र पाठक वियागी- “विजय दृश्य-१, विजय दृश्य दू-२”; ललन कुमार कामत- “बेटी”समीक्षा- फागुलाल साहु, राजदेव मण्डल, अयोधी यादव ‘अमर’, कमलेश झा आ शिवकुमार प्रसाद।
तेसर सत्र- ओम प्रकाश झा- बेटीक बियाह, शिव कुमार प्रसाद- “झमकी”; राम िवलास साहु- “अविसबास”; हेम नारायण साहु- “बेसी भ’ गेल आब नै”समीक्षा- उमेश मण्डल, शम्भु सौरभ, दुर्गानन्द मण्डल।
चारिम सत्र- उमेश मण्डल- “कोटाक चाउर”; फागुलाल साहु- “मर्दानी नारी”; शम्भु सौरभ- “लाजो”; शिव कुमार मिश्र- “बाल विधवा”समीक्षा- कमलेश झा, ओम प्रकाश झा, राजदेव मण्डल, उमेश नारायण कर्ण तथा दुर्गानन्द मण्डल।
पाँचिम सत्र- ओम प्रकाश झा- “कुलच्छनी”; गौड़ी शंकर साह- “छोटकी”; उमेश नारायण कर्ण- “यूज एण्ड थ्रो”; अच्छेलाल शास्त्री- “गुलटेनमा”; नन्द विलास राय- “दिव्या”समीक्षा- कमलेश झा, दुर्गानन्द मण्डल, राम कुमार मण्डल, फागुलाल साहु, राजदेव मण्डल।
छअम सत्र- राम विलास साहु- “बौआ बाजल”; फागुलाल साहु- “चतुर बालक”; जगदीश प्रसाद मण्डल- “रेहना चाची”; शारदा नन्द सिंह- “फक द’ निसाँस छूटल”; डाॅ. कीर्ति नाथ झा- (वाचक- उमेश मण्डल) “शेफाली, फुलपरासवाली आ हम”समीक्षा- अयोधी यादव, ओम प्रकाश झा, शम्भू सौरभ, ललन कुमार कामत, शिव कुमार मिश्र।
पोथी लोकार्पणकर्ता
डा. योगेन्द्र पाठक ‘वियोगी’/श्री कमलेश झा/श्री रामकुमार मण्डल- “कारु खिरहरि” अयोधी यादव ‘अमर’क
श्री जगदीश प्रसाद मण्डल/ श्री राजदेव मण्डल/ डा. विमल कुमार राय/ डा. शिवकुमार प्रसाद/ श्री शम्भु सौरभ- “संत कारू खिरहरि” अयोधी यादव ‘अमर’क
श्री फागुलाल साहु- “सूखल मन तरसल आँखि” (कविता संग्रह)- मुन्नी कामतक
श्री शम्भु सौरभ- “कथा कुसुम” (विहनि/लघु कथा संग्रह) दुर्गानन्द मण्डलक
श्री ब्रजनन्दन साह- “भोँट” (नाटक) बेचन ठाकुरक
श्री हेम नारायण साहु- “पंचैती” (पटकथा) राजदेव मण्डलक
श्री शिव कुमार मिश्र- “जाल” (पटकथा) राजदेव मण्डलक
श्री कमलेश झा- “अपन-बिरान” (लघु/विहनि कथा संग्रह) जगदीश प्रसाद मण्डलक
श्री उमेश नारायण कर्ण- “पतझाड़” (लघु/विहनि कथा संग्रह) जगदीश प्रसाद मण्डलक
श्री फागुलाल साहु- “रटनी खढ़” (लघु/विहनि कथा संग्रह) जगदीश प्रसाद मण्डलक
श्री राम कुमार मण्डल- “बाल-गोपाल” (लघु/विहनि कथा संग्रह) जगदीश प्रसाद मण्डलक
श्री ओम प्रकाश झा- “लजबिजी” (लघु/विहनि कथा संग्रह) जगदीश प्रसाद मण्डलक
डा. योगेन्द्र पाठक ‘वियोगी’/श्री कमलेश झा/श्री रामकुमार मण्डल- “कारु खिरहरि” अयोधी यादव ‘अमर’क
श्री जगदीश प्रसाद मण्डल/ श्री राजदेव मण्डल/ डा. विमल कुमार राय/ डा. शिवकुमार प्रसाद/ श्री शम्भु सौरभ- “संत कारू खिरहरि” अयोधी यादव ‘अमर’क
श्री फागुलाल साहु- “सूखल मन तरसल आँखि” (कविता संग्रह)- मुन्नी कामतक
श्री शम्भु सौरभ- “कथा कुसुम” (विहनि/लघु कथा संग्रह) दुर्गानन्द मण्डलक
श्री ब्रजनन्दन साह- “भोँट” (नाटक) बेचन ठाकुरक
श्री हेम नारायण साहु- “पंचैती” (पटकथा) राजदेव मण्डलक
श्री शिव कुमार मिश्र- “जाल” (पटकथा) राजदेव मण्डलक
श्री कमलेश झा- “अपन-बिरान” (लघु/विहनि कथा संग्रह) जगदीश प्रसाद मण्डलक
श्री उमेश नारायण कर्ण- “पतझाड़” (लघु/विहनि कथा संग्रह) जगदीश प्रसाद मण्डलक
श्री फागुलाल साहु- “रटनी खढ़” (लघु/विहनि कथा संग्रह) जगदीश प्रसाद मण्डलक
श्री राम कुमार मण्डल- “बाल-गोपाल” (लघु/विहनि कथा संग्रह) जगदीश प्रसाद मण्डलक
श्री ओम प्रकाश झा- “लजबिजी” (लघु/विहनि कथा संग्रह) जगदीश प्रसाद मण्डलक
-उमेश मण्डल
३१/०८/२०१४
३१/०८/२०१४
८२म सगर राति दीप जरय
82म सगर राति दीप जरए केर ब्रेकिंग न्यूज-
स्थान- गजेन्द्र ठाकुरक निज आवास, गाम- मेंहथ, जिला- मधुबनी।
दिनांक- 31 मई 2014 (शनि दिन)
समए- संध्या छह बजेसँ
गोष्ठीक नाओं- कथा बौद्ध सिद्ध मेहथपा सगर राति दीप जरए।
आयोजनक खेप- 82म आयोजन
संयोजक- गजेन्द्र ठाकुर
विशेषता- बाल साहित्यपर केन्द्रित।
गोष्ठीक उद्घाटन- डॉ. कमलकान्त झा, राज देव मण्डल, डाॅ. शिव कुमार प्रसाद, शिवकुमार मिश्रा तथा जगदीश प्रसाद मण्डल।
स्वागत, गीत गाबि केलनि- काशीनाथ झा ‘किरण’
कथा गोष्ठीक अध्यक्षता केलनि- अरविन्द ठाकुर
मंच संचालन केलनि- आनन्द कुमार झा आ उमेश मण्डल
अगिला गोष्ठी स्थान- मधुबनी जिलाक भपटियाही गामक सखुआ टोलपर।
अगिला गोष्ठीक केन्द्रबिन्दु- स्त्री विमर्श।
अगिला गोष्ठीक केन्द्रबिन्दु- स्त्री विमर्श।
आगिला गोष्ठीक संयोजक हेता- नन्द विलास राय।
अगिला गोष्ठीक संभावित तिथि- 30 अगस्त 2014 (शनि दिन)
हकार देलनि- सामुहिक रूपे अगिला गोष्ठी लेल हकार मंचपर नन्द विलास राय देलनि।
समीक्षा/टिप्पणीमे भाग लेलनि- दुर्गानन्द मण्डल, शिवशंकर श्रीनिवास, राम विलास साहु, बाल गोविन्द्र गोविन्दाचार्य, फागुलाल साहु, नन्द विलास राय, शिवकुमार मिश्र, नारायणजी, कमलकान्त झा, काशीनाथ झा किरण, शिवकुमार प्रसाद, बिपिन कुमार कर्ण, संजीव कुमार समा, उमेश नारायण कर्ण, शारदानन्द सिंह, जगदीश प्रसाद मण्डल, संजय कुमार मण्डल, हेम नारायण साहु, पंकज सत्यम इत्यादि।
आठ गोट पोथीक लोकार्पण भेल-
1. बैशाखमे दलानपर- गद्य-पद्य संग्रह संग आत्मकथा लेखक- संदीप साफी। लोकार्पण- डाॅ. कमलकान्त झा, अरविन्द ठाकुर, राजदेव मण्डल, सीताराम साफी
2. नेपालक नोर मरुभूमिमे- गद्य-पद्य संग्रह, लेखक- विन्देश्वर ठाकुर। लोकार्पण- जगदीश प्रसाद मण्डल, नन्द विलास राय, चन्डेश्वर खाँ।
3. उलहन- विहनि आ लघुकथा संग्रह, लेखक- कपिलेश्वर राउत। लोकार्पण- गजेन्द्र ठाकुर, शिव कुमार प्रसाद, दुर्गानन्द मण्डल।
4. On the Dice Board of the Millennium- Joity Jha Chaudhary. लोकार्पण- कमल कान्त झा, आनन्द कुमार झा, शिव कुमार प्रसाद।
5. The Science of Words कथा संग्रह, अनुवादक- गजेन्द्र ठाकुर। लोकार्पण- असीन ठाकुर, ललन कुमार कामत, अरविन्द कुमार ठाकुर।
6. धांगि बाट बनेबाक दाम अगूबार पेने छँ, गजल संग्रह, गजलकार- गजेन्द्र ठाकुर। लोकार्पण- बाल गोविन्द यादव ‘गोविन्दाचार्य’, उमेश पासवान, रामदेव प्रसाद मण्डल ‘झारूदार’ राम सेवक ठाकुर।
7. सहस्रजित- पद्य संग्रह, लेखक- गजेन्द्र ठाकुर, लोकार्पण- बेचन ठाकुर, राम विलास साहु, हेम नारायण साहु।
8. प्रबन्ध-निबन्ध समालोचना भाग- 2, आलोचक- गजेन्द्र ठाकुर। लोकार्पण- अरविन्द ठाकुर, जगदीश प्रसाद मण्डल, फागुलाल साहु, राजदेव मण्डल।
2. नेपालक नोर मरुभूमिमे- गद्य-पद्य संग्रह, लेखक- विन्देश्वर ठाकुर। लोकार्पण- जगदीश प्रसाद मण्डल, नन्द विलास राय, चन्डेश्वर खाँ।
3. उलहन- विहनि आ लघुकथा संग्रह, लेखक- कपिलेश्वर राउत। लोकार्पण- गजेन्द्र ठाकुर, शिव कुमार प्रसाद, दुर्गानन्द मण्डल।
4. On the Dice Board of the Millennium- Joity Jha Chaudhary. लोकार्पण- कमल कान्त झा, आनन्द कुमार झा, शिव कुमार प्रसाद।
5. The Science of Words कथा संग्रह, अनुवादक- गजेन्द्र ठाकुर। लोकार्पण- असीन ठाकुर, ललन कुमार कामत, अरविन्द कुमार ठाकुर।
6. धांगि बाट बनेबाक दाम अगूबार पेने छँ, गजल संग्रह, गजलकार- गजेन्द्र ठाकुर। लोकार्पण- बाल गोविन्द यादव ‘गोविन्दाचार्य’, उमेश पासवान, रामदेव प्रसाद मण्डल ‘झारूदार’ राम सेवक ठाकुर।
7. सहस्रजित- पद्य संग्रह, लेखक- गजेन्द्र ठाकुर, लोकार्पण- बेचन ठाकुर, राम विलास साहु, हेम नारायण साहु।
8. प्रबन्ध-निबन्ध समालोचना भाग- 2, आलोचक- गजेन्द्र ठाकुर। लोकार्पण- अरविन्द ठाकुर, जगदीश प्रसाद मण्डल, फागुलाल साहु, राजदेव मण्डल।
33 गोट विहनि/लघु कथाक पाठ भेल-
1. अखिलेश मण्डल- ललियाएल मुँह
2. ललन कुमार कामत- स्कूलक फीस
3. जगदीश प्रसाद मण्डल- ‘अवाक्’ तथा ‘पल भरि’
4. चण्डेश्वर खाँ- ‘रोटी’ तथा ‘भोज’
5. लक्ष्मी दास- दुश्टपना
6. जगदानन्द मनु- ‘भगवानकेँ जे नीक लगनि’ तथा ‘बड़का बाबू’
7. उमेश पासवान- अजोह
8. शिव शंकर श्रीनिवास- हाथी आ गीदड़
9. बेचन ठाकुर- हरिया इन्सपेकटर
10. राम सेवक ठाकुर- मोटरीमे कथी छेलै
11. गौड़ी शंकर साह- परीक्षा
12. राम विलास साहु- बोल-बोध
13. नन्द विलास राय- अमर-मदन
14. शारदा नन्द सिंह- सुचीमे नाम’ तथा ‘एकर जवाबदेह के?
15. उमेश नारायण कर्ण- म्याऊँ म्याऊँ म्याऊँ
16. संजय कुमार मण्डल- एकन्त
17. शिव कुमार प्रसाद- अदिया
18. अजय कुमार दास ‘पिन्टूजी’- सचेतल प्रेम
19. पंकज सत्यम- जननायक
20. शिव कुमार मिश्र- गर्म आन्हर
21. दुर्गानन्द मण्डल- बुइध
22. फागुलाल साहु- माँ केर डाँट
23. राजदेव मण्डल- रूसल बौआ
24. कपिलेश्वर राउत- खराप
25. कमलकान्त झा- साँझक सुख
26. बिपिन कुमार कर्ण- निश्छल नारी
27. उमेश मण्डल- दूध
28. योगेन्द्र पाठक ‘वियोगी’- खजाना, कथा पाठ- उमेश मण्डल
29. गजेन्द्र ठाकुर- रेश
30. दीपाली झा- दादीक गाम, कथा पाठ- आनन्द कुमार झा
31. अरविन्द ठाकुर- बेदरमैत
2. ललन कुमार कामत- स्कूलक फीस
3. जगदीश प्रसाद मण्डल- ‘अवाक्’ तथा ‘पल भरि’
4. चण्डेश्वर खाँ- ‘रोटी’ तथा ‘भोज’
5. लक्ष्मी दास- दुश्टपना
6. जगदानन्द मनु- ‘भगवानकेँ जे नीक लगनि’ तथा ‘बड़का बाबू’
7. उमेश पासवान- अजोह
8. शिव शंकर श्रीनिवास- हाथी आ गीदड़
9. बेचन ठाकुर- हरिया इन्सपेकटर
10. राम सेवक ठाकुर- मोटरीमे कथी छेलै
11. गौड़ी शंकर साह- परीक्षा
12. राम विलास साहु- बोल-बोध
13. नन्द विलास राय- अमर-मदन
14. शारदा नन्द सिंह- सुचीमे नाम’ तथा ‘एकर जवाबदेह के?
15. उमेश नारायण कर्ण- म्याऊँ म्याऊँ म्याऊँ
16. संजय कुमार मण्डल- एकन्त
17. शिव कुमार प्रसाद- अदिया
18. अजय कुमार दास ‘पिन्टूजी’- सचेतल प्रेम
19. पंकज सत्यम- जननायक
20. शिव कुमार मिश्र- गर्म आन्हर
21. दुर्गानन्द मण्डल- बुइध
22. फागुलाल साहु- माँ केर डाँट
23. राजदेव मण्डल- रूसल बौआ
24. कपिलेश्वर राउत- खराप
25. कमलकान्त झा- साँझक सुख
26. बिपिन कुमार कर्ण- निश्छल नारी
27. उमेश मण्डल- दूध
28. योगेन्द्र पाठक ‘वियोगी’- खजाना, कथा पाठ- उमेश मण्डल
29. गजेन्द्र ठाकुर- रेश
30. दीपाली झा- दादीक गाम, कथा पाठ- आनन्द कुमार झा
31. अरविन्द ठाकुर- बेदरमैत
८१म सगर राति दीप जरय
देवघरमे 81म सगर राति दीप जरए सफलता पूर्वक सम्पन्न भेल :: उमेश मण्डल
स्व. मायानन्द मिश्र तथा जीवकान्तक स्मृतकेँ समरपित 81म सगर राति दीप जरए केर आयोजन दिनांक 22 मार्च 2014केँ श्री ओम प्रकाश झाक संयोजकत्वमे संध्या 6 बजेसँ देवघरक बम्पास टॉनक बिजली कोठी-3 मे आयोजित भेल। ओयोजनक उद्घाटन दीप प्रज्वलित करि कऽ श्री ओ.पी. मिश्राजी केलनि। मिथिलाक गाम-गामसँ आ भारतक शहर-शहरसँ आएल कथाकार, साहित्यकार, समालोचक तथा साहित्य प्रेमीक कसगर जुटान छल। साँझक पाँचे बजेसँ जुटान हुअ लगल। मिडियाकर्मीक थहाथही शुरू भऽ गेल।
शुभारम्भ मंगला चरणसँ श्री एस.के. मिश्राजी केलनि। झारूदारजी अपन सृजित अनुपम गीत “हम नै छी अहाँ योग यौ पाहुन/ अहाँ छी बड़ा महान/ स्वागत स्वीकार करू श्रीमान्/ अहाँ छी गंगा अहाँ छी यमुना/ पग धुलसँ पावण भेल अँगना...।” गाबि उपस्थित साहित्यप्रेमी आ साहित्यकारकेँ स्वागत केलनि।
पोथीक लोकार्पण शुरू भेल। गजेन्द्र ठाकुरक संग सम्पादनमे सम्पादित मिथिलाक पंजी प्रबन्ध “जीनाेम मैपिंग भाग- 2” आ “जिनीयोलोजिकल मैपिंग” 950 एडीसँ 2009 एडी धरिक पंजीक लोकार्पण श्री ओम प्रकाश झा, डॉ. योगानन्द झा आ श्री राजीव रंजन मिश्रा जीक हाथे भेल। शिवकुमार झा ‘टिल्लू’जी रचित समालोचनाक पोथी “अंशु” केर लोकार्पण श्री जगदीश प्रसाद मण्डल, श्री राजदेव मण्डल आ श्री बेचन ठाकुरजी केलनि। अंग्रेजी-मैथिली शब्द कोष भाग-2, “मैथिली-अंग्रेजी कम्प्यूटर शब्दकोष” तथा बेचन ठाकुरक “ऊँच-नीच” नाटकक लोकार्पण सेहो भेल।
दू शब्दक कड़ीमे प्रवेश केलौं। ओ.पी.मिश्रा, दिलीप दास, ओम प्रकाश झा, दैनिक समाचार पत्र प्रभात खबर केर सम्पादक श्री सुशील भारती मैथिलीक दशा दिसापर अपन विचार प्रकट केलनि। ओ कहलनि-
“अही तरहक आयोजन मैथिलीक सम्पूर्ण विकासक मार्ग सहज बनौत।”आयोजककेँ धन्यवाद ज्ञापन करैत एक-सँ-एक साहित्यकार अपन मनक खुलता बात मैथिली विकास लेल स्वतंत्रता पूर्वक मंचपर रखलनि। मुख्य अतिथि ओ.पी. मिश्राजी सेहो एकटा सुन्दर गीत गाबि स्वागतक भाव प्रकट केलनि। राजीव रंजनजी स्वलिखित गजल गाबि अपन भाव प्रकट केलनि। सगर राति दीप जरए (सभ अज्ञानीमे ज्ञानक दीप जरौ) कथायात्राक मादे श्री जगदीश प्रसाद मण्डलक विचार बकतनक संग लिखतनमे सेहो विस्तारपूर्वक आएल। दू पिट्ठा कागत हाथे-हाथ बाँटल गेल। जे ऐ लिंकपर उपलब्ध अछि-
http://maithili-samalochna.blogspot.in/…/…/blog-post_24.html
34 गोट लघुकथा/विहनि कथाक पाठ भेल। सात पालीमे बाँटि सभ कथाक पाठ करौल गेल। अंतिम पाली छोड़ि छबो पालीमे पठित कथापर तीन गोट समीक्षकक समीक्षा अबैत रहल आ समीक्षाक समीक्षा सेहो होइत रहल। समीक्षाक समीक्षा केनिहार सभ छला राजदेव मण्डल, नन्द विलास राय, भाष्कर झा, उमेश मण्डल, चन्दन झा, डॉ. धनाकर ठाकुर, बिपीन कुमार कर्ण इत्यादि। प्रतिसमीक्षाक क्रममे एक गोट विचारणीय टिप्पणी आएल। ओ छल, युवा समीक्षकक। अपन विचार व्यक्त करैत कहलखिन-
“समसामयिक कथाक गहराइकेँ आधुनिक पाठक स्वागत नै करए चाहैए। से ई कथाक दोष भेल। फलस्वरूप पाठकक अभाव अछि।”
संचालक गजेन्द्र ठाकुरजी ऐ विचारपर असहमति जँतौलनि। कहलखिन-
“ई तँ भाषाक विशेषता छिऐ जे कथानककेँ गहराइ प्रदान करै छै। जेकर अभाव मैथिली साहित्यकेँ पाठक विहिन केने रहल।”
ऐ तथ्यकेँ सत्यापित करैत ठाकुरजी आइसलैण्डक भाषाक जिकिर केलनि।
दू सत्रक पछाति भोजनावकाश भेल। मिथिलाक खान-पानक आधुनिक रूप अकतियार केने छला आयोजक। करीब 125 गोटे एक पाँतिमे बैस भोजन केलनि। ऐ तरहक समायोजनसँ हुनका मुँहक रोहानी फुलाएल गुलाबक फूल सन देखबामे आएल। बारीक सभ फुदैक-फुदैक अपन-अपन जिम्माकेँ जीतैत खेलाड़ी जकाँ निर्वहन करैत देखल गेला। भोजनक घंटा भरि पछाति पुन: अगिला सत्रक यात्रा शुरू भेल। पठित कथापर समीक्षा हेतु विशेष सुिवधा प्रदान कएल गेल छल। ओ ई जे जँ समीक्षक पठित कथाकेँ कोनो कारणे धियानसँ नै सुनि पबथि तँ हुनका लेल कथाक पाण्डुलिपि उपलब्ध करौल जाइ छल। संचालकक कहब रहनि जे मैथिली साहित्यमे समीक्षाक स्थिति उमदा नै अछि। ऐपर श्री अरविन्द ठाकुर असहमति व्यक्त केलनि। ओ कहलनि- “सगर राितक अलिखित निअमो रहल अछि जे समीक्षापर समीक्षासँ गोष्ठीमे विवाद बढ़ि सकैए तँए एहेन कार्यसँ बँचक चाही।”
सम्पूर्ण कार्यक्रमक लाइव प्रसारण कएल गेल। सगर रातिक इतिहासक पन्नामे ई एक गोट अनुपम कार्य सिद्ध हएत। सम्पूर्ण कार्यक्रमक विडिओ यू-ट्यूबपर उपलब्ध करौल जाएत तेकरो बेवस्था आयोजक केने छला। मैथिली साहित्यकेँ पूर्णत: इलेक्ट्रॉनिक स्पोर्ट भेटौ ऐ हेतु आयोजक प्रतिवद्ध छला।
अगिला गोष्ठी हेतु दू गोट प्रस्ताव आएल। बहुसंख्यक साहित्यकारक विचारकेँ आगू बढ़बैत अध्यक्ष श्री जगदीश प्रसाद मण्डल भावी संयोजककेँ दीप आ उपस्थिति पुस्तिका हश्तगत करौलनि। 31 मई 2014केँ मधुबनी जिलाक मेंहथ गाममे 82म कथा गोष्ठी हेतु भावी संयोजक श्री गजेन्द्र ठाकुर समगर्दा हकार दऽ सभकेँ आमंत्रित करैत कहलखिन-
”बालकथापर केन्द्रित अगिला गोष्ठी आयोजित हएत।”अंतमे संयोजक श्री ओम प्रकाश झा आयोजक धन्यवाद ज्ञापन करैत कहलनि-
“81m Sagar Raati Deep Jaray katha Gosthi 22 March 2014 saanjh sa shuru bha ka 23 March 2014 ke bhor me safalta poorvak Deoghar me sampann bha gel. Ehi beruka katha gosthi ke swargiy Mayanand babu aa swargiy Jeevkant ke samarpit kayal gel. Gosthik adhyakshta sri Jagdish Pd Mandal kayalanhi aa sanchalak chhalaah Sri Gajendra Thakur. Mukhy atithi Sri O. P. Mishra chhalaah. Kul 29 got kathaakaarak dwara 35 got katha paaTh kayal gel. Samalochna seho badd neek rahal. Kul milaa ka kathaa goshthi ekTa neek workshop saabit bhel. Katha goshthi me aaynihaar sab kathakaar lokani ke hum hriday sa aabhari chhi. Sangahi ahaa sab shubhkaamna denihaar mitra sabhak seho aabhari chhi. Kichhu gote anupasthitik khed prakaT karait shubhkaamna prakaT kelanhi, hunko sabhak aabhari chhi. Je jaani boojhi ka nai aylaah tinko aabhari chhi kiyak ta hunkar vyavhaar humra bheetar Maa Maithilik prati pratibaddhtaa aar badhaa delanhi.”
81म सगर राति दीप जरए- देवघरमे सुसम्पन्न भेल 82म कथा गोष्ठी मेंहथमे होएत
मायानन्द मिश्र जीवकान्त स्मृति-सगर राति दीप जरए केर 81म कथा गोष्ठी– देवघर (झारखण्ड)
संयोजक- ओम प्रकाश झा
उद्घाटन सत्र-
दीप प्रज्वलन- श्री ओ.पी. मिश्रा एवं समस्त कथाकार
संचालन- ओम प्रकाश झा
लोकार्पण सत्र-
अध्यक्ष- जगदीश प्रसाद मण्डल
मुख्य अतिथि- श्री ओ.पी. झा आ श्री गजेन्द्र ठाकुर
संचालक- उमेश मण्डल
दू शब्द-
1. ओ.पी. झा, अवकाश प्राप्त अभियंता- झारखण्ड सरकार
2. सुशील भारती, संपादक, प्रभात खबर हिन्दी दैनिक।
3. दिलीप दास
4. ओम प्रकाश झा
5. मिथिलेश कुमार
6. जगदीश प्रसाद मण्डल
कथा सत्र-
अध्यक्ष- श्री जगदीश प्रसाद मण्डल, वरिष्ठ साहित्यकार
मंच संचालक- श्री गजेन्द्र ठाकुर, संपादक, ‘विदेह’ इण्टरनेशनल ई-जनरल
पहिल सत्रमे पठित कथा एवं कथाकार-
असली हीरा- श्री दुर्गानन्द मण्डल (निर्मली)
रिक्शाक भाड़ा आ बुधिए बताह- श्रभ् फागुलाल साहु (सखुआ)
बुढ़िया मैया- ओम प्रकाश झा (भागलपुर)
केते बेर- उमेश मण्डल (निर्मली)
समीक्षक-
योगानन्द झा
राजदेव मण्डल
अरविन्द ठाकुर
प्रमोद कुमार झा
समीक्षाक समीक्षक
नन्द विलास राय
चन्दन झा
धनाकर ठाकुर
दोसर सत्र-
सभसँ बड़का भी.आई.पी. गेष्ट- श्री नन्द विलास राय (भपटियाही)
डरक डंका- श्री राजदेव मण्डल (मुसहरनियाँ)
ई छी हमर मजबूरी आ इमानदारीक पाठ- श्री राम विलास साहु (लक्ष्मिनियाँ)
अप्पन माए-बाप- श्री ललन कुमार कामत (ललमनियाँ)
तेसर सत्र-
छिन्ना-झपटी- श्री शिव कुमार मिश्र (बेरमा)
बड़का मोछ- श्री कपिलेश्वर राउत (बेरमा)
उतेढ़क श्राद्ध- श्री शम्भू सौरभ (बैका)
जातिक भोज- श्री उमेश पासवान (औरहा)
चारिम सत्र-
गुरुदक्षिणा- डाॅ. योगानन्द झा (कबिलपुर)
अपराध- श्री पंकज सत्यम् (मधुबनी लगक)
ककर चरवाही आ चुनावधर्मी लोक- डॉ. उमेश नारायण कर्ण
कबाउछ- डॉ. धनाकर ठाकुर
पाँचम सत्र-
आन्हर- श्री अखिलेश कुमार मण्डल (बेरमा)
सरकारीए नौकरी किएक- बिपीन कुमार कर्ण (रेवाड़ी)
बनमानुष आ मनुष- डाॅ. शिवकुमार प्रसाद (सिमरा)
वृधापेंसन आ मजबुरी- श्री शारदानन्द सिंह
पानि- श्री बेचन ठाकुर
छअम सत्र-
सत्ता-चरित- श्री अरविन्द ठाकुर (सुपौल)
बापक प्राण- श्री भाष्करानन्द झा भाष्कर (कोलकाता)
संबोधन- श्री चन्दन कुमार झा (कोलकाता)
ठीका- श्री आमोद कुमार झा
चौठिया- श्री अच्छेलाल शास्त्री (सोनवर्षा)
सातम सत्र-
तखन, जखन- श्री गजेन्द्र ठाकुर (दिल्ली)
चैन-बेचैन- श्री जगदीश प्रसाद मण्डल (बेरमा)
शुभारम्भ मंगला चरणसँ श्री एस.के. मिश्राजी केलनि। झारूदारजी अपन सृजित अनुपम गीत “हम नै छी अहाँ योग यौ पाहुन/ अहाँ छी बड़ा महान/ स्वागत स्वीकार करू श्रीमान्/ अहाँ छी गंगा अहाँ छी यमुना/ पग धुलसँ पावण भेल अँगना...।” गाबि उपस्थित साहित्यप्रेमी आ साहित्यकारकेँ स्वागत केलनि।
पोथीक लोकार्पण शुरू भेल। गजेन्द्र ठाकुरक संग सम्पादनमे सम्पादित मिथिलाक पंजी प्रबन्ध “जीनाेम मैपिंग भाग- 2” आ “जिनीयोलोजिकल मैपिंग” 950 एडीसँ 2009 एडी धरिक पंजीक लोकार्पण श्री ओम प्रकाश झा, डॉ. योगानन्द झा आ श्री राजीव रंजन मिश्रा जीक हाथे भेल। शिवकुमार झा ‘टिल्लू’जी रचित समालोचनाक पोथी “अंशु” केर लोकार्पण श्री जगदीश प्रसाद मण्डल, श्री राजदेव मण्डल आ श्री बेचन ठाकुरजी केलनि। अंग्रेजी-मैथिली शब्द कोष भाग-2, “मैथिली-अंग्रेजी कम्प्यूटर शब्दकोष” तथा बेचन ठाकुरक “ऊँच-नीच” नाटकक लोकार्पण सेहो भेल।
दू शब्दक कड़ीमे प्रवेश केलौं। ओ.पी.मिश्रा, दिलीप दास, ओम प्रकाश झा, दैनिक समाचार पत्र प्रभात खबर केर सम्पादक श्री सुशील भारती मैथिलीक दशा दिसापर अपन विचार प्रकट केलनि। ओ कहलनि-
“अही तरहक आयोजन मैथिलीक सम्पूर्ण विकासक मार्ग सहज बनौत।”आयोजककेँ धन्यवाद ज्ञापन करैत एक-सँ-एक साहित्यकार अपन मनक खुलता बात मैथिली विकास लेल स्वतंत्रता पूर्वक मंचपर रखलनि। मुख्य अतिथि ओ.पी. मिश्राजी सेहो एकटा सुन्दर गीत गाबि स्वागतक भाव प्रकट केलनि। राजीव रंजनजी स्वलिखित गजल गाबि अपन भाव प्रकट केलनि। सगर राति दीप जरए (सभ अज्ञानीमे ज्ञानक दीप जरौ) कथायात्राक मादे श्री जगदीश प्रसाद मण्डलक विचार बकतनक संग लिखतनमे सेहो विस्तारपूर्वक आएल। दू पिट्ठा कागत हाथे-हाथ बाँटल गेल। जे ऐ लिंकपर उपलब्ध अछि-
http://maithili-samalochna.blogspot.in/…/…/blog-post_24.html
34 गोट लघुकथा/विहनि कथाक पाठ भेल। सात पालीमे बाँटि सभ कथाक पाठ करौल गेल। अंतिम पाली छोड़ि छबो पालीमे पठित कथापर तीन गोट समीक्षकक समीक्षा अबैत रहल आ समीक्षाक समीक्षा सेहो होइत रहल। समीक्षाक समीक्षा केनिहार सभ छला राजदेव मण्डल, नन्द विलास राय, भाष्कर झा, उमेश मण्डल, चन्दन झा, डॉ. धनाकर ठाकुर, बिपीन कुमार कर्ण इत्यादि। प्रतिसमीक्षाक क्रममे एक गोट विचारणीय टिप्पणी आएल। ओ छल, युवा समीक्षकक। अपन विचार व्यक्त करैत कहलखिन-
“समसामयिक कथाक गहराइकेँ आधुनिक पाठक स्वागत नै करए चाहैए। से ई कथाक दोष भेल। फलस्वरूप पाठकक अभाव अछि।”
संचालक गजेन्द्र ठाकुरजी ऐ विचारपर असहमति जँतौलनि। कहलखिन-
“ई तँ भाषाक विशेषता छिऐ जे कथानककेँ गहराइ प्रदान करै छै। जेकर अभाव मैथिली साहित्यकेँ पाठक विहिन केने रहल।”
ऐ तथ्यकेँ सत्यापित करैत ठाकुरजी आइसलैण्डक भाषाक जिकिर केलनि।
दू सत्रक पछाति भोजनावकाश भेल। मिथिलाक खान-पानक आधुनिक रूप अकतियार केने छला आयोजक। करीब 125 गोटे एक पाँतिमे बैस भोजन केलनि। ऐ तरहक समायोजनसँ हुनका मुँहक रोहानी फुलाएल गुलाबक फूल सन देखबामे आएल। बारीक सभ फुदैक-फुदैक अपन-अपन जिम्माकेँ जीतैत खेलाड़ी जकाँ निर्वहन करैत देखल गेला। भोजनक घंटा भरि पछाति पुन: अगिला सत्रक यात्रा शुरू भेल। पठित कथापर समीक्षा हेतु विशेष सुिवधा प्रदान कएल गेल छल। ओ ई जे जँ समीक्षक पठित कथाकेँ कोनो कारणे धियानसँ नै सुनि पबथि तँ हुनका लेल कथाक पाण्डुलिपि उपलब्ध करौल जाइ छल। संचालकक कहब रहनि जे मैथिली साहित्यमे समीक्षाक स्थिति उमदा नै अछि। ऐपर श्री अरविन्द ठाकुर असहमति व्यक्त केलनि। ओ कहलनि- “सगर राितक अलिखित निअमो रहल अछि जे समीक्षापर समीक्षासँ गोष्ठीमे विवाद बढ़ि सकैए तँए एहेन कार्यसँ बँचक चाही।”
सम्पूर्ण कार्यक्रमक लाइव प्रसारण कएल गेल। सगर रातिक इतिहासक पन्नामे ई एक गोट अनुपम कार्य सिद्ध हएत। सम्पूर्ण कार्यक्रमक विडिओ यू-ट्यूबपर उपलब्ध करौल जाएत तेकरो बेवस्था आयोजक केने छला। मैथिली साहित्यकेँ पूर्णत: इलेक्ट्रॉनिक स्पोर्ट भेटौ ऐ हेतु आयोजक प्रतिवद्ध छला।
अगिला गोष्ठी हेतु दू गोट प्रस्ताव आएल। बहुसंख्यक साहित्यकारक विचारकेँ आगू बढ़बैत अध्यक्ष श्री जगदीश प्रसाद मण्डल भावी संयोजककेँ दीप आ उपस्थिति पुस्तिका हश्तगत करौलनि। 31 मई 2014केँ मधुबनी जिलाक मेंहथ गाममे 82म कथा गोष्ठी हेतु भावी संयोजक श्री गजेन्द्र ठाकुर समगर्दा हकार दऽ सभकेँ आमंत्रित करैत कहलखिन-
”बालकथापर केन्द्रित अगिला गोष्ठी आयोजित हएत।”अंतमे संयोजक श्री ओम प्रकाश झा आयोजक धन्यवाद ज्ञापन करैत कहलनि-
“81m Sagar Raati Deep Jaray katha Gosthi 22 March 2014 saanjh sa shuru bha ka 23 March 2014 ke bhor me safalta poorvak Deoghar me sampann bha gel. Ehi beruka katha gosthi ke swargiy Mayanand babu aa swargiy Jeevkant ke samarpit kayal gel. Gosthik adhyakshta sri Jagdish Pd Mandal kayalanhi aa sanchalak chhalaah Sri Gajendra Thakur. Mukhy atithi Sri O. P. Mishra chhalaah. Kul 29 got kathaakaarak dwara 35 got katha paaTh kayal gel. Samalochna seho badd neek rahal. Kul milaa ka kathaa goshthi ekTa neek workshop saabit bhel. Katha goshthi me aaynihaar sab kathakaar lokani ke hum hriday sa aabhari chhi. Sangahi ahaa sab shubhkaamna denihaar mitra sabhak seho aabhari chhi. Kichhu gote anupasthitik khed prakaT karait shubhkaamna prakaT kelanhi, hunko sabhak aabhari chhi. Je jaani boojhi ka nai aylaah tinko aabhari chhi kiyak ta hunkar vyavhaar humra bheetar Maa Maithilik prati pratibaddhtaa aar badhaa delanhi.”
81म सगर राति दीप जरए- देवघरमे सुसम्पन्न भेल 82म कथा गोष्ठी मेंहथमे होएत
मायानन्द मिश्र जीवकान्त स्मृति-सगर राति दीप जरए केर 81म कथा गोष्ठी– देवघर (झारखण्ड)
संयोजक- ओम प्रकाश झा
उद्घाटन सत्र-
दीप प्रज्वलन- श्री ओ.पी. मिश्रा एवं समस्त कथाकार
संचालन- ओम प्रकाश झा
लोकार्पण सत्र-
अध्यक्ष- जगदीश प्रसाद मण्डल
मुख्य अतिथि- श्री ओ.पी. झा आ श्री गजेन्द्र ठाकुर
संचालक- उमेश मण्डल
दू शब्द-
1. ओ.पी. झा, अवकाश प्राप्त अभियंता- झारखण्ड सरकार
2. सुशील भारती, संपादक, प्रभात खबर हिन्दी दैनिक।
3. दिलीप दास
4. ओम प्रकाश झा
5. मिथिलेश कुमार
6. जगदीश प्रसाद मण्डल
कथा सत्र-
अध्यक्ष- श्री जगदीश प्रसाद मण्डल, वरिष्ठ साहित्यकार
मंच संचालक- श्री गजेन्द्र ठाकुर, संपादक, ‘विदेह’ इण्टरनेशनल ई-जनरल
पहिल सत्रमे पठित कथा एवं कथाकार-
असली हीरा- श्री दुर्गानन्द मण्डल (निर्मली)
रिक्शाक भाड़ा आ बुधिए बताह- श्रभ् फागुलाल साहु (सखुआ)
बुढ़िया मैया- ओम प्रकाश झा (भागलपुर)
केते बेर- उमेश मण्डल (निर्मली)
समीक्षक-
योगानन्द झा
राजदेव मण्डल
अरविन्द ठाकुर
प्रमोद कुमार झा
समीक्षाक समीक्षक
नन्द विलास राय
चन्दन झा
धनाकर ठाकुर
दोसर सत्र-
सभसँ बड़का भी.आई.पी. गेष्ट- श्री नन्द विलास राय (भपटियाही)
डरक डंका- श्री राजदेव मण्डल (मुसहरनियाँ)
ई छी हमर मजबूरी आ इमानदारीक पाठ- श्री राम विलास साहु (लक्ष्मिनियाँ)
अप्पन माए-बाप- श्री ललन कुमार कामत (ललमनियाँ)
तेसर सत्र-
छिन्ना-झपटी- श्री शिव कुमार मिश्र (बेरमा)
बड़का मोछ- श्री कपिलेश्वर राउत (बेरमा)
उतेढ़क श्राद्ध- श्री शम्भू सौरभ (बैका)
जातिक भोज- श्री उमेश पासवान (औरहा)
चारिम सत्र-
गुरुदक्षिणा- डाॅ. योगानन्द झा (कबिलपुर)
अपराध- श्री पंकज सत्यम् (मधुबनी लगक)
ककर चरवाही आ चुनावधर्मी लोक- डॉ. उमेश नारायण कर्ण
कबाउछ- डॉ. धनाकर ठाकुर
पाँचम सत्र-
आन्हर- श्री अखिलेश कुमार मण्डल (बेरमा)
सरकारीए नौकरी किएक- बिपीन कुमार कर्ण (रेवाड़ी)
बनमानुष आ मनुष- डाॅ. शिवकुमार प्रसाद (सिमरा)
वृधापेंसन आ मजबुरी- श्री शारदानन्द सिंह
पानि- श्री बेचन ठाकुर
छअम सत्र-
सत्ता-चरित- श्री अरविन्द ठाकुर (सुपौल)
बापक प्राण- श्री भाष्करानन्द झा भाष्कर (कोलकाता)
संबोधन- श्री चन्दन कुमार झा (कोलकाता)
ठीका- श्री आमोद कुमार झा
चौठिया- श्री अच्छेलाल शास्त्री (सोनवर्षा)
सातम सत्र-
तखन, जखन- श्री गजेन्द्र ठाकुर (दिल्ली)
चैन-बेचैन- श्री जगदीश प्रसाद मण्डल (बेरमा)
पहिल सगर राति जकरा सगर विश्वमे लाइव प्रसारित कएल गेल,
ऐ तरहेँ देवघरक गोष्ठीमे कुल कथाकारक संख्या 29 छल। 34 गोट कथाक पाठ भेल।
80म सगर राति दीप जरय
80म कथा गोष्ठी “कथा मिलन सदाय-सगर राति दीप जरय” निर्मलीमे पठित कथा एवं कथाकारक नाओं-
1. जीवपर दया करी- पल्लवी कुमारी
2. स्पेशल परमीट- ओम प्रकश झा
3. ढेपमारा गोसाँइ- ओम प्रकाश झा
4. ओ स्त्री - सदरे आलम गौहर
5. बाल अधिकार- नारायण झा
6. मांग- अमित मिश्र
7. नवतुरिया- अमित मिश्र
8. जनता लेल- अमित मिश्र
9. थ्रीजी- मुकुन्द मयंक
10. पढ़ाइ आ खेती- बिपीन कुमार कर्ण
11. बदरिया मूसक घर- उमेश पासवान
12. अपन घर- लक्ष्मी दास
13. मित्र- नारायण यादव
14. प्रेम एगो अचम्भा - बाल मुकुन्द पाठक
15. भगवानक पूजा- संजय कुमार मण्डल
16. विपन्नता- पंकज सत्यम
17. गौतमक अहिल्या-- दुखन प्रसाद यादव
18. तरकारीक चोर- ललन कुमार कामत
19. व्यंग्य- मिथिलेश कुमार व्यास
20. खेनिहारक लेखा- चंदन कुमार झा
21. चाहबला- कपिलेश्वर राउत
22. बिलाइ रस्ता काटि देलक- राम विलास साहु
23. भैरवी- रौशन कुमार झा
24. संदेह- शारदा नन्द सिंह
25. अंधविश्वास- शम्भू सौरभ
26. डीजे ट्रोली- बेचन ठाकुर
27. मुखियाजी सँ मंत्री धरि एक्के रंग- दुर्गा नन्द ठाकुर
28. कारागार- किशलय कृष्ण
29. पैघ लोक के?- नन्द विलास राय
30. पेंच-पाँच- शिव कुमार मिश्र
31. महेशबाबूक चौकपर एकदिन- गौड़ी शंकर साह
32. परिवर्त्तन- राजदेव मण्डल
33. एकघाप जमीन- जगदीश प्रसाद मण्डल
34. गइ बुढ़िया हम बड़ बिहर छी- डॉ. शिव कुमार प्रसाद
35. भीखमंगा- डॉ. अशोक अविचल
2. स्पेशल परमीट- ओम प्रकश झा
3. ढेपमारा गोसाँइ- ओम प्रकाश झा
4. ओ स्त्री - सदरे आलम गौहर
5. बाल अधिकार- नारायण झा
6. मांग- अमित मिश्र
7. नवतुरिया- अमित मिश्र
8. जनता लेल- अमित मिश्र
9. थ्रीजी- मुकुन्द मयंक
10. पढ़ाइ आ खेती- बिपीन कुमार कर्ण
11. बदरिया मूसक घर- उमेश पासवान
12. अपन घर- लक्ष्मी दास
13. मित्र- नारायण यादव
14. प्रेम एगो अचम्भा - बाल मुकुन्द पाठक
15. भगवानक पूजा- संजय कुमार मण्डल
16. विपन्नता- पंकज सत्यम
17. गौतमक अहिल्या-- दुखन प्रसाद यादव
18. तरकारीक चोर- ललन कुमार कामत
19. व्यंग्य- मिथिलेश कुमार व्यास
20. खेनिहारक लेखा- चंदन कुमार झा
21. चाहबला- कपिलेश्वर राउत
22. बिलाइ रस्ता काटि देलक- राम विलास साहु
23. भैरवी- रौशन कुमार झा
24. संदेह- शारदा नन्द सिंह
25. अंधविश्वास- शम्भू सौरभ
26. डीजे ट्रोली- बेचन ठाकुर
27. मुखियाजी सँ मंत्री धरि एक्के रंग- दुर्गा नन्द ठाकुर
28. कारागार- किशलय कृष्ण
29. पैघ लोक के?- नन्द विलास राय
30. पेंच-पाँच- शिव कुमार मिश्र
31. महेशबाबूक चौकपर एकदिन- गौड़ी शंकर साह
32. परिवर्त्तन- राजदेव मण्डल
33. एकघाप जमीन- जगदीश प्रसाद मण्डल
34. गइ बुढ़िया हम बड़ बिहर छी- डॉ. शिव कुमार प्रसाद
35. भीखमंगा- डॉ. अशोक अविचल
मिथिलांचलक प्रसिद्ध साहित्यिक मंच “सगर राति दीप जरय” केर 80म आयोजन जे निर्मली (सुपौल)मे स्थानीय कलाकार स्व. मिलन सदाय केर नाओंपर आयोजित छल तइ कथा गोष्ठीमे जे समीक्षक-आलोचक सभ पठित कथापर समीक्षा केने रहथि, आलोचना केने रहथि से सूची निम्न अछि-
डॉ. शिव कुमार प्रसाद
ओम प्रकाश झा
राजदेव मण्डल
जगदीश प्रसाद मण्डल
डॉ. अशोक अविचल
डॉ. रामाशीष सिंह
उमेश पासवान
चन्दन कुमार झा
राम विलास साहु
फागुलाल साहु
पंकज सत्यम्
किशलय कृष्ण
शंभु सौरभ
कपिलेश्वर राउत
बाल गोविन्द यादव गोविन्दाचार्य
वीरेन्द्र कुमार यादव
राम विलास साफी
शिव कुमार मिश्र
दुर्गानन्द मण्डल
नारायण यादव
संजय कुमार मण्डल
राम प्रवेश मण्डल
नारायण यादव
बालमुकुन्द पाठक
बेचन ठाकुर
दुर्गानन्द ठाकुर
शारदा नन्द सिंह
ओम प्रकाश झा
राजदेव मण्डल
जगदीश प्रसाद मण्डल
डॉ. अशोक अविचल
डॉ. रामाशीष सिंह
उमेश पासवान
चन्दन कुमार झा
राम विलास साहु
फागुलाल साहु
पंकज सत्यम्
किशलय कृष्ण
शंभु सौरभ
कपिलेश्वर राउत
बाल गोविन्द यादव गोविन्दाचार्य
वीरेन्द्र कुमार यादव
राम विलास साफी
शिव कुमार मिश्र
दुर्गानन्द मण्डल
नारायण यादव
संजय कुमार मण्डल
राम प्रवेश मण्डल
नारायण यादव
बालमुकुन्द पाठक
बेचन ठाकुर
दुर्गानन्द ठाकुर
शारदा नन्द सिंह
80म सगर राति दीप जरय'' निर्मलीमे 45 गोट पोथीक लोकार्पण-
बाल निबंध-
1. देवीजी (ज्योती झा चौधरी) कवि राजदेव मण्डल
विविधा-
1. कुरुक्षेत्रम अन्तर्मनक- (गजेन्द्र ठाकुर) डॉ. बचेश्वर झा
शब्द.कोष-
1. अंग्रजी-मैथिली शब्दकोष- (गजेन्द्र ठाकुर) डॉ. रामाशीष सिंह
2. मैथिली-अंग्रेजी शब्दकोष- (गजेन्द्र ठाकुर) डॉ. अशोक अविचल
विहनि कथा संग्रह-
1. बजन्ता-बुझन्ता (जगदीश प्रसाद मण्डाल) अनुमण्डलाधिकारी अरूण कुमार सिंह
2. तरेगन- दोसर संस्करण (जगदीश प्रसाद मण्डल)- विधायक सतीश साह
2. मैथिली-अंग्रेजी शब्दकोष- (गजेन्द्र ठाकुर) डॉ. अशोक अविचल
विहनि कथा संग्रह-
1. बजन्ता-बुझन्ता (जगदीश प्रसाद मण्डाल) अनुमण्डलाधिकारी अरूण कुमार सिंह
2. तरेगन- दोसर संस्करण (जगदीश प्रसाद मण्डल)- विधायक सतीश साह
लघु कथा संग्रह-
1. सखारी-पेटारी (नन्द विलास राय) डॉ. शिवकुमार प्रसाद
2. उलबा चाउर (जगदीश प्रसाद मण्डल) विनोद कुमार ‘विकल’
3. अर्द्धांगिनी (जगदीश प्रसाद मण्डल) दुर्गानन्द मण्डल
4. सतभैंया पोखरि (जगदीश प्रसाद मण्डल) प्रो. जयप्रकाश साह
5. भकमोड़ (जगदीश प्रसाद मण्डल) फागुलाल साहु
1. सखारी-पेटारी (नन्द विलास राय) डॉ. शिवकुमार प्रसाद
2. उलबा चाउर (जगदीश प्रसाद मण्डल) विनोद कुमार ‘विकल’
3. अर्द्धांगिनी (जगदीश प्रसाद मण्डल) दुर्गानन्द मण्डल
4. सतभैंया पोखरि (जगदीश प्रसाद मण्डल) प्रो. जयप्रकाश साह
5. भकमोड़ (जगदीश प्रसाद मण्डल) फागुलाल साहु
दीर्घ कथा संग्रह-
1. शंभुदास (जगदीश प्रसाद मण्डल) सदरे आलम गौहर
कविता संग्रह-
1. बसुन्धरा (राजदेव मण्डल) गजलकार ओम प्रकाश झा
2. राति-दिन (जगदीश प्रसाद मण्डल) रामजी प्रसाद मण्डल
3. रथक चक्का उलटि चलै बाट (रामविलास साहु) नाटककार बेचन ठाकुर
4. निश्तुकी दोसर संस्करण (उमेश मण्डल) जनकवि रामदेव प्रसाद मण्डल ‘झारूदार’
5. इन्द्र्धनुषी अकास (जगदीश प्रसाद मण्डल) पत्रकार राम लखन यादव
6. प्रतीक (मनोज कुमार कर्ण मुन्नाजी) अधिवक्ता वीरेन्द्र कुमार यादव
2. राति-दिन (जगदीश प्रसाद मण्डल) रामजी प्रसाद मण्डल
3. रथक चक्का उलटि चलै बाट (रामविलास साहु) नाटककार बेचन ठाकुर
4. निश्तुकी दोसर संस्करण (उमेश मण्डल) जनकवि रामदेव प्रसाद मण्डल ‘झारूदार’
5. इन्द्र्धनुषी अकास (जगदीश प्रसाद मण्डल) पत्रकार राम लखन यादव
6. प्रतीक (मनोज कुमार कर्ण मुन्नाजी) अधिवक्ता वीरेन्द्र कुमार यादव
गजल संग्रह-
1. क्यो जानि नै सकल हमरा (ओम प्रकाश झा) साहित्यकार जगदीश प्रसाद मण्डल
2. माझ आंगनमे कतियाएल छी (मनोज कुमार कर्ण मुन्नाजी) गायक रामविलास यादव
3. मोनक बात (चन्दन कुमार झा) डॉ. शिवकुमार प्रसाद
4. अंशु (अमित मिश्र) कथाकार कपिलेश्वर राउत
2. माझ आंगनमे कतियाएल छी (मनोज कुमार कर्ण मुन्नाजी) गायक रामविलास यादव
3. मोनक बात (चन्दन कुमार झा) डॉ. शिवकुमार प्रसाद
4. अंशु (अमित मिश्र) कथाकार कपिलेश्वर राउत
गीत संग्रह-
1. गीतांजलि (जगदीश प्रसाद मण्डल) अमीत मिश्र
2. तीन जेठ एगारहम माघ (जगदीश प्रसाद मण्डल) चन्दन कुमार झा
3. सरिता (जगदीश प्रसाद मण्डल) बालमुकुन्द
4. सुखाएल पोखरिक जाइठ (जगदीश प्रसाद मण्डल) बिपीन कुमार कर्ण
5. हमरा बिनु जगत सुन्ना छै (रामदेव प्रसाद मण्डल ‘झारूदार’) अधिवक्ता मनोज कुमार बिहारी
6. क्षणप्रभा- (शिव कुमार झा ‘टिल्लू‘’) राजाराम यादव
2. तीन जेठ एगारहम माघ (जगदीश प्रसाद मण्डल) चन्दन कुमार झा
3. सरिता (जगदीश प्रसाद मण्डल) बालमुकुन्द
4. सुखाएल पोखरिक जाइठ (जगदीश प्रसाद मण्डल) बिपीन कुमार कर्ण
5. हमरा बिनु जगत सुन्ना छै (रामदेव प्रसाद मण्डल ‘झारूदार’) अधिवक्ता मनोज कुमार बिहारी
6. क्षणप्रभा- (शिव कुमार झा ‘टिल्लू‘’) राजाराम यादव
अनुवाद साहित्य-
1. पाखलो (उपन्यास (कोंकणीसँ हिन्दी सेवी फर्णांडिस एवं शंभु कुमार सिंह तथा हिन्दीसँ मैथिली शंभु कुमार सिंह- कवि शंभु सौरभ
नाटक-
1. रिहलसल (रवि भूषण पाठक) कवि राम विलास साफी
2. बिसवासघात (बेचन ठाकुर) बाल गोविन्द यादव ‘गोविन्दाचार्य’
3. बाप भेल पित्ती आ अधिकार (बेचन ठाकुर) कवि रामविलास साहु
4. रत्नाकार डकैत (जगदीश प्रसाद मण्डल) किशलय कृष्ण
5. स्वयंवर (जगदीश प्रसाद मण्डल) कवि शंभु सौरभ
6. पंचवटी एकांकी संचयन- (जगदीश प्रसाद मण्डल) उपन्यासकार राजदेव मण्डल
7. कम्प्रोमाइज- (जगदीश प्रसाद मण्डल) कथाकार राम प्रवेश मण्डल
8. झमेलिया बिआह (जगदीश प्रसाद मण्डल) अधिवक्ता वीरेन्द्र् कुमार यादव
2. बिसवासघात (बेचन ठाकुर) बाल गोविन्द यादव ‘गोविन्दाचार्य’
3. बाप भेल पित्ती आ अधिकार (बेचन ठाकुर) कवि रामविलास साहु
4. रत्नाकार डकैत (जगदीश प्रसाद मण्डल) किशलय कृष्ण
5. स्वयंवर (जगदीश प्रसाद मण्डल) कवि शंभु सौरभ
6. पंचवटी एकांकी संचयन- (जगदीश प्रसाद मण्डल) उपन्यासकार राजदेव मण्डल
7. कम्प्रोमाइज- (जगदीश प्रसाद मण्डल) कथाकार राम प्रवेश मण्डल
8. झमेलिया बिआह (जगदीश प्रसाद मण्डल) अधिवक्ता वीरेन्द्र् कुमार यादव
उपन्यास
1. हमर टोल (राजदेव मण्डल) कवि हेम नारायण साहु
2. जीवन संघर्ष (दोसर संस्करण) जगदीश प्रसाद मण्डाल) नारायण यादव
3. बड़की बहिन (जगदीश प्रसाद मण्डल) कवि शारदा नन्द सिंह
4. जीवन-मरण (दोसर संस्करण) (जगदीश प्रसाद मण्डल) डाकबाबू छजना
5. नै धाड़ैए (बाल उपन्यास, जगदीश प्रसाद मण्डल) गुरुदयाल भ्रमर
सह्त्रबाढ़नि (ब्रेल लिपि) गजेन्द्र ठाकुर) शिक्षक मनोज कुमार राम
2. जीवन संघर्ष (दोसर संस्करण) जगदीश प्रसाद मण्डाल) नारायण यादव
3. बड़की बहिन (जगदीश प्रसाद मण्डल) कवि शारदा नन्द सिंह
4. जीवन-मरण (दोसर संस्करण) (जगदीश प्रसाद मण्डल) डाकबाबू छजना
5. नै धाड़ैए (बाल उपन्यास, जगदीश प्रसाद मण्डल) गुरुदयाल भ्रमर
सह्त्रबाढ़नि (ब्रेल लिपि) गजेन्द्र ठाकुर) शिक्षक मनोज कुमार राम
वायोग्राफी-
1. जगदीश प्रसाद मण्डल एकटा वायोग्राफी- (गजेन्द्र ठाकुर) कवि उमेश पासवान
संस्मरण साहित्य-
मध्य प्रदेशक यात्रा (ज्योति झा चौधरी) कथाकार नन्द विलास राय
संस्मरण साहित्य-
मध्य प्रदेशक यात्रा (ज्योति झा चौधरी) कथाकार नन्द विलास राय
७९म सगर राति दीप जरय
सगर राति दीप जरय’क ७९म आयोजन ‘कथा कोसी’ उमेश पासवानक संयोजकत्वमे औरहामे सम्पन्न/ ८०म सगर राति दीप जरय सुपौल जिलाक निर्मलीमे उमेश मण्डलक संयोजकत्वमे- उमेश मण्डल
सगर राति दीप जरय’क ७९म आयोजन ‘कथा कोसी’ नामक वैनरक नीचाँ दिनांक १५ जून संध्या ६.३० बजेसँ शुरू भऽ १६ जूनक भिनसर ६ बजे धरि लौकही थाना अन्तर्गत औरहा गामक मध्य विद्यालयक नव निर्मित भवनमे श्री उमेश पासवानक संयोजकत्वमे सुसम्पन्न भेल। अगिला ८०म गोष्ठी सुपौल जिलाक निर्मलीमे हेबाक लेल उमेश मण्डलक प्रस्ताव आएल जे सर्वसम्मतिसँ मान्य भऽ घोषित भेल।
श्री जगदीश प्रसाद मण्डल एवं श्री रामचन्द्र पासवान जीक संयुक्त अध्यक्षतामे तथा श्री वीरेन्द्र कुमार यादव आ श्री दुर्गागान्द मण्डलक संयुक्त संचालनमे ऐ कथा गोष्ठीक भरि रातिक यात्रा भेल। गोष्ठीक शुभारम्भ श्री लक्ष्मी नारायण सिंह एवं श्री रामचन्द्र पासवानजी संयुक्त रूपे दीप प्रज्वलित कऽ उद्घाटन केलनि। दीप प्रज्वलनमे डॉ. रामानन्द झा ‘रमण’ श्री हेम नारायण साह श्री शंभु सौरभ संग-संग प्रेक्षागारमे उपस्थित सभ कथा-साहित्य प्रेमी थोपड़ी बजा सहयोग केलनि।
विदेह-सदेह-५ विदेह मैथिली विहनि कथा, विदेह सदेह-६ विदेह मैथिली लघुकथा, विदेह-सदेह-७ विदेह मैथिली पद्य, विदेह-सदेह-८ विदेह मैथिली नाट्य उत्सव, विदेह-सदेह-९ विदेह मैथिली शिशु उत्सव तथा विदेह-सदेह-१० विदेह मैथिली प्रबन्ध-निबन्ध-समालोचना नामक पोथीक लोकार्पण स्थानीय विद्वतजन श्री संजय कुमार सिंह, श्री रामचन्द्र पासवान, श्री मिथिलेश सिंह, श्री राजदेव मण्डल, श्री लक्ष्मी नारायण यादव तथा श्री वीरेन्द्र प्रसाद सिंह (दुर्गानन्द मण्डल) जीक हाथे भेल।
लोकार्पण सत्रक पछाति दू-शब्दक एकटा महत्वपूर्ण सत्रक सेहो आयोजन भेल जइमे श्री रामचन्द्र पासवान, श्री बेचन ठाकुर, श्री कपिलेश्वर राउत, श्री कमलेश झा, श्री राजदेव मण्डल, श्री राम विलास साहु, श्री उमेश नारायण कर्ण, श्री रामानन्द झा ‘रमण’, श्री शंभु सौरभ, श्री वीरेन्द्र यादव, श्री दुगानन्द मण्डल, श्री जगदीश प्रसाद मण्डल, श्री हेम नारायण साहु, डॉ शिवकुमार प्रसाद, श्री अरूणाभ सौरभ तथा हम माने उमेश मण्डल आ संयोजक श्री उमेश पासवान द्वारा ‘सगर राति दीप जरय’ कथा गोष्ठीक दीर्घ यात्रा तथा उदेसपर सभागारमे उपस्थित दूर-दूरसँ आएल कथाकार, समीक्षक-आलोचक एवं स्थानीय साहित्य प्रेमीक समक्ष अपन-अपन मनतव्य रखलनि। सगर रातिक ७५म आयोजनक पश्चात ७६म आयोजन जे श्री देवशंकर नवीन दिल्लीमे करेबाक घोषना तँ केने रहथि मुदा से नै करा साहित्य अकादेमी द्वारा आयोजित कथा गोष्ठीकेँ गनि नेने रहथि जहू गिनतीकेँ सोझरौल गेल आ तँए ऐ गोष्ठीकेँ श्री उमेश पासवान अपन इमानक परिचए दैत ७९म आयोजन केलनि। ओ कहलनि जे हम सभ अर्थात् विदेह मैथिली साहित्य आन्दोलनसँ जुड़ल मैथिली विकास प्रेमी छी। हम सभ ७७म, ७८म आयोजनक आयोजनकर्ताकेँ स्पष्ट रूपे कहैत एलियनि मुदा हमरा सबहक बात नहियेँ विभारानी मानलनि आ नहियेँ कमलेश झा मानलनि। मुदा से हमहूँ नै मानब आ सही-सही गिनती करब।”ऐ तरहेँ उक्त आयोजनकेँ ‘सगर राति दीप जरय’क ७९मे बहुसंख्यक मनानुसार तँइ भेल, आयोजित भेल। हलाँकि दरभंगासँ आएल कथाकार श्री हीरेन्द्र कुमार झाक उकसेला पर रहुआसँ आएल श्री विनय मोहन झा जगदीश, श्री दुखमोचन झा आ दरभंगेसँ आएल श्री अशोक कुमार मेहता, हीरेन्द्र झा जीक संग गोष्ठीक आरम्भक घंटा भरिक पछाति चलि जाइ गेला।
जीविते नर्क (उमेश मण्डल), शिक्षाक महत (राम विलास साहु), बिआहक पहिल साल गिड़ह (दुर्गानन्द मण्डल), बौका डाँड़ (लक्ष्मी दास), बंश (कपिलेश्वर राउत), टाटीक बाँस (राम देव प्रसाद मण्डल ‘झारूदार’), सगतोरनी (शिवकुमार मिश्र), पाथर, पियक्कर, जोगार आ अंग्रेज नैना (अमीत मिश्र), संत आकि चंठ (बेचन ठाकुर), अछोपक छाप (शम्भु सौरभ), नमोनाइटिस (उमेश नारायण कर्ण), द्वादशा (सुभाष चन्द्र ‘सिनेही’), राँड़िन (रोशन कुमार ‘मैथिल’), पँचवेदी (अखिलेश कुमार मण्डल), मुइलो बिसेबनि (जगदीश प्रसाद मण्डल) इत्यादि महत्वपूर्ण लघु कथा/विहन कथाक पाठ भेल आ सत्रे-सत्र मौखिक टिप्पणी आ समीक्षा सेहो भेल।
अछोपक छाप (शम्भु सौरभ) क समीक्षाक क्रममे श्री रमानन्द झा "रमण" कथावस्तुसँ अपन असहमति देखेलनि आ कहलनि- "नै आब ई गप नै अछि, एकटा गप एतै देखियौ, हम रमानन्द झा "रमण" श्रोत्रिय उच्च कुलक, आ कतऽ आएल छी! उमेश पासवानक दरबज्जापर!"
श्री बेचन ठाकुर श्री रमानन्द झा "रमण"क नव-ब्राह्मणवादी सोचक विरोध करैत कहलनि-
"लोकक मगजमे अखनो जाति-पाति भरल छै, मैलोरंगक प्रकाश झा तँए ने कहै छथि जे बेचन ठाकुर भरि दिन तँ केश काटैत रहैए, ई रंगमंच की करत!! श्रीधरमकेँ सेहो ई गप बूझल छन्हि।”माने मैथिली साहित्यकार, समीक्षक आ रंगमंचसँ जुड़ल ब्राह्मणवादी आ नव-ब्राह्म्णवादी सोचक लोककेँ देखैत ई कहल जा सकैए जे २१म शताब्दीमे श्री रमानन्द झा "रमण"क व्यान ई देखबैत अछि जे केना ओ उमेश पासवानक दरबज्जापर आबि उपकृत करबाक भावनासँ ग्रसित छथि।
ऐ अवसरिपर विदेह मैथिली पोथी प्रदर्शनी (२७म प्रदर्शनी) सेहो लागल रहए।
अगिला ८०म गोष्ठी सुपौल जिलाक निर्मलीमे हेबाक लेल उमेश मण्डलक प्रस्ताव आएल जे सर्वसम्मतिसँ मान्य भऽ घोषित भेल।
सभ कथाकार, कथा-साहित्य प्रेमी एवं समीक्षक-आलोचकसँ आग्रह-अनुरोध-निवेदन जे ८०म सगर रातिक कथा गोष्ठी- निर्मलीमे अपन गरिमामयी उपस्थिति दिऐ।
श्री जगदीश प्रसाद मण्डल एवं श्री रामचन्द्र पासवान जीक संयुक्त अध्यक्षतामे तथा श्री वीरेन्द्र कुमार यादव आ श्री दुर्गागान्द मण्डलक संयुक्त संचालनमे ऐ कथा गोष्ठीक भरि रातिक यात्रा भेल। गोष्ठीक शुभारम्भ श्री लक्ष्मी नारायण सिंह एवं श्री रामचन्द्र पासवानजी संयुक्त रूपे दीप प्रज्वलित कऽ उद्घाटन केलनि। दीप प्रज्वलनमे डॉ. रामानन्द झा ‘रमण’ श्री हेम नारायण साह श्री शंभु सौरभ संग-संग प्रेक्षागारमे उपस्थित सभ कथा-साहित्य प्रेमी थोपड़ी बजा सहयोग केलनि।
विदेह-सदेह-५ विदेह मैथिली विहनि कथा, विदेह सदेह-६ विदेह मैथिली लघुकथा, विदेह-सदेह-७ विदेह मैथिली पद्य, विदेह-सदेह-८ विदेह मैथिली नाट्य उत्सव, विदेह-सदेह-९ विदेह मैथिली शिशु उत्सव तथा विदेह-सदेह-१० विदेह मैथिली प्रबन्ध-निबन्ध-समालोचना नामक पोथीक लोकार्पण स्थानीय विद्वतजन श्री संजय कुमार सिंह, श्री रामचन्द्र पासवान, श्री मिथिलेश सिंह, श्री राजदेव मण्डल, श्री लक्ष्मी नारायण यादव तथा श्री वीरेन्द्र प्रसाद सिंह (दुर्गानन्द मण्डल) जीक हाथे भेल।
लोकार्पण सत्रक पछाति दू-शब्दक एकटा महत्वपूर्ण सत्रक सेहो आयोजन भेल जइमे श्री रामचन्द्र पासवान, श्री बेचन ठाकुर, श्री कपिलेश्वर राउत, श्री कमलेश झा, श्री राजदेव मण्डल, श्री राम विलास साहु, श्री उमेश नारायण कर्ण, श्री रामानन्द झा ‘रमण’, श्री शंभु सौरभ, श्री वीरेन्द्र यादव, श्री दुगानन्द मण्डल, श्री जगदीश प्रसाद मण्डल, श्री हेम नारायण साहु, डॉ शिवकुमार प्रसाद, श्री अरूणाभ सौरभ तथा हम माने उमेश मण्डल आ संयोजक श्री उमेश पासवान द्वारा ‘सगर राति दीप जरय’ कथा गोष्ठीक दीर्घ यात्रा तथा उदेसपर सभागारमे उपस्थित दूर-दूरसँ आएल कथाकार, समीक्षक-आलोचक एवं स्थानीय साहित्य प्रेमीक समक्ष अपन-अपन मनतव्य रखलनि। सगर रातिक ७५म आयोजनक पश्चात ७६म आयोजन जे श्री देवशंकर नवीन दिल्लीमे करेबाक घोषना तँ केने रहथि मुदा से नै करा साहित्य अकादेमी द्वारा आयोजित कथा गोष्ठीकेँ गनि नेने रहथि जहू गिनतीकेँ सोझरौल गेल आ तँए ऐ गोष्ठीकेँ श्री उमेश पासवान अपन इमानक परिचए दैत ७९म आयोजन केलनि। ओ कहलनि जे हम सभ अर्थात् विदेह मैथिली साहित्य आन्दोलनसँ जुड़ल मैथिली विकास प्रेमी छी। हम सभ ७७म, ७८म आयोजनक आयोजनकर्ताकेँ स्पष्ट रूपे कहैत एलियनि मुदा हमरा सबहक बात नहियेँ विभारानी मानलनि आ नहियेँ कमलेश झा मानलनि। मुदा से हमहूँ नै मानब आ सही-सही गिनती करब।”ऐ तरहेँ उक्त आयोजनकेँ ‘सगर राति दीप जरय’क ७९मे बहुसंख्यक मनानुसार तँइ भेल, आयोजित भेल। हलाँकि दरभंगासँ आएल कथाकार श्री हीरेन्द्र कुमार झाक उकसेला पर रहुआसँ आएल श्री विनय मोहन झा जगदीश, श्री दुखमोचन झा आ दरभंगेसँ आएल श्री अशोक कुमार मेहता, हीरेन्द्र झा जीक संग गोष्ठीक आरम्भक घंटा भरिक पछाति चलि जाइ गेला।
जीविते नर्क (उमेश मण्डल), शिक्षाक महत (राम विलास साहु), बिआहक पहिल साल गिड़ह (दुर्गानन्द मण्डल), बौका डाँड़ (लक्ष्मी दास), बंश (कपिलेश्वर राउत), टाटीक बाँस (राम देव प्रसाद मण्डल ‘झारूदार’), सगतोरनी (शिवकुमार मिश्र), पाथर, पियक्कर, जोगार आ अंग्रेज नैना (अमीत मिश्र), संत आकि चंठ (बेचन ठाकुर), अछोपक छाप (शम्भु सौरभ), नमोनाइटिस (उमेश नारायण कर्ण), द्वादशा (सुभाष चन्द्र ‘सिनेही’), राँड़िन (रोशन कुमार ‘मैथिल’), पँचवेदी (अखिलेश कुमार मण्डल), मुइलो बिसेबनि (जगदीश प्रसाद मण्डल) इत्यादि महत्वपूर्ण लघु कथा/विहन कथाक पाठ भेल आ सत्रे-सत्र मौखिक टिप्पणी आ समीक्षा सेहो भेल।
अछोपक छाप (शम्भु सौरभ) क समीक्षाक क्रममे श्री रमानन्द झा "रमण" कथावस्तुसँ अपन असहमति देखेलनि आ कहलनि- "नै आब ई गप नै अछि, एकटा गप एतै देखियौ, हम रमानन्द झा "रमण" श्रोत्रिय उच्च कुलक, आ कतऽ आएल छी! उमेश पासवानक दरबज्जापर!"
श्री बेचन ठाकुर श्री रमानन्द झा "रमण"क नव-ब्राह्मणवादी सोचक विरोध करैत कहलनि-
"लोकक मगजमे अखनो जाति-पाति भरल छै, मैलोरंगक प्रकाश झा तँए ने कहै छथि जे बेचन ठाकुर भरि दिन तँ केश काटैत रहैए, ई रंगमंच की करत!! श्रीधरमकेँ सेहो ई गप बूझल छन्हि।”माने मैथिली साहित्यकार, समीक्षक आ रंगमंचसँ जुड़ल ब्राह्मणवादी आ नव-ब्राह्म्णवादी सोचक लोककेँ देखैत ई कहल जा सकैए जे २१म शताब्दीमे श्री रमानन्द झा "रमण"क व्यान ई देखबैत अछि जे केना ओ उमेश पासवानक दरबज्जापर आबि उपकृत करबाक भावनासँ ग्रसित छथि।
ऐ अवसरिपर विदेह मैथिली पोथी प्रदर्शनी (२७म प्रदर्शनी) सेहो लागल रहए।
अगिला ८०म गोष्ठी सुपौल जिलाक निर्मलीमे हेबाक लेल उमेश मण्डलक प्रस्ताव आएल जे सर्वसम्मतिसँ मान्य भऽ घोषित भेल।
सभ कथाकार, कथा-साहित्य प्रेमी एवं समीक्षक-आलोचकसँ आग्रह-अनुरोध-निवेदन जे ८०म सगर रातिक कथा गोष्ठी- निर्मलीमे अपन गरिमामयी उपस्थिति दिऐ।
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