Monday, September 1, 2014

नारी केन्‍दि‍त सगर राति‍ दीप जरय'क 83 कथा गोष्‍ठी, सखुआ-भपटि‍याही

सगर राति‍ दीप जरय- सखुआ, भपटि‍याही


मैथि‍ली साहि‍त्‍यक प्रसि‍द्ध सर्वहारा मंच सगर राति‍ दीप जरय केर ८३म कथा गोष्‍ठी फुलपरास अनुमण्‍डलक सखुआ-भपटि‍याही गामक उत्‍क्रमि‍त मध्‍य वि‍द्यालय परि‍सरमे दि‍नांक ३० अगस्‍तक (२०१४) साँझ छह बजेसँ शूरू भऽ ३१ अगस्‍तक भि‍नसर छह बजे धरि‍ आकर्षक अध्‍यक्ष मण्‍डल तथा संचालन समि‍ति‍ केर अन्‍तर्गत चलैत रहल। अध्‍यक्ष मण्‍डलमे डा. वि‍मल कुमार राय, डा. योगेन्‍द्र  पाठक ‘वि‍यागी’, श्री जगदीश प्रसाद मण्‍डल, श्री कमलेश झा, तथा डा. शि‍वकुमार प्रसाद रहथि‍, तहि‍ना मंचक संचालक समि‍ति‍मे श्री ओम प्रकाश झा, श्री राजदेव मण्‍डल आ श्री दुर्गानन्‍द मण्‍डल छला।
जहि‍ना जन सहयोगसँ ई गोष्‍ठी आयोजि‍त छल तहि‍ना भपटि‍याही, सखुआ, छजना, नरहि‍या, निर्मली, औरहा, बेरयाही, सुरयाही, रतनसारा, चतरापट्टी, नरहि‍या, नवटोली, कदमपुरा, सुरि‍याही, पकड़ि‍या, छजला, लक्ष्‍मि‍नि‍याँ, गम्‍हरि‍या, बेलही इत्‍यादि‍ गामक तथा टोलक साहि‍त्‍य प्रेमीक अनायास उपस्‍थि‍ति‍ छल। नव-नव साहि‍त्‍य प्रेमी सोझाँ एला। पठि‍त कथापर त्‍वरि‍त समीक्षा/टि‍प्‍पणी दऽ केतेक गोटे अपन नव परि‍चए बनौलनि‍, देलनि‍ आ सोझा एला। जे सगर राति‍ दीप जरय’क उदेस रहल अछि‍। उपस्‍थि‍त साहि‍त्‍यकार सभ अह्लादि‍त भेला। केते गोटे अपन वि‍चार सेहो मंचेपर व्‍यक्‍त केलनि‍ जे अहि‍ना गोष्‍ठी जँ गाम-घरमे हएत तँ नव-नव लोकक प्रवेश स्‍वत: साहि‍त्‍यमे होइत रहत आ जइसँ समाजक संग साहि‍त्‍य डेग-मे-डेग मि‍ला कऽ चलत आ चलैत रहत। जइसँ जनजागरण हएत आ मैथि‍ली साहि‍त्‍यक मध्‍य एक खास अभावक पूर्ति सेहो हएत।
नारी केन्‍द्रि‍त गोष्‍ठी भेने नारी वि‍मर्श करैत अनेक कथा आएल। कथा मध्‍य ढेर रास नारी-समस्‍याकेँ चि‍न्हि‍त कएल गेल। समीक्षक लोकनि‍ अपन-अपन मत दैत भरि‍ राति‍क यात्राकेँ सफल बनौलनि‍। गामक कि‍छु नारीओ गोष्‍ठीमे एक श्रोता रूपमे उपस्‍थि‍त छेली।  
गोष्‍ठीक आरम्‍भ सामुहि‍क रूपेँ वि‍धि‍वत् दीप प्रज्‍वलि‍त कऽ स्‍थानीय डा. वि‍मल कुमार राय, श्री सूरज नारायण राय ‘सुमन’, संग-संग कलकत्तासँ आएल डा. योगेन्‍द्र पाठक ‘वि‍याेगी’, भागलपुरसँ आएल श्री ओम प्रकाश झा एवं बेरमासँ आएल श्री जगदीश प्रसाद मण्‍डलजी द्वारा करौल गेल।
छह पालीमे कुल २७ गोट नूतन वि‍हनि/लघु कथाक पाठ भेल। समीक्षा भेल, दर्जन भरि‍ पोथीक लोकार्पण भेल। जइमे दू गोट पोथी क्रमश: “कारू खि‍रहरि” आ “संत कारू खि‍रहरि”‍ अयोधी यादव ‘अमर’क। आ पाँच गोट लघु कथाक पोथीक साॅफ्ट कौपी क्रमश: “अप्‍पन-बीरान”, “पतझाड़”, “बाल-गोपाल”, “रटनी खढ़” तथा नारी केन्‍द्रि‍त कथा संग्रह “लजबि‍जी” जगदीश प्रसाद मण्‍डलक तहि‍ना दूटा पटकथा पहि‍ल “जाल” आ दोसर “पंचैती” राजदेव मण्‍डलक, एकटा कवि‍ता संग्रह “सूखल मन तरसल आँखि‍” मुन्नी कामतक आ बेचन ठाकुर एकटा नाटक “भोँट” लोकार्पि‍त भेल। ८४म सगर राति‍ दीप जरयक आयोजन झंझारपुर अनुमण्‍डलक बेरमा गाममे शि‍वकुमार मि‍श्र जीक संयोजकत्‍वमे अही बर्खक दि‍सम्‍बर महि‍नामे होएत।
अन्‍तमे संयोजक नन्‍द वि‍लास राय स्‍थानीय साहि‍त्‍य प्रेमी, जि‍नका सबहक वि‍शेष सहयोग छल ऐ आयोजनमे, तइ सभ बेक्‍तीकेँ धैनवाद ज्ञापन केलनि‍। संग-संग श्री गजेन्‍द्र ठाकुर दि‍ससँ श्रुति‍ प्रकाशनसँ प्रकाशि‍त मैथि‍लीक आधुनि‍क पोथी, सभ गोटेकेँ मंचेपर देल गेलनि‍। वि‍शेष सहयोगी सबहक नाओं ऐ तरहेँ अछि‍- डा. वि‍मल कुमार राय, श्री धीरेन्‍द्र कुमार, श्री सूरज नारायण राय, श्री अशोक कुमार राय, श्री सुन्‍दर लाल साह, मो. रि‍जवान, श्री सि‍याराम साह, श्री शम्‍भू सिंह, श्री यादव, श्री उमाकान्‍त राय, श्री जगत नारायण राय, श्री ब्रजनन्‍दन साह, श्री उमेश साह, श्री सुधीर साह, श्री रामकुमार मण्‍डल, श्री सत्‍य नारायण सिंह आ श्री लक्ष्‍मी  मण्‍डल।     
ब्रेकिंग-
अध्‍यक्ष मण्‍डल- डा. वि‍मल कुमार राय, डा. योगेन्‍द्र पाठक ‘वि‍यागी’, श्री जगदीश प्रसाद मण्‍डल, श्री कमलेश झा, डा. शि‍वकुमार प्रसाद।
संचालन समि‍ति‍-
श्री ओम प्रकाश झा, श्री राजदेव मण्‍डल, श्री दुर्गानन्‍द मण्‍डल।
कथा पाठ एवं समीक्षा-
पहि‍ल सत्रमे- जगदीश प्रसाद मण्‍डल- “गावीस मोइस”; शारदानन्‍द सिंह- “की करब से अहीं कहू”; राजदेव मण्‍डल- दोख केकर तथा लक्ष्‍मी दास- “गंगाजलक धोल”
समीक्षा- योगेन्‍द्र पाठक ‘ि‍वयोगी’, कमलेश झा, वि‍मल कुमार राय, शि‍वकुमार प्रसाद, गौड़ी शंकर साह।
दोसर सत्रमे- दुर्गानन्‍द मण्‍डल- “छुतहरि‍”; कपि‍लेश्वर राउत- “बड़का खीरा”, योगेन्‍द्र पाठक वि‍यागी- “वि‍जय दृश्‍य-१, वि‍जय दृश्‍य दू-२”; ललन कुमार कामत- “बेटी”
समीक्षा- फागुलाल साहु, राजदेव मण्‍डल, अयोधी यादव ‘अमर’, कमलेश झा आ शि‍वकुमार प्रसाद।
तेसर सत्र- ओम प्रकाश झा- बेटीक बि‍याह, शि‍व कुमार प्रसाद- “झमकी”; राम ि‍वलास साहु- “अवि‍सबास”; हेम नारायण साहु- “बेसी भ’ गेल आब नै”
समीक्षा- उमेश मण्‍डल, शम्‍भु सौरभ, दुर्गानन्‍द मण्‍डल।
चारि‍म सत्र- उमेश मण्‍डल- “कोटाक चाउर”; फागुलाल साहु- “मर्दानी नारी”; शम्‍भु सौरभ- “लाजो”; शि‍व कुमार मि‍श्र- “बाल वि‍धवा”
समीक्षा- कमलेश झा, ओम प्रकाश झा, राजदेव मण्‍डल, उमेश नारायण कर्ण तथा दुर्गानन्‍द मण्‍डल।
पाँचि‍म सत्र- ओम प्रकाश झा- “कुलच्‍छनी”; गौड़ी शंकर साह- “छोटकी”; उमेश नारायण कर्ण- “यूज एण्‍ड थ्रो”; अच्‍छेलाल शास्‍त्री- “गुलटेनमा”; नन्‍द वि‍लास राय- “दि‍व्‍या”
समीक्षा- कमलेश झा, दुर्गानन्‍द मण्‍डल, राम कुमार मण्‍डल, फागुलाल साहु, राजदेव मण्‍डल।
छअम सत्र- राम वि‍लास साहु- “बौआ बाजल”; फागुलाल साहु- “चतुर बालक”; जगदीश प्रसाद मण्‍डल- “रेहना चाची”; शारदा नन्‍द सिंह- “फक द’ नि‍साँस छूटल”; डाॅ. कीर्ति नाथ झा- (वाचक- उमेश मण्‍डल) “शेफाली, फुलपरासवाली आ हम”
समीक्षा- अयोधी यादव, ओम प्रकाश झा, शम्‍भू सौरभ, ललन कुमार कामत, शि‍व कुमार मि‍श्र।

पोथी लोकार्पणकर्ता
डा. योगेन्‍द्र पाठक ‘वि‍योगी’/श्री कमलेश झा/श्री रामकुमार मण्‍डल- कारु खि‍रहरि‍ अयोधी यादव ‘अमर’क
श्री जगदीश प्रसाद मण्‍डल/ श्री राजदेव मण्‍डल/ डा. वि‍मल कुमार राय/ डा. शि‍वकुमार प्रसाद/ श्री शम्‍भु सौरभ- “संत कारू खि‍रहरि”‍ अयोधी यादव ‘अमर’क
श्री फागुलाल साहु- “सूखल मन तरसल आँखि‍” (कवि‍ता संग्रह)- मुन्नी कामतक
श्री शम्‍भु सौरभ- “कथा कुसुम” (वि‍हनि‍/लघु कथा संग्रह) दुर्गानन्‍द मण्‍डलक
श्री ब्रजनन्‍दन साह- “भोँट” (नाटक) बेचन ठाकुरक
श्री हेम नारायण साहु- “पंचैती” (पटकथा) राजदेव मण्‍डलक
श्री शि‍व कुमार मि‍श्र- “जाल” (पटकथा) राजदेव मण्‍डलक
श्री कमलेश झा- “अपन-बि‍रान” (लघु/वि‍हनि‍ कथा संग्रह) जगदीश प्रसाद मण्‍डलक
श्री उमेश नारायण कर्ण- “पतझाड़” (लघु/वि‍हनि‍ कथा संग्रह) जगदीश प्रसाद मण्‍डलक  
श्री फागुलाल साहु- “रटनी खढ़” (लघु/वि‍हनि‍ कथा संग्रह) जगदीश प्रसाद मण्‍डलक
श्री राम कुमार मण्‍डल- “बाल-गोपाल” (लघु/वि‍हनि‍ कथा संग्रह) जगदीश प्रसाद मण्‍डलक
श्री ओम प्रकाश झा- “लजबि‍जी” (लघु/वि‍हनि‍ कथा संग्रह) जगदीश प्रसाद मण्‍डलक


















































1 comment:

  1. सन ९६-९७ में घोघरडीहा में आयोजित एही कार्यक्रम में हमरो कथा पाठ के अवसर भेटल छल। एक बेर फेर हिस्सा लेबाक इच्छा अच्छी। अपन मातृभाषा सॅ जुड़वाक इच्छा अछि। कार्य्रकम के रिपोर्ट बहुत बढ़िया लिखल गेल अछि। शुभकामना !

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