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Monday, July 30, 2012
कोलकातामे मिथिला महोत्सवक आयोजन-(रिपोर्ट भास्कर झा)
[[उद्घाटन समारोहमें स्मारिकाक विमोचन करैत केन्द्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री ऎवं समारोहक उद्घाटनक्रर्ता श्री सुदीप बंध्योपाध्याय । संगमें परिषदक अध्यक्ष श्री अशोक झा एवं कमलाकान्त जी।]]
मिथिला विकास परिषद, कोलकाता द्वारा 29 जुलाई 2012 के महाजाति सदन के सभागार में आयोजित मिथिला महोत्सवक शुभारंभ भेल। 9 दिवसीय मिथिला महोत्सव केर उद्घाटन केन्द्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री श्री सुदीप बंध्योपाध्याय दीप प्रज्जवलन आ बाबा विद्यापति पर माल्यार्पण सं केलनि। अहि अवसर पर मिथिला विकास परिषदक उल्लेखनीय गतिविधि सं संबंधित स्मारिकाक विमोचनसेहो कायल गेल। मुख्य अतिथि श्री सुदीप बंद्दोपाध्यय परिषदक प्रशंसा करैत बतौलनि कि कोलकाता में एकटा मिथिला सदनक आव्श्यकता अछि। मिथिला सदनक निर्माणमें यथासंभव सहयोग देबक आश्वासन दैत समस्त मिथिलावासी आर मिथिला के बड़ाई कयलनि। कहलथि कि सम्पूर्ण बंगाल में लगभअअभ 6 लाख मैथिल रहि रहल छैथ आर अतहि सं अपन भाषा आर संस्कृतिक अनुरक्षण पर मार्गनिर्देशन करैत रहैत छैथ।
समारोहमें परिषदक अध्यक्ष श्री अशोक झा नवका पीढीके आह्वान करैत कहला कि आब समय आबि गेल अछि,नवतुरिया सबके आगू आबक चाही , हुनका सबके मिथिला-मैथिलीके झंडा उठाबक चाही। अपन चीर-परिचित जुमला” THINK DIFFERENT,DO DIFFERENT” केर संदर्भ दैत कहला कि सब मैथिलके अपन सोचके हिसाबे किछु नव आर प्रायोगिक काज करबाक चाही। संगहि आश्वासन देलनि अछि कि गंगा सागर एक्सप्रेस, मिथिलाचल आ मैथिली एक्सप्रेसक नियमित परिचालन केर उपरान्त आब दरभंगा-गुवाहाटी के बीच एकटा सीधा ट्रेनक परिचालन के लेल केन्द्र सरकारके समक्ष एकटा ज्ञापण रखता।
विषेष अतिथिक रुपमें आमंत्रित मैथिली अकादमी,पटना के अध्यक्ष तथा प्रसिद्ध उद्घोषक श्री कमलाकान्त जी कहलनि कि परिषद सं बड्ड अपेक्षा अहि। वो दुख व्यकत केलनि कि आई मैथिल अपन मूल शब्द-स्वरुप के बिसरि रहल अछि ,अप्पन संस्कृति , अप्पन परम्परा, अप्पन भाषा के अनुरक्षित करय पर जोर दैत कहला कि मैथिली आब रजनी-सजनीक भाषा नहिं रहि गेली, आब मैथिली रोजी-आ रोटीक भाषा थीक।
अहि अवसर पर प्रसिद्ध साहित्यकार डॉ गीतेश शर्मा, दैनिक सन्माग्रक संपादक श्री सुरेश सिंह आर प्रभात खबरक संपादक श्री तारकेश्वर मिश्रा उपस्थित छलैथ। मंच संचालन अशोक कुमार झा ‘भोली” जी केलनि।
उद्घाटन समारोहक समापन केर उपरान्त रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमक आयोजन कायल गेल जाहिमें लगनी, डोमकच, झड़नी, आदि लोकनृत्य आर धिया पुता द्वारा गावल मैथिली गीतक प्रस्तुती आक्रर्षक छल। तत्पस्चात, विद्यापति गीत-रचना पर आधारित भाव नाट्य प्रस्त्तुती ”कखन हरब दुख मोर”क संगीतबद्ध मंचन कायल गेल। रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमक संचालन प्रसिद्ध उद्घोषक श्री राम सेवक ठाकुर जी कयलनि।
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कोलकाता मे मिथिला महोत्सबक रंगारंग उद्घाटन (रिपोर्ट चन्दन कुमार झा)
कोलकाताक प्रसिद्ध महाजाति सदनक सभागार मे दिनांक २९ जुलै २०१२ केँ मिथिला विकास परिषदक तत्वावधान मे नौ दिवसीय मिथिला महोत्सवक उद्घाटन समारोह समपन्न भेल.कार्यक्रमक उद्घाटन भारत सरकारक स्वास्थ्य राज्यमंत्री आ' स्थानीय सांसद श्री सुदीप बंदोपाध्याय दीप प्रज्वलित कय आ' महाकवि विद्यापतिक चित्र पर माल्यार्पण कए कयलनि.अहि अवसर पर मिथिला विकास परिषदक पछिला किछु बरखक गतिविधि पर आधारित स्मारिकाक विमोचन सेहो कयल गेल .अपन उद्घाटन भाषण मे श्री सुदीप बंदोपाध्याय कहलथि जे कोलकाता आ' पश्चिम बंग मे लाखो मैथिल रहैथ छथि जिनकर सहयोग हुनका सदति भेटैत रहलन्हि अछि आ'से ओहो मिथिला-मैथिली-मैथिलक हरसंभव सहयोगक लेल हरदम तत्पर छथि आ' भविष्यो मे रहताह.आगत अतिथि मे सर्वश्री कमलाकांत झा, अध्यक्ष मैथिली अकादमी,पटना, श्रीमती स्मिता बक्सी,स्थानीय विधायक, श्री गीतेश शर्मा-प्रसिद्ध साहित्यकार,श्री कामदेव झा,ईत्यादि गणमान्य व्यक्ति मंच पर उपस्थित छलाह.परिषद द्वारा आगत-अतिथि केँ पाग,दोपटा आ' पुष्पगुच्छ दए स्वागत कयल गेल.विशिष्ट अतिथि श्री कमलाकांत झा कहलनि जे मैथिली मात्र एकटा भाषा नहि छैक अपितु एकटा संस्कृति छैक संगहि चिन्ता जतौलन्हि जे मैथिल अपन माटि-पानिक भाषा आ' समृद्ध सांस्कृतिक-साहित्यिक परंपरा केँ बिसरल जा रहल अछि.ओ कहलन्हि जे कोलकाता केँ मैथिलीक साहित्यिक आ' सांस्कृतिक उत्थान मेँ उल्लेखनीय अवदान रहलैक अछि आ' एहि कार्यमे मिथिला विकास परिषदक योगदान महत्वपूर्ण छैक.दर्शक दीर्घा मे बैसल करीब एक हजार सँ बेशी मैथिल आस धरौने छल जे कमलाबाबू मैथिली अकादमीक मैथिली साहित्यक उत्थानक मादेँ कयल जा रहल अवदानक सेहो किछु चर्चा करताह मुदा हुनका सभकेँ से मनोरथ पूर नहि भऽ सकल.परिषदक अध्यक्ष श्री अशोक झा अपन भाषण मे समस्त मैथल सँ आह्वान कयलन्हि जे ओ सभ मिथिला -मैथिली-मैथिलक विकासक प्रति अलग सोचथि आ अलग (नव-नव तरीका सँ) काज करथि. ओ कहलथि जे कोलकाताक बड़ाबजार मे एकटा भव्य मिथिला भवनक निर्माण, कोलकाता मे मैथिली अकादमीक स्थापना, गुआहाटी सँ दरभंगा जयनगर के लेल सीधा रेल संपर्क, दरभंगा मे सार्वजनिक एयरपोर्टक निर्माण एवं दरभंगा मेडिकल कालेज अस्पताल के एम्स केँ समान दर्जा हुनकर आ' मिथिला विकास परिषदक किछु महत्वपूर्ण लक्ष्य अछि जकरा प्रप्तिक हेतु ओ लगातार संघर्ष आ प्रयास करैत रहताह.
समारोहक दोसर चरण मे परिषदक महिला शाखा द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत कयल गेल जकर शुरुआत गोसउनि गीत जय-जय भैरवि.. पर आधारित सुश्री भावना प्रतिहस्तक भावनृत्यक संग भेल..तकरा बाद मिथिलाक विभिन्न लोकनृत्य झिझिया,झरनी,लगनी,डोमकछ आ' जट-जटिनक प्रस्तुति श्रोता-दर्शक के खूब रुचल जकर सबुत सभागार मे हुनकर सभक थपड़ीक अनुगूंजन स्वतः दऽ रहल छल.मैथिल ललना अपराजिता, चंदा आ' भावना द्वारा अनेक लोकगीत प्रस्तुत कयल गेल आ' दर्शक द्वारा सराहल गेल.श्री रामसेवक ठाकुरक मंचसंचालन सेहो सभ केँ नीक लागल मुदा बीच-बीच मे हिन्दीक काव्यांश आ' शायरी श्रोता-दर्शक सभकेँ खटकैत रहल.कार्यक्रमक अंतिम चरण मे "कखन हरब दुख मोर" नामक नृत्यनाटिका प्रस्तुत कएल गेल जकर परिकल्पना अध्यक्ष अशोक झा आ' निर्देशन राजू जी कयने छलाह.समारोहक सफल आयोजन मे सर्वश्री युगलकिशोर झा, डा.विरेन्द्र मल्लिक,अशोक झा "भोली" विनय प्रतिहस्त,गोपीकान्त झा "मुन्ना",श्रीमती चंदा झा एवं परिषदक आन-आन सदस्यक महत्वपूर्ण योगदान रहल.महोत्सवक अगिला चरणक आयोजन मे १२ अगस्त के गीतगाइन प्रतियोगिता होयत.
समारोहक दोसर चरण मे परिषदक महिला शाखा द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत कयल गेल जकर शुरुआत गोसउनि गीत जय-जय भैरवि.. पर आधारित सुश्री भावना प्रतिहस्तक भावनृत्यक संग भेल..तकरा बाद मिथिलाक विभिन्न लोकनृत्य झिझिया,झरनी,लगनी,डोमकछ आ' जट-जटिनक प्रस्तुति श्रोता-दर्शक के खूब रुचल जकर सबुत सभागार मे हुनकर सभक थपड़ीक अनुगूंजन स्वतः दऽ रहल छल.मैथिल ललना अपराजिता, चंदा आ' भावना द्वारा अनेक लोकगीत प्रस्तुत कयल गेल आ' दर्शक द्वारा सराहल गेल.श्री रामसेवक ठाकुरक मंचसंचालन सेहो सभ केँ नीक लागल मुदा बीच-बीच मे हिन्दीक काव्यांश आ' शायरी श्रोता-दर्शक सभकेँ खटकैत रहल.कार्यक्रमक अंतिम चरण मे "कखन हरब दुख मोर" नामक नृत्यनाटिका प्रस्तुत कएल गेल जकर परिकल्पना अध्यक्ष अशोक झा आ' निर्देशन राजू जी कयने छलाह.समारोहक सफल आयोजन मे सर्वश्री युगलकिशोर झा, डा.विरेन्द्र मल्लिक,अशोक झा "भोली" विनय प्रतिहस्त,गोपीकान्त झा "मुन्ना",श्रीमती चंदा झा एवं परिषदक आन-आन सदस्यक महत्वपूर्ण योगदान रहल.महोत्सवक अगिला चरणक आयोजन मे १२ अगस्त के गीतगाइन प्रतियोगिता होयत.
चित्र साभार भाष्कर झा |
भारतक गगन नारंगकेँ ओलम्पिक कांस्य पदक- पुरुखक १०मीटर एयर राइफलमे (रिपोर्ट चन्दन कुमार झा)
भारतक गगन नारंगकेँ ओलम्पिक कांस्य पदक- पुरुखक १०मीटर एयर राइफलमे।
गगन नारंग केँ लंदन ओलम्पिक मे काँस्य पदक भेटल
प्राप्त सूचनाक अनुसार १० मीटर एयर राइफल प्रतियोगिता मे भारतीय निशानेबाज गगन नारंग तेसर स्थान प्राप्त कयलाह आ २०१२ लंदन ओलम्पिक मे देशक लेल पहिल पदक जीतलाह.एहि इवेन्ट मे नारंगक संगे बीजिंग ओलम्पिक मे स्वर्ण पदक विजेता अभिनव विन्द्रा सेहो एकटा प्रतिभागी छलाह मुदा ओ' फाइनल मे क्वालिफाई नहि कऽ सकलाह.क्वालिफाईंग चरण मे नारंग ५९८ अंकक संग तेसर स्थान पर रहलाह आ' फाइनल मे प्रवेश पौलाह.फेर फाइनल मे अपन अचूक निशाना लगबैत देशक लेल काँस्य पदक जीतलाह.
गगन नारंग केँ लंदन ओलम्पिक मे काँस्य पदक भेटल
प्राप्त सूचनाक अनुसार १० मीटर एयर राइफल प्रतियोगिता मे भारतीय निशानेबाज गगन नारंग तेसर स्थान प्राप्त कयलाह आ २०१२ लंदन ओलम्पिक मे देशक लेल पहिल पदक जीतलाह.एहि इवेन्ट मे नारंगक संगे बीजिंग ओलम्पिक मे स्वर्ण पदक विजेता अभिनव विन्द्रा सेहो एकटा प्रतिभागी छलाह मुदा ओ' फाइनल मे क्वालिफाई नहि कऽ सकलाह.क्वालिफाईंग चरण मे नारंग ५९८ अंकक संग तेसर स्थान पर रहलाह आ' फाइनल मे प्रवेश पौलाह.फेर फाइनल मे अपन अचूक निशाना लगबैत देशक लेल काँस्य पदक जीतलाह.
http://www.youtube.com/user/olympic/videos
https://www.facebook.com/olympics
Sunday, July 29, 2012
मैथिली भाषाक कवि गोष्ठी सम्पन्न (रिपोर्ट सुजीत कुमार झा , जनकपुर)
मैथिल ब्राह्मण्ा समाजक आयोजनामे शनिदिन कवि गोष्ठी सम्पन्न भेल अछि । मैथिलीक भाषाक ओ कवि गोष्ठीमे अयोध्या नाथ चौधरी, पुनम झा, रुद्र नारायण्ाझा मडै, दिगम्बर झा दिनमण्ाि, काशिकान्त झा, देवेश्वर लाल मुन्ना, प्रेम विदेह ललन, विजय मस्त, मनिका झा, चन्द्र कान्त झा, प्रकाश प्रेमी, शुभ नारायण्ा झा, अमर कान्त अमर नविन कुमार मिश्र, रमापति झा, ध्रुवकला कर्ण्ा सहितक कविसभ कविता वाचन कएने छलथि ।मैथिल ब्राह्मण्ा समाजक अध्यक्ष्ा पवन कुमार झाक अध्यक्ष्ातामे भेल ओ समारोहमे तमलोपा नेता कविन्द्र नाथ ठाकुर, मिथिला राज्य संघर्ष्ा समितिक संयोजक परमेश्वर कापडि. सहितक वक्ता सभ वाजल छलथि । कार्यक्रमक संचालन विपिन झा कएने छलथि । प्रत्येक महिना पहिल शनिदिन मासिक कवि गोष्ठी करवाक मैथिल ब्राह्मण्ा समाज निर्ण्ाय कएलक अछि ।
Saturday, July 28, 2012
३०म ओलम्पिक लंदनमे प्रारम्भ- (रिपोर्ट- गजेन्द्र ठाकुर)
३०म ओलम्पिक लंदनमे प्रारम्भ, ई खेल १७ दिन धरि चलत। उद्घाटन समारोहमे भारतक झण्डा कुश्तीक खिलाड़ी आ गत ओलम्पिकमे कांस्य पदक पओनिहार सुशील कुमार आ नेपालक झण्डा प्रसिद्ध जंग साह (तैराकी) उठेलन्हि। रानी एलिजाबेथ-२ खेलक उद्घाटन २७ जुलाइ २०१२ केँ ८०,००० दर्शकक सोझाँ ओलम्पिक स्टेडियम, लंदनमे केलन्हि, ऐ खेलक समापन १२ अगस्त २०१२ केँ हएत, ओना महिला फुटबॉलक प्रतियोगिता २५ जुलाइसँ प्रारम्भ भऽ गेल छल। "inspire the generation" आधिकारिक उद्बोधन वाक्य (motto)अछि। "वेनलॉक आ माण्डेविले" ऐ ओलम्पिकक मस्कट (mascot)अछि। "सरवाइवल" आधिकारिक गीत अछि। २६ खेलक ३९ विधाक ३०२ तरहक प्रतियोगिता लेल २०४ टा देशक लगभग साढ़े दस हजार खिलाड़ी ऐ मे ४७०० पदक लेल भाग लऽ रहल अछि।
लोगो: साभार विकीपीडिया |
स्वर्ण पदक दुनू दिससँ: साभार विकीपीडिया |
Mascot: वेनलॉक आ माण्डेविले : साभार विकीपीडिया |
विदेहक कला-सम्पादक ज्योति झा चौधरी जीक बॉस मारगरेट नोएल ओलम्पिक टॉर्च लऽ गेली । |
In this video at 6.57-6.58 minutes if you can see a small Indian flag in right bottom then you are seeing Jyoti Suneet Choudhary.
ज्योति सुनीत चौधरी (कला-सम्पादक:विदेह) ओलम्पिक टॉर्चक संग) |
Wednesday, July 25, 2012
Sunday, July 22, 2012
मैथिली लोक संस्कृति संगोष्ठी अन्तरगत लोकनायक सलहेसःचर्चा–परिचर्चा कार्यक्रम सम्पन्न (रिपोर्ट राम भरोस कापडि भ्रमर )
मंत्री यादव |
राजा सलहेस महिसौथा |
मिथिलाञ्चल नेपालक होइक वा भारतीय क्षेत्रक जं एक गोट लोकगाथाक महानायक ककरोे जीवन चरित्र बेसी लोकमुखी, जनजनबीच चर्चित, लोकप्रिय छैक त ओ थिके लोकनायक सलहेसक । सिराहा जिल्ला अन्तर्गत महिसौथामे जन्मल सलहेसक जीवन काफी आरोह–अवरोहसं भरल छैक । विभिन्न लोकगाथा गायकसभ कथानकक विभिन्न भेदके जनसमक्ष लाओल करैत अछि । तन्त्र मन्त्र आ सिद्धिक कथासभ एहिमो भरपूर देखल जाइछ । सुगा सलहेसक गुप्तचर होइछ जे मन्त्रीक रूपमे सेहो प्रतिष्ठित छैक । हाथीक नाउँ भौरानन्द राखल गेल छैक त स्वयं सलहेसके मानिक दहसं भँमरा बनाकए मालिनीसभ चोरा क ल जाइछ । सम्भवतः एहन प्रसङ्गसभ गाथा गायकसभक मुहसं थपैत आएल भ सकैछ । मुदा एकटा बातमे सब एकमत होइछ जे सलहेसक जन्म महिसौथा, राजा कुलेश्वरक दरबारमे पहरेदारी, चोरीक आरोप, जेलचलान आ अन्तमे मालिनीद्वारा मुक्ति ... ।
ओ देवताक रूपमे दुसाध जातिमे पूजित छथि । दलित उत्थानक निमित्त सयौं वर्षपूर्व सामन्तसँ (चुहड सामन्त !) लडि क अपने छुट्टे राज्यक स्थापना आ न्यायक लेल लोकप्रियताक चरममे पहुंचैत ‘देवता’क आस्पद प्राप्त क पूजित हएब स्वयं जयबद्र्धन सलहेसक जीवन गाथाक अत्यन्त रोचक पक्ष थिक । सलहेसगाथामे एक दिश प्रेम छैक त दोसर दिश तत्कालीन मिथिलाक्षेत्रमे उत्तरी आक्रमणकारीसभसं एकर रक्षाक चुनौती सेहो छैक । सामन्तसभसं समाजके जोगएबाक गहन जिम्मेबारी थिक त परनिर्भरतासं मुक्त भ अपन सैन्यशक्तिक विकास क अपन सत्ताक स्थापनाक गहन लक्ष्य सेहो । अदभूत पराक्रमी छलाह सलहेस । सब चुनौतीसभके सामना करैत अन्ततः अपन अभियानमे सफल भर महिसौथाके राजधानी बनौलनि ।
नेपाली भूमिक यी वीर लोकनायक, मुदा आइधरि शिष्ट साहित्यक संरक्षकसभद्वारा उपेक्षित रहैत आएल अछ् ि। किए एना भेल त , तकर एक्केटा कारण देखि पडैछ ,दुसाधसभक कुलदेवता प्रति किए अनावश्यक उत्सुकता ! अन्य जाति वा वर्गमे अस्तित्वे नहि रहल कविलोकनि, साहित्यकारसभक जथाभावी रचनासभ उत्खनन क क नयाँ–नयाँ इतिहास रचनिहारसभ सिराहा जिल्लाक चौहद्दीमे अजन सौर्यपूर्ण जीवन बितौनिहार महानायक सलहेस जानाजानी उपेक्षित कएल गेलाह आ परिणमतः आइ हुनका बारेमे लोककण्ठमे बाचल अबैत गाथासभ आ तकरा मञ्चमे प्रदर्शित करबला नाचसभ विलुप्त भ रहलैक अछि ।
इएह कठिन अवस्थाके ध्यानमे राखि सलहेसक जीवनवृत्तमे केन्द्रित भए एकटा बृहत् गोष्ठी करबाक विचार आइसं तेरह्र महिना पहिने आएल आ नेपाल प्रज्ञा–प्रतिष्ठानक संस्कृति विभाग अन्तर्गत एकरा सामेल कएल गेल ।
हम एकर कार्ययोजना बनबैत काल भारतीय मर्मज्ञ विद्वान्सभके एउटा पैनल बनौलहँुँ, जे सभ सलहेसक सन्दर्भमे निरन्तर लिखैत आबि रहल छथि । नेपालक किछु विद्वानसभकें सेहो आग्रह कएल । अन्ततः नेपाल आ भारतसं चारि चारि गोट कार्यपत्र तय भेल आ पत्राचार÷सम्पर्क कएल गेल । एकर कार्यक्रम स्थल लहान (सिराहा) राखल गेल, जत्तसं सलहेसक क्रिडाभूमिसभ लगेमे अवस्थित छैक । समय २०६९ साल बैशाख २० आ २१ गते राखल गेल । सब तैयारीपूर्ण भ गेलाक बाद बैशाख १८ गते जनकपुरमे दुखद घटना भेल, बम बिस्फोटमे तत्काल चारगोटेक आ बादमे एक गोटेक मिला पाँच गोटेक मृत्यु भ गेल । सबदिश शोकक लहरि, आक्रोश देखल गेल । बन्द, हडताल सुरू भेल । परिणामतः कार्यक्रम अन्तिम क्षणमे स्थगित कर पडलैक ।
फेर दोसर तिथि २०६९ साल असार ४, ५ गते राखल गेल । देहकें डाहैत गर्मीमे भारतीय एक दर्जन विद्वत् वर्ग आ नेपालक तर्पmसं सेहो एक दर्जन विद्वत् वर्गसभक समुपस्थितिमे उक्त गोष्ठी लहानमे दश बुँदे लहान घोषणापत्र जारी करैत सम्पन्न भेल अछि । एहिगोष्ठीमे अपन आर्थिक सहयोग द्वारा वी.पी. कोइराला भारत–नेपाल प्रतिष्ठान पैघ काज कएलक जकर प्रशंशा समस्त उपस्थित सहभागी लोकनि कएलनि ।
अखाढ ४ गते सूचना तथा सञ्चार मन्त्री राजकिशोर यादव उद्घाटन कएलनि । हुनक हाथसं नेपाल प्रज्ञा–प्रतिष्ठान द्वारा प्रकाशित “आँगन” पत्रिकाक चारिम अंक सलहेस विशेषक आ रामभरोस कापडि ‘भ्रमर’क नवीनतम कृति ‘समय–सन्दर्भ’क विमोचन कएलनि । तहिना सलहेस लोकनाचकें मञ्चीय रूपमे जिवन्त राखमे सिराहाक शैनी पासवास आ सलहेस गायनकें अपन कण्ठमे बचा क रखनिहार मधुरी दासकें दोसल्ला आ प्रशंसा–पत्र पदान क सम्मान कएल गेल छल । कार्यक्रममे सभापतित्व करैत संयोजक ‘भ्रमर’ विषय–प्रवेशक क्रममे लोकनायक सलहेसक चित्र अंकित टिकट प्रकाशन करबाक आ चोहरबा चौकमे चूहड मलक प्रतिमा स्थापनाक माग कएलनि, जकरा मन्त्री यादव सहर्ष स्वीकार करैत नेपाल सरकारसं होबबला सम्पूर्ण सहयोग उपलब्ध करएबाक विश्वास सेहो दिऔलनि ।
कार्यक्रममे कार्यपत्र आ टिप्पणीसब अतिरिक्त संयोजक ‘भ्रमर’द्वारा विद्वत्सभक बीच चारिबुँदे अवधारणापत्र प्रस्तुत कएल गेल छल, जाहिमे व्यापक छलफल आ निष्कर्षक लेल चारिगोट समूह बनाओल गेल । जे ५ गते स्थलगत स्थलसभक भ्रमण क समापन बैठकमे विभिन्न सुझावसभकसंग प्रस्तुत कएने छल । स्थलगत भ्रमणमे सलहेस पूmलबारीक विचित्र रचना प्रक्रियासं अवगत भेलाह त सलहेस गाथामे निके महत्वक साथ आएल कमल दहमे कमल लोप भ क सेहो पर्यटकीय आकर्षण यथावत रहेल बात सब विद्वान्सभ महसुस कएने छलाह ।
गोष्ठी कम कार्यशाला गोष्ठीमे अन्तमे दश बुँदे लहान घोषणा–पत्र जारी कएल गेल छल । घोषणापत्रमे जिल्ला अथवा अन्य भागमे रहल सलहेस मन्दिर (गहबर) सलहेस फुलबारी, मानिक दह, पकडिया गढ, कमल दह, उत्तरवाहिनी, कमला आ नन्द महिरी सन स्थलसभक संरक्षण, सम्बद्र्धन करब जरुरी अछि । सलहेस गाथामे वर्णित स्थलसभ नेपालेमे अवस्थित भेल हएबाक कारणे एकर संरक्षण–सम्बद्र्धनक दायित्व सरकारक अछि । एहना स्थलसभक विकासक पहल हएबाक चाही ! स्थलसभक उत्खनन हएबाक चाही । सलहेस पूmलबारीके विश्वसम्पदा सूचीमे सूचीकृत कएल जाए्, एकरा सिमसार क्षेत्रक रूपमे मान्यता देल जाए सन सन् मांग कएअ गेल अछि ।
अन्य मागमे सलहेस प्रतिष्ठानक गठन हाए, सलहेस अंकित डाक टिकटक प्रकाशन होए्, सलहेस गाथासँग जोडल ठामसभकें सम्पर्क मार्ग बनाओल जाए्, सलहेस पूmलबारी निकट राजमार्गमे सलहेसक मूर्ति आ भव्यद्वारक निर्माण होए्, सलहेसकें राष्ट्रिय विभूति घोषित कएल जाए आ संग्रहालयक स्थापना हाए ।
सलहेस सम्बन्धी एना कय वैज्ञानिक ढंगसं गोष्ठीक आयोजन प्रथम सुरुवात भेल हएबाक बात बथबैत उपस्थित नेपाल–भारतक विद्वतजनसभ अनुसन्धानक अभाव रहलाक कारणें एकरा निरन्तरता देल जएबाक चाहीे ।
दूदिना गोष्ठीमे भारतसं डा. रमानन्द झा ‘रमण’, डा. वुचरु पासवान, डा. कमलकान्त झा, डा. भुवनेश्वर गुरमैता, चन्द्रेश, डा. मोहित ठाकुर, पंचानन मिश्र आदि छलाह त नेपालक दिशसं डा. रामदयाल राकेश, पुरातत्वविद् तारानन्द मिश्र, प्राज्ञ रमेशरञ्जन झा, पूर्व सांसद नथुनी सिंह दनुवार, डा. पशुपतिनाथ झा, प्रा. परमेश्वर कापडि, डा. रेवतीरमण लाल,गोपाल झा आदि विद्वानसभक सहभागिता छल ।
Wednesday, July 18, 2012
Monday, July 16, 2012
Sunday, July 15, 2012
७६म सगर राति दीप जरय चेन्नै मे १४ जुलाइ २०१२क साँझसँ १५ जुलाइ २०१२क भोर धरि सम्पन्न (चित्र साभार विभा रानी आ अभिजीत चन्द्र)
मैथिली कथा गोष्ठी ७६म सगर राति दीप जरय "कथा कावेरी" चेन्नै मे १४ जुलाइ २०१२क साँझसँ १५ जुलाइ २०१२क भोर धरि सम्पन्न (चित्र साभार विभा रानी आ अभिजीत चन्द्र)
स्थान- बिहार असोसिएशन भवन,(स्टेला मारिस कॉलेज क सोझाँमे), दामोदरन स्ट्रीट, गोपलपुरम, चेन्नै- 600034
आयोजक: अवतिको (विभा रानी), ई पहिल बेर अछि जे सगर राति दीप जरय एकटा महिला द्वारा आयोजित भेल अछि।
७५म सगर राति दीप जरय पटनामे भेल रहए। ७४म सगर राति दीप जरय श्रीमति (आब स्व.) आरती कुमारीक संयोजकत्वमे भागलपुरमे होएब निर्धारित छल मुदा हुनकासँ राजनीतिक अन्तर्गत ओ छीनि कऽ हजारीबागमे कएल गेल, ऐ शर्तपर जे ७५म सगर राति दीप जरयक आयोजनक मौका हुनका देल जएतन्हि। मुदा ७५म सगर राति दीप जरय राजनीतिक अन्तर्गत पटनामे भेल। तकर बाद श्रीमति आरती कुमारीक कैन्सरसँ भागलपुरमे मृत्यु भऽ गेलन्हि आ ओ सगर राति दीप जरयक पहिल महिला आयोजिका नै भऽ सकली।
विगत किछु दिनसँ सगर राति दीप जरयमे कथाकार छोड़ि सभक उपस्थितिपर साहित्य जगतमे आक्रोश अछि। घुसपैठिया सभक कारण कथाकार अपनाकेँ राजनीतिक पर्याय बनल जा रहल सगर राति दीप जरय सँ दूर केने जा रहल छथि।
अगिला सगरि राति दीप जरय लेल कियो माला नै उठा सकला।
अगिला सगरि राति दीप जरय कतए हएत से अखन धरि अनिश्चित अछि।
अगिला सगरि राति दीप जरय लेल कियो माला नै उठा सकला।
अगिला सगरि राति दीप जरय कतए हएत से अखन धरि अनिश्चित अछि।
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