[[उद्घाटन समारोहमें स्मारिकाक विमोचन करैत केन्द्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री ऎवं समारोहक उद्घाटनक्रर्ता श्री सुदीप बंध्योपाध्याय । संगमें परिषदक अध्यक्ष श्री अशोक झा एवं कमलाकान्त जी।]]
मिथिला विकास परिषद, कोलकाता द्वारा 29 जुलाई 2012 के महाजाति सदन के सभागार में आयोजित मिथिला महोत्सवक शुभारंभ भेल। 9 दिवसीय मिथिला महोत्सव केर उद्घाटन केन्द्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री श्री सुदीप बंध्योपाध्याय दीप प्रज्जवलन आ बाबा विद्यापति पर माल्यार्पण सं केलनि। अहि अवसर पर मिथिला विकास परिषदक उल्लेखनीय गतिविधि सं संबंधित स्मारिकाक विमोचनसेहो कायल गेल। मुख्य अतिथि श्री सुदीप बंद्दोपाध्यय परिषदक प्रशंसा करैत बतौलनि कि कोलकाता में एकटा मिथिला सदनक आव्श्यकता अछि। मिथिला सदनक निर्माणमें यथासंभव सहयोग देबक आश्वासन दैत समस्त मिथिलावासी आर मिथिला के बड़ाई कयलनि। कहलथि कि सम्पूर्ण बंगाल में लगभअअभ 6 लाख मैथिल रहि रहल छैथ आर अतहि सं अपन भाषा आर संस्कृतिक अनुरक्षण पर मार्गनिर्देशन करैत रहैत छैथ।
समारोहमें परिषदक अध्यक्ष श्री अशोक झा नवका पीढीके आह्वान करैत कहला कि आब समय आबि गेल अछि,नवतुरिया सबके आगू आबक चाही , हुनका सबके मिथिला-मैथिलीके झंडा उठाबक चाही। अपन चीर-परिचित जुमला” THINK DIFFERENT,DO DIFFERENT” केर संदर्भ दैत कहला कि सब मैथिलके अपन सोचके हिसाबे किछु नव आर प्रायोगिक काज करबाक चाही। संगहि आश्वासन देलनि अछि कि गंगा सागर एक्सप्रेस, मिथिलाचल आ मैथिली एक्सप्रेसक नियमित परिचालन केर उपरान्त आब दरभंगा-गुवाहाटी के बीच एकटा सीधा ट्रेनक परिचालन के लेल केन्द्र सरकारके समक्ष एकटा ज्ञापण रखता।
विषेष अतिथिक रुपमें आमंत्रित मैथिली अकादमी,पटना के अध्यक्ष तथा प्रसिद्ध उद्घोषक श्री कमलाकान्त जी कहलनि कि परिषद सं बड्ड अपेक्षा अहि। वो दुख व्यकत केलनि कि आई मैथिल अपन मूल शब्द-स्वरुप के बिसरि रहल अछि ,अप्पन संस्कृति , अप्पन परम्परा, अप्पन भाषा के अनुरक्षित करय पर जोर दैत कहला कि मैथिली आब रजनी-सजनीक भाषा नहिं रहि गेली, आब मैथिली रोजी-आ रोटीक भाषा थीक।
अहि अवसर पर प्रसिद्ध साहित्यकार डॉ गीतेश शर्मा, दैनिक सन्माग्रक संपादक श्री सुरेश सिंह आर प्रभात खबरक संपादक श्री तारकेश्वर मिश्रा उपस्थित छलैथ। मंच संचालन अशोक कुमार झा ‘भोली” जी केलनि।
उद्घाटन समारोहक समापन केर उपरान्त रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमक आयोजन कायल गेल जाहिमें लगनी, डोमकच, झड़नी, आदि लोकनृत्य आर धिया पुता द्वारा गावल मैथिली गीतक प्रस्तुती आक्रर्षक छल। तत्पस्चात, विद्यापति गीत-रचना पर आधारित भाव नाट्य प्रस्त्तुती ”कखन हरब दुख मोर”क संगीतबद्ध मंचन कायल गेल। रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमक संचालन प्रसिद्ध उद्घोषक श्री राम सेवक ठाकुर जी कयलनि।
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