Monday, March 5, 2012

मिथिला विकास परिषद् कोलकाताक फगुआ मिलन समारोह २०१२ (रिपोर्ट रूपेश कुमार झा त्योंथ)

महानगरक व्यस्तता केर बसात सँ मसुआयल दिनचर्या तखन पराजित भेल जखन आइ बहुत दिनक बाद कोनो कार्यक्रम मे उपस्थित होयबाक अवसर भेटल. बहुत मसक्कति बाद आइ साँझ श्री दिगंबर जैन भवन मे मिथिला विकास परिषद्, कोलकाता द्वारा आयोजित फगुआ मिलन समारोह २०१२ मे पहुँचलहुं. कार्यक्रम पूर्णतः मिथिलामय छल. एहि आयोजन मे जान फूंकलनि मिथिला कीर्तन संसद कालीघाट केर किर्तनिया लोकनि. कार्यक्रम मे उपस्थित महिला-पुरुष एकदोसरा संग अबीर खेललनि. एहि कार्यक्रमक विशेष बात ई छल जे मैथिलानी लोकनि बेसी संख्या मे उपस्थित छलीह. एहि कार्यक्रम मे तेज नारायण झा (मैथिल समाजसेवी), गीतेश शर्मा (हिंदीक वरिष्ठ पत्रकार-समालोचक), सिराज खान बातिस (हिंदी-उर्दू कवि), अमिताभ चक्रवर्ती (बांग्ला कवि) सेहो उपस्थित भ' अपन उदगार व्यक्त कयलनि. परिषदक राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक झा मिथिलानुरागी सांसद व केंद्रीय राज्य मंत्री सुदीप बंद्योपाध्याय केर शुभकामना सन्देश पढि क' सुनओलनि. अस्वस्थता केर कारणें बंद्योपाध्याय उपस्थित नहि भ' सकलाह. कार्यक्रम मे फगुआ केर सकल इंतजाम छल. ठंढइ ओ भोजनक पश्चात् लोक ससरति गेलाह. भोजनक बाद जनतब रहितो कार्यक्रम सभ मे नहि उपस्थित होयबाक उपराग देइत अशोक झा ६ मार्च कें दरभंगा मे सम्मलेन ओ १२ मार्च कें दिल्ली मे मिथिला राज्यक मांग कें ल' आयोजित धरना केर विषय मे जनओलनि. जय मैथिली.

1 comment:

  1. "भवन निर्माण में शेषनाग का विचार अवश्य करें ?"

    --एन्द्रियाम सिरों भाद्रपदः त्रिमासे। याम्याम शिरो मार्ग शिरस्त्रयम च । फाल्गुनी मासाद दिशि पश्चिमीयाम।ज्येष्ठात त्रिमासे च तिथोत्तरेशु ।।

    -----{१}भाव -भाद्रपद ,आश्विन ,एवं कार्तिक {सितम्बर ,ओक्ट्बर ,नवम्बर }इन तीन महीनों में शेषनाग का सिर पूर्व दिशा में रहता है ।

    ---{२}-मार्गशीर्ष ,पौष ,एवं माघ {दिसंबर ,जनवरी ,फरवरी }इन तीन मासों में शेषनाग का सिर दक्षिण दिशा में रहता है ।।

    ---{३}-फाल्गुन ,चैत्र ,वैशाख { मार्च ,अप्रैल ,मई }-इन तीनों मासों में शेषनाग का सर पश्चिम दिशा में रहता है ।

    ----{४}-ज्येष्ठ ,आषाढ़ ,एवं श्रावण{जून ,जुलाई ,अगस्त }इन तीनों मासों में शेषनाग का सिर" उत्तर दिशा में रहता है ।।

    --- "शिरः खनेत मात्री पितरोश्चा हन्ता खनेत पृष्ठं भयरोग पीड़ा । तुछ्यम खनेत त्रिशु गोत्र हानिः स्त्री पुत्र लाभों वाम कुक्षो ।

    ---अर्थात -जो कोई शेषनाग के सिर [मुख } पर से मकान की नीव रखकर चिनाई शुरू कर दे -तो उस मकान मालिक के माता पिता को हानी पहुँचती है । पीठ पर चिनाई करने से भय एवं रोग से पीड़ित रहते हैं भूमिपत्ति।पूंछ पर चिनाई करने से वंशावली दोष से पीड़ित हो जाते हैं मकान के स्वामी ।और खली जगह पर चिनाई करने से पत्नी को कष्ट होता है ,एवं पुत्र ,धन की भी हानी होती है ।।

    अतः ----जब सूर्यदेव-सिंह ,कन्या,तुला राशि में हों तो--अग्नि दिशा में खोदें एवं चिनाई शुरू करें ।

    ------जब सूर्य देव -वृश्चिक ,धनु ,या मकर राशि में हों तो -ईशान कोण में चिनाई शुरू करनी चाहिए ।

    -------जब सूर्यदेव -कुम्भ ,मीन या मेष राशि में हों तो वायव्य कोण में चिनाई शुरू करनी चाहिए ।

    ----जब सूर्य देव -वृष ,मिथुन या कर्क राशि में हों तो चिनाई नर्रितय कोण से शुरू करें ।

    पंडित - कन्हैयालाल झा शास्त्री {मेरठ उत्तर प्रदेश }

    ज्योतिष एवं कर्मकांड कार्यालय संपर्क सूत्र -09897701636,09358885616

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