एस एच जीक माध्यम सॅ आगा बढ़त बिहार प्रदेश मे गठित होयत
दस लाख एच एच जी
बिहार मे महिला आ ग्रामीण क्षेत्रक विकासक लेल स्वयं सहायता समूह (एस एच जी) के मजगूत हथियार बनाओल जा रहल अछि। एहि वास्ते राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशनक अंतर्गत दस लाख स्वयं सहायता समूह गठित कयल जायत। एहि समूह सॅ अगिला दस वर्ष मे गोटेक एक करोड़ महिला सभके जोड़बाक लेल तैयार कार्य योजना के राज्य सरकार मंजूरि दऽ देलक अछि। मिशनक कार्यान्वयनक लेल बिहार ग्रामीण जीविकोपार्जन प्रोत्साहन समिति गठित कयल गेल अछि। ई व्यवस्था गरीबी रेखा सॅ नीचा रहय वाला (बीपीएल) परिवार के आर्थिक रूपें मजगूत करबाक लेल लागू कयल जा रहल अछि। तैयार कार्य योजनाक अंतर्गत जीविका, ग्रामीण विकास विभाग आ महिला विकास निगम द्वारा चलाओल जा रहल एसएचजी एकहि मॉडल पर काज करता मिशनक अंतर्गत चालू वित्तीय वर्ष 2011-12 सॅ वित्तीय वर्ष 2021-22 धरि प्रति वर्ष एक-एक लाख स्वयं सहायता समूहक गठन कयल जायत। एहि तरहे एहि दस वर्षक दरमियान दस लाख एसएचजीक गठनक समूह मे महिला सभ के स्वरोजगारक वास्ते बैंक सभ सॅ आर्थिक मदति दे आओल जायत। एहि लेल 9200.23 करोड़ टाकाक उपबंध कयल गेल अछि। संगहि समूह द्वारा उत्पादित सभ जिला मे दू-दू टा हाट विकसित कयल जायत। देखबा मे आयल अछि जे महिला सभ एस एच जीक उपयोग गरीबी सॅ लड़बाक हथियारक रूप मे कऽ रहल छथि। केरल आ तमिलनाडू आदि आन प्रदेश सभ मे सेहो एस एच जीक नीक परिणाम सोझा आयल अछि। एहि माध्यम सॅ महिला सभ घरक चेहरा बदलि देलनि अछि। एहि के ध्यान मे राखि बिहार मे सेहो गरीबी उन्मूलन आ महिला सशक्तिकरण के बढ़ाबा देबाक उद्देश्य सॅ पैघ संख्या मे महिला सभके एस एच जी सॅ जोड़ल जायत। उल्लेखनीय अछि जे जीविका, स्वर्ण जयंती ग्राम स्वरोजगार योजना आ महिला विकास निगम द्वारा संचालित एस एच जी गरीब महिला सभक आर्थिक उन्नति मे महत्वपूर्ण भूमिकाक निर्वाह कयलक अछि। एहि माध्यम सॅ महिला सभ बैक सॅ कर्ज लऽ उत्पादनक काज प्रारंभ कयलक अछि। जाहि सॅ हुनक जीवन खुशहाल भेल अछि।
राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशनक काज गामक सभ सॅ निर्धन टोला सॅ प्रारंभ होइत अछि। एकर अंतर्गत मात्र समूहक गठन नहि कयल जाईत अछि बल्कि हुनका सभके खेतीक उपज बढ़ायब, श्री विधि सॅ खेती करब, सभ नेता के विद्यालय पढ़ायब आ अपन दस्तखत करबाक लेल प्रेरित कयल जायत। बिहार मे मिशनक क्रियान्वयनक लेल जीविका के नोडल एजेन्सी बनाओल गेल अछि। एहि माध्यम सॅ एस एच जी गठित कयल जायत। संगहि बेरोजगार सभके रोजगारक सृजनक लेल प्रशिक्षित सेहो कयल जायत। आजीविका मिशन मे जीविकाक कतेको प्रारूप के सम्मिलित कयल गेल अछि। मिशनक अंतर्गत जीविका प्रदेशक सभ 534 प्रखंड मे स्वयं सहायता समूह गठित करत। प्रदेश मे जीविकाक प्रारंभ वर्ष 2006 मे 42 प्रखंड मे कयल गेल छल। बाद मे वर्ष 2010 मे कोसी क्षेत्रक 13 प्रखंड मे एकर विस्तार कयल गेल छल। जीविकाक माध्यम सॅ महिला सभ अपन पयर पर ठाढ़ होयत। एहि समूहक माध्यम सॅ महिला सभ मे जागृति आओत आ आधा आबादी अपन हुनक तथा ज्ञानक प्रयोग कऽ बिहार के आगां बढ़ौतीहा जीविकाक मुख्य लक्ष्य ग्रामीण क्षेत्रक अर्थव्यवस्था के मजगूत कऽ बिहार के आगा लऽ जयबाक अछि। जीविकाक प्रबंध निदेशक अरविन्द कुमार चौधरीक कहब छनि जे प्रदेश मे स्वयं सहायता समूह महिला सभक तकदीर बदलि देलक अछि। एस एच जीक माध्यम सॅ बिहार मे नव कहानी लिखल जा रहल अछि। जीविकाक कार्यक्रम महिला सशक्तिकरणक दिशा मे बेसी प्रभावित साबित भेल अछि। आब महिला सभ घर सॅ बाहर निकलि रहल छथि आ दस्तखत कऽ बैकक संग कारोबार सेहो कऽ रहल छथि।
जीविकाक अंतर्गत प्रत्येक समूहक सफलताक अपन कहानी अछि। एहि कहानी के मीडिया मे सेहो जगह देबाक आवश्यकता अछि जाहि सॅ ई आन महिलाक लेल प्रेरणाक अस्त्र बनि सकय। बिहार मे गठित उठाओल पैघ डेंग होयत। बिहार सरकार द्वारा चलाओल जा रहल जीविकाक अनुकरण कऽ भारत सरकार एकरा देश भरि मे लागू करबाक निर्णय लेलक अछि आ एकर नाम आजीविका राखल गेल अछि। जीविकाक माध्यम सॅ महिला सभ मे जागृति आओत आ ओ गरीबी सॅ मुक्तिक कारगर हथियारक रूप मे एकर अपनाओत। महिला सभक आर्थिक उन्नति मे एकर महत्वपूर्ण भूमिका होयत। प्रदेश मे ग्रामीण विकास विभाग महिला विकास निगम आ जीविका द्वारा गोटेक एक लाख स्वयं सहायता समूह संचालित कयल जा रहल अछि। गोटेक पचास हजार एस एच जी के बैक सॅ मदति दे आओल गेल अछि। महिला सभ बिना डर समूह सभक संचालन कऽ रहल छथि।
बिहार मे महिला आ ग्रामीण क्षेत्रक विकासक लेल स्वयं सहायता समूह (एस एच जी) के मजगूत हथियार बनाओल जा रहल अछि। एहि वास्ते राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशनक अंतर्गत दस लाख स्वयं सहायता समूह गठित कयल जायत। एहि समूह सॅ अगिला दस वर्ष मे गोटेक एक करोड़ महिला सभके जोड़बाक लेल तैयार कार्य योजना के राज्य सरकार मंजूरि दऽ देलक अछि। मिशनक कार्यान्वयनक लेल बिहार ग्रामीण जीविकोपार्जन प्रोत्साहन समिति गठित कयल गेल अछि। ई व्यवस्था गरीबी रेखा सॅ नीचा रहय वाला (बीपीएल) परिवार के आर्थिक रूपें मजगूत करबाक लेल लागू कयल जा रहल अछि। तैयार कार्य योजनाक अंतर्गत जीविका, ग्रामीण विकास विभाग आ महिला विकास निगम द्वारा चलाओल जा रहल एसएचजी एकहि मॉडल पर काज करता मिशनक अंतर्गत चालू वित्तीय वर्ष 2011-12 सॅ वित्तीय वर्ष 2021-22 धरि प्रति वर्ष एक-एक लाख स्वयं सहायता समूहक गठन कयल जायत। एहि तरहे एहि दस वर्षक दरमियान दस लाख एसएचजीक गठनक समूह मे महिला सभ के स्वरोजगारक वास्ते बैंक सभ सॅ आर्थिक मदति दे आओल जायत। एहि लेल 9200.23 करोड़ टाकाक उपबंध कयल गेल अछि। संगहि समूह द्वारा उत्पादित सभ जिला मे दू-दू टा हाट विकसित कयल जायत। देखबा मे आयल अछि जे महिला सभ एस एच जीक उपयोग गरीबी सॅ लड़बाक हथियारक रूप मे कऽ रहल छथि। केरल आ तमिलनाडू आदि आन प्रदेश सभ मे सेहो एस एच जीक नीक परिणाम सोझा आयल अछि। एहि माध्यम सॅ महिला सभ घरक चेहरा बदलि देलनि अछि। एहि के ध्यान मे राखि बिहार मे सेहो गरीबी उन्मूलन आ महिला सशक्तिकरण के बढ़ाबा देबाक उद्देश्य सॅ पैघ संख्या मे महिला सभके एस एच जी सॅ जोड़ल जायत। उल्लेखनीय अछि जे जीविका, स्वर्ण जयंती ग्राम स्वरोजगार योजना आ महिला विकास निगम द्वारा संचालित एस एच जी गरीब महिला सभक आर्थिक उन्नति मे महत्वपूर्ण भूमिकाक निर्वाह कयलक अछि। एहि माध्यम सॅ महिला सभ बैक सॅ कर्ज लऽ उत्पादनक काज प्रारंभ कयलक अछि। जाहि सॅ हुनक जीवन खुशहाल भेल अछि।
राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशनक काज गामक सभ सॅ निर्धन टोला सॅ प्रारंभ होइत अछि। एकर अंतर्गत मात्र समूहक गठन नहि कयल जाईत अछि बल्कि हुनका सभके खेतीक उपज बढ़ायब, श्री विधि सॅ खेती करब, सभ नेता के विद्यालय पढ़ायब आ अपन दस्तखत करबाक लेल प्रेरित कयल जायत। बिहार मे मिशनक क्रियान्वयनक लेल जीविका के नोडल एजेन्सी बनाओल गेल अछि। एहि माध्यम सॅ एस एच जी गठित कयल जायत। संगहि बेरोजगार सभके रोजगारक सृजनक लेल प्रशिक्षित सेहो कयल जायत। आजीविका मिशन मे जीविकाक कतेको प्रारूप के सम्मिलित कयल गेल अछि। मिशनक अंतर्गत जीविका प्रदेशक सभ 534 प्रखंड मे स्वयं सहायता समूह गठित करत। प्रदेश मे जीविकाक प्रारंभ वर्ष 2006 मे 42 प्रखंड मे कयल गेल छल। बाद मे वर्ष 2010 मे कोसी क्षेत्रक 13 प्रखंड मे एकर विस्तार कयल गेल छल। जीविकाक माध्यम सॅ महिला सभ अपन पयर पर ठाढ़ होयत। एहि समूहक माध्यम सॅ महिला सभ मे जागृति आओत आ आधा आबादी अपन हुनक तथा ज्ञानक प्रयोग कऽ बिहार के आगां बढ़ौतीहा जीविकाक मुख्य लक्ष्य ग्रामीण क्षेत्रक अर्थव्यवस्था के मजगूत कऽ बिहार के आगा लऽ जयबाक अछि। जीविकाक प्रबंध निदेशक अरविन्द कुमार चौधरीक कहब छनि जे प्रदेश मे स्वयं सहायता समूह महिला सभक तकदीर बदलि देलक अछि। एस एच जीक माध्यम सॅ बिहार मे नव कहानी लिखल जा रहल अछि। जीविकाक कार्यक्रम महिला सशक्तिकरणक दिशा मे बेसी प्रभावित साबित भेल अछि। आब महिला सभ घर सॅ बाहर निकलि रहल छथि आ दस्तखत कऽ बैकक संग कारोबार सेहो कऽ रहल छथि।
जीविकाक अंतर्गत प्रत्येक समूहक सफलताक अपन कहानी अछि। एहि कहानी के मीडिया मे सेहो जगह देबाक आवश्यकता अछि जाहि सॅ ई आन महिलाक लेल प्रेरणाक अस्त्र बनि सकय। बिहार मे गठित उठाओल पैघ डेंग होयत। बिहार सरकार द्वारा चलाओल जा रहल जीविकाक अनुकरण कऽ भारत सरकार एकरा देश भरि मे लागू करबाक निर्णय लेलक अछि आ एकर नाम आजीविका राखल गेल अछि। जीविकाक माध्यम सॅ महिला सभ मे जागृति आओत आ ओ गरीबी सॅ मुक्तिक कारगर हथियारक रूप मे एकर अपनाओत। महिला सभक आर्थिक उन्नति मे एकर महत्वपूर्ण भूमिका होयत। प्रदेश मे ग्रामीण विकास विभाग महिला विकास निगम आ जीविका द्वारा गोटेक एक लाख स्वयं सहायता समूह संचालित कयल जा रहल अछि। गोटेक पचास हजार एस एच जी के बैक सॅ मदति दे आओल गेल अछि। महिला सभ बिना डर समूह सभक संचालन कऽ रहल छथि।
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