Wednesday, September 7, 2011

मैथिलीक साहित्यिक घोटाला


एकटा पोथी आएल छल "मिथिला की सांस्कृतिक लोकचित्रकला",१९६२ (लेखक: चित्रकार श्री लक्ष्मीनाथ झा), आ दोसर पोथी "जीनोम मैपिंग: मिथिलाक पंजी प्रबन्ध- ४५० ए.डी.सँ २००९ ए.डी.), २००९ (गजेन्द्र ठाकुर, नागेन्द्र कुमार झा पंजीकार विद्यानन्द झा)"पंजी-पोथी-http://www.box.net/shared/yx4b9r4kab -
आ पंजीक पात सब  
https://sites.google.com/a/videha.com/videha-pothi/ पर। आब ऐ दुनू पोथीक किछु भाग चोरि कऽ दू गोटे अपना नामेँ छपबेलन्हि अछि आ तइमे हुनका लोकनिकेँ सहयोग सेहो भेटल छन्हि। सुशीला झा "अरिपन"२००८ नामसँ "मिथिला की सांस्कृतिक लोकचित्रकला" पोथीक अनुवाद अपना नामे कऽ लेने छथि,फोटो तक स्कैन कऽ चोरा लेने छथि आ तकरा भारतीय भाषा संस्थान, मैसूर प्रकाशन अनुदान देने अछि, ई तथ्य ऐ पोथीपर लिखल अछि। डा. योगनाथ झा तँ सद्यः "जीनोम मैपिंग: मिथिलाक पंजी प्रबन्ध- ४५० ए.डी.सँ २००९ ए.डी.), २००९ (गजेन्द्र ठाकुर, नागेन्द्र कुमार झा पंजीकार विद्यानन्द झा)" केँ अपना नामेँ "पंजी-प्रबन्ध (वंश परिचय- प्रथमभाग, २०१०)"- नामसँ छपबा लेलन्हि आ ऐ मे हुनका सहयोग भेटलन्हि श्रोत्रिय समाजक संगठन "महाराजा कामेश्वर सिंह सांस्कृतिक विकास मंच"क। ई श्रोत्रिय समाजक संगठन श्री लक्ष्मीनाथ झा, जे श्रोत्रिय छलाह, केर पोथीक चोरिक विरोध कोना करत? एतए स्कैन कएल पन्ना सभ देखू। हिनका सभकेँ देख कऽ तँ पुरान चोर पंकज पराशर (http://www.box.net/shared/75xgdy37dr) सेहो लजा जाएत। दस बर्खक मेहनति दस मिनटमे चोरि करैबला ई महानुभाव डा. योगनाथ झा उर्फ योगनाथ "सिन्धु" उर्फ सिन्धुनाथ झा ७० बर्खक छथि!!




1 comment:

  1. julum chai. choir karabala ke samajik aa sahityik bahiskar homak chai. paligarism mithila me seho hoiyai asacharya.

    prakash chandra jha

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