अन्तर्जाल अपराध- आ तकरा पकड़बाक विधि
-गजेन्द्र ठाकुर
मैथिलीक दन्द-फन्द बला सभक प्रवेश अन्तर्जालपर शुरू भऽ गेल अछि। ई लोकनि पहिने पत्र आ एस.एम.एस. द्वारा ब्लैकमेलमे लागल छलाह। आब ई-पत्रक प्रयोग साधारण संगणक ज्ञानबला सेहो कऽ सकै छथि, से एहि प्रवृत्तिमे वृद्धि आएल अछि।
अन्तर्जाल अपराधक प्रकार
गारि आ हतोत्साहित करैबला ई-मेल: एहिसँ नाम बदलि कऽ ई-मेल आ टिप्पणी देल जाइत अछि। एहिसँ अपराधी अपन शिकारकेँ मानसिक रूपसँ कष्ट दैत छै। कतेको बेर शिकार व्यक्ति अन्तर्जाल छोड़ि दैत छथि आ हुनकर दैनिक रचनात्मक क्रिया प्रभावित होइत छन्हि। कतेक गोटे मैथिलीकेँ गुड-बाइ सेहो कहि दै छथि। कखनो काल अहाँ जालवृत्त वा जालस्थलपर पोर्न साइटक लिंक कियो राखि देत, तँ कखनो गारि पढ़ि कऽ भागि जाएत, माने ई-पत्र, ऑनलाइन वार्तालाप, कमेन्ट बॉक्समे। कखनो अहाँक सालक आ मासक मेहनति सेकेन्डमे कॉपी पेस्ट कऽ अपना नामसँ छपा लेत। बहुत गोटे हमरा सालक मेहनति ऑनलाइन मुफ्त उपलब्ध करेबा लेल टोकबो कएलन्हि। मुदा हमरा एहि सम्बन्धमे बिल गेट्सक वक्तव्य मोन पड़ि जाइत अछि। हुनकासँ एक बेर पूछल गेलन्हि जे माइक्रोसॉफ्टक उत्पाद “एक्स बॉक्स” भारतमे पाइरेसीक डरसँ विलम्बसँ उतारल गेल, तँ ओ कहने छलाह जे माइक्रोसॉफ्ट कहियो पाइरेसीक डरसँ कोनो उत्पाद बजारमे अनबासँ विलम्ब नहि केने अछि। विदेह आर्काइव सेहो दिनानुदिन समृद्ध भेल जा राहल अछि, साइबर अपराधक द्वारे एहिमे कोनो कमी नहि आएल अछि।
डराबैबला ई-मेल: ब्लैकमेलर एहिसँ शिकारकेँ धमकाबैत रहैत अछि। नामक खुलासा नहि भेने प्राप्तकर्ता बेचारा कतेको लोकपर शंका करऽ लगैए। ब्लैकमेलर सेहो अपन खण्डित व्यक्तित्वक प्रदर्शन करैत तुष्ट होइत रहैए।
वायरस प्रसार करैबला ई-मेल: ई-पत्र द्वारा कोनो लिंक पठाओल जाइत छै, कोनो अटैचमेन्ट पठाओल जैत छैक, जकरा क्लिक केलहुँ नहि वा खोललहुँ नहि आकि अहाँक कम्प्यूटर बैसि गेल। एहि तरहक मैसेज ब्लूटूथ ऑन रहलासँ अहाँक मोबाइलमे सेहो आबि जाइत अछि।
फेकमेल: एक ठामसँ आबैबला ई-मेल छद्म रूपसँ फेकमेलसँ दोसराक ई-मेलसँ आएल बुझि पड़ैए। एहिसँ ब्लैकमेलर अहाँक झगड़ा दोसरसँ करेबाक प्रयास करैए। मुदा एहि तरहक मेलकेँ डिलीट नहि करू आ नहिये एहि तरहक मेलक कोनो उतारा दियौक।
अगिला चरण- वित्तीय हानि: रचनात्मक क्रियाक बन्न भेने भने सद्यः वित्तीय हानि नहि होइत छैक मुदा ब्लैकमेलर अगिला चरणमे अहाँक क्रेडिट कार्ड संख्या, पासवर्ड, बैंक एकाउन्ट नम्बर पुछि सकैए। लागत जेना ओ ई-पत्र इनकम टैक्स रिफन्ड लेल अछि, वा सूडानक कोनो अकाल पीड़ितक आर्द्र पुकार अछि। अहाँ एहि तरहक मेलक जवाब किन्नहुँ नहि दिअ आ ई-पत्रकेँ स्पैममे धऽ दियौ आ किछु प्रति सुरक्षित राखि लिअ। ओहि अपराधीकेँ पकड़बाक सामान्य प्रक्रिया आगाँक बिन्दुमे अछि।
अपराधीकेँ पकड़ब कोना: अपन साइटपर हिट काउन्टर लगाऊ, एहिसँ ई फाएदा होएत जे अहाँक साइटपर टाइम-स्टैम्प आबि जाएत। टिप्पणीक टाइम स्टैम्पसँ एकरा मिलाऊ आ चोरकेँ पकड़ू। कम्प्यूटरकेँ कमान्ड दऽ कऽ ई-मेलक हेडर आ ओहिसँ समय आ स्थानक जनतब लिअ। फेर ओहि फेक व्यक्तिक पता आ फोन नम्बर (एक्स्टेन्शन सहित) एहिसँ ज्ञात भऽ सकैए। एहन कोनो तरहक ई-पत्रकेँ नहि तँ नष्ट करू आ नहिये सम्पादित करू।
अन्तर्जालक उपयोगसँ सम्भावित हानिपर नियन्त्रण: एहि प्रकारक ई-पत्र उपयोगकर्ता लेल संकट उत्पन्न करैत छैक। लोक दुखी रहए लगैत अछि, किछु गोटे इन्टरनेटक कनेक्शन कटबा लै छथि। मुदा अभद्र मेल अएलापर अपनापर नियन्त्रण राखू आ डिप्रेशनमे नहि जाऊ। अन्तर्जालक नीक पक्षक उपयोग करैत रहू। कोनो साइटपर लॉग ऑन केने छी तँ तत्काल लॉग आउट भऽ जाऊ।
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