10 सितम्बर साँझ 7बजेसँ 11 सितम्बरक भिनसर 6बजे धरि ‘सगर राति दीप जरय’क 74म कथा गोष्ठी श्री श्याम दरिहरे जीक संयोजकत्वमे सिन्दूर कैम्प हजारीबाग (झारखण्ड) मे सु-सम्पन्न भेल। गोष्ठीक अध्यक्षता केलनि- श्री रमानन्द झा ‘रमण’ आ मंच संचालन श्री कमल मोहन चुन्नूजी।
झारखण्ड आ बिहार दुनू ठामक कथाकार अपन-अपन नूतन कथा/लघुकथाक पाठ केलनि यथा- सुन्दर भेल मधाई (प्रदीप बिहारी), अपन सन मुँह (लक्ष्मी दास), कचोट (शशिकान्त झा), अल्लूक चुमौन (रामदेव प्रसाद मण्डल ‘झारूदार’), मरनी बेटी (मिथिलेश मण्डल), कनफेरसँ मुँहफेर आ कुसियारक मारि (उमेश मण्डल), सुगन्धा (चौधरी जयंत तुलसी), भवडाह (जगदीश प्रसाद मण्डल), अधिकार (बेचन ठाकुर), एकरा की कहबै (रामविलास साहु), मदिराक प्रभाव (शिवकुमार मिश्र), पोस्टमार्टम (संतोष कुमार झा), महादुखी वा महासुखी (धनाकार ठाकुर), बौआइत मनोभाव (गिरजानन्द ठाकुर), टीश (अशोक) आ गामक सुगंध इन्टरनेट (श्याम दरिहरे)। पठित कथा आ लघुकथापर दू-टप्पी समीक्षा सेहो भेल।
ऐ अवसरपर पाँच गोट मौलिक आ दू गोट अनुदित पोथीक लोकार्पण भेल यथा- (1) मिथिलाक इतिहास (प्रो. राधाकृष्ण चौधरी) लोकार्पण श्री जगदीश प्रसाद मण्डल द्वारा। (2) A survey of Maithili literature (प्रो. राधाकृष्ण चौधरी) लो.- श्री अशोक। (3) कलानिधि (कालीकान्त झा ‘बूच’) लो.- श्री प्रदीप बिहारी। (4) रहए चाहैए गाछ (जीवकान्त) लो.- श्री तुलानन्द मिश्र। (5) धूंध के बावजूद (अजीत कु. आजाद) लो.- श्री जगदीश सिंह। (6) कठिन समय मे शब्द, हिन्दीक मैथिली अनुवाद (अजीत कु. आजाद) लोकार्पण- श्री जीवेन्द्रनाथ झा। (7) परती टूट रही है, मैथिलीक हिन्दी अनुवाद (अजीत कुमार आजाद) लोकार्पण- श्री रमानन्द झा ‘रमण’ द्वारा।
सगर राति दीप जरय'क 75म आयोजन श्री अशोक जीक संयोजकत्वमे पटनामे 10 दिस्मबर 2011केँ होएबाक संभावना।
जगदीश प्रसाद मण्डल- माइक लेने |
No comments:
Post a Comment