Saturday, September 10, 2011

स्वरक माला गँथती अंशु- जितेन्द्र झा

हम सभ अपने भाषाकेँ हेय दॄष्टिसँ देखैत छी तें हमर भाषासाहित्य, गीतसंगीत आ संस्कृति पछुआ रहल अछि । ई कहब छन्हि अंशुमालाक । अंशु दिल्ली विश्र्वविद्यालयमे संगीतमे एम फ़िल कऽ रहल छथि। मैथिली गीत संगीतकेँ गुणस्तरीय बनएबाक लक्ष्य रखनिहारि अंशु मैथिलकेँ अपन भाषा-संगीत प्रतिक दृष्टिकोण बदलबापर जोड दैत छथि। अंशुमाला संगीतक विद्यार्थी छथि । दिल्ली विश्र्वविद्यालयमे एम. फ़िल.मे अध्ययनरत अंशुक माय हिनक पहिल गुरु छथिन्ह। ई माय शशि किरण झासँ मैथिली लोक संगीतक शिक्षा लेने छथि । तहिना एखन किछु बर्षसं ई रेडियो कलाकार हॄदय नारायण झासँ संगीत शिक्षा ल' रहल छथि । बाल कलाकारक रुपमे सीतायण एलबममे गाबि चुकल अंशु बिभिन्न रेडियो कार्यक्रम आ स्टेज प्रोग्राममे सहभागी भ' क' मैथिली गीत गाबि अपन स्वरसं प्रशंसा बटोरने छथि । एखन दिल्लीमे रहिकऽ संगीत साधनामे जुटल अंशु दिल्लीमे आयोजित विभिन्न कार्यक्रममे मैथिली गीत संगीत परसल करैत छथि । मैथिली भाषीमे अन्य भाषाक गीत संगीतक प्रति बढैत रुचि मैथिली गीतसंगीत लेल हितकर नञि रहल हिनक कहब छन्हि । दिल्लीमे आयोजित एकटा कार्यक्रमकेँ याद करैत ई कहैत छथि जे जाहि कार्यक्रममे लगभग ८ हजार मैथिल रहथि ताहि कार्यक्रममे चाहियोकऽ मैथिली गीत नहि गाबि सकलहुं । ओहि कार्यक्रममे भोजपुरीक डिमाण्ड पुरा करैत अंशुके मैथिली डहकन गेबाक लेल मोन मसोसिक' रह' पडलनि । मुदा अंशु स्वीकारैत छथि जे गायक स्रोताक रुचिक आगु विवश होइत अछि, 'जनता जे सुनऽ' चाहत हमरा सएह गाबऽ पडत अंशु कहलनि । पटनामे मैथिली गीत गाबिक स्रोताक तालिक गडगडाटिसं खुश हएबाक आदति पडि चुकल अंशुकेँ दिल्लीमे आबिकऽ मैथिल भाषीक बदलल सांगीतिक स्वादसं अकच्छ लागि गेल रहनि । मैथिलीमे लोकप्रिय धुनक अभाव रहबाक बात अंशु किन्नहु मान' लेल तैयार नहि छथि । धुन वा लयक अभाव नहि, स्रोता एहिसं अनभिज्ञ रहल हिनक दाबी छन्हि। मैथिली संगीतकर्मी एखनो आर्थिक समस्यासँ लडि रहल छथि, अंशु कहैत छथि । एहिक अभावक कारण प्यारोडी गीतक सहारा लेबालेल संगीतकर्मी बाध्य बनल अछि । मौलिक गीत,संगीतमे लगानीकर्ताक अभाव रहलासं सेहो प्यारोडी संगीत लोकप्रिय भऽ रहल अछि, हिनक कहब छनि । 'सभसँ पैघ कमजोरी स्रोतामे छै कलाकार तँ सभ ठाम हारल रहैया' प्यारोडी प्रेमीपर रोष प्रकट करैत अंशु कहैत छथि । मुदा मैथिलीमे स्तरीय गीत संगीत स्रोताकेँ भेटक चाही से अंशुक विचार छन्हि । मैथिली लोकरंग मन्चद्वारा दिल्लीमे आयोजित कार्यक्रममे स्रोतासँ भेटल वाहवाहीक उदाहरण दैत अंशु कहैत छथि जे स्रोताक मनोरन्जनक लेल स्तरीय कार्यक्रम सेहो हएबाक चाही । मैथिली रंगकर्ममे लगनिहारकेँ उचित सम्मान तक नञि भेटि सकल, अंशुमालाक अनुभव छन्हि । मैथिली कलाकारकेँ आब' बला दिनमे बहुत मान सम्मान भेटक चाहि, हम इएह चाहैत छी अंशु कहैत छथि । मैथिली संगीतकेँ एकटा ऊँचाई पर पंहुचएबाक लक्ष्य रखनिहारि अंशु मैथिली रंगकर्ममे एखनो लडकी लेल बहुतो कठिनाई रहल बतबैत छथि । अंशु आगु कहलनि-मैथिल समाजसँ जाधरि कलाकारकेँ सम्मान नञि भेटतै ताऽ धरि एहि क्षेत्रमे लडकी अपन प्रतिभा देखाब' लेल आगु नञि आओत। साभार विदेह - प्रथम मैथिली पाक्षिक ई पत्रिका: जितेन्द्र झा www.videha.com

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