अन्नक मामिला मे पिछड़ल प्रदेश सभकेँ केन्द द्वारा
निर्देश देल गेल अछि। ओ खाय वाला अन्नक खरीद बढ़ैबाक लेल कार्य योजना बना
लैथि
जइसॅ प्रस्तावित खाद्य सुरक्षा कानूनकेँ देश भरि मे नीक ढंग सॅ लागू कयल
जा सकय। ई विशेष निर्देश बिहार सहित पश्चिम बंगाल आ झारखंडक संग पांच
प्रदेशकेँ देल गेल अछि। खाद्य मंत्रालय प्रस्तावित कानूनकेँ लागू करबाक लेल
खाद्यन्न केँ उपलब्ध होएबाक शंका केँ दूर करबाक लेल गहूम आ चाउरक खरीद बढ़ाबऽ पर
ध्यान केन्द्रित करबाक निर्णय लेलक अछि। ऐ योजनाक अंतर्गत प्रति वर्ष 6.1
करोड़ टन अन्न क आवश्यकताक अनुमान अछि। केन्द्रीय खाद्य मंत्री पी.सी. थॉमस
बिहार, पश्चिम बंगाल, झारखंड, जम्मू कश्मीर आ असम केँ चिट्ठी लिखि कहलनि अछि
जे ओ अन्नक उपज बढ़ैबाक कार्य योजना बनेबाक संगहि खाद्यन्नक खरीदक स्थिति मे
सेहो सुधार करथि।
देश 63.5 प्रतिशत आबादी केँ सस्त अन्नक कानूनी अधिकार
देबऽ वाला
ऐ योजना
केँ लागू करबाक जिम्मेवारी खाद्य मंत्रालयक होयत। प्रस्तावित खाद्य
सुरक्षा
विधेयक संसदक शीतकालीन सत्र मे लोक सभा मे प्रस्तुत कयल गेल छल जे एखन
संसदक स्थायी समितिक सोझाँ अछि। सरकारक ऐ विधेयक केँ बजट सत्र मे पारित
करेबाक आ एक जुलाई सॅ लागू करबाक लक्ष्य रखलक अछि। खाद्य मंत्री पांचों
प्रदेशकेँ लिखल चिट्ठी मे कहलनि अछि जे एहन प्रदेश सभ केँ विकेन्द्रीकृत
असूली
प्रणाली केँ अपनैबाक चाही। ऐ प्रणालीक अंतर्गत राज्य सरकार अपन स्वयंक
एजेन्सीक माध्यम सॅ अन्नक खरीद करैत अछि मुदा खर्च केन्द्र सरकार वहन
करैत
अछि। ओ कहलनि अछि जे प्रदेश मे जतेक संभावना अछि ओकर मोकाबला धानक खरीद
उत्साहवर्द्धक नै अछि। राज्य पहिनहि सॅ विकेन्द्रीकृत खरीद प्रणालीक
अंतर्गत अछि तें ई महत्वपूर्ण अछि जे अन्नक खरीदक लेल सभ आवश्यक उपाय कयल
जयबाक चाही।
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