Wednesday, August 29, 2012

सुनल जाओ मैथिलीमे समाचार २८ अगस्त २०१२ (साभार जानकी एफ.एम., जनकपुर)

फायरफॉक्सक अन्तिम मैथिली वर्सन जारी-संगीता कुमारी आ मैथिली टीमक प्रयाससँ भेल ई सफल


-फायरफॉक्सक अन्तिम मैथिली वर्सन जारी-संगीता कुमारी आ मैथिली टीमक प्रयाससँ भेल ई सफल
-फायरफॉक्स-मोजिला अपन जालवृत्तपर केलक ई घोषणा
-http://blog.mozilla.org/l10n/2012/08/28/maithili-localization/ पर फायरफॉक्स-मोजिला २८ अगस्त २०१२ केँ घोषणा केलक:
Maithili localization released with Firefox 15
AUG
28
2012
We’re happy to announce that we’re adding a new localization to
Firefox 15 desktop!

Sangeeta Kumari and the Maithili (mai) team have been working tirelessly to produce the world’s first ever Maithili version of Firefox for the people of India and Nepal. According to our friends at Wikipedia, there were more than 34.7 million Maithili speakers around the world as of the year 2000. This specifically includes the regions of Bihar, Jharkhand, parts of West Bengal in India, and the Terai region in Nepal. Thanks to the Maithili team, more than 34.7 million native Maithili speakers can now enjoy browsing the Web with Firefox 15. The Maithili Firefox release brings our total number of Firefox localizations to 78. Congratulations to the Maithili team!

We also want to extend congratulations to the Acholi (ach) team! Their localization efforts have successfully led to a Acholi Firefox build in the Firefox Beta channel. The Acholi beta build will be released with Firefox 16. Native Acholi speakers (estimated to be more than 1.22 million speakers in Uganda and South Sudan) can download and help test their localized build here.

डाउनलोड करू मैथिली मोजिला फायरफॉक्स:


संगीता कुमारी आ मैथिली टीमकेँ बधाइ।

पूर्वपीठिका:

राजेश रंजन आ संगीता कुमारीक मैथिली फेडोरा प्रोजेक्ट/ फ्यूल प्रोजेक्ट

http://maithili.sourceforge.net/

http://ansiss.org/

http://fedoraproject.org/

https://fedorahosted.org/fuel/wiki/fuel-maithili

http://l10n.gnome.org/teams/mai

http://translate.fedoraproject.org/languages/mai


राजेश रंजन आ संगीता कुमारीक मैथिली स्पेलचेकर
http://extensions.services.openoffice.org/project/dict-mai


मैथिलीमे संपूर्ण कंप्यूटर सहित ऐ प्रसिद्ध ब्राउजरकेँ मैथिली जनसमूहक उपयोग लेल एक स्वैच्छिक समूह (मधेपुराक राजेश रंजन आ संगीता कुमारी) तैयार केलक अछि।

http://www.mozilla.org/en-US/firefox/all.html

Tuesday, August 28, 2012

सुनल जाओ मैथिलीमे समाचार २७ अगस्त २०१२ (साभार जानकी एफ.एम., जनकपुर)

वैश्य जातिमे दहेज प्रथा अन्त्य करबाक प्रतिबद्धता ।।(रिपोर्ट सूदिप कूमार झा)


 ,जलेश्वर महोत्तरी नेपाल

राष्ट्रिय वैश्य युवा महासंघ नेपाल वैश्य जातिमे व्याप्त रहल दहेज प्रथाक अन्त्यक लेल अभियान सञ्चालन करबाक कहलगेल अछि । राष्ट्रिय वैश्य यूवा महासंघ नेपाल आइ रिपोर्टर्स क्लब नेपालमे पत्रकार सम्मेलन कक महासंघ राष्ट्रिय पहिचान, जातीय स्वाभिमान, समग्र विकास आ आत्मसम्मानक लेल सम्पूर्ण वैश्य समुदायसबहक अप्पनामे अन्तर्जातीय विवाह करपरबाक आ दहेज प्रथाक अन्त्यक लेल अभियान सन्चालन करबाक घोषणा केलक अछि । वैश्य समुदायक जात जातीमे रहल समाजिक कु–प्रथा दहेजक कारणे अनाहकमा लडकी सबहके हत्या करबाक आ आजिवन दुःख झेलपरबाक जेहन अवस्थाके अन्त्यके लेल जिल्ला आ वडा–वडामे संगठन विस्तार कक दहेज प्रथाक अन्त्यके लmे अभियान सञ्चालन करबाक पत्रकार सम्मेलनमे महासंघक घोषनाकेलक

भुवनेश्वरमे २५ सितम्बर २०१२ केँ साहित्य अकादेमी युवा पुरस्कार आनन्द कुमार झा केँ देल गेल

-भुवनेश्वरमे २५ सितम्बर २०१२ केँ साहित्य अकादेमीक पहिल युवा पुरस्कार नाटककार आनन्द कुमार झा केँ देल गेल
- हुनका ई पुरस्कार नाटक हठात परिवर्तन लेल देल गेल








Monday, August 27, 2012

रामदेव झाक मूर्ख ब्लैकमेलर बेटाक महेन्द्र मलंगियाक मूर्ख ब्लैकमेलर बेटाक संग मिलि कऽ उमेश मण्डल आ आन गोटेकेँ एस.एम.एस., मैसेज आ ई-मेलसँ फेर देल गेल गारि


रामदेव झाक मूर्ख बेटा विजयदेव झाक फोन नम्बरसँ उमेश मण्डलकेँ पठाओल एस.एम.एस.

"गजेन्‍द्रक पोसुआ अपन परतर हमर परि‍वारसँ जुनि‍ करू बाउ आ फेसबुकपर जे नाटक क' रहल छी ओइसँ पैघ नाटक हमरा अबैए। कहबी छै फल्‍लाँ धोबीकेँ लूरि‍सँ बनल भगता मंडल अपन बापकेँ परतर आ तुलना ककरासँ क' रहल छी बाउ पहने फल्‍लाँ धो आउ तखन हमरा परि‍वारक योगदानपर चर्चा करब बाउ अपनेक पि‍ताकेँ कोना अकेदमी एवार्ड भेटल आब ओइपर अहाँ लेख पढ़ब बुरी रे लि‍खनाइ की होइ छै से हम सीखा देब।"

महेन्द्र मलंगियाक मूर्ख बेटा ललित कुमार झाक हाथ जे रामदेव झाक मूर्ख बेटा विजयदेव झाक फोन नम्बरसँ उमेश मण्डलकेँ पठाओल ऐ एस.एम.एस. सँ सिद्ध होइए।

"बहुत-बहुत धन्यवाद, समदिया पहिल बेर नीक समाचार सुनौलक हमरा, हमर एक हेराएल मित्र हमरा नाइजीरियासँ फोन केलनि, फूइसक खेती चालू रहय मण्डल"
(+२३४८०३९४७२४५३नाइजिरिया  ललित कुमार झा) (विजयदेव झा  +९१९४७०३६९१९५)

विजयदेव झाक ड्रग एडिक्ट बला भ्रष्ट-अशुद्ध अंग्रेजीमे पठाओल अभद्र ई-मेल, पैरवीसँ पास करैक निशानी


Vijay Deo Jha

Mar 19

to Gajendra
Dear,
Sri Gajendra Thakurji I am writing you this mail in response to sustained campaign by your close group forming E-Samadiya and others including Umesh Mandal and one ghost lady Priyanka Jha against me that I obtained assignment from the Sahitya Akademi. I have attached scanned copy of the reply of Sahitya Akademi in this regard. Dear sir, as your supported E magazine had published the report of an RTI indicating my name one who has obtained translation assignment that you people propagated some sort of Wikileaks. Dear Sir, your energetic team did not apply its mind to ascertain the fact of the assignment and thereafter. Though during the debate I found your esteemed literary colleague Priyanka Jha down to the gutter--she had neither the manner nor mind to enter into a debate of literary kind. I rest this matter here. But I will like you to publish this letter and my  version with same prominence the way I was targeted. I don't have mail id and phone number of Shree Umesh Mandal and Priyanka Jha to reply them. I mailed you also because of the reason that you have been in touch with these two.

Regards

Vijay Deo Jha

Jun 4

to Gajendra
Dear Sir,
Please refer to my previous mail along with attachment. I had requested you to give space to my statement in you E Samadiya blog against libelous content published against me regarding taking benefit from Sahatiya Akademi. I understand that you have a busy schedule in politics of literature apart from your job. I understand that you people are prone to forget to repair mistakes and nonsense delivery of allegation. Sir let me be very specific that you had leveled certain charges against me and I made my reply along with official communication received from SA. Don't you think that you should act as a gentleman to publish my version and the letter to clear my stand. Sir I am frivolous and flippant kind of person rather I am a very no-nonsense kind of people. You must be wondering that I am chasing you like anything over a petty issue. The charges you leveled against me could be petty in your consideration but for me it a serious matter. I am amazed that how person like you who is calmouring to be maker of Maithili Literature has been behaving shamelessly. Some two and half month back I had sent you the mail with the request. I had sent mail to Umesh Ji also. Your silence suggests you people are standing nowhere on the integrity index and how a so called intellectual and writer like you can be third rate cheat. I am also looking for that fantastic lady Priyanka Jha. Hadn't she been a lady I would have given her piece of my mind. Sorry for being harsh but you have forced me to be so.      
29 AUGUST 2012 09.15 PM मैं इस बात के लिए खेद प्रकट करता हूँ की मेरी वजह से आपका लीटर भर खून जल गया होगा. आप और आपके अनुचरों की भाषा उस तिलमिलाहट को दिखाती है वैसे मुझे बहुत सारे सज्जनों ने फोन पर आपसे मूह न लगाने की सलाह दी क्यूँ की आपने किसी को नहीं छोड़ा है सब को गाली दी है ऐसे में मैं क्या. छोड़िये इन बातों को, मेरा मेल आप खूब प्रकाशित कर रहे हैं आप. मैं ने आपको एक और मेल भेजा था हिंदी में क्यूँ की मेरी अंग्रेजी या तो बुरी है या फिर आपके समझ से बाहर है. वह मेल भी प्रकाशित करें हाँ लेकिन ईमानदारी होनी चाहिए क्यूँ की मेरे ड्रग एडिक्टेड टेक्स्ट को आप अपने करप्ट एडिटिंग के द्वारा अपने लायक बना देते हैं. मूल सवाल यह देखने में आया है की आप मेरे सवालों को अपने ब्लॉग और साईट पर जगह नहीं देते. अगर आप वह मेल प्रकाशित कर दें तो मुझ जैसे मुर्ख के असलियत के साथ साथ लोगों को आप जैसे महान इंटरनेटी फेसबुकिया साहित्यकार के असलियत का भी पता चल जायेगा. आप एक महान फेसबुक साहित्यकार हैं आपका बस चले तो मैथिली के सारे साहित्यकारों का संहार कर दें. अपने सभ्य तमीजदार टीम और उसके भाषा में बारे में क्या ख़याल रखते हैं गजेन्द्र सर. अच्छा है की लोग उन्हें भी पढ़ रहें हैं. एक बात तो है की अगर साहित्य अकादमी में मैथिली न होता तो आप जैसे पैसा पीटने वाले लोग साहित्यकार बनने की कोशिश नहीं करते. आप किसी साहित्य की सेवा नहीं कर रहे हैं. जब आदमी पैसा कमा लेता है तो उसे यश कमाने की भूख लगती है लेकिन वह पैसे से नहीं कमाया जा सकता है ना सर. मुर्ख हूँ आपके शब्दों में लेकिन है यह है पते की बात. सर बहुत सीधा सा सवाल पूछता हूँ की आप इतना बड़ा ढोंग कैसे कर लेते हैं मसलन घोर ब्रामहण विरोधी आदि आदि. यह जो जातिसूचक टाईटिल आपने लगा रखा है उसे तो पहले हटायें फिर जनेऊ हटायें फिर यह सब बाचन करें. यह बात मैंने आपको पिछले बार भी पुछा था जब आप प्रियंका झा बन कर हम से पेंच लड़ा रहे थे. मैं आप के किस रूप की पूजा करू आप कब किस रूप में दर्शन देते हैं श्रीमान यह बड़ा गंभीर तत्व ज्ञान का विषय हैं. श्रीमान यह बताएं की जब आपको यह दिव्यज्ञान प्राप्त हुआ था की आपको साहित्य में भी हाथ आजमाना चाहिए उस वक्त आपकी उम्र क्या थी? क्या मेरे पिताजी के उम्र से अधिक या उनके बराबर. जबाब देने से पहले सोच लें क्यूँ की मेरे पिताजी (आपके शब्दों में बाप, यह आपका तमीज है) और आपके पूजनीय पिताजी हमउम्र ही होंगे. यह आप तय करेंगे की मेरे पिताजी साहित्यकार हैं या नहीं या आपका वह गुमास्ता आशीष तय करेगा? अच्छा आप एक बात बताएं बुरा न मानें तो क्या आपलोग अपने पिताजी को बाप ही कहते हैं. एक काम करें अपना मूह उठायें और थूकें और देखें की थूक कहाँ गिरता है आपके चेहरे पर या सूर्य पर. कौन सा डिबेट आप कर रहे थे आप? आपको इस बात की जानकारी भी नहीं होगी की मैं आपका बहुत बड़ा प्रसंशक रहा था मेरे पास आप के द्वारा पंजी प्रथा पर काम किया गया अद्भुत सीडी है जिसे मैं लोगों को दीखता था. लेकिन आपने अपने टुच्चे हरकत से मुझे तो ज़लील किया ही मेरा विस्वाश भी तोडा की आप सही में आदरणीय हैं. मुझे क्या पड़ी है की किसको अवार्ड मिले लेकिन आपने मुझे अपने घटिया राजनीति का शिकार बनाया. मेरे लिए सारे साहित्यकार बराबर हैं और सम्माननीय क्यूँ की वह साहित्य की सेवा कर रहें हैं. मैं ने पिछली बार भी आप लोगों को तभी रोका और टोका था जब आप लोगों ने मायानादं मिश्र को गन्दी गन्दी गलियां दी थी. लेकिन गाली गलौज करते हुए आप उस सीमा तक चले गए जहां आप जाहिल नज़र आते हैं और मैं किस जाहिल से बहस कर रहा हूँ? किसी का अपमान ना करें और किसी पर गलत आरोप न लगायें. आश्चर्य है की आप ने मुझे क्यूँ साहित्य अकादमी के विवाद में घसीटा जब मुझे पता ही नहीं की क्या हो रहा है ? एक अच्छे और ज़िम्मेदार व्यक्ति की तरह मैं ने अपनी सफाई दी थी और यह आशा किया की आप मेरी बातों को भी रखेंगे. लेकिन आप ने ये क्या किया? सर जी घटियापन की एक हद होती है और आपका वह हद कहाँ ख़तम होता है और कहाँ शुरू वह बस आप बता सकते हैं. यह मेल मैं आपको उत्तेजित करने के ख़याल से कतई नहीं लिख रहा हूँ. आप इसे पढ़े और मनन करें की आप कैसे कैसे अपने इज्ज़त का बट्टा खुद ही लगा रहे हैं क्यूँ की आपके बारे में लोगों के विचार सुन कर मैं सकते में पड़ गया. यह जीवन आपका है इसके मालिक आप खुद हैं. मैं तो बस आपके लिए प्रार्थना कर सकता हूँ ऊपर वाला मेरी बात सुने. आप मेरे बड़े भाई की तरह हैं. और हाँ यह सब मैं आपके चापलूसी के लिए नहीं लिख रहा हूँ. स्वभावतः मैं लड़ाकू नहीं हूँ लेकिन लड़ने से पीछे नहीं रहता. सादर चरण स्पर्श आपका अनुज विजय (हाँ आपको मेरे मोबाईल लोकेसन को ट्रेस करने के लिए मेहनत नहीं करनी चाहिए आपका मेरे ऊपर आपका स्वाभाविक अधिकार है जो किसी साहित्यिक इज्म से ऊपर है. यह मेरा आपको,लिखा गया अंतिम मेल है)

ऐ महानुभावक vijaydeojha@gmail.com मूर्खतापूर्ण मैथिली (अशुद्ध)
१०.०९.२०१२
उमेश भाई प्रणाम पता चलल अपनेक श्रीमती जी पूनम मंडल जी एक टा पोस्ट लगौलनी आचार्य सुरेन्द्र झा सुमन के पुस्तक के ऊपर जाहि में लिखल गेले शेमलेस ग्रेंड फादर आ शेमलेस ग्रैंड चिल्ड्रेन एडिटर ओ शंकर देव जी आ हमर नाना पर लिखल गेल. औ उमेश जी कनिया एतेक अंग्रेजी बुझइ  छथिन. कहाँ दन कनिया सेहो एडिटर छथिन यौ भाई कुल सुधरि गेल अहाँ के अपनों एडिटर कनियों एडिटर.  एडिटरे एडिटर. अहूँ के सौभाग्य होईत जे अहाँ अहाँ के कनिया आ अहाँ के पिताजी तिनु गोटे एकटा किताब के एडिटरी करितों. होऊ मौक़ा भेटत गजेन्द्र महाकाव्य रचु ओकरा नोबल पुरस्कार भेटतै कतबो संपादकी करब लोक ओही में उप उपसर्ग नहीं लागत. हौ जी एकटा बात कहू अहाँ सब अपन पिताजी के बाप कहै छीयनि ई एही दुवारे पूछल जे पोस्ट में अहाँ बाप लिखे छियई. हमरा स अलगे रहू नीक होयत अपन जे दुकानदारी चलाबय के हो से करू जे भुकय हो से करू हमरा कोनो लेना देना नै. जानकारी भेटल जे हम कोनो पत्रिका निकालि रहल छी सेहो अहाँ के बिरुद्ध में. हमर  औकात की आब ई रही गेल जे हम ई करी सेहो अहाँ के बिरुद्ध. साजिश बंद करू. किछु जानकारी भेटल जाहि पर हम बिना खोजबीन के विश्वास नहि करब जे अपनेक ग्रुप के एकटा सज्जन दरभंगा में ककरो ई समाद देलखिन जे ओ हमरा बरबाद क देता यदि ई सत्य त एही माउथ डायरिया स बची. हम कोनो फलनमा के भौजाई नै छीये. हम कहलों जे हमरा लड़ाई में कोनो रूचि नै लेकिन जखन लड़ब त अंगद जेना पैर रोपि देब. फिलहाल अहाँ के निस्तुकी मंगवा लेलौं पढ़ खातिर. अहांके पहिल पुस्तक हम पढ़ब. जखन हम पहिल बेर अहाँ स गप केने रही तखन नीक लागल रहै लेकिन अहाँ के चरित्र बाद खराब निकलल एकदम कुटिल बला. हमरा मजबूर नै करू ई प्रार्थना आ एकरा हमर कमजोरी नै बुझल जाय. जिनका कोनो गोटे के हमरा द कोनो संसय छनि आ हमर औकात के कम आंकि रहल होथि हुनका हम बता दियनि जे हम साक्षात् बरवानल छी. हाँ इक्षा हो तो ईहो मेल के पोस्ट क देबै. शब्द अपने येह इस्तेमाल करब देलक रामदेव के मुर्ख बेटा धमकी.  ई हमर अंतिम मेल  अहाँ के.
प्रणाम
पुनश्च खूब लिखू हम पढ़ब आ आनो पढय. साहित्य सद्यः सरस्वती के सेवा थीक आ अहाँ सरव्स्ती के गारि पढि क प्राप्त करय चाहै छी.

सादर

ई मूर्ख विजयदेव फेर ई-मेल केलक (लिखने छल जे उपरका ई-मेल ओकर अन्तिम ई-मेल छिऐ!!!)
अपडेट २३.०९.२०१२

"राड़केँ सुख बलाय" केर लेखक रोशन कुमार झा रामदेव झाक बेटा, विद्यानाथ झा विदितक जमाए आ चन्द्रनाथ मिश्र "अमरक" नैत शंकरदेव झा-विजयदेव झाक संग मिलि कऽ एकटा ब्लैकमेलिंग ब्लॉग ई-पत्रिका मातृभाषा शुरू केलक अछि। आपके द्वारा किये पोस्ट के आलोक में
आदरणीय उमेश मंडल जी पति पूनम मंडल साकीन निर्मली गुमास्ता गजेन्द्र ठाकुर नमस्कार मिथिला जिसमे आप ने मेरा नाम दिया है वैसे मैं बता दूं की मेरे जानाकरी में मैं ऐसे किसी भी पत्रिका से नहीं जुड़ा हुआ हूँ. उसने आपकी भी पोलपट्टी खोली है. आपकी यह बेहूदगी भरी भाषा मुझे किसी ने बताया की यह तब से हो गया है जबसे आपने भागाल्पुरिया के यहाँ गुमास्ते का काम करना शुरू किया. इस पर दिए पोस्ट में यह कहा गया है की आप ने अपने पिताजी को आकाशवाणी से लेकर कवि सम्मलेन तक में प्रमोट करवाने के लिए क्या क्या नहीं किया और इसी क्रम में अमलेंदु जी से आपका विरोध हो गया. कृपया अपने ऊपर लगे आरोपों के बारे में बताएं. मुझे यह पता है की आप तुरंत ही मेरे मेल को अपने फसदिया ब्लौग पर डाल देंगे वह भी मुर्ख उपनाम के साथ. लेकिन हे विद्वान संपादक कवि साहित्यकार निबंधकार, आलोचक नाटककार   और जो कुछ मुझ से छूट गया हो वह अपनी तरफ से जोड़ लें. मामला बाद विवाद तक था जिसे आप लोग गाली गलौज तक ले गए अब यह सुनने में आया है की (मैं तहकीकात  कर रहा हूँ इस बारे में) की आपके आलाकमान ने दरभंगा के एक साहित्यकार के पुत्र को मेरे बारे में यह कहते हुए धमकी दी की वह मुझे बर्बाद कर देंगे. क्यूँ और कैसे? अगर यह सत्य है तो यह निश्चय ही गंभीर बात है. उमेश जी (सिस्ताचार के नाते जी शंब्द का इस्तेमाल कर रहा हूँ) मैं गांजा और स्मगलिंग का धंधा नहीं करता हूँ गुरु. और मैं पंकज पराशर भी नहीं हूँ. और जिनके घर सीसे के होते हैं वह दूसरों के घर पर पत्थर नेही फेका करते हैं  बेहतर है की मेरे ऊपर हाथ डालने से पहले मेरे अतीत का पता कर लें भविष्य बेहतर रहेगा. मैंने आपको कहा था की मैं आपको फिर से मेल नहीं लिखूंगा लेकिन आपने मुझे मजबूर किया है. मेरे लिखे को सह्त्यिक निबंध ना समझें यह सलाह है गंभीर. बेहतर होगा की आप अपनी भाषा संयमित रखें  वरना खुल्ला खेल फर्रुखावादी औरों को भी आता है.




आशीष अनचिन्हारकेँ फेसबुक मैसेजपर सेहो ई मूर्ख विजदेव मैसेज केलक
एखने हमर फेसबुक मैसेजमे रामदेव झाक मूर्ख बेटा विजयदेव झाक मैसेज आएल अछि जे हम बिना काँट-छाँटकेँ दए रहल छी। ऐ मैसेजसँ अहाँकेँ ई पता लागि जाएत जे कोना रामदेव झा आ हुनक दूनू बेटा मने विजय देव झा आ शंकर देव झा गारि बलेँ मैथिलीकेँ बहुत दिन धरि ब्लैकमेलिंग केलकै। संगे-संग हम ईहो कहए चाहब जे ऐ ब्लैकमेलिंगमे रामदेव झा आ हुनक बेटा संगे मोहन भारद्वाज, महेन्द्र मलंगिया, चेतना समीति आ आर किछु साहित्यकार सभ अनवरत सहयोगी रहल छथि। मुदा आब जे विदेह आंन्दोलन भए रहल अछि ताहिसँ घबड़ा कए ई सभ अभद्रता कए रहल अछि। मुदा आब से चलए बला नै छै। तँ पढ़ू हुनक मूल मैसेज----

हे रे अशीषवा, गजेन्द्र के पोसुवा, पतचटवा औकात देख क बात कर बालगोविन्द जनामि क ठाड़ भेलौं ने की कहै जे छै नबका जोगी के गांडी में जट्टा


Vijay Deo Jha
Oct 29 (1 day ago)

to Gajendra

दू गो बात सर 
गजेन्द्र बाबु हम अपने आ अपनेक रामचेलवा के कमेन्ट पढ़ल। नीक लागल जे हमरा अपने एडवाजरी बोर्ड में मेंबर हेबाक योग्य बुझल। चलू लागले हाथ हमहूँ अहाँ के महान साहित्यकार कहि देलौ। लेकिन एकटा बात हम कहि रहल छी आ एही बात के हम वीणा जी के सेहो कहबनि जे अपने पर मोनोग्राफ जरुर लिखल जाय। अपने बड़ पैघ आ महान साहित्यकार छी सरकार आ उत्तम किस्म के थेथर सेहो। कोन बुद्धिये पोस्ट में हमर नाम देलियई सरकार। आप भी सर हद्दे करते है सब चीज़ को कस्टम का माल समझ लिए हैं। और ई सब जो ढोंग करते हैं जाति वाला तो पहले अपना टाईटिल हटाईये। अपने बेटा के जनउ में जो लाख टाका बुके थे और बभना सब को खिलाये उसका हिसाब भी दीजिये ना और हम सब तुच्छ प्राणी को ज्ञान दीजिये प्रभु की जब आप सचमुच में जाति के विरोध में हैं तो बेटा के कन्धा पर धागा काहें टाँगे गुरु। मतलब पुरे मिथिलांचल में एक आप ही भगल्पुरिया कबिलाहा है ये सब पैतराफोकासी उमेश जैसे लोगों को दीजिये गुरु। और गजेन्द्र बाबु कुछ दिन पहले तक तो आपही अजीत आज़ाद जी को गरिया रहे थे अब दोस्तियारी कैसे हो गया। आप घिना दिए गुरु। इसको पोस्ट कर दीजियेगा एक दम लाइन बाई लाइन।       
SATISH VERMA LIKHAI CHHATHI...Satish Verma Isi Bhagwa Shankardev jha ko maine bahut pahle apne lekh me khub lapeta tha. Darsal Agnipushp sampadit samvad patrika me Gujrat danga aur Narendra modi ke role par meri ek kahani chapi thi,jis par usne badi hi behuda tippani ki thi,jiska jawab maine rachna,darbhanga,vishwanathjee ke patrika ke jariye diya tha.shunt ho gaye the shankardev babu,aukat nap gayi thi unki.

VINIT UTPAL..LIKHAI CHHATHI ..
Vinit Utpal क्षमा शोभती उस भुजंग को जिसके पर गरल हो, वह क्या जो दन्तहीन, विषहीन और अत्यंत सरल हो.गाली देब परम्परा अछि. जिनकर जेहन संस्कार, हुनकर मुंह से तहिने बोली.रचनात्मकता में जीवन अनुभव के बड़ रास योगदान होयत अछि. फेर संस्कार ते घर से भेटैत अछि. अशीषवा,पोसुवा, गांडी, जट्टा एहन शब्द अलंकारक प्रयोग करहिक अर्थ अछि जे अखनो लोक में आदिम संस्कार से जुडल अछि. ई सब शब्द साहित्य से दूर भ
रहल अछि. ताहि सं विजयदेव झा सहित तमाम मैथिली से जुडल अहिने प्रबुद्ध लोक सें आग्रह जे अहां सब शब्दक संगे आओर एहिने शब्दक प्रयोग क मिथिलाक शब्दकोष के समृद्ध करल जाय. कियाकि तथाकथित ब्राहमणवादी साहित्यकार घर में ते एहन शब्दक प्रयोग करैत छथिन आ अप्पन नेना सभ के सिखाबैत अछि मुदा अप्पन लेखनी में प्रयोग
नहि करैत अछि.
रामदेव झा, शंकरदेव झा आ विजयदेव झा:ब्लैकमेलर फैमिलीक आज अखबारमे निकालल न्यूज

रामदेव झा, शंकरदेव झा आ विजयदेव झा:ब्लैकमेलर फैमिलीक आज अखबारमे निकालल न्यूज 

रामदेव झा, शंकरदेव झा आ विजयदेव झा:ब्लैकमेलर फैमिलीक आज अखबारमे निकालल न्यूज 
रामदेव झा, शंकरदेव झा आ विजयदेव झा:ब्लैकमेलर फैमिलीक आज अखबारमे निकालल न्यूज आ
wemaithils@gmail.com सँ स्पैम कएल गेला

रामदेव झा, शंकरदेव झा , विजयदेव झा, आ परिवार द्वारा संचालित फर्जी नामसँ संचालित ब्लैकमेलिंग ब्लॊगक सूची:
http://eesamaad.blogspot.in/
http://fraudgajendrathakur.blogspot.in/
पूर्वपीठिका:


-रामदेव झाक बेटा विजयदेव झा द्वारा फोन नम्बर +९१९४७०३६९१९५ सँ उमेश मण्डलकेँ धमकी

-उमेश मण्डलकेँ देख लेबाक आ उठा लेबाक धमकी देलक विजयदेव झा

-हालेमे साहित्य अकादेमी बाल साहित्य पुरस्कारमे प्रौढ़ साहित्यपर पुरस्कार ओकर पितयौत भाइ मुरलीधर झा केँ देल गेल, जकर घोर विरोध भऽ रहल अछि

-विजयदेव झा गाड़ि-गलौज सेहो केलक



-विजयदेव झा एक दिससँ सुभाष चन्द्र यादव, प्रियंका झा, प्रीति ठाकुर, प्रबोध नारायण सिंह, उदय नारायण सिंह नचिकेता, उमेश मण्डल, ज्योत्सना चन्द्रम, विभूति आनन्द, भीमनाथ झा, उषाकिरण खान, यात्री, शरदिन्दु चौधरी, सुधांशु शेखर चौधरी सभकेँ गरियेलक



-ओ ईहो कहलक जे प्रीति ठाकुरकेँ बाल साहित्य पुरस्कार नै देल गेल, तेँ सभ विरोध कऽ रहल अछि, ऐसँ पहिने ओ फरबरीमे कहने छल जे जगदीश प्रसाद मण्डलकेँ मूल साहित्य अकादेमी पुरस्कार नै देल गेलै तँइ विरोध भऽ रहल अछि।


-विजयदेव झा कहलक जे प्रीति ठाकुर, सुभाष चन्द्र यादव, नचिकेता, जगदीश प्रसाद मण्डल आ गजेन्द्र ठाकुर केँ ऐ जन्ममे ओ सभ साहित्य अकादेमी पुरस्कार नै प्राप्त करऽ देतै

पीत पत्रकारिता

रामदेव झा आ ओकर बेटा शंकरदेव झा/ विजयदेव झाक किरदानी- रामदेव झाकेँ उर्दू वर्णमाला नै अबै छन्हि मुदा साहित्य अकादेमी अनुवाद पुरस्कार उर्दूसँ मैथिली अनुवाद लेल निर्लज्जतासँ लेलनि/ ई लेख सभ अही ब्लैकमेलर फैमिली द्वारा कबिलपुरक ब्लैकमेलर पत्र विद्यापति टाइम्समे छपल!! आ ईहो असाइनमेन्ट साहित्य अकादेमीक छी जैपर अही ब्लैकमेलर फैमिलीक आइ धरि कब्जा छल!!!

रामदेव झा आ ओकर बेटा शंकरदेव झा/ विजयदेव झाक किरदानी- रामदेव झाकेँ उर्दू वर्णमाला नै अबै छन्हि मुदा साहित्य अकादेमी अनुवाद पुरस्कार उर्दूसँ मैथिली अनुवाद लेल निर्लज्जतासँ लेलनि/ ई लेख सभ अही ब्लैकमेलर फैमिली द्वारा कबिलपुरक ब्लैकमेलर पत्र विद्यापति टाइम्समे छपल!! आ ईहो असाइनमेन्ट साहित्य अकादेमीक छी जैपर अही ब्लैकमेलर फैमिलीक आइ धरि कब्जा छल!!!

रामदेव झा आ ओकर बेटा शंकरदेव झा/ विजयदेव झाक किरदानी- रामदेव झाकेँ उर्दू वर्णमाला नै अबै छन्हि मुदा साहित्य अकादेमी अनुवाद पुरस्कार उर्दूसँ मैथिली अनुवाद लेल निर्लज्जतासँ लेलनि/ ई लेख सभ अही ब्लैकमेलर फैमिली द्वारा कबिलपुरक ब्लैकमेलर पत्र विद्यापति टाइम्समे छपल!! आ ईहो असाइनमेन्ट साहित्य अकादेमीक छी जैपर अही ब्लैकमेलर फैमिलीक आइ धरि कब्जा छल!!!
Kumud Singh
कामेश्वर सिंह संस्कृत विवि से अब हिंदी या अंग्रेजी में शोध प्रबंध लिखने की छूट होगी। इसके साथ ही आधुनिक विषयों में भी शोध किया जा सकेगा। विश्‍वविद्यालय का यह फैसला घोर आपत्तिजनक है। विश्‍वविद्यालय के दानदाता डा कामेश्‍वर सिंह ने इस विश्‍वविद्यालय में इस प्रकार के किसी संशोधन पर आपत्ति दर्ज कराते हए 1962 में ही राज्‍य सरकार को आगाह किया था। उन्‍होंने अपने पत्र में राज्‍य सरकार को साफ लिखा था कि अन्‍य भाषाओं के विकास के लिए अगर सरकार दरभंगा में कोई दूसरा विश्‍वविद्यालय खोलना चाहती है तो राज दरभंगा मदद देने को तैयार है, लेकिन अगर संस्‍कृत के विकास के लिए दिये गए इस दान का गलत इस्‍तेमाल होता है तो मैं समझूंगा कि मेरा दान व्‍यर्थ गया। यह पत्र उस वक्‍त भी सरकार को सकते में डाल दिया था, लेकिन पता नहीं आज राजभन को उस पत्र के विषय में कोई जानकारी भी है या नहीं। सवाल है दान के 50 साल बाद यह संशोधन दानदाता की आत्‍मा को दुखी करेगा। पता नहीं बिहार सरकार ने तो कभी संस्‍कृत का भला नहीं किया, अगर कोई निजी तौर पर भी करने की कोशिश की तो यह लूट मची हुई है। इसका विरोध न करना एक प्रकार से संस्‍कृत ही नहीं दान देने की प्रवृति कोे मारना है।
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  • Akbar Rizvi इस प्रकार के किसी भी कदम का विरोध होना चाहिए। वैसे कुणाल जी से पहले तक लगता ही नहीं था कि संस्कृत यूनिवर्सिटी है। उनके प्रयासों के बाद थोड़ा माहौल बना और अब अगर ये नई टेक लागू हुई तो फिर बंटाधार तय है।
  • Kumud Singh कुनाल जी ने तो पांच पांडूलिपि गायब करने के सिवा मेरे ख्‍याल से कोई उल्‍लेखनीय काम नहीं किया। इतिहास पर गौर करें तो इस विश्‍वविद्यालय को जयकांत मिश्र के बाद कोई प्रभावशाली कुलपति नहीं मिला।
  • Akbar Rizvi इस बात की जानकारी मुझे नहीं थी। लेकिन परिसर में शैक्षणिक माहौल उन्हीं के कार्यकाल में नज़र आया था।



    सुनलू हन जे पटना निवासी एगो युवा साहित्यकार जे दरभंगा में रहै छथि हुनकर नाम नै मालूम अई एगो मालदार पार्टी के पकडला हन साहित्य अकादमी के कन्वेनर बनै लेल सेटिंग में माहिर महाशय के बारे में कहब छई जे ओ अकादमी के मैथिली कन्वेनर श्री विद्याकांत झा विदित के झोरा ढो रहल छथि आ दावा क रहल छथि जे ओ कन्वेनर बनै लेल मुहमाँगा पैसा खर्च करता भाई लोकनि उठू करू आन्दोलन दियू ललकारा जाई मिथिल जाई मैथिली
UPDATED UPTO 30.10.2012

रामदेव झाक बेटा विजयदेव झा द्वारा उमेश मण्डल जी केँ बेर बेर एस.एमस.कऽ कए धमकी

-रामदेव झाक बेटा विजदेव झा द्वारा उमेश मण्डल जी केँ बेर बेर एस.एमस.कऽ कए धमकी

-विजयदेव झा जातिवादी शब्दमे धमकी देलक 

-शंकरदेव झा "आज" अखबार मे आ विजयदेव झा "पायोनियर" अखबार मे काज करैए।

-शंकरदेव झा "आज" अखबार मे ब्लैकमेलिंगक धन्धा करैत रहल अछि, आब विजयदेव झा धमकी देलक अछि जे ओहो ई धन्धा करत।


पूर्वपीठिका:
रामदेव झाक पुत्र आ चन्द्रनाथ मिश्र "अमर"क नाति शंकरदेव झाक ब्लैकमेलिंग

रामदेव झाक पुत्र आ चन्द्रनाथ मिश्र "अमर"क नाति शंकरदेव झाक ब्लैकमेलिंग
-साहित्य अकादेमी, दिल्लीक मैथिली समन्वयक पद लेल सभ तरहक ब्लैकमेलिंग शुरू
-रामदेव झाक पुत्र आ चन्द्रनाथ मिश्र "अमर"क नाति शंकरदेव झाक ब्लैकमेलिंग "आज" नाम्ना अखबारमे फेरसँ शुरू। उषाकिरण खान आ उदय नारायण सिंह "नचिकेता" क विरुद्ध ब्लैकमेलिंगक शुरुआत।
-शंकरदेव झा पहिनहियो भीमनाथ झा, मेघन प्रसाद, प्रेमशंकर सिंह, शरदिन्दु चौधरी, सुधांशु शेखर चौधरी आदिक विरुद्ध ऐ तरहक ब्लैकमेलिंग कऽ चुकल छथि।
-रामदेव झा आ चन्द्रनाथ मिश्र "अमर" क ग्रुपक साहित्य अकादेमी, दिल्लीक मैथिली समन्वयक पदपर पछिला किछु दशकसँ भेल कब्जाक परिणामस्वरूप भेल मैथिलीक दुर्दशा सभक सोझाँ अछि, साहित्यिक आ सामाजिक स्तरपर ऐसँ आक्रोश व्याप्त अछि।

-रामदेव झाक बेटा विजयदेव झा फेर उमेश मण्डलकेँ पठेलक धमकीबला एस.एम.एस.
-फोन नम्बर +91-9470369195 सँ धमकीबला एस.एम.एस. पठाओल गेल



-रामदेव झाक बेटा विजयदेव झा जइ नम्बरसँ फोनपर धमकी देलक से लोकेशन ट्रेस कऽ लेल गेल अछि

-फोन नम्बर +91-9470369195- location-Bihar- signalling GSM- longitude 26.11346972320883 latitude 85.27224719999998
-BIHAR & JHARKHAND- Operator : BSNL- Signaling :CDMA



पूर्वपीठिका:



-रामदेव झाक बेटा विजयदेव झा द्वारा फोन नम्बर +९१९४७०३६९१९५ सँ उमेश मण्डलकेँ धमकी

-उमेश मण्डलकेँ देख लेबाक आ उठा लेबाक धमकी देलक विजयदेव झा

-हालेमे साहित्य अकादेमी बाल साहित्य पुरस्कारमे प्रौढ़ साहित्यपर पुरस्कार ओकर पितयौत भाइ मुरलीधर झा केँ देल गेल, जकर घोर विरोध भऽ रहल अछि

-विजयदेव झा गाड़ि-गलौज सेहो केलक



-विजयदेव झा एक दिससँ सुभाष चन्द्र यादव, प्रियंका झा, प्रीति ठाकुर, प्रबोध नारायण सिंह, उदय नारायण सिंह नचिकेता, उमेश मण्डल, ज्योत्सना चन्द्रम, विभूति आनन्द, भीमनाथ झा, उषाकिरण खान, यात्री, शरदिन्दु चौधरी, सुधांशु शेखर चौधरी सभकेँ गरियेलक



-ओ ईहो कहलक जे प्रीति ठाकुरकेँ बाल साहित्य पुरस्कार नै देल गेल, तेँ सभ विरोध कऽ रहल अछि, ऐसँ पहिने ओ फरबरीमे कहने छल जे जगदीश प्रसाद मण्डलकेँ मूल साहित्य अकादेमी पुरस्कार नै देल गेलै तँइ विरोध भऽ रहल अछि।


-विजयदेव झा कहलक जे प्रीति ठाकुर, सुभाष चन्द्र यादव, नचिकेता, जगदीश प्रसाद मण्डल आ गजेन्द्र ठाकुर केँ ऐ जन्ममे ओ सभ साहित्य अकादेमी पुरस्कार नै प्राप्त करऽ देतै


रामदेव झाक बेटा आ विद्यानाथ झा विदितक जमाएक भाइ विजयदेव झा

Sunday, August 26, 2012

रामगोपालपुरमे मैथिली मञ्चक कमिटी गठन (रिपोर्ट सुजीत कुमार झा)



जनकपुरधाम, भादव १० ।
महोत्तरी जिल्लाक रामगोपालपुरमे मैथिली मञ्चक १९ सदस्यीय गाम कमिटी गठन कएल गेल अछि ।
नवल किशोर यादवक अध्यक्षतामे गठित ओ मैथिली मञ्चक उपाध्यक्षमे इन्दिरा कुमारी मण्डल, विजय कुमार सिंह, कोषाध्यक्षमे सीमा कुमारी साह, सचिवमे नरेश कुमार मण्डल, सहसचिव अनिल कुमार वैठाकेँ चयन कएल गेल अछि ।
महेन्द्र राष्ट्रीय उच्च मावि रामगोपालपुरक प्राङ्गणमे रविदिन बैसल एक बैसार सँ ओ कमिटी गठन कएल गेल अछि ।
विद्यालय व्यवस्थापन समितिक अध्यक्ष रामदुलार साहक प्रमुख आतिथ्य आ सचिव धर्मेन्द्र सिंहक अध्यक्षतामे बैसार बैसल छल ।
मैथिली मञ्च मैथिली भाषा, कला, साहित्यक क्षेत्रमे काज करैत आएल मञ्चक राज करण महतो जानकारी देलन्हि अछि ।

रामदेव झाक बेटा विजयदेव झा फेर उमेश मण्डलकेँ पठेलक धमकीबला एस.एम.एस.

-रामदेव झाक बेटा विजयदेव झा फेर उमेश मण्डलकेँ पठेलक धमकीबला एस.एम.एस.
-फोन नम्बर +91-9470369195 सँ धमकीबला एस.एम.एस. पठाओल गेल



-रामदेव झाक बेटा विजयदेव झा जइ नम्बरसँ फोनपर धमकी देलक से लोकेशन ट्रेस कऽ लेल गेल अछि

-फोन नम्बर +91-9470369195- location-Bihar- signalling GSM- longitude 26.11346972320883 latitude 85.27224719999998
-BIHAR & JHARKHAND- Operator : BSNL- Signaling :CDMA



पूर्वपीठिका:



-रामदेव झाक बेटा विजयदेव झा द्वारा फोन नम्बर +९१९४७०३६९१९५ सँ उमेश मण्डलकेँ धमकी

-उमेश मण्डलकेँ देख लेबाक आ उठा लेबाक धमकी देलक विजयदेव झा

-हालेमे साहित्य अकादेमी बाल साहित्य पुरस्कारमे प्रौढ़ साहित्यपर पुरस्कार ओकर पितयौत भाइ मुरलीधर झा केँ देल गेल, जकर घोर विरोध भऽ रहल अछि

-विजयदेव झा गाड़ि-गलौज सेहो केलक



-विजयदेव झा एक दिससँ सुभाष चन्द्र यादव, प्रियंका झा, प्रीति ठाकुर, प्रबोध नारायण सिंह, उदय नारायण सिंह नचिकेता, उमेश मण्डल, ज्योत्सना चन्द्रम, विभूति आनन्द, भीमनाथ झा, उषाकिरण खान, यात्री, शरदिन्दु चौधरी, सुधांशु शेखर चौधरी सभकेँ गरियेलक



-ओ ईहो कहलक जे प्रीति ठाकुरकेँ बाल साहित्य पुरस्कार नै देल गेल, तेँ सभ विरोध कऽ रहल अछि, ऐसँ पहिने ओ फरबरीमे कहने छल जे जगदीश प्रसाद मण्डलकेँ मूल साहित्य अकादेमी पुरस्कार नै देल गेलै तँइ विरोध भऽ रहल अछि।


-विजयदेव झा कहलक जे प्रीति ठाकुर, सुभाष चन्द्र यादव, नचिकेता, जगदीश प्रसाद मण्डल आ गजेन्द्र ठाकुर केँ ऐ जन्ममे ओ सभ साहित्य अकादेमी पुरस्कार नै प्राप्त करऽ देतै




रामदेव झाक बेटा आ विद्यानाथ झा विदितक जमाएक भाइ विजयदेव झा

रामदेव झाक बेटा विजयदेव झा जइ नम्बरसँ फोनपर उमेश मण्डलकेँ धमकी देलक से लोकेशन ट्रेस कऽ लेल गेल अछि


-रामदेव झाक बेटा विजयदेव झा जइ नम्बरसँ फोनपर धमकी देलक से लोकेशन ट्रेस कऽ लेल गेल अछि

-फोन नम्बर +91-9470369195- location-Bihar- signalling GSM- longitude 26.11346972320883 latitude 85.27224719999998
-BIHAR & JHARKHAND- Operator : BSNL- Signaling :CDMA




पूर्वपीठिका:





-रामदेव झाक बेटा विजयदेव झा द्वारा फोन नम्बर +९१९४७०३६९१९५ सँ उमेश मण्डलकेँ धमकी

-उमेश मण्डलकेँ देख लेबाक आ उठा लेबाक धमकी देलक विजयदेव झा

-हालेमे साहित्य अकादेमी बाल साहित्य पुरस्कारमे प्रौढ़ साहित्यपर पुरस्कार ओकर पितयौत भाइ मुरलीधर झा केँ देल गेल, जकर घोर विरोध भऽ रहल अछि

-विजयदेव झा गाड़ि-गलौज सेहो केलक



-विजयदेव झा एक दिससँ सुभाष चन्द्र यादव, प्रियंका झा, प्रीति ठाकुर, प्रबोध नारायण सिंह, उदय नारायण सिंह नचिकेता, उमेश मण्डल, ज्योत्सना चन्द्रम, विभूति आनन्द, भीमनाथ झा, उषाकिरण खान, यात्री, शरदिन्दु चौधरी, सुधांशु शेखर चौधरी सभकेँ गरियेलक



-ओ ईहो कहलक जे प्रीति ठाकुरकेँ बाल साहित्य पुरस्कार नै देल गेल, तेँ सभ विरोध कऽ रहल अछि, ऐसँ पहिने ओ फरबरीमे कहने छल जे जगदीश प्रसाद मण्डलकेँ मूल साहित्य अकादेमी पुरस्कार नै देल गेलै तँइ विरोध भऽ रहल अछि।


-विजयदेव झा कहलक जे प्रीति ठाकुर, सुभाष चन्द्र यादव, नचिकेता, जगदीश प्रसाद मण्डल आ गजेन्द्र ठाकुर केँ ऐ जन्ममे ओ सभ साहित्य अकादेमी पुरस्कार नै प्राप्त करऽ देतै


रामदेव झाक बेटा आ विद्यानाथ झा विदितक जमाएक भाइ विजयदेव झा

रामदेव झाक बेटा विजयदेव झा द्वारा फोन नम्बर +९१९४७०३६९१९५ सँ उमेश मण्डलकेँ धमकी (रिपोर्ट पूनम मण्डल)



-रामदेव झाक बेटा विजयदेव झा द्वारा फोन नम्बर +९१९४७०३६९१९५ सँ उमेश मण्डलकेँ धमकी

-उमेश मण्डलकेँ देख लेबाक आ उठा लेबाक धमकी देलक विजयदेव झा

-हालेमे साहित्य अकादेमी बाल साहित्य पुरस्कारमे प्रौढ़ साहित्यपर पुरस्कार ओकर पितयौत भाइ मुरलीधर झा केँ देल गेल, जकर घोर विरोध भऽ रहल अछि

-विजयदेव झा गाड़ि-गलौज सेहो केलक



-विजयदेव झा एक दिससँ सुभाष चन्द्र यादव, प्रियंका झा, प्रीति ठाकुर, प्रबोध नारायण सिंह, उदय नारायण सिंह नचिकेता, उमेश मण्डल, ज्योत्सना चन्द्रम, विभूति आनन्द, भीमनाथ झा, उषाकिरण खान, यात्री, शरदिन्दु चौधरी, सुधांशु शेखर चौधरी सभकेँ गरियेलक



-ओ ईहो कहलक जे प्रीति ठाकुरकेँ बाल साहित्य पुरस्कार नै देल गेल, तेँ सभ विरोध कऽ रहल अछि, ऐसँ पहिने ओ फरबरीमे कहने छल जे जगदीश प्रसाद मण्डलकेँ मूल साहित्य अकादेमी पुरस्कार नै देल गेलै तँइ विरोध भऽ रहल अछि।


-विजयदेव झा कहलक जे प्रीति ठाकुर, सुभाष चन्द्र यादव, नचिकेता, जगदीश प्रसाद मण्डल आ गजेन्द्र ठाकुर केँ ऐ जन्ममे ओ सभ साहित्य अकादेमी पुरस्कार नै प्राप्त करऽ देतै



रामदेव झाक बेटा आ विद्यानाथ झा विदितक जमाएक भाइ विजयदेव झा

मैथिलीक तेसर विकीलिक्स- मोहन भारद्वाजक विद्यानाथ झा विदित/ रामदेव झा आदिसँ भेल समझौताक विवरणी



विद्यानाथ झा विदितक चमचागिरीमे लागल ब्राह्मणवादी समीक्षक मोहन भारद्वाज: मैथिली समालोचनाक कारी अध्याय: चमचागिरी समीक्षाक मोहन भारद्वाज द्वारा स्थापना

विद्यानाथ झा विदितक चमचागिरीमे लागल ब्राह्मणवादी समीक्षक मोहन भारद्वाज: मैथिली समालोचनाक कारी अध्याय: चमचागिरी समीक्षाक मोहन भारद्वाज द्वारा स्थापना

विद्यानाथ झा विदितक चमचागिरीमे लागल ब्राह्मणवादी समीक्षक मोहन भारद्वाज: मैथिली समालोचनाक कारी अध्याय: चमचागिरी समीक्षाक मोहन भारद्वाज द्वारा स्थापना

विद्यानाथ झा विदितक चमचागिरीमे लागल ब्राह्मणवादी समीक्षक मोहन भारद्वाज: मैथिली समालोचनाक कारी अध्याय: चमचागिरी समीक्षाक मोहन भारद्वाज द्वारा स्थापना

ब्राह्मणवादी समीक्षक मोहन भारद्वाज: रामदेव झासँ मिलि कऽ भोंकलनि सुभाष चन्द्र यादवक पीठमे जातिवादी छुरा

ब्राह्मणवादी समीक्षक मोहन भारद्वाज द्वारा पी.सी.रायचौधुरीक रचनाक कॉपीराइट हनन: अपन सम्पादकत्वमे रायचौधुरीक रचना रमानाथ झाक नामसँ छप्लनि: सहयोगी रहल सी.आइ.आइ.एल. 

पूर्वपीठिका:

-साहित्य अकादेमीक मैथिली बाल साहित्य पुरस्कार प्रौढ कथा संग्रह(रामदेव झाक भातिज मुरलीधर झाक पिलपिलहा गाछ) केँ देबा लेल जिम्मेवार जूरीक खुलासा- ब्लैकमेलर ब्राह्मणवादी समालोचक मोहन भारद्वाज एण्ड कम्पनीक कुकृत्य सोझाँ आएल

-मोहन भारद्वाज विद्यानाथ झा विदितक चमचागिरीमे बहुत दिनसँ लागल छथि।

-विद्यानाथ झा "विदित"क निम्न कोटिक उपन्यास "विप्लवी बेसरा"क कएक पन्नाक गदगदी समीक्षा "पक्षधर" नाम्ना पत्रिकामे मोहन भारद्वाज केने रहथि, मैथिली समालोचनाक क्षेत्रमे ई एकटा कारी अध्याय अछि।

-मोहन भारद्वाज रमानाथ झा ग्रन्थावलीमे पी.सी. रायचौधुरीक रचना रमानाथ झाक नामसँ अपन सम्पादकत्वमे छपबा देलन्हि।

-हालेमे विद्यानाथ झा विदितक समधि रामदेव झाक अहिठाम माँछ-भात खा कऽ मोहन भारद्वाज भरतमिलानी केने रहथि।

-टैगोर साहित्य सम्मानमे हिनको पोथी फाइनल धरि पहुँचल रहए, मुदा एकटा गएर ब्राह्मण, गएर कर्ण कायस्थ  जूरी हिनकर लिलसापर पानि फेरि देने रहथि आ पुरस्कार जगदीश प्रसाद मण्डल जीकेँ भेटि गेल छल। तकरा बाद मोहन भारद्वाज विक्षिप्त भऽ गेल रहथि।

-हालेमे चेतना समितिक मुख -पत्र घर-बाहर श्रीमान मोहन भारद्वाजकेँ साहित्य अकादेमी पुरस्कार देबा लेल फतवा जारी केने अछि। ऐ फतवा अन्तर्गत अशोक आ महेन्द्र मलंगियाकेँ सेहो साहित्य अकादेमी पुरस्कार देल जएबाक गप अछि।

-प्रबोध सम्मान लेल महेन्द्र मलंगियाक संग मिलि कऽ जे ई दुष्कर्म केने रहथि आ दुनू गोटेकेँ ओ प्राइज भेटल रहन्हि से जगत ख्यात अछि।

-मोहन भारद्वाजक जातिवादी चेहरा जगत ख्यात अछि, हिनकर असल नाम आनन्द मोहन मिश्र अछि। "विद्यापति टाइम्स" मे योगानन्द झा आ विद्यानाथ झा विदितक जमाए शंकरदेव झा (रामदेव झाक बेटा) संग मिलि कऽ जे ई सुभाष चन्द्र यादवक "बनैत बिगड़ैत" क खिलाफ अभियान शुरू केने रहथि से जगत ख्यात अछि।

-आब एतेक केलाक बादो जँ ऐ बेरुका साहित्य अकादेमी पुरस्कार मोहन भारद्वाज विद्यानाथ झा विदितक राजमे नै लऽ सकथि वा महेन्द्र मलंगिया/ अशोककेँ नै दिअबा सकथि तँ से आश्चर्ये हएत।

-साहित्य अकादेमीक मैथिली बाल साहित्य पुरस्कार प्रौढ कथा संग्रह(विद्यानाथ झा विदितक समधि रामदेव झाक भातिज मुरलीधर झाक पिलपिलहा गाछ) केँ दिएबामे ब्राह्मणवादी मोहन भारद्वाजक संग देलनि एकटा आर मैथिल ब्राह्मण भाग्यनारायण झा आ चेतना समितिक कोषाध्यक्ष रहल कर्ण कायस्थ महेन्द्र नारायण कर्ण।

पूर्वपीठिकासँ पहिने:

-रामदेव झाक भातिज मुरलीधर झा केँ प्रौढ़ साहित्य (!!) लेल मैथिलीक साहित्य अकादेमी बाल साहित्य पुरस्कार २०१२
-मुरलीधर झा केँ ई पुरस्कार अ-बाल कथा संग्रह "पिलपिलहा गाछ" लेल देल जा रहल अछि।
-मुरलीधर झाक पोथीक आमुखमे सेहो "पिलपिलहा गाछ" मे सेहो ऐ पोथीक किछु कथाक पैघ लोकक लेल हेबाक संकेत अछि, आ  मुरलीधर झा लिखलन्हि जे ओ अपन कक्का (रामदेव झा) क कहलापर ऐ पोथीकेँ बाल साहित्यक रूपमे छपबा रहल छथि। हालेमे मिथिला दर्शन मे ऐ पोथीक प्रकाशित समीक्षामे सेहो ई गप कहल गेल छै जे एकर किछु कथा पैघ लोकक लेल छै।  विदेह बाल साहित्य पुरस्कार २०१२ (वैकल्पिक साहित्य अकादेमी पुरस्कार रूपमे प्रसिद्ध) लेल भऽ रहल वोटिंग (www.videha.co.in )सँ "पिलपिलहा गाछ" पोथी केँ एकर अ-बाल साहित्य भेलाक कारणसँ हटा लेल गेल छल।
-रामदेव झाक भातिज मुरलीधर झा केँ प्रौढ़ साहित्य (!!) लेल मैथिलीक साहित्य अकादेमी बाल साहित्य पुरस्कार २०१२ भेटबाक सूचना श्री शंकर झा १७ अगस्त २०१२ केँ बेरमा गाम जा कऽ श्री जगदीश प्रसाद मण्डल जी केँ देलन्हि। ओ कहलन्हि जे "पिलपिलहा गाछ" पोथी केँ साहित्य अकादेमी बाल साहित्य पुरस्कार २०१२ देल जएबाक निर्णय भऽ गेल छै आ शीघ्र साहित्य अकादेमी, दिल्ली एकर घोषणा करत। ओना श्री शंकर झा पहिने एक बेर विवादमे आबि चुकल छथि जखन "साहेब राम दास" विनिबन्ध पोथी "भारतीय साहित्यक निर्माता शृंखला"मे हुनकासँ साहित्य अकादेमी द्वारा लिखबाओल गेल छल!!  "साहेब राम दास"पर डॉ. पालन झा पी.एच.डी. केने छथि आ ई शोध श्री दुर्गानाथ झा श्रीश (आब स्वर्गीय) केर अन्तर्गत भेल छल। "साहेब राम दास"पर डॉ. पालन झाक निबन्ध विदेह ई-पत्रिका (www.videha.co.in ) मे सेहो आएल छल आ ल.ना.मिथिला वि.वि.क मैथिली विभागमे ऐ शोधक एक प्रति राखल सेहो अछि, तकर बादो  "साहेब राम दास" विनिबन्ध श्री शंकर झाक नामसँ छपल डॉ. पालन झा क नामसँ नै!!! ऐ गपसँ साहित्यिक क्षेत्रमे आक्रोश व्याप्त भऽ गेल छल।

मैथिली भाषाक कवि गोष्ठी सम्पन्न (रिपोर्ट सुजीत कुमार झा )



जनकपुरधाम, भादव ९ ।
मैथिली भाषाक कार्यक्रमसभमे जनकपुरमे तीव्रता आएल अछि ।
एहि क्रममे शनिदिन एक दिवसीय कवि गोेष्ठी कएल गेल अछि ।
मैथिल ब्रह्मण समाजक आयोजनामे भेल मैथिली भाषाक ओ कवि गोष्ठीमे २७ गोटे कविता वाचन कएलन्हि ।
वाचन करएबला कविसभमे अयोध्या नाथ चौधरी, दिगम्बर झा दिनमणि, पुनम झा, प्रमिला मिश्र, विजय दत्त मणि, देवेश्वर लाल मुन्ना, काशि कान्त झा, प्रेम विदेह ललन, अमर कान्त अमर, जय शंकर नाथ झा, चन्द्र कान्त झा, रुद्र नारायण झा मडइ, मनिका झा, विजय मस्त, प्रमोद नारायण झा, रामापति नाथ झा, अरविन्द कुमार यादव, धीरज कुमार साह, कोमल कर्ण, हसमुख कर्ण, ज्ञानेन्द्र झा, सुमन झा, उदिष्ट नारयण झा, नविन कुमार मिश्र, शुभ नारायण झा सहितक रहल छलथि ।
मैथिल ब्राह्मण समाजक केन्द्रीय अध्यक्ष पवन कुमार झाक अध्यक्षतामे भेल ओ समारोहमे प्रमुख अतिथिक आसन सँ बजैत युवासभकेँ साहित्य रचनामे जोड देबए आग्रह कएलन्हि । समारोहमे पठित कविता उपर अयोध्या नाथ चौधरी समीक्षा कएलन्हि ।

सुनल जाओ मैथिलीमे समाचार २५ अगस्त २०१२ (साभार जानकी एफ. एम., जनकपुर)

सुनल जाओ मैथिलीमे समाचार २४ अगस्त २०१२ (साभार जानकी एफ. एम., जनकपुर)

साहित्य अकादेमीक मैथिली बाल साहित्य पुरस्कार प्रौढ कथा संग्रहकेँ देबा लेल जिम्मेवार जूरीक खुलासा- ब्लैकमेलर ब्राह्मणवादी समालोचक मोहन भारद्वाज एण्ड कम्पनीक कुकृत्य सोझाँ आएल

-साहित्य अकादेमीक मैथिली बाल साहित्य पुरस्कार प्रौढ कथा संग्रह(रामदेव झाक भातिज मुरलीधर झाक पिलपिलहा गाछ) केँ देबा लेल जिम्मेवार जूरीक खुलासा- ब्लैकमेलर ब्राह्मणवादी समालोचक मोहन भारद्वाज एण्ड कम्पनीक कुकृत्य सोझाँ आएल

-मोहन भारद्वाज विद्यानाथ झा विदितक चमचागिरीमे बहुत दिनसँ लागल छथि।

-विद्यानाथ झा "विदित"क निम्न कोटिक उपन्यास "विप्लवी बेसरा"क कएक पन्नाक गदगदी समीक्षा "पक्षधर" नाम्ना पत्रिकामे मोहन भारद्वाज केने रहथि, मैथिली समालोचनाक क्षेत्रमे ई एकटा कारी अध्याय अछि।

-मोहन भारद्वाज रमानाथ झा ग्रन्थावलीमे पी.सी. रायचौधुरीक रचना रमानाथ झाक नामसँ अपन सम्पादकत्वमे छपबा देलन्हि।

-हालेमे विद्यानाथ झा विदितक समधि रामदेव झाक अहिठाम माँछ-भात खा कऽ मोहन भारद्वाज भरतमिलानी केने रहथि।

-टैगोर साहित्य सम्मानमे हिनको पोथी फाइनल धरि पहुँचल रहए, मुदा एकटा गएर ब्राह्मण, गएर कर्ण कायस्थ  जूरी हिनकर लिलसापर पानि फेरि देने रहथि आ पुरस्कार जगदीश प्रसाद मण्डल जीकेँ भेटि गेल छल। तकरा बाद मोहन भारद्वाज विक्षिप्त भऽ गेल रहथि।

-हालेमे चेतना समितिक मुख -पत्र घर-बाहर श्रीमान मोहन भारद्वाजकेँ साहित्य अकादेमी पुरस्कार देबा लेल फतवा जारी केने अछि। ऐ फतवा अन्तर्गत अशोक आ महेन्द्र मलंगियाकेँ सेहो साहित्य अकादेमी पुरस्कार देल जएबाक गप अछि।

-प्रबोध सम्मान लेल महेन्द्र मलंगियाक संग मिलि कऽ जे ई दुष्कर्म केने रहथि आ दुनू गोटेकेँ ओ प्राइज भेटल रहन्हि से जगत ख्यात अछि।

-मोहन भारद्वाजक जातिवादी चेहरा जगत ख्यात अछि, हिनकर असल नाम आनन्द मोहन मिश्र अछि। "विद्यापति टाइम्स" मे योगानन्द झा आ विद्यानाथ झा विदितक जमाए शंकरदेव झा (रामदेव झाक बेटा) संग मिलि कऽ जे ई सुभाष चन्द्र यादवक "बनैत बिगड़ैत" क खिलाफ अभियान शुरू केने रहथि से जगत ख्यात अछि।

-आब एतेक केलाक बादो जँ ऐ बेरुका साहित्य अकादेमी पुरस्कार मोहन भारद्वाज विद्यानाथ झा विदितक राजमे नै लऽ सकथि वा महेन्द्र मलंगिया/ अशोककेँ नै दिअबा सकथि तँ से आश्चर्ये हएत।

-साहित्य अकादेमीक मैथिली बाल साहित्य पुरस्कार प्रौढ कथा संग्रह(विद्यानाथ झा विदितक समधि रामदेव झाक भातिज मुरलीधर झाक पिलपिलहा गाछ) केँ दिएबामे ब्राह्मणवादी मोहन भारद्वाजक संग देलनि एकटा आर मैथिल ब्राह्मण भाग्यनारायण झा आ चेतना समितिक कोषाध्यक्ष रहल कर्ण कायस्थ महेन्द्र नारायण कर्ण।
 ब्लैकमेलर समालोचक मोहन भारद्वाज

  ब्लैकमेलर समालोचक मोहन भारद्वाज क संगी भाग्यनारायण झा 

ब्लैकमेलर समालोचक मोहन भारद्वाज क संगी  महेन्द्र नारायण कर्ण
पूर्वपीठिका:

-रामदेव झाक भातिज मुरलीधर झा केँ प्रौढ़ साहित्य (!!) लेल मैथिलीक साहित्य अकादेमी बाल साहित्य पुरस्कार २०१२
-मुरलीधर झा केँ ई पुरस्कार अ-बाल कथा संग्रह "पिलपिलहा गाछ" लेल देल जा रहल अछि।
-मुरलीधर झाक पोथीक आमुखमे सेहो "पिलपिलहा गाछ" मे सेहो ऐ पोथीक किछु कथाक पैघ लोकक लेल हेबाक संकेत अछि, आ  मुरलीधर झा लिखलन्हि जे ओ अपन कक्का (रामदेव झा) क कहलापर ऐ पोथीकेँ बाल साहित्यक रूपमे छपबा रहल छथि। हालेमे मिथिला दर्शन मे ऐ पोथीक प्रकाशित समीक्षामे सेहो ई गप कहल गेल छै जे एकर किछु कथा पैघ लोकक लेल छै।  विदेह बाल साहित्य पुरस्कार २०१२ (वैकल्पिक साहित्य अकादेमी पुरस्कार रूपमे प्रसिद्ध) लेल भऽ रहल वोटिंग (www.videha.co.in )सँ "पिलपिलहा गाछ" पोथी केँ एकर अ-बाल साहित्य भेलाक कारणसँ हटा लेल गेल छल।
-रामदेव झाक भातिज मुरलीधर झा केँ प्रौढ़ साहित्य (!!) लेल मैथिलीक साहित्य अकादेमी बाल साहित्य पुरस्कार २०१२ भेटबाक सूचना श्री शंकर झा १७ अगस्त २०१२ केँ बेरमा गाम जा कऽ श्री जगदीश प्रसाद मण्डल जी केँ देलन्हि। ओ कहलन्हि जे "पिलपिलहा गाछ" पोथी केँ साहित्य अकादेमी बाल साहित्य पुरस्कार २०१२ देल जएबाक निर्णय भऽ गेल छै आ शीघ्र साहित्य अकादेमी, दिल्ली एकर घोषणा करत। ओना श्री शंकर झा पहिने एक बेर विवादमे आबि चुकल छथि जखन "साहेब राम दास" विनिबन्ध पोथी "भारतीय साहित्यक निर्माता शृंखला"मे हुनकासँ साहित्य अकादेमी द्वारा लिखबाओल गेल छल!!  "साहेब राम दास"पर डॉ. पालन झा पी.एच.डी. केने छथि आ ई शोध श्री दुर्गानाथ झा श्रीश (आब स्वर्गीय) केर अन्तर्गत भेल छल। "साहेब राम दास"पर डॉ. पालन झाक निबन्ध विदेह ई-पत्रिका (www.videha.co.in ) मे सेहो आएल छल आ ल.ना.मिथिला वि.वि.क मैथिली विभागमे ऐ शोधक एक प्रति राखल सेहो अछि, तकर बादो  "साहेब राम दास" विनिबन्ध श्री शंकर झाक नामसँ छपल डॉ. पालन झा क नामसँ नै!!! ऐ गपसँ साहित्यिक क्षेत्रमे आक्रोश व्याप्त भऽ गेल छल।

Friday, August 24, 2012

महोत्तरीक मिथिला विद्यालयमे फिनल्याण्डक टोली पहुँचल ‘मैथिलीक विकासमे हमहुँ सभ योगदान करब’ (रिपोर्ट सुजीत कुमार झा)




जनकपुरधाम,भादव ७ ।
महोत्तरी जिल्लाक हतिसर्वा गाविसक श्रीनगरमे रहल श्रीनगर सामुदायिक मैथिली प्राथमिक विद्यालयमे फिनल्याण्डक टोली पहुँच मातृभाषामे धियापुताके पढाई कोना भऽ रहल एकर जानकारी लेलक अछि ।
ओ टोलीमे जुहो लेप्पानेन, रिको प्रिक्लेन आ मिकाइल हतोला रहल छथि । मातृ भाषा ओहूँमे मैथिली भाषामे पढाई देखि अपने सभके बहुत प्रसन्नता भेल टोली लिडर रहल जुहो लेप्पानेन मिथिला डटकमसँग बातचित करैत कहलन्हि । ओ टोली विद्यार्थी सभसँ अपन अनुभव सेहो सेयर कएलन्हि ।
फिनल्याण्डक तीनू नागरिक फिनल्याण्डासँ भ्यान यात्रामे नेपाल आएल छथि । एहिक्रममे रुस, काजिक्स्तान, क्रिग्रिस्तान, चीन, पाकिस्तान, भारत होइत नेपाल आएल छथि । गाडीएसँ फेर फिनल्याण्ड जाएके तीनू गोटेके कार्यक्रम रहल अछि ।
करिब २० हजार किलोमिटरक ओ यात्रा क्रममे होबएवला आम्दानी आफन्त नेपाल आ ट्रान्सफरमेशन नेपालके देबएके ओ घोषणा कएलन्हि । आफन्त नेपालक कार्यक्रम मैथिली विकासक लेल रहल अछि ।
आफन्त नेपाल धनुषा आ महोत्तरीक पाँच टा विद्यालयमे मैथिली भाषामे पढाई शुरु कएने अछि । मैथिली भाषाक पढाईके प्रति विद्यार्थीमे क्रेज तऽ अछिए बाहरसँ जाहि रुपसँ समर्थन प्राप्त भऽ रहल अछि एहिसँ काज करएमे सुविधा भऽ रहल आफन्त नेपालक उपाध्यक्ष प्रदीप यादव कहलन्हि ।
जल्दिए ओ विद्यालय सभके सुविधा सम्पन्न बनाएब सेहो ओ घोषणा कएलन्हि । महोत्तरीक श्री नगरक मैथिली विद्यालयक कारण ओ गामके सेहो नमूना गाम बनाबएके सोच ओहि क्षेत्रमे विकास भऽ रहल अछि ।
मुसहर समुदायक बस्ती रहल श्रीनगरमे अधिकांश धीयापुता मैथिली भाषामे प्राथमिक शिक्षा लऽ रहल अछि । ओ विद्यालयक व्यवस्थापन समितिक अध्यक्ष पलट सदा कहैत छथि– मातृ भाषामे पढाई भेलाक कारण विद्यार्थी सभमे अकल्पनीय विकास भऽ रहल अछि ।
ओ गाममे मात्रे सवाँ सय विद्यार्थी मैथिली भाषामे पढि रहल अछि । फिनल्याण्डक नागरिक सभ द्वारा सहयोगकेँ आश्वासन देलाक बाद ओ सभ आओर उत्साहित भेल अछि ।

मिथिला विकास परिषद् द्वारा दिनांक 26 अगस्त, 2012 (रविवार) कs सायं 5.00 बजे सs रवीन्द्र सरणी एवं महात्मा गांधी संगम स्थल पर स्थित दिगम्बर जैन भवन कोलकाता मे सम्मान समारोह एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम

मिथिला विकास परिषद् द्वारा कोलकाता महानगर में प्रथम बेर 9 दिवसीय मिथिला महोत्सवक 2012 केर आयोजन भेला, जकर विधिवत उदघाटन दिनांक 29, जुलाई, 2012 कs महाजाति सदन के सभागार में भारत सरकार स्वास्थ्य राज्य मंत्री एवं स्थानीय सांसद श्री सुदीप बंदोपाध्याय द्वारा भेल छल। उक्त महोत्सवक दोसर दिनक कार्यक्रम अन्तर्गत 12 अगस्त, 2012 कs महाजाति सदनक संयुक्त प्रेक्षा गृह में गीत गैन प्रतियोगिता आयोजित भेल छल। प्रतियोगिता में भाग लेनिहार समस्त प्रतिभागी के प्रोत्साहित एवं विशेष रूपे पुरस्कृत करवाक क्रम में दिनांक 26 अगस्त, 2012 (रविवार) कs सायं 5.00 बजे सs रवीन्द्र सरणी एवं महात्मा गांधी संगम स्थल पर स्थित दिगम्बर जैन भवन में सम्मान समारोह एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित अछि। एही अवसर पर श्री भगवती आराधना पुस्तक के विमोचन सेहो होयतः अखिलेश कुमार झा (98360 12888)

सुनल जाओ मैथिलीमे समाचार २३ अगस्त २०१२ (साभार जानकी एफ.एम., जनकपुर)

सुनल जाओ मैथिलीमे समाचार २२ अगस्त २०१२ (साभार जानकी एफ.एम., जनकपुर)

रामदेव झाक भातिज मुरलीधर झा केँ प्रौढ़ साहित्य (!!) लेल मैथिलीक साहित्य अकादेमी बाल साहित्य पुरस्कार २०१२

-रामदेव झाक भातिज मुरलीधर झा केँ प्रौढ़ साहित्य (!!) लेल मैथिलीक साहित्य अकादेमी बाल साहित्य पुरस्कार २०१२
-मुरलीधर झा केँ ई पुरस्कार अ-बाल कथा संग्रह "पिलपिलहा गाछ" लेल देल जा रहल अछि।
-मुरलीधर झाक पोथीक आमुखमे सेहो "पिलपिलहा गाछ" मे सेहो ऐ पोथीक किछु कथाक पैघ लोकक लेल हेबाक संकेत अछि, आ  मुरलीधर झा लिखलन्हि जे ओ अपन कक्का (रामदेव झा) क कहलापर ऐ पोथीकेँ बाल साहित्यक रूपमे छपबा रहल छथि। हालेमे मिथिला दर्शन मे ऐ पोथीक प्रकाशित समीक्षामे सेहो ई गप कहल गेल छै जे एकर किछु कथा पैघ लोकक लेल छै।  विदेह बाल साहित्य पुरस्कार २०१२ (वैकल्पिक साहित्य अकादेमी पुरस्कार रूपमे प्रसिद्ध) लेल भऽ रहल वोटिंग (www.videha.co.in )सँ "पिलपिलहा गाछ" पोथी केँ एकर अ-बाल साहित्य भेलाक कारणसँ हटा लेल गेल छल।
-रामदेव झाक भातिज मुरलीधर झा केँ प्रौढ़ साहित्य (!!) लेल मैथिलीक साहित्य अकादेमी बाल साहित्य पुरस्कार २०१२ भेटबाक सूचना श्री शंकर झा १७ अगस्त २०१२ केँ बेरमा गाम जा कऽ श्री जगदीश प्रसाद मण्डल जी केँ देलन्हि। ओ कहलन्हि जे "पिलपिलहा गाछ" पोथी केँ साहित्य अकादेमी बाल साहित्य पुरस्कार २०१२ देल जएबाक निर्णय भऽ गेल छै आ शीघ्र साहित्य अकादेमी, दिल्ली एकर घोषणा करत। ओना श्री शंकर झा पहिने एक बेर विवादमे आबि चुकल छथि जखन "साहेब राम दास" विनिबन्ध पोथी "भारतीय साहित्यक निर्माता शृंखला"मे हुनकासँ साहित्य अकादेमी द्वारा लिखबाओल गेल छल!!  "साहेब राम दास"पर डॉ. पालन झा पी.एच.डी. केने छथि आ ई शोध श्री दुर्गानाथ झा श्रीश (आब स्वर्गीय) केर अन्तर्गत भेल छल। "साहेब राम दास"पर डॉ. पालन झाक निबन्ध विदेह ई-पत्रिका (www.videha.co.in ) मे सेहो आएल छल आ ल.ना.मिथिला वि.वि.क मैथिली विभागमे ऐ शोधक एक प्रति राखल सेहो अछि, तकर बादो  "साहेब राम दास" विनिबन्ध श्री शंकर झाक नामसँ छपल डॉ. पालन झा क नामसँ नै!!! ऐ गपसँ साहित्यिक क्षेत्रमे आक्रोश व्याप्त भऽ गेल छल।