जितेन्द्र झा
विदेशमे भविष्य देखैत अछि विद्यार्थी
जितेन्द्र झा काठमाण्डू पढबालेल विदेश गेनिहार नेपाली विद्यार्थीक सँख्या बढिरहल अछि । पश्चिमी जीवनशैली स्वतन्त्रता आ विलासिता भोगऽलेल सेहो नपाली विद्यार्थी विदेश दिन आकर्षित भऽ रहल अछि । आइटी होटल म्यानेजमेन्ट व्यबस्थापन इन्जिनियरिंग विज्ञान सहित विषयदिस रुचि रहल विद्यार्थी विदेश जएबाक लेल बाध्य सेहो अछि कियाक त नेपालमे एहन विषयक उत्कृष्ट अध्ययन सँस्थानक कमी अछि ।
विज्ञान आ व्यवस्थापन संकायमें रुचि रहल विद्यार्थी खास कऽ विदेश जाइत अछि । दोसर दिस नेपालमेँ लोडसेडिंग आ पाबनि तिहार जकँ होबऽ बला बन्द हडतालक कारण सेहो विद्यार्थीसभ विदेशमेँ अपन सुरक्षित भविष्य देखैत अछि । एहि वर्ष मात्रे नेपालमें एगारह घण्टाधरि लोडसेडिंग भेल छल तहिना राजनीतिक दल आ सशस्त्र निशस्त्र समूह बन्द हडताल आहवान करिते रहैत अछि । विदेश गेनिहार विद्यार्थीमेँ निजी विद्यालय तथा कलेजमेँ अध्ययनरत विद्यार्थी सभ बेशी अछि । सरकारी क्याम्पस पढाइसँ बेशी राजनीतिके केन्द्र बनल अछि तेँ लगनशील आ मेहनती विद्यार्थी ओम्हर ताकहो नहि चाहैत अछि । नेपालक कन्सल्टयान्सीसभ विद्यार्थीके निजी खर्चमेँ विदेश पढऽ जाएलेल सहज बाट बना देने अछि । शैक्षिक परामर्शदातासभ विद्यार्थीके विदेशमेँ पढाईके जानकारीक सँगहि विदेश जएबालेल विद्यार्थीके प्रेरित सेहोे करैत अछि । शैक्षिक परामर्शदाता ममता उपाध्यायके अनुसार नेपालमें प्रयोगात्मक शिक्षा नहि अछि तें एत्त गुणस्तरीय पढाई सम्भव नहि अछि । तें नेपालमें एम. ए. आ पिच एच डी कएल विद्यार्थीसेहो गुणस्तरहीन होइत अछि ममताक कहब छन्हि । नेपालमें पढलाक बाद नोकरीक अवसर कम अछि ताहिलेल सेहो विद्यार्थी विदेश दिस आकर्षित भऽ रहल अछि ।
नेपालक आम विद्यार्थीक लेल विदेशक पढाइ सपना सेहो अछि कम आय भेल अभिभावकके धीयापुतासभके त नेपालेमे चित्त बुझएबाक स्थिति छै । विदेशमेँ उच्च शिक्षा अध्ययन करबाक लेल परामर्श लेबऽ आएल विद्यार्थी नेपालोमेँ अध्ययनकऽ कऽ भविष्य बनाओल जा सकैत अछि ताहिमेँ विश्वस्त अछि । सरकार पढबालेल विदेश पलायनकेँ रोकबालेल कोनो खास पहल एखनधरि नइ कएलक अछि नेपाली विद्यार्थी सँगहि प्रतिभा आ देशक पाइसेहो विदेश जाइत अछि से बुझब आबश्यक अछि । शिक्षामन्त्रालय एहिप्रति गम्भीर रहल दाबी शिक्षामन्त्री सर्र्वेन्द्रनाथ शुक्लके छन्हि । नेपालक विद्यालयके गुणस्तरीय बनाओल जाए तऽ विदेश गेनिहार विद्यार्थीक संख्या कम भ सकैया शुक्लके कहब छन्हि । विज्ञान आ व्यवस्थापन अध्ययन होबऽ बला ९० विद्यालयकें सरकार गुणस्तरीय बनाएबालेल सहयोग कऽ रहल शुक्ल जनतब देलनि । विद्यालयके क्षमता पाठयक्रम शिक्षक शैक्षिक सामग्री जेहन विषयवस्तु दिस सुधारके आवश्यकता अछि । नेपालमेँ एक तथ्यांकअनुसार ४० हजार विद्यार्थी प्रतिवर्ष स्नातक उत्तीर्ण करैत अछि जाहिमेँसँ नेपालमेँ मात्र दू हजारके रोजगारी भेटैत छैक । राजनीतिक अबस्था बन्द हडताल जेहन कारणसँ वार्षिक २० हजारसँ बेशी विद्यार्थी उच्च शिक्षा बास्ते विदेश जाइत अछि । ई त सरकारी तथ्यांक अछि । विदेश जाएलेल शिक्षा मन्त्रालयसँ सिफारिस लेनिहार विद्यार्थीक सँख्या मात्र ई अपना निजी खर्चमेँ विदेश गेनिहार विद्यार्थीक संख्या आओर बेशी अछि । विदेशमेँ मात्रे उत्कृष्ट शिक्षा भेटैत छैक से भ्रम चिरबादिस सम्बन्धित सभ पक्षके लागक चाही । राजनीतिक दलके सेहो शिक्षा क्षेत्रके बन्द हडताल मुक्त बनएबामेँ सहयोग करबाक चाही । विद्यार्थी देशक भविष्य होइत अछि भविष्यके अन्धकारमेँ धकेलबाक काज ककरोसँ नहि हुअए । (साभार विदेह www.videha.co.in)
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