01. अस्तित्वक लड़ाई लड़ैत सम्पन्न भेल स्मृति पर्व
चेतना समिति द्वारा आयोजित अंठाबनम् विद्यापति स्मृति पर्व समारोह सम्पन्न भऽ गेल| त्रिदिवसीय एहि समारोहक अवसरपर तीन दिन धरि राजधानी पटनाक मिथिलावासी मिथिलाक कला, संस्कृति खान-पानक रसास्वादन क' संगहि गीत-संगीतक आनन्द उठौलनि। मुदा नब्बेक दशकसॅ पहिने राजधानीक मिथिलवासीक लेल पाबनि बनल ई समारोह आब चेतनाक मात्र औपचारिकता भेल जा रहल अछि। आयोजनक घटैत स्तरसॅ जतए मैथिली भाषीक एहि समारोहक प्रति रूचि घटि रहल अछि ओतहि चेतना समिति सेहो एहि आयोजनकें बंद करबाक रणनीतिपर चलैत एहि तरहक कार्यक्रम सभ रखैत अछि जे दिन पर दिन उपस्थिति कम भऽ रहल अछि। ई चेतनाक सौभाग्य अछि जे पछिला तीन चारि वर्ष सॅ तीनू दिनक कार्यक्रम समाप्ति कऽ घोषणा सॅ पहिनहि कार्यक्रम स्थल खाली भऽ जाइत अछि आ ई संभव अछि जे आबए बाला समय मे चेतना समितिक ऊर्जावान सक्रिय अधिकारी आ कार्यकर्ता सभ तीनू दिन स्वयं धूनि रमा बाबा विद्यापतिकें गोहार लगौताह।
बिहारक राजधानी पटना मे अठाबन वर्ष पहिने मैथिल आ गैर मैथिलके मिथिलाक कला संस्कृति आ माटि सॅ जोड़बाक लेल बाबा नागार्जून सहित आन कतेको मैथिल धरती पुत्र चेतना समितिक गठनक विद्यापति स्मृति पर्व परम्पराक प्रारंभ कएने छलाह जे बाद मे पटनाक मैथिल आ गैर मैथिलक मध्य ततेक लोकप्रिय भेल जे लोक नव वर्षक कलैन्डर अएलाक बाद आन पाबनि जकां विद्यापति पर्व समरोहक तिथि जरूर तकैत छलाह। मैथिली भाषीक मध्य ई समारोह ततेक लोकप्रिय भेल जे पटनाक हार्डिक पार्कक मैदान छोट पड़ि जाइत छल मुदा आब तऽ विद्यापति भवन हॉल आ मगध क्लबक मैदान पैघ भऽ रहल अछि। राजनीतिक क्षेत्र मे एहि समारोहक ई स्थिति छल जे सभ दलक नेता एहि मे अपन उपस्थिति दर्ज करैबा लेल बेचैन रहैत छलाह। शहरि भरिक मैथिलक एहि जुटान मे कतेको कन्यादान आ वरदान सांस्कृतिक कार्यक्रमक आनन्दक मध्य गपसप मे अंतिम रूप लैत छल।
पछिला दू दशक मे चेतनाक ई आयोजन ओकर असफलताक कहानी गढ़ि रहल अछि हालांकि समितिक पदाधिकारीक एहि संदर्भ मे जबर्दस्त तर्क छनि आ ओहि सॅ सहमत होएब हमरा सभक मजबूरी | समितिकक मानब अछि जे टीवी इंटरनेट आदि मनोरंजन बढ़ैत साधनक कारण एहि समारोह मे उपस्थिति कम भऽ रहल अछि आ एहि तर्क सॅ भला के मना कऽ सकैत अछि। शायद समितिक जनतब नहि अछि जे आइयो दरभंगा, कोलकाता, जमशेदपुर, बोकारो आदि आब कतेको ठाम विद्यापति पर्व समारोह आयोजित भऽ रहल अछि आ एकर प्रेरणाक स्रोत चेतना समिति अछि, ओतए एखनो अपन कला संस्कृति गीत-संगीत सॅ मैथिलीभाषी के अरूचि नहि भेल अछि।
दरअसल एहि आयोजनक प्रति घटि रहल रूचिक कारण चेतना समितिक मठाधीश छथि जे बाबा विद्यापतिक नामपर बनल मठपर प्रतिदिन सांझ देखा अपन कलैन्डरक अनुसार कार्यक्रम आयोजित कऽ काज समाप्त बुझैत छथि। समिति पछिला दू दशक सॅ प्राइवेट लिमिटेड कम्पनीक जकां काज कऽ रहल अछि। सहकारिताक नीक जनतब राखए बलाक नियंत्रणमे ज्यों कोनो संस्था के प्राइवेट लिमिटेड बना देल जाए तऽ ओकर ई हाल होएब स्वाभाविक अछि। समितिक वर्तमान कार्य प्रणाली आ विद्यापति स्मृति पर्वक वर्तमान स्थिति देखि बाबा नागार्जूनक आत्मा के सेहो ग्लानि होइत। आब तऽ स्थिति ई अछि जे तीनू दिनक कार्यक्रमक उद्घाटक, मुख्य अतिथि, कलाकार आ दर्शक फिक्सड भऽ गेल छथि। कार्यक्रम देखबा सॅ बेसी उत्सुकता आब भेट करबाक रहैत अछि। किछु लोक एखन होइत छथि जे एहि समारोहक दरमियान भेट होइत छथि आ भेटक बाद गपसप कऽ लोक आपस अपना घर दिस बिदा भऽ जाइत छथि। पहिने एहि समारोहक उद्घाटन बिहारक राज्यपाल सॅ करैबाक परम्परा छल आ एहि समारोहक एतबा महत्व छल जे राज्यपाल आ मुख्य मंत्री एहि समारोहक लेल अपन समय सुरक्षित रखैत छलाह मुदा बिहारक राजनीति बदललाक संगहि परिस्थिति सेहो बदलल आ तखन विद्यापति स्मृति समारोहक स्वरूप बदलब स्वाभाविक अछि। हालांकि समिति अपन परम्पराकें फेर सॅ प्रारंभ कएलक आ कतेको वर्षक बाद एहि वर्ष समारोहक उद्घाटन बिहारक राज्यपाल देवानन्द कुंवर कएलनि।
समितिक सभसॅ महत्वपूर्ण एहि कार्यक्रमक घटैत लोकप्रियताक लेल समितिक कार्य प्रणाली जिम्मेवार अछि। लोकतांत्रिक व्यवस्थासॅ समिति चलैबाक नामपर जे वर्तमान कार्यकारिणी बनल अछि ओ बिहारक पन्द्रह वर्षक कुशासनक याद दिया रहल अछि। हमरा सभक लेल सौभाग्यक बाद अछि जे पहिल बेर एकटा योग्य महिला अध्यक्ष प्रमीला झाक नेतृत्व मे ई आयोजन भेल। प्रमीला झा योग्य मैथिलानी छथि मुदा समितिक अध्यक्षक पद पर बैसा पर्दाक पाछासॅ समितिक सत्ताक संचालन कोनो तरहे लोकतांत्रिक आ सहकारिताक मूल भावनाक अनुरूप नहि अछि। संगहि समितिक संवैधानिक बाध्यताक कारण महिलाक अध्यक्ष बनाएब आ ओहिमे मिथिल आ मैथिलीक प्रति समर्पित मैथिलानिकें कात करब समितिक नियम पर प्रश्न चिन्ह ठाढ़ करैत खैर, सभ वर्ष जकां अहू बेर पटनाक मैथिल समाज तीन दिन धरि मिथिलाक माटि संग जुड़ि अपन कला संस्कृति, गीत-संगीतक प्रति समर्पण देखौलक मुदा अस्तित्वक संकट झेलि रहल एहि समारोहमे नव दर्शक आमद होएत आ पुरान गरिमाकें स्थापित कऽ सकत एकर कल्पना तऽ वर्तमान नेतृत्व सॅ नहिए कएल जा सकैत अछि।
02. ग्लोबल भेल चेतना
चेतना समिति आब ग्लोबल भऽ गेल अछि। त्रिदिवसीय विद्यापति स्मृति पर्वक उद्घाटनक अवसरपर राज्यपाल देवानन्द कुंवर चेतना समितिक बेवसाइटक उद्घाटन कएलनि। देश-विदेशक कोनो कोन सॅ मिथिलावासी www.chetnasamiti.org लॉग इन कऽ समितिक गतिविधि जानि सकैत छथि। समिति एहि माध्यम सॅ प्रवासी मैथिल समाजक विवाह समस्याक समाधानक लेल विवाह योग्य वर कन्याक जनतब सेहो उपलब्ध कराओत राज्यपाल एहि अवसर पर समितिक स्मारिका आ कतेको पुस्तकक विमोचन सेहो कएलनि।
03. मंचित भेल नाटक
विद्यापति स्मृति पर्व समारोहक समापन नाटक मंचनक संग भेल, एहि अवसर पर प्रति वर्ष नाटकक मंचन होइत अछि। एहि वर्ष महिला लेखिका विभा रानी लिखित आ कमल मोहन चुन्नू निर्देशित नाटक ‘‘मदति करू माता’’ क मंचन भेल। प्रचलित मैथिली नाटकक विषय वस्तु सॅ हटि नव विषय वस्तुक संग प्रस्तुत ई नाटक लेखक आ निर्देशकक योग्यता आ क्षमताक अनुरूप नहि छल मुदा कलाकार सभ अपन अभिनयक माध्यम सॅ उपस्थित दर्शकक मनोरंजन करए मे सफल रहल।
04. राजकीय समारोहक रूप मे मनल विद्यापति पर्व
महाकवि विद्यापतिक जयंती राजकीय समारोहक रूप मे सेहो मनाओल गेल, श्रीकृष्ण स्मारक भवन परिसर मे आयोजित कार्यक्रम मे उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, बिहार विधान परिषद्क सभापति पंडित ताराकांत झा, खाद्य आपूर्ति मंत्री श्याम रजक, विधायक पूनम देवी सहित कतेको गणमान्य लोक महाकविक चित्र पर माल्यार्पण- श्रद्धांजलि अर्पित कएलनि, बेगूसरायक बरौनीक सिमरिया मे आयोजित अर्द्धकुम्भ मे सेहो उत्साहक संग विद्यापति पर्व समारोह मनाओल गेल।
05.सम्मानित भेलाह विद्वान आ संस्कृतिकर्मी
चेतना समिति द्वारा आयोजित त्रिदिवसीय विद्यापति स्मृति पर्व समारोहक उद्घाटनक अवसर पर कतेको सम्मान आ पुरस्कार सेहो देल गेल। एहि अवसर पर समितिक स्मारिका आ आन पुस्तकक विमोचन सेहो भेल। राज्यपाल देवानंद कुंवर कतेको विद्वानकें सम्मानित कएलनि। राज्यपाल आ पूर्व मुख्यमंत्री डा0 जगन्नाथ मिश्र संयुक्त रूप सॅ स्मारिका आ पुस्तकक विमोचन कएलनि। नाटक मे नीक अभिनय आ सर्वश्रेष्ठ महिला कलाकारक पुरस्कार बुद्धिनाथ मिश्र मिश्र देलनि आ कला संस्कृति आ युवा मंत्री बाल मेला मे विजय भेल नेना सभकें पुरस्कार देलनि।
06. चेतना समितिक सम्मान - 2011
संस्कृति साहित्य सम्मान- डा. रामजी ठाकुर
मैथिली साहित्य सम्मान- मोहन भारद्वाज
संगीत नृत्य नाटक सम्मान- कुणाल
मिथिला चित्रकला सम्मान- दुलारी देवी
विशिष्ट अवदान सम्मान- महेन्द्र हजारी
चेतना सेवी सम्मान- धर्मनाथ झा
कीर्ति नारायण मिश्र साहित्य सम्मान- अजीत आजाद
यात्री चेतना सम्मान- राम भरोस कापड़ि भ्रमर (जनकपुर)
सुलभ सेवा सम्मान- मिथिला सांस्कृतिक समन्वय समिति (गुवाहाटी)
डा. माहेश्वरी सिंह महेश ग्रंथ पुरस्कार- प्रवीण कश्यप
डा. महेश्वरी सिंह महेश निबंध पुरस्कार- सुश्री श्वेता भारती (भागलपुर)
यशोदा देवी मिथिलाक्षर लेखन पुरस्कार- सुश्री मुक्ति रंजन झा
सिद्धेश्वरी देवी मैथिली संस्कार गीत पुरस्कार- रेखा झा
श्रीमती शैलवाला मिश्र स्मृति पुरस्कार- आशुतोष अभिज्ञ (सर्वश्रेष्ठ कलाकार नाटक)
कामेश्वरी देवी पुरस्कार- रितू कर्ण (सर्वश्रेष्ठ महिला कलाकार नाटक)
चेतना समिति द्वारा आयोजित अंठाबनम् विद्यापति स्मृति पर्व समारोह सम्पन्न भऽ गेल| त्रिदिवसीय एहि समारोहक अवसरपर तीन दिन धरि राजधानी पटनाक मिथिलावासी मिथिलाक कला, संस्कृति खान-पानक रसास्वादन क' संगहि गीत-संगीतक आनन्द उठौलनि। मुदा नब्बेक दशकसॅ पहिने राजधानीक मिथिलवासीक लेल पाबनि बनल ई समारोह आब चेतनाक मात्र औपचारिकता भेल जा रहल अछि। आयोजनक घटैत स्तरसॅ जतए मैथिली भाषीक एहि समारोहक प्रति रूचि घटि रहल अछि ओतहि चेतना समिति सेहो एहि आयोजनकें बंद करबाक रणनीतिपर चलैत एहि तरहक कार्यक्रम सभ रखैत अछि जे दिन पर दिन उपस्थिति कम भऽ रहल अछि। ई चेतनाक सौभाग्य अछि जे पछिला तीन चारि वर्ष सॅ तीनू दिनक कार्यक्रम समाप्ति कऽ घोषणा सॅ पहिनहि कार्यक्रम स्थल खाली भऽ जाइत अछि आ ई संभव अछि जे आबए बाला समय मे चेतना समितिक ऊर्जावान सक्रिय अधिकारी आ कार्यकर्ता सभ तीनू दिन स्वयं धूनि रमा बाबा विद्यापतिकें गोहार लगौताह।
बिहारक राजधानी पटना मे अठाबन वर्ष पहिने मैथिल आ गैर मैथिलके मिथिलाक कला संस्कृति आ माटि सॅ जोड़बाक लेल बाबा नागार्जून सहित आन कतेको मैथिल धरती पुत्र चेतना समितिक गठनक विद्यापति स्मृति पर्व परम्पराक प्रारंभ कएने छलाह जे बाद मे पटनाक मैथिल आ गैर मैथिलक मध्य ततेक लोकप्रिय भेल जे लोक नव वर्षक कलैन्डर अएलाक बाद आन पाबनि जकां विद्यापति पर्व समरोहक तिथि जरूर तकैत छलाह। मैथिली भाषीक मध्य ई समारोह ततेक लोकप्रिय भेल जे पटनाक हार्डिक पार्कक मैदान छोट पड़ि जाइत छल मुदा आब तऽ विद्यापति भवन हॉल आ मगध क्लबक मैदान पैघ भऽ रहल अछि। राजनीतिक क्षेत्र मे एहि समारोहक ई स्थिति छल जे सभ दलक नेता एहि मे अपन उपस्थिति दर्ज करैबा लेल बेचैन रहैत छलाह। शहरि भरिक मैथिलक एहि जुटान मे कतेको कन्यादान आ वरदान सांस्कृतिक कार्यक्रमक आनन्दक मध्य गपसप मे अंतिम रूप लैत छल।
पछिला दू दशक मे चेतनाक ई आयोजन ओकर असफलताक कहानी गढ़ि रहल अछि हालांकि समितिक पदाधिकारीक एहि संदर्भ मे जबर्दस्त तर्क छनि आ ओहि सॅ सहमत होएब हमरा सभक मजबूरी | समितिकक मानब अछि जे टीवी इंटरनेट आदि मनोरंजन बढ़ैत साधनक कारण एहि समारोह मे उपस्थिति कम भऽ रहल अछि आ एहि तर्क सॅ भला के मना कऽ सकैत अछि। शायद समितिक जनतब नहि अछि जे आइयो दरभंगा, कोलकाता, जमशेदपुर, बोकारो आदि आब कतेको ठाम विद्यापति पर्व समारोह आयोजित भऽ रहल अछि आ एकर प्रेरणाक स्रोत चेतना समिति अछि, ओतए एखनो अपन कला संस्कृति गीत-संगीत सॅ मैथिलीभाषी के अरूचि नहि भेल अछि।
दरअसल एहि आयोजनक प्रति घटि रहल रूचिक कारण चेतना समितिक मठाधीश छथि जे बाबा विद्यापतिक नामपर बनल मठपर प्रतिदिन सांझ देखा अपन कलैन्डरक अनुसार कार्यक्रम आयोजित कऽ काज समाप्त बुझैत छथि। समिति पछिला दू दशक सॅ प्राइवेट लिमिटेड कम्पनीक जकां काज कऽ रहल अछि। सहकारिताक नीक जनतब राखए बलाक नियंत्रणमे ज्यों कोनो संस्था के प्राइवेट लिमिटेड बना देल जाए तऽ ओकर ई हाल होएब स्वाभाविक अछि। समितिक वर्तमान कार्य प्रणाली आ विद्यापति स्मृति पर्वक वर्तमान स्थिति देखि बाबा नागार्जूनक आत्मा के सेहो ग्लानि होइत। आब तऽ स्थिति ई अछि जे तीनू दिनक कार्यक्रमक उद्घाटक, मुख्य अतिथि, कलाकार आ दर्शक फिक्सड भऽ गेल छथि। कार्यक्रम देखबा सॅ बेसी उत्सुकता आब भेट करबाक रहैत अछि। किछु लोक एखन होइत छथि जे एहि समारोहक दरमियान भेट होइत छथि आ भेटक बाद गपसप कऽ लोक आपस अपना घर दिस बिदा भऽ जाइत छथि। पहिने एहि समारोहक उद्घाटन बिहारक राज्यपाल सॅ करैबाक परम्परा छल आ एहि समारोहक एतबा महत्व छल जे राज्यपाल आ मुख्य मंत्री एहि समारोहक लेल अपन समय सुरक्षित रखैत छलाह मुदा बिहारक राजनीति बदललाक संगहि परिस्थिति सेहो बदलल आ तखन विद्यापति स्मृति समारोहक स्वरूप बदलब स्वाभाविक अछि। हालांकि समिति अपन परम्पराकें फेर सॅ प्रारंभ कएलक आ कतेको वर्षक बाद एहि वर्ष समारोहक उद्घाटन बिहारक राज्यपाल देवानन्द कुंवर कएलनि।
समितिक सभसॅ महत्वपूर्ण एहि कार्यक्रमक घटैत लोकप्रियताक लेल समितिक कार्य प्रणाली जिम्मेवार अछि। लोकतांत्रिक व्यवस्थासॅ समिति चलैबाक नामपर जे वर्तमान कार्यकारिणी बनल अछि ओ बिहारक पन्द्रह वर्षक कुशासनक याद दिया रहल अछि। हमरा सभक लेल सौभाग्यक बाद अछि जे पहिल बेर एकटा योग्य महिला अध्यक्ष प्रमीला झाक नेतृत्व मे ई आयोजन भेल। प्रमीला झा योग्य मैथिलानी छथि मुदा समितिक अध्यक्षक पद पर बैसा पर्दाक पाछासॅ समितिक सत्ताक संचालन कोनो तरहे लोकतांत्रिक आ सहकारिताक मूल भावनाक अनुरूप नहि अछि। संगहि समितिक संवैधानिक बाध्यताक कारण महिलाक अध्यक्ष बनाएब आ ओहिमे मिथिल आ मैथिलीक प्रति समर्पित मैथिलानिकें कात करब समितिक नियम पर प्रश्न चिन्ह ठाढ़ करैत खैर, सभ वर्ष जकां अहू बेर पटनाक मैथिल समाज तीन दिन धरि मिथिलाक माटि संग जुड़ि अपन कला संस्कृति, गीत-संगीतक प्रति समर्पण देखौलक मुदा अस्तित्वक संकट झेलि रहल एहि समारोहमे नव दर्शक आमद होएत आ पुरान गरिमाकें स्थापित कऽ सकत एकर कल्पना तऽ वर्तमान नेतृत्व सॅ नहिए कएल जा सकैत अछि।
02. ग्लोबल भेल चेतना
चेतना समिति आब ग्लोबल भऽ गेल अछि। त्रिदिवसीय विद्यापति स्मृति पर्वक उद्घाटनक अवसरपर राज्यपाल देवानन्द कुंवर चेतना समितिक बेवसाइटक उद्घाटन कएलनि। देश-विदेशक कोनो कोन सॅ मिथिलावासी www.chetnasamiti.org लॉग इन कऽ समितिक गतिविधि जानि सकैत छथि। समिति एहि माध्यम सॅ प्रवासी मैथिल समाजक विवाह समस्याक समाधानक लेल विवाह योग्य वर कन्याक जनतब सेहो उपलब्ध कराओत राज्यपाल एहि अवसर पर समितिक स्मारिका आ कतेको पुस्तकक विमोचन सेहो कएलनि।
03. मंचित भेल नाटक
विद्यापति स्मृति पर्व समारोहक समापन नाटक मंचनक संग भेल, एहि अवसर पर प्रति वर्ष नाटकक मंचन होइत अछि। एहि वर्ष महिला लेखिका विभा रानी लिखित आ कमल मोहन चुन्नू निर्देशित नाटक ‘‘मदति करू माता’’ क मंचन भेल। प्रचलित मैथिली नाटकक विषय वस्तु सॅ हटि नव विषय वस्तुक संग प्रस्तुत ई नाटक लेखक आ निर्देशकक योग्यता आ क्षमताक अनुरूप नहि छल मुदा कलाकार सभ अपन अभिनयक माध्यम सॅ उपस्थित दर्शकक मनोरंजन करए मे सफल रहल।
04. राजकीय समारोहक रूप मे मनल विद्यापति पर्व
महाकवि विद्यापतिक जयंती राजकीय समारोहक रूप मे सेहो मनाओल गेल, श्रीकृष्ण स्मारक भवन परिसर मे आयोजित कार्यक्रम मे उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, बिहार विधान परिषद्क सभापति पंडित ताराकांत झा, खाद्य आपूर्ति मंत्री श्याम रजक, विधायक पूनम देवी सहित कतेको गणमान्य लोक महाकविक चित्र पर माल्यार्पण- श्रद्धांजलि अर्पित कएलनि, बेगूसरायक बरौनीक सिमरिया मे आयोजित अर्द्धकुम्भ मे सेहो उत्साहक संग विद्यापति पर्व समारोह मनाओल गेल।
05.सम्मानित भेलाह विद्वान आ संस्कृतिकर्मी
चेतना समिति द्वारा आयोजित त्रिदिवसीय विद्यापति स्मृति पर्व समारोहक उद्घाटनक अवसर पर कतेको सम्मान आ पुरस्कार सेहो देल गेल। एहि अवसर पर समितिक स्मारिका आ आन पुस्तकक विमोचन सेहो भेल। राज्यपाल देवानंद कुंवर कतेको विद्वानकें सम्मानित कएलनि। राज्यपाल आ पूर्व मुख्यमंत्री डा0 जगन्नाथ मिश्र संयुक्त रूप सॅ स्मारिका आ पुस्तकक विमोचन कएलनि। नाटक मे नीक अभिनय आ सर्वश्रेष्ठ महिला कलाकारक पुरस्कार बुद्धिनाथ मिश्र मिश्र देलनि आ कला संस्कृति आ युवा मंत्री बाल मेला मे विजय भेल नेना सभकें पुरस्कार देलनि।
06. चेतना समितिक सम्मान - 2011
संस्कृति साहित्य सम्मान- डा. रामजी ठाकुर
मैथिली साहित्य सम्मान- मोहन भारद्वाज
संगीत नृत्य नाटक सम्मान- कुणाल
मिथिला चित्रकला सम्मान- दुलारी देवी
विशिष्ट अवदान सम्मान- महेन्द्र हजारी
चेतना सेवी सम्मान- धर्मनाथ झा
कीर्ति नारायण मिश्र साहित्य सम्मान- अजीत आजाद
यात्री चेतना सम्मान- राम भरोस कापड़ि भ्रमर (जनकपुर)
सुलभ सेवा सम्मान- मिथिला सांस्कृतिक समन्वय समिति (गुवाहाटी)
डा. माहेश्वरी सिंह महेश ग्रंथ पुरस्कार- प्रवीण कश्यप
डा. महेश्वरी सिंह महेश निबंध पुरस्कार- सुश्री श्वेता भारती (भागलपुर)
यशोदा देवी मिथिलाक्षर लेखन पुरस्कार- सुश्री मुक्ति रंजन झा
सिद्धेश्वरी देवी मैथिली संस्कार गीत पुरस्कार- रेखा झा
श्रीमती शैलवाला मिश्र स्मृति पुरस्कार- आशुतोष अभिज्ञ (सर्वश्रेष्ठ कलाकार नाटक)
कामेश्वरी देवी पुरस्कार- रितू कर्ण (सर्वश्रेष्ठ महिला कलाकार नाटक)
07. प्रारंभ भेल नव परम्परा
त्रिदिवसीय विद्यापति स्मृति पार्क
समारोहक तीनू दिनक कार्यक्रमक प्रारंभ गोसाउनिक गीत जय-जय भैरविसॅ होइत रहल छल। मुदा
एहि वर्ष समिति एकटा नव परम्परा प्रारंभ कएलक। समारोहक उद्घाटन सत्र एहि वर्ष
राष्ट्रीय गीत जन गण मन सॅ प्रारंभ कऽ एकटा नव परम्परा प्रारंभ कएलक। जखन कि
समारोहक समापन समदाउन सॅ होइत छल जे एहू वर्ष नहि भेल।
08. आयोजित भेल पुस्तक आ
चित्रकला प्रदर्शनी
विद्यापति स्मृति पर्वक अवसर पर
समारोह स्थल पर पुस्तक मिथिला चित्रकलाक प्रदर्शनी लगाओल गेल, एहि प्रदर्शनी मे
लागल कतेको पुस्तक स्टॉल पर मैथिली भाषी मैथिली भाषाक दुर्लभ साहित्य, पत्र-पत्रिका
आ मैथिली गीतक सीडी आ मिथिला चित्रकलाक अवलोकन आ खरीद कएलनि। मिथिलांचलक विशिष्ट
पहचानक पानक बिक्री सेहो खूब भेल। मैथिल ललना सभक व्यंजनक मेलाक रसास्वादन लोक सभ
जमि कऽ कयलनि।
09. राज्य गीत सॅ मिथिला निपत्ता,
सरकार पर दबाब बनौलक समिति
बिहारक शताब्दी वर्षक अवसर पर राज्य
गीतक युग चयन बिहार सरकार कएलक अछि। एहि गीत मे मिथिलाक सामाजिक सांस्कृतिक झलकक
एकहुटा शब्द नहि अछि। चेतना समितिक सचिव विवेकानन्द ठाकुर एहि पर चिन्ता प्रकट करैत
मिथिलावासी दिस सॅ प्रदेश कला संस्कृति आ युवा मंत्री सुखदा पाण्डेयक ध्यान एहि दिस
खिचलनि। श्री ठाकुर मंत्री सॅ आग्रह कएलनि जे सरकार मिथिलावासीक जनभावनाक सम्मान
करैत एहि राज्य गीत पर फेर सॅ विचार करए।
HMRA MON PADAIT ACHH 1973 KER VIDYAPATI PARV, JAHI ME PAHIL BER HMRA KAVI SAMMELAN ME BAJAOL GEL CHHAL..MILLER SCHOOLK O KHULALA GROUND..BADKA SHAMIYANA, NICHA ME DARI OCHHAOL... DARIK CHARU KAT KURSI LAGAOL, SHAMIYANA KE BAHR S BADKA BADKA DOKAN, KHEWA PIWA S L ,POTHI,PATRA , PAN SUPARI....TAHI ME GHUMRAIT LEKHAK SHROTA, HAHA HIHIK BJAR GARAM, ,DARI PR SBTA MURDHANY NATA , KURSI PR AAM JANTA....DARI PR EK DIS MAHILA, EK DIS PURUKHAK BAISWAK INTEZAM..10,000 SE UPAR KER BHID SHROTA GN BHARI BHARI RAIT KAVITA SUNAIT CHHALAH...KEKRO BHAGWAK MON NAI...CHARU KAT LOUDSPEAKER K SWAR S PATNAK AKAS GUNJIT HOYT... O KI DIN CHHL....VISHW VIKHYAT CHHL CHETNA SAMITI K VIDYAPATI PARV..........................
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