मैथिलीक पहिल विकीलीक्स- आशीष अनचिन्हारक साहित्यिक वर्णसंकरता।
आब प्रस्तुत अछि मैथिलीक दोसर विकीलीक्स...
आब प्रस्तुत अछि मैथिलीक दोसर विकीलीक्स...
RTI application dated 23.09.2011 (file no. RTI-125) and sought information on"Assignment assigned by Maithili Advisory Board, Sahitya Akademi under convenership of Sri Vidyanath Jha 'Vidit'. The information include proposal received, proposal rejected and proposal kept in abeyance."
साहित्य अकादेमीक चाटुकारिता लिंक
http://esamaad.blogspot.in/2012/01/blog-post_14.html २६ अगस्त २०१२ अपडेट: रामदेव झाक बेटा विजयदेव झा जइ नम्बरसँ फोनपर उमेश मण्डलकेँ धमकी देलक से लोकेशन ट्रेस कऽ लेल गेल अछि -रामदेव झाक बेटा विजयदेव झा जइ नम्बरसँ फोनपर धमकी देलक से लोकेशन ट्रेस कऽ लेल गेल अछि -फोन नम्बर +91-9470369195- location-Bihar- signalling GSM- longitude 26.11346972320883 latitude 85.27224719999998 -BIHAR & JHARKHAND- Operator : BSNL- Signaling :CDMA पूर्वपीठिका: -रामदेव झाक बेटा विजयदेव झा द्वारा फोन नम्बर +९१९४७०३६९१९५ सँ उमेश मण्डलकेँ धमकी -उमेश मण्डलकेँ देख लेबाक आ उठा लेबाक धमकी देलक विजयदेव झा -हालेमे साहित्य अकादेमी बाल साहित्य पुरस्कारमे प्रौढ़ साहित्यपर पुरस्कार ओकर पितयौत भाइ मुरलीधर झा केँ देल गेल, जकर घोर विरोध भऽ रहल अछि -विजयदेव झा गाड़ि-गलौज सेहो केलक -विजयदेव झा सुभाष चन्द्र यादव, प्रियंका झा, प्रीति ठाकुर, उदय नारायण सिंह नचिकेता, उमेश मण्डल, सभकेँ गरियेलक -ओ ईहो कहलक जे प्रीति ठाकुरकेँ बाल साहित्य पुरस्कार नै देल गेल, तेँ सभ विरोध कऽ रहल अछि -विजयदेव झा कहलक जे प्रीति ठाकुरकेँ ऐ जन्ममे ओ सभ साहित्य अकादेमी पुरस्कार नै प्राप्त करऽ देतै
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विजयदेव झा, शंकरदेव झा अपन बाप रामदेव झाकेँ साहित्यकार बनबै लेल अपस्याँ अछि आ ललित कुमार झा आ ऋषि कुमार झा अपन बाप मलंगियाकेँ। विजयदेव झा, शंकरदेव झाक ब्लैकमेलिंग केर धन्धा आब नै चलतै। एकर फैमिलीपर पूरा मिथिलामे लोक हँसि रहल छै।
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ReplyDelete2 hours agoVijay Deo Jha
हे रे अशीषवा, गजेन्द्र के पोसुवा, पतचटवा औकात देख क बात कर बालगोविन्द जनामि क ठाड़ भेलौं ने की कहै जे छै नबका जोगी के गांडी में जट्टा...vijay deo jha ker message hamar facebook account par, kehan palan poshan ekar bhel chhai takar preteek
एखने हमर फेसबुक मैसेजमे रामदेव झाक मूर्ख बेटा विजयदेव झाक मैसेज आएल अछि जे हम बिना काँट-छाँटकेँ दए रहल छी। ऐ मैसेजसँ अहाँकेँ ई पता लागि जाएत जे कोना रामदेव झा आ हुनक दूनू बेटा मने विजय देव झा आ शंकर देव झा गारि बलेँ मैथिलीकेँ बहुत दिन धरि ब्लैकमेलिंग केलकै। संगे-संग हम ईहो कहए चाहब जे ऐ ब्लैकमेलिंगमे रामदेव झा आ हुनक बेटा संगे मोहन भारद्वाज, महेन्द्र मलंगिया, चेतना समीति आ आर किछु साहित्यकार सभ अनवरत सहयोगी रहल छथि। मुदा आब जे विदेह आंन्दोलन भए रहल अछि ताहिसँ घबड़ा कए ई सभ अभद्रता कए रहल अछि। मुदा आब से चलए बला नै छै। तँ पढ़ू हुनक मूल मैसेज----
ReplyDeleteहे रे अशीषवा, गजेन्द्र के पोसुवा, पतचटवा औकात देख क बात कर बालगोविन्द जनामि क ठाड़ भेलौं ने की कहै जे छै नबका जोगी के गांडी में जट्टा