Thursday, September 20, 2012

शोभा कान्‍त महतो(श्री शोभा कान्‍त महतोकेँ वि‍देह अभि‍नय कला सम्‍मान- २०१२ देल गेल। बेचन ठाकुर हुनकासँ साक्षात्कार लेलनि।)


शोभा कान्‍त महतो(श्री शोभा कान्‍त महतोकेँ वि‍देह अभि‍नय कला सम्‍मान- २०१२  देल गेल। बेचन ठाकुर हुनकासँ साक्षात्कार लेलनि।)


बे.ठाकुर-     अहाँकेँ कार्यक प्रति रुचि केना कहियासँ जगल?
शो.का.म-     हम जखन केकरो गीत गबैत, नाटकमे पाट खेलैत देखैत रही तँ हमरो मन होइत छल जे हमहूँ नाटकमे भाग ली आ अपन कलाकेँ प्रदर्शित करी। मुदा अपन कलाकेँ प्रदर्शित कैरतौ कतए। स्‍कूलमे जखन कोनो कार्यक्रम होइ छल आ शनि‍केँ गीत नादक कार्यक्रम होइ छल तँ हम गीत गाबए लगी। हमरा वि‍शेष रूपसँ रूचि‍ तहि‍या जागल जहि‍या हम छठम कक्षामे पढ़ैत रही।

बे.ठाकुर-     ऐ कार्य करबामे अहाँकेँ के प्रोत्साहित करैत अछि?
शो.का.म-     हमरा ई कार्य करबामे हमर माँ-बाबूजी आ जेठ भाय संगे हमर गुरूदेव श्री बेचन ठाकुर जी वि‍शेष रूपसँ हमरा प्रोत्‍साहि‍त करैत छथि‍।
बे.ठाकुर-     अहाँकेँ कार्य करबामे की प्रोत्साहित करैत अछि?
शो.का.म-     हमरा ई कार्य करबामे सभ लोक तथा गुरूदेव जी प्रोत्‍साहि‍त तँ करि‍ते छथि‍। जखन हम कोनो काज करबामे हि‍चकि‍चाइ छी तँ हमर मनसुबाकेँ बढ़ेबाक हेतु हमरा ओ खुद सि‍खबै छथि‍न आ हमरा हुनका द्वारा कतेक बेर सम्मान समारोहमे पारि‍तोशि‍त सेहो भेटल अछि‍।
बे.ठाकुर-     पहिल बेर कोन कृति/ काजसँ अहाँ आरम्भ केलौं कहियासँ?
शो.का.म-     हम पहि‍ल बेर गुरुदेव जीक रचि‍त नाटक छि‍नरदेवीमे एकटा परबति‍या कोइर नामक मनोवैज्ञानि‍कक अदामे 2009ई.मे आरम्‍भ केलौं।
बे.ठाकुर-     अहाँ अपन काजमे .“सोच”, .“कोनो पुरान वा नव लीखवा शिल्पऐ तीनूमे सँ केकरा प्रधानता दै छी?
शो.का.म-     हम अपन काजमे कोनो पुरान वा नव लीखकेँ ऐ तीनूमे सँ बेसी प्रधानता दइ छी।

बे.ठाकुर-     अहाँ अपन काजक दिशाकेँ, रूपकेँ एक पाँतिमे कोन रूपमे वर्णन करब।
शो.का.म-     जखन हम रंगमंचपर रहै छी हमरा बड़ आनन्‍द भेटैए, लेकि‍न हम हरदम वएह सोचैत छी जे हम अपन कलासँ दर्शककेँ भरपूर मनोरंजन दी।

बे.ठाकुर-     अहाँक काजक समाजमे कोन स्थान छै? की ऐसँ समाजमे परिवर्तन एतै?
शो.का.म-     हमर काजक समाजमे एगो महत्‍वपूर्ण स्‍थान छै, हम देखैत छी जे ऐसँ समाजमे कि‍छु परि‍वर्त्तन भेलैए तँए हम कहब जे ऐसँ समाजमे परि‍वर्त्तन एतै।
बे.ठाकुर-     अहाँ जइ विधामे लागल छी ओकर की व्यक्तिगत विशेषता छै, क्षेत्रमे कार्यरत दोसर लोकक काजसँ कोन अर्थे भिन्न छै?
शो.का.म-     हम ऐ वि‍धामे लागल छी मुदा हम दशम कक्षा (2012)क छात्र सेहो छी। ई काज ऐ क्षेत्रमे कार्यरत दोसर लोकक काजसँ भि‍न्न छै जे कलाक क्षेत्रमे लोक बहुत कमे अबैत अछि‍। लोक पाइ कमाइ खाति‍र दोसर काज करए लगैत अछि‍। जइसँ लोकक धि‍यान ऐ क्षेत्रपर परि‍ते नै छै। ऐ क्षेत्रमे लोकक एगो वि‍शेष पहचान छै।
बे.ठाकुर-     अहाँक विधाक क्षेत्रमे आन के सभ छथि कोन तरहक विशिष्ट काज कऽ रहल छथि?
शो.का.म-     हमरा वि‍धाक क्षेत्रमे हमर गुरुदेव बेचन ठाकुर सेहो छथि‍न। ओ एगो बड़ नीक काज कऽ रहल छथि‍न जे अहु क्षेत्रक सभ वि‍द्यार्थीकेँ जेकरामे कलाक कि‍छु गुण छै ओकरा अपन कला प्रदर्शन करबाक मौका दैत छथि‍। ओ हरेक साल माँ सरोसतीक पूजा दि‍न कार्यक्रम करै छथि‍न। हुनका हमर आग्रह जे ई कार्यक्रमकेँ सभ दि‍न बरकरार रखथि‍ आ मि‍थि‍लामे कलाकेँ वि‍स्‍तार करथि‍।
बे.ठाकुर-     की अहाँक काज अहाँक जीवन-यापनक काजमे, घरेलू काजमे बाधा होइए वा सहायता पहुँचाबैए?
शो.का.म-     हमर काज हमरा जीवन यापन काजमे ने तँ सहायता पहुचाबैए आ ने बाधा।

बे.ठाकुर-     अहाँ अपन आन रुचिक विषयमे बताउ।
शो.का.म-     ऐ केँ अलाबा हमरा पढ़ैमे वि‍शेष रूचि‍ अछि‍।
बे.ठाकुर-     कोनो संदेश जे अहाँ देबए चाही।
शो.का.म-     हम सलाह देबए योग्‍य नै छी मुदा, हम तँ हरेक व्‍यक्‍ति‍ समाजकेँ यएह सलाह देबए चाहब जे समैकेँ सही उपयोग करी। कि‍एक तँ जे समैक सही उपयोग करैए वएह महान बनैत अछि‍। एगो कहबि‍यो छै, समैकेँ पालन करै बलाक पास वि‍द्या छै। आ वि‍द्याक पास धन छै कि‍एत तँ Time is money and money is every thing. आ धनसँ सभ कि‍छु पूरा कएल जा सकैत छै। तथा अनुशासनमे रहि‍ अपन जीवन-यापन करी कि‍एत तँ कहल गेल छै- Money is loss nothing loss. Creature is loss all thing loss. धनकेँ चलि‍ गेने, ओ पुन: आनल जा सकैए मुदा इज्‍जतकेँ गेने आपस नै भऽ सकैए। कि‍एक तँ इज्जत ओ वस्‍तु नै छी जे अहाँ बाजारसँ कीनि‍ लेब। इज्जत बनाबए पड़ैत छै। संगे अपना मनमे इज्‍जतक भावना कोनो दोसर आदरणीय व्‍यक्‍ति‍क प्रति‍ रखने रही। कि‍एक तँ बि‍ना आदरक सि‍ढीपर चढ़ने सफलताकेँ कोइ नै छुलक। अगर आइ अपने केकरो आदर करै छी तँ आबएबला जि‍नगी अपनेक आदर करत। अपन मि‍थि‍लासँ वि‍लुप्‍त होइत मैथि‍लीकेँ बचाउ आ मैथि‍लीकेँ एकटा महतपूर्ण स्‍थान भेटए ऐ खाति‍र हमेशा सम्‍पूर्ण मि‍थि‍ला वासीकेँ जागृत कऽ अनेको अनेक कार्यक्रम कऽ सभकेँ जागृत करी। ... धन्‍यवाद।


परि‍चए- श्री शोभा कान्‍त महतो, पि‍ताक नाओं श्री राम अवतार महतो, गाम+पोस्‍ट- चनौरागंज, भाया- झंझारपुर, जि‍ला- मधुबनी, बि‍हारक स्‍थायी नि‍वासी छथि‍। १६ बर्खक शोभाकान्‍तजी नवम कक्षाक छात्र छथि‍। वि‍देह नाट्य उत्‍सवक संग-संग जे.एम.एस. कोचि‍ंग सेन्‍टर, चनौरागंजक प्रांगणमे आयोजि‍त सभ कार्यक्रममे हि‍नक प्रदर्शन बढ़ि‍या रहैत छन्‍हि‍। नाटकमे हि‍नक अभि‍नयसँ दर्शक वृन्‍द प्रसन्न भऽ सराहैत रहलखि‍न अछि‍। पंचायत एवं प्रखण्‍ड स्‍तरपर सुन्‍दर अभि‍नय लेल हि‍नका पुरस्‍कृत कएल गेल छन्‍हि‍। वि‍देह अभि‍नय कला सम्‍मान- २०१२ सँ सम्‍मानि‍त कऽ वि‍देह परि‍वार हर्षित भऽ रहल अछि‍।

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