......................विचार एवं सुझाव आहवान......................
बदलल विश्व परिप्रेक्ष्य आ समकालीन सन्दर्भमे नेपाल एखन आन्दोलन आ परिवर्त्तनक सृजनात्मक संस्कृतिस
गुजरि रहल अछि । नव संरचना विकास आ सामाजिक-सांस्कृतिक रुपान्तरणक उद्वेगित क्रममे देखल जा रहल
अछि जे ज्ञान-विज्ञान आ शिक्षाक क्षेत्र एव परिधि अति व्यापक आ विस्तारित भ रहल अछि । वैश्वीकरणक एहि
दौडमे संसार एखन माउसक क्लिकपर त्वराय चलि रहल अवस्थामे, बहुत स्वभाविक एवं अनिवार्य अछि जे
पठन-पाठन, अध्ययन-अनुसन्धानक क्षेत्र एवं सन्दर्भ सेहो व्यापक पाबए । दक्ष जनशक्ति उत्पादन एहन क्रियात्मक
एवं गुणात्मक हुअए जे राष्ट्रिय-अन्तराष्ट्रिय बजारमे अपन योग्यता आ प्रतिभाके सार्थक सिद्ध कए सकए ।
सामाजिक-सांस्कृतिक परिवर्त्तनक एहि परिवर्त्तित परिप्रेक्ष्यमे, उच्च शिक्षाक पाठ्यक्रम तथा
शिक्षण-मूल्याकनमे अनिवार्य सान्दर्भिक परिवर्त्तन अपेक्षित अछि । मैथिली केन्द्रिय विभाग एहि सबटा
सत्य-तथ्यके अबगाहि, अकानि अपन पाठ्यक्रम आ शिक्षण-मूल्यांकनक विशिष्ट क्रमके वैज्ञानिक ढंगस' विश्व
बजारमुखी आ सृजनात्मक आवेगक बनएबाक पुनित क्रममे सेहो अछि । मिथिला-मैथिली प्रति, एकर सम्पूर्ण
विकास-निर्माण प्रति एहि ठामक सुधिजन, विद्वत्जन सदैव साकाँक्ष आ प्रतिवद्ध रहल अछि आ हमरा सबहक
हार्दिक इच्छा अछि जे नव निर्माणक क्रममे रहल मैथिली एम ए प्रथम आ द्वितीय वर्षक पाठ्यक्रम तथा
शिक्षण-मूल्याकनमे की केहन परिवर्त्तन आ परिमार्झन कएल जा' सकैछ जकर स्वस्थ्य आ स्वच्छ आभास आ
प्रभाव सृजनात्मक रुपस' जनशक्ति उत्पादनमे अवश्य पडैक, तेहन सल्लाह, सुझाव एवं विचार-प्रस्ताव सुधिजन
विद्वतजनस विनम्रतापूर्वक अपेक्षित अछि ।
पुरना पाठ्यक्रम, जकर परिमार्जन आ परिवर्त्तन अपेक्षित अछि से एहि तरहक अछि -
पाठ्यक्रम निर्माणमे परिवर्त्तन आ परिमार्जनक सल्लाह-सुझावक प्रस्ताव सब पक्षस' अपेक्षित अछिए, विभाग एवं
मैथिली विषय समिति चर्चा एवं जनसमर्थनके लेल चाहि रहल अछि जे पाठ्यक्रममे किछु पेपर आ विषय एहि
तरहे सेहो थपल जा सकैछ –
१. मैथिली साहित्यक इतिहास एवं लोकसाहित्य ६० आ ४० पूर्णांक
२. मैथिली पत्रकारिता
क. पत्रकारिताक सैद्धान्तिक पक्ष २५ पूर्णाक
ख. मैथिली पत्रकारिता ५० ,,
- इतिहास
- प्रिट मिडिया
- इलेक्ट्रोनिक मिडिया आदि
ग. Informational Technology २५ ,,
३. नेपालक मैथिली साहित्यक आधुनिक काल १०० ,,
४. शोध प्रविधि
क. सैद्धान्तिक पक्ष ५० ,,
ख. प्रयोगात्मक क़५० ,,
५. आठ्म पत्र
कवि विशेष विद्यापति/चन्दा झा/यात्री/डा धीरेन्द्र
विधा वा प्रवृति विशेष
६. साहित्य सन्दर्भ
साहित्य आ समाज
साहित्य, संस्कृति आ संस्कार
साहित्य आ राजनीति एवं सत्ता
साहित्य दर्शन आ मूल्यवोध
साहित्य एवं संचार
साहित्य एव कला, विज्ञान
साहित्य एवं अर्थ, रोजगार
परम्परा एवं प्रयोग
आन्दोलन एव परिवर्त्तन
वैश्वीकरण, आधुनिकीकरण आ नव निर्माणक परम्परा
आधुनिक आ उत्तरआधुनिकता
लोकजीवन पद्यति आ परम्परागत मूल्य-मान्यता
मानव अधिकार एवं मानवीयता
युवा, महिला आ दलित विमर्श
लोकगीत- संगीत
वेद,पुराण उपनिषद्
बदलल विश्व परिप्रेक्ष्य आ समकालीन सन्दर्भमे नेपाल एखन आन्दोलन आ परिवर्त्तनक सृजनात्मक संस्कृतिस
गुजरि रहल अछि । नव संरचना विकास आ सामाजिक-सांस्कृतिक रुपान्तरणक उद्वेगित क्रममे देखल जा रहल
अछि जे ज्ञान-विज्ञान आ शिक्षाक क्षेत्र एव परिधि अति व्यापक आ विस्तारित भ रहल अछि । वैश्वीकरणक एहि
दौडमे संसार एखन माउसक क्लिकपर त्वराय चलि रहल अवस्थामे, बहुत स्वभाविक एवं अनिवार्य अछि जे
पठन-पाठन, अध्ययन-अनुसन्धानक क्षेत्र एवं सन्दर्भ सेहो व्यापक पाबए । दक्ष जनशक्ति उत्पादन एहन क्रियात्मक
एवं गुणात्मक हुअए जे राष्ट्रिय-अन्तराष्ट्रिय बजारमे अपन योग्यता आ प्रतिभाके सार्थक सिद्ध कए सकए ।
सामाजिक-सांस्कृतिक परिवर्त्तनक एहि परिवर्त्तित परिप्रेक्ष्यमे, उच्च शिक्षाक पाठ्यक्रम तथा
शिक्षण-मूल्याकनमे अनिवार्य सान्दर्भिक परिवर्त्तन अपेक्षित अछि । मैथिली केन्द्रिय विभाग एहि सबटा
सत्य-तथ्यके अबगाहि, अकानि अपन पाठ्यक्रम आ शिक्षण-मूल्यांकनक विशिष्ट क्रमके वैज्ञानिक ढंगस' विश्व
बजारमुखी आ सृजनात्मक आवेगक बनएबाक पुनित क्रममे सेहो अछि । मिथिला-मैथिली प्रति, एकर सम्पूर्ण
विकास-निर्माण प्रति एहि ठामक सुधिजन, विद्वत्जन सदैव साकाँक्ष आ प्रतिवद्ध रहल अछि आ हमरा सबहक
हार्दिक इच्छा अछि जे नव निर्माणक क्रममे रहल मैथिली एम ए प्रथम आ द्वितीय वर्षक पाठ्यक्रम तथा
शिक्षण-मूल्याकनमे की केहन परिवर्त्तन आ परिमार्झन कएल जा' सकैछ जकर स्वस्थ्य आ स्वच्छ आभास आ
प्रभाव सृजनात्मक रुपस' जनशक्ति उत्पादनमे अवश्य पडैक, तेहन सल्लाह, सुझाव एवं विचार-प्रस्ताव सुधिजन
विद्वतजनस विनम्रतापूर्वक अपेक्षित अछि ।
पुरना पाठ्यक्रम, जकर परिमार्जन आ परिवर्त्तन अपेक्षित अछि से एहि तरहक अछि -
पाठ्यक्रम निर्माणमे परिवर्त्तन आ परिमार्जनक सल्लाह-सुझावक प्रस्ताव सब पक्षस' अपेक्षित अछिए, विभाग एवं
मैथिली विषय समिति चर्चा एवं जनसमर्थनके लेल चाहि रहल अछि जे पाठ्यक्रममे किछु पेपर आ विषय एहि
तरहे सेहो थपल जा सकैछ –
१. मैथिली साहित्यक इतिहास एवं लोकसाहित्य ६० आ ४० पूर्णांक
२. मैथिली पत्रकारिता
क. पत्रकारिताक सैद्धान्तिक पक्ष २५ पूर्णाक
ख. मैथिली पत्रकारिता ५० ,,
- इतिहास
- प्रिट मिडिया
- इलेक्ट्रोनिक मिडिया आदि
ग. Informational Technology २५ ,,
३. नेपालक मैथिली साहित्यक आधुनिक काल १०० ,,
४. शोध प्रविधि
क. सैद्धान्तिक पक्ष ५० ,,
ख. प्रयोगात्मक क़५० ,,
५. आठ्म पत्र
कवि विशेष विद्यापति/चन्दा झा/यात्री/डा धीरेन्द्र
विधा वा प्रवृति विशेष
६. साहित्य सन्दर्भ
साहित्य आ समाज
साहित्य, संस्कृति आ संस्कार
साहित्य आ राजनीति एवं सत्ता
साहित्य दर्शन आ मूल्यवोध
साहित्य एवं संचार
साहित्य एव कला, विज्ञान
साहित्य एवं अर्थ, रोजगार
परम्परा एवं प्रयोग
आन्दोलन एव परिवर्त्तन
वैश्वीकरण, आधुनिकीकरण आ नव निर्माणक परम्परा
आधुनिक आ उत्तरआधुनिकता
लोकजीवन पद्यति आ परम्परागत मूल्य-मान्यता
मानव अधिकार एवं मानवीयता
युवा, महिला आ दलित विमर्श
लोकगीत- संगीत
वेद,पुराण उपनिषद्
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