Monday, September 10, 2012

बेकारी भत्ता /आलसीक कथा (रिपोर्ट सत्यनारायण झा)



उत्तर प्रदेश सरकार बेरोजगार क’ बेरोजगारी भत्ता देनाइ सुरुह केलक अछि |एकबेर साइठक दशक मे महान समाजबादी नेता डा० राम मनोहर लोहिया उत्तर प्रदेश मे एहि लेल आंदोलन केने छलाह जे उत्तर प्रदेश बोर्ड में विद्यार्थी कियैक फेल केलक |एकोटा बच्चा क’ फेल नहि करक चाही |सोचू त’! लोहिया जीक आंदोलन सही छलनि |वास्तव मे शिक्षकक फ़ौज कथी लेल छैक |ओ जखन सही रूपे काज नहि करत त’ ओ सरकार आ ओ फ़ौज दुनू अकर्मण्य अछि ,दुनू क’ निकाल बाहर करू |आंदोलन सफल नहि भेलैक मुदा प्रश्न एखनो ओ छैके |एहिना हुनके समाजबादी पार्टी (ओना नामक समाज बादी पार्टी कर्मक भ्रष्टबादी पार्टी )मतलव मुलायमक पार्टी बेकारी भत्ता दे नाइ प्रारम्भ क’ बेकारक संख्या बढ़ायत |समाजबादी पार्टी चुनाव सं पहिने वादा केने छल |हाय रे हिन्दुस्तान !एही ठाम एहन वादा होयत छैक |बेकार क’ रोजगार नहि द’ बेकारी भत्ता देबाक वादा करब देस क’ युवा क’ बर्बाद करब थीक |चुनाव आयोग क’ सज्ञान लेबाक चाही |मुदा केकरा फुर्सत छैक |एकरो अंत यैह युवा करतैक |कारण एहि सं बेकारक फ़ौज ठाढ़ भ’ जेतैक |मंगनी मे भोजनक इंतजाम भ’ जाइक त’ लोक कियैक देह क’ तकलीफ देतैक |
एहि प्रसंग में एकटा आलसीक कथा याद परि गेल |बर रोचक कथा छैक |एकबेर मिथिलाक राजाक मोन मे भेलनि आलसी सभ क’ मुफ्त भोजन ,वस्त्र आ आवास देल जाय, कारण आलसी त’ एक तरहक अपंग भेल तै ओकरा राज्य सं मुफ्त मे सहायता भेटबाक चाही |राजा मंत्री क’ आदेश द’ देलखिन जे समूचा राज्य मे घोषणा क’ दियौक जे, जे आलसी अछि ओकरा मुफ्त मे भोजन भेटतैक |घोषणा सुनैत देरी आलसी सभ आबय लागल आ एहि तरहे आलसीक एकटा भारी भीड़ इकट्ठा भ’ गेल |नीको लोक अपन अपन काज छोडि आलसी भ’ गेल आ राजसी भोजन करय लागल |राज्यक खजाना खाली होबय लागल |मंत्री क’ बुझा गेलैक जे एहिना रहि गेलैक त’ राज्य दिबालिया भ’ जेतैक आ सबटा लोक आलसी भ’ जेतैक |मंत्री राजा सं सभ बात कहलखिन \राजा चिंता मे परि गेलाह | आब की कएल जाय |मंत्री कहलखिन ,सरकार एहि भीड़ में असली आलसी बहुत कम अछि नकलीक भीड़ अछि |राजा कहलखिन ,ठीक छै मंत्री जी आब अही देखियौक |हमर बातो नहि भंग हुए आ नकली सभ पकराययो जाय |मंत्री कहलखिन अपने निश्चिन्त रहू |हम नकली आलसी क’ पकरैत छी |सभटा आलसी लेल घर देल गेल रहैक |राति में भोजन केलाक बाद जखन सभ आलसी सुतल रहैक त’ मंत्री सिपाही सभ क’ आदेश देलखिन जे आलसीक घर मे आगि लगा दहीक |सिपाही आगि लगा देलकै |जखन आगि धधकलैकआ बाहर मे हल्ला भेलैक जे आगि लागि गेलैक त’ आगिक लपेट देखि सभ नकली आलसी घर छोडि भागि गेल |मात्र चारिटा आलसी घरे मे रहि गेल |ओ चारु अपना मे गप्प करय लागल |पहिल आलसी कहलकै ,यौ कथीक एतेक हल्ला भ’ रहल छैक |दोसर कहलकै ,एहि घर मे आगि लागि गेल छैक ,देखैत नहि छियैक ,घर धधैक रहल छैक | हँ यौ ,धधरा त’ ओहिना देखा रहल अछि |तेसर कहलकै ,एखन जं कियो तीतल पटिया देह पर ओढ़ा दैतै ? चारिम कहलकै ,कतेक हल्ला कर’ जाइत छी |सुतै जायब से नहि होयत अछि |”तान चदरिया परे रहो ,क्या कचबचिया कच बच करते” |मंत्री सभटा गुप्त रुपे देखैत छल |ओ देखलक जे असल आलसी मात्र चारिटा अछि |ओहि चारु क’ राज्य आलसीक दर्जा प्राप्त भेलैक आ राज्यक अतिथि शाला मे रहबाक आदेश भेलैक |
अखिलेश सिंहक राज्य राजाक राज्य ने भ’ जाइक |बेकारी भत्ता नहि युवा वर्ग क’ बेकार करैक षड़यंत्र छैक |हर युवा क’ एहि पर सोचबाक छैक |

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