Friday, September 14, 2012

जलेश्वरमे मैथिली सँ जोड़ल कार्यक्रम करयकेँ संख्या बढाबए पड़त (रिपोर्ट सुजीत कुमार झा)


मैथिली सँ जुड़ल कार्यक्रमसभ एखनो महोत्तरीमे नहि होइत अछि । जखन की मैथिली भाषा भाषीक जिल्ला तऽ ओ अछिए । संगहि जनकपुर सँ मैथिलीकेँ सिनेह करयबला सेहो ओतए कम नहि अछि ।
महोत्तरीमे मात्र ७ टा एफ एम रेडियो अछि जाहिमे चारिटा रेडियो तऽ मैथिली भाषामे सम्पूर्ण कार्यक्रम करैत अछि । तकर बादो नहि मैथिली आन्दोलनीसभक ध्यान महोत्तरीक कोनो स्थानपर जाइत अछि आ नहि कोनो साहित्यकारकेँ । मैथिली माने नेपालमे जनकपुर, राजविराज आ काठमाण्डू बुझला सँ काज नहि चलत ।
सभ क्षेत्रकेँ समेटए पड़त । जिद्दी कथा संग्रहपर शनिदिन जलेश्वरमे आयोजित कार्यक्रममे एहि बातकेँ कसि कऽ उठाओल गेल । ई बातकेँ बुझए पड़त । सहभागिताक हिसाव सँ मैथिलीक लेल काज करयबलाकेँ सेहो कमी नहि अछि । महोत्तरी जिल्लाक दू टा विद्यालयमे पठन पाठन सेहो मैथिलीमे होइत अछि । किए नहि एक बेर महोत्तरी केन्द्रीत कार्यक्रम दिस ध्यान देल जाए । एहि सँ मैथिलीक आन्दोलनी संस्था सेहो विकास हएत आ मूलधार सँ जोड़एमे सेहो मदत हएत । जनकपुरमे काज कएला सँ कनि मनी मिडियामे बेसी बात आओत मुदा ग्लोवाइजेशनक युगमे कोनो स्थानकेँ महत्व नहि होइत अछि । घटना महत्वपूर्ण होइत अछि । ई सत्यकेँ सभकेँ बुझए पड़त ।

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