Thursday, September 20, 2012

परमानन्‍द ठाकुर (परमानन्‍द ठाकुर केँ वि‍देह संगीत कला सम्‍मान-(हारमोनियम) २०१२ देल गेल। बेचन ठाकुर हुनकासँ साक्षात्कार लेलनि।)


परमानन्‍द ठाकुर (परमानन्‍द ठाकुर केँ वि‍देह संगीत कला सम्‍मान(हारमोनियम)
 - २०१२  देल गेल। बेचन ठाकुर हुनकासँ साक्षात्कार लेलनि।)


बे.ठाकुर-   अहाँकेँ कार्यक प्रति रुचि केना कहियासँ जगल?
प.ठाकुर-   ऐ कार्यक प्रति‍ 1971ई.सँ वि‍द्यालय प्रांगणमे अचानक एक सांस्‍कृति‍क कार्यक्रमक आयोजन भेल, ओइमे हमहूँ भाग लेलौं हमरा ओही कार्यक्रमसँ झुकाव भेल।

बे.ठाकुर-   कार्य करबामे अहाँकेँ के प्रोत्साहित करैत अछि?
प.ठाकुर-   ऐ कार्यकेँ करबामे हमरा सभसँ बेसी प्रोत्‍साहि‍त माता-पि‍ता एवं अभि‍भावक करै छथि‍।
बे.ठाकुर-   अहाँकेँ कार्य करबामे की प्रोत्साहित करैत अछि?
प.ठाकुर-   हमरा ई कार्ज करबामे सबहक सहयोग आैर असीरवाद भेटैत अछि‍। जखन हम ऐ कार्यक प्रति‍ नि‍ष्‍ठा अर्पित करैत छी तँ सबहक सहयोग नीकसँ भेटैत अछि।
बे.ठाकुर-   पहिल बेर कोन कृति/ काजसँ अहाँ आरम्भ केलौं कहियासँ?
प.ठाकुर-   पहि‍ल बेर हम संस्‍कार भारती पब्‍लि‍क स्‍कूलसँ झंझारपुरसँ आरम्‍भ केलौं। वि‍द्यालयक शि‍क्षक दि‍लि‍प बाबू हमरा प्रोत्‍साहि‍त केलाह आ प्रि‍ंसपल बालेश्वर बाबू सम्‍मानि‍त केलनि‍। ओ कार्यक्रम छल नुक्कर नाटक जे सरस्‍वती पूजाक अवसरपर आयोजि‍त छल।

बे.ठाकुर-   अहाँ अपन काजमे .“सोच”, .“कोनो पुरान वा नव लीखवा शिल्पऐ तीनूमे सँ केकरा प्रधानता दै छी?
प.ठाकुर-   ऐ काजमे हम अपन सोचकेँ प्रधानता दैत छी जे हमर सोच हरदम बनल रहैए जे हम नीकसँ नीक कृति‍ करैत रहूँ।

बे.ठाकुर-   अहाँ जइ विधामे लागल छी ओकर की व्यक्तिगत विशेषता छै, क्षेत्रमे कार्यरत दोसर लोकक काजसँ कोन अर्थे भिन्न छै?
प.ठाकुर-   हम जइ काजमे लागल छी ओकर पहि‍ल वि‍शेषता अछि‍ अपन कला-संस्‍कृति‍सँ जुड़ल रहब। दोसर ई अछि‍ जे कोनो मंचपर अपन बात रखबामे कनिक्को दि‍क्कत महसून नै करब।

बे.ठाकुर-   अहाँक विधाक क्षेत्रमे आन के सभ छथि कोन तरहक विशिष्ट काज कऽ रहल छथि?
प.ठाकुर-   बहुत गोटे छथि‍।  राम देव ठाकुर , बालगोवि‍न्‍द दास, जागेश्वर राउत, भागवत प्रसाद सोति‍,  रमानन्‍द पासवान, बनारसी राम, राज कुमार राम, दुखन महतो, रामेश्वर महतो, रमण कि‍शोर झा, जोगेन्‍द्र ठाकुर इत्‍यादि‍ बहुतो गोटे छथि‍।  लगभग सभ गाममे हारमोनि‍यम, ढोलक, तबला, रसनचौकी इत्‍यादि‍क कलाकार सभ छथि‍। वि‍ि‍शष्‍ट तँ अछि‍ये जे गाम-घरमे सांस्‍कति‍क कार्यक्रम हुनके सभपर ि‍नर्भर अछि‍, बचल अछि।

बे.ठाकुर-   की अहाँक काज अहाँक जीवन-यापनक काजमे, घरेलू काजमे बाधा होइए वा सहायता पहुँचाबैए?
प.ठाकुर-   कोनो बाधा नै पहुँचबैए, हम अपन दैनि‍क काजसँ समए नि‍कालि‍ये कऽ ऐ सभमे दइ छी।
बे.ठाकुर-   अहाँ अपन आन रुचिक विषयमे बताउ।
प.ठाकुर-   संगीत सुनब, भजन सुनब आदि‍ हमर रूचि‍ अछि‍।

बे.ठाकुर-   कोनो संदेश जे अहाँ देबए चाही।
प.ठाकुर-   हम संदेश देबाक योग्‍य तँ नै छी। हम अपन एकटा बात व्‍यक्‍त करैत कहै छी जे मि‍थि‍लांचलक वि‍कासमे हम पाछू नै हटब।


परि‍चए- श्री परमानन्‍द ठाकुर, पि‍ताक नाओं- श्री नथुनी ठाकुर, गाम- जगदर, पोस्‍ट- कछुबी, भाया- तमुरि‍या, जि‍ला-मधुबनी, बि‍हारक स्‍थायी नि‍वासी छथि‍। ३० वर्षीय परमानन्‍द एखन पंचायत शि‍क्षक छथि‍। ऐसँ पहि‍ने ओ बैंड पार्टीमे कैसि‍यो मास्‍टरक कार्य करैत छलाह। ढोलक सेहो बजेबाक कला छन्‍हि‍। ओना हारमोनि‍यम कलासँ दर्शक-श्रोताकेँ मंत्र-मुग्‍ध करैत रहला अछि‍। हि‍नक कलाकेँ झंझारपुर क्षेत्रमे सभ सराहै छन्‍हि‍‍। जे.एम.एस. कोचि‍ंग सेन्‍टर, चनौरागंजक प्रांगणमे सरस्‍वती पूजाक अवसरपर नाट्य उत्‍सवमे हि‍नक कलाक प्रदर्शन नीक होइत रहलनि‍ अछि‍। हि‍नक कलामे आशातीत उन्नति‍ हेतु वि‍देह परि‍वार हि‍नका वि‍देह कला सम्मान- २०१२ सँ सम्मानि‍त करैत अपनाकेँ गौरवान्‍वि‍त महसूस कएलक अछि‍।

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