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Friday, September 28, 2012
Thursday, September 27, 2012
Wednesday, September 26, 2012
मिथिला विकास परिषद् द्वारा आयोजित ९ दिवसीय मिथिला महोत्सव २०१२ क तेसर दिनक कार्यक्रम २३ सितम्बर, २०१२ (रविदिन) उल्लासपूर्ण वातावरणमे भारतीय भाषा परिषदक प्रेक्षागृहमे सम्पन्न (रिपोर्ट अखिलेश कुमार झा)
मिथिला विकास परिषद् द्वारा आयोजित ९ दिवसीय मिथिला महोत्सव २०१२ क तेसर दिनक कार्यक्रम २३ सितम्बर, २०१२ (रविदिन) उल्लासपूर्ण वातावरणमे भारतीय भाषा परिषदक प्रेक्षागृहमे सम्पन्न भेल।
कार्यक्रम के शुभारम्भ सुश्री आरती एवं सुश्री प्रियंका द्वारा भगवती वंदना सs भेल। कार्यक्रम के उद्धघाटन डॉ. बुचरू पासवान द्वारा दीप प्रज्वलित कs कैल गेल। श्री पासवान अपन उदगार व्यक्त करैत कहलैन जे मैथिली एकटा एहन भाषा अछि जाही में समाज के सब वर्ग के जीवंत एवं मौलिक मुद्दा पर रचना भेल अछि। एहि अवसर पर हिन्दी एवं मैथिली के प्रख्यात साहित्यानुरागी श्री निर्भय मल्लिक के पाग पहिरा कs एवं मिथिला पेंटिग्स के दोपटा दs सम्मान कैल गेल। परिषद् के कोषाध्यक्ष श्री पवन ठाकुर परिषद् द्वारा प्रकाशित पुस्तक भेंट केलखिन।
चैर चरण में बटल कार्यक्रम के प्रथम चरणक अध्यक्षता परिषद् अध्यक्ष श्री अशोक झा केलैन। उक्त अवसर पर सुप्रसिद्ध समाज सेवी श्री कामदेव झा, श्री रामकुमार मुखोपाध्याय, श्री उमेदलाल कामत, छपत-छपते के श्री विश्वम्भर नेवर, प्रभात खबर के सम्पादक श्री तारकेश्वर मिश्रा आदि गणमान्य व्यक्ति उपस्थित छेलाह। श्री रामकुमार मुखोपाध्याय मैथिली भाषा के भारत के प्राचीनतम एवं मधुर भाषा कहलैन। हुनकर कहब छेलैन जे मैथिली गद्य-पद्य रचना में प्रकृति सौन्दर्य के परिलक्षित होयत अछि। श्री तारकेश्वर मिश्रा परिषद् के कोलकाता सनके शहर में जीवंत संस्था कहलैन। पत्रकार श्री गीतेश शर्मा परिषद् द्वारा आयोजित साहित्यिक संगोष्ठी के साहित्यिक इतिहास में मील के पत्थर बतोलैथ। हुनकर कहब छेलैन जे सहित्य एहन विद्या अछि जे ककरो प्रति कुनु भेदभाव नैय करैत अछि। अपन अध्यक्षीय भाषण में श्री अशोक झा कहलैन जे मैथिली में रचित आधुनिक मैथिली कविता वर्तमान में कुनु भी भाषा में रचित साहित्य सs अधिक जीवंत बनाबs में एवं अपन पहचान के कायम राखs में सफल अछि।
कार्यक्रम के दोसर सत्र में साहित्यविद डॉ. वीरेन्द्र मल्लिक के अध्यक्षता में आधुनिक मैथिली कविता के दशा और दृष्टि विषयक संगोष्ठी भेल। संगोष्ठी में डॉ. मल्लिक के अलावा प्रो. शंकर झा, श्री अशोक झा, श्री प्रफुल्ल कोलख्यान, दरभंगा सs आयल कवि फूलचन्द्र झा प्रवीण, श्री अमोत झा एवं श्रीमती शैल झा द्वारा आधुनिक मैथिली कविता के विभिन्न शताब्दी के कवि सबहक उल्लेख करैत आलेख पाठ केलैन।
कार्यक्रम के तेसर चरण में इण्डियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट के प्रो. विद्यानन्द झा के अध्यक्षता में कवि गोष्ठी सम्पन्न आयोजित भेल। कवि गोष्ठी में श्री झा के अतिरिक्त डॉ. वीरेन्द्र मल्लिक, श्री लक्ष्मण झा ‘सागर’, श्रीमती शैल झा, श्री विनयभूषण, श्री अमोद झा, श्री अशोक झा, श्री कामेश्वर झा ‘कमल’, श्री रूपेश कुमार ‘त्योथ’, श्री अमर नाथ झा ‘भारती’, श्री भाष्कर आनन्द झा, श्री चन्दन कुमार झा, श्री राजीव रंजन मिश्र, श्री विजय इस्सर ‘बत्स’, श्री अजय कुमार झा ‘तिरहुतिया’ एवं इण्डियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट के छात्र श्री विवेक झा द्वारा सुन्दर कविताक प्रस्तुति भेल। कार्यक्रम के सफल संचालन परिषद् सचिव श्री अंजय चौधरी केलैन।
कार्यक्रम के अंतिम सत्र में मिथिला महिला मंच के कलाकार द्वारा सुश्री भावना प्रतिहस्त के दिशा निर्देशन में सुश्री अपराजिता झा, सुश्री अदिति झा, सुश्री शिक्षा झा, सुश्री सुमन साव, सुश्री अलका झा एवं सुश्री पूजा झा के द्वारा भाव-नृत्य के प्रस्तुति भेल। कार्यक्रम में अतिथिगण एवं दर्शक लेल अल्पाहार के व्यवस्था छल।
एहि अवसर पर मिथिला विकास परिषद् के श्री विनय प्रतिहस्त, श्री गोपी कान्त झा मुन्ना, श्री अरूण कुमार झा, श्री दीपक झा, श्री अशोक झा भोली एवं श्री अखिलेश कुमार झा आदि उपस्थित छेलाह
Sunday, September 23, 2012
प्रसिद्ध तवला बादक साजन रामके श्रद्धाञ्जली (रिपोर्ट सुजीत कुमार झा)
विहारक झंझारपुर मे भेल एक जीप दुर्घटनामे मिथिलाञ्चलक चर्चित तबला नालबादक साजन राम सहित पाँच गोटेके निधन भेल अछि । जाहिमे वेन्जौ बादक राजु जी सेहो रहल छथि । साजन राम, राजु जी, कुञ्जविहारी मिश्र सहितक मिथिलाञ्चलमे एकटा चर्चित टोली रहल अछि । कुञ्जविहारी मिश्रके मिथिलाञ्चलक स्वरसम्राट बनाबएमे प्रसिद्ध तवाल बादक साजन राम, राजु जी सनक व्यक्तिक महत्वपूर्ण हात रहल अछि । हिनकरसभक अभाव मिथिलावासीके बहुत खटकत । मिथिलाञ्चलमे मैथिली गीत संगीत दिस लोकके झुकाब भेल अछि । मुज्जफ्रपुर वा पटनाके आर्केष्टा मात्र नहि मैथिलीक सांस्कृतिक टिमसभके सेहो लोक आमन्त्रण करए लागल अछि । एकर श्रेय साजन राम, राजु जीसभक बहुत अछि । ओसभ अपन झमटगर कार्यक्रम द्वारा अगल छाप छोडि रहल छलथि । साजन राम आ राजु जी सन लोक आई हमरा अहाँ सभलग नहि छथि मुदा हुनकर सपना अर्थात हरेक उत्सवमे मैथिली सांस्कृतिक कार्यक्रम होइक से सपना पुरा करए पड़त । एहिक लेल सम्पूर्ण मैथिली भाषीके एकजुट होबए पड़त । अन्तमे दुनू गोटेके हार्दिक श्रद्धाञ्जली अछि । सँगहि एहि दुर्घटनामे घाइल भेल मिथिलाञ्चलक चर्चित गायक कुञ्जविहारी मिश्र आ गायिका अर्चना सिन्हाके शीघ्र स्वास्थ्य लाभके कामना करैत छी ।
भारतीय भाषा परिषद् मे मिथिला विकास परिषद् द्वारा आयोजित मिथिला महोत्सव (रिपोर्ट रूपेश कुमार झा त्योँथ)
कलकत्ता मे आइ रवि ओ कवि केर सुन्दर संयोग अछि. भारतीय भाषा परिषद् मे मिथिला विकास परिषद् द्वारा आयोजित मिथिला महोत्सवक तेसर दिनक कार्यक्रम अछि, जाहि मे साहित्यिक गोष्ठी ओ कवि गोष्ठीक संगहि सांगीतिक प्रस्तुति सेहो होयत. पनरह गोट कवि गोष्ठी लेल आमंत्रित अछि. जाहि मे हम सेहो छी. ५-६ साल पहिने मिविप केर एक नुक्कड़ सभा जे मिथिला राज्य आन्दोलन कें ल' भेल छल, ओहि मे प्रथम बेर अपन काव्य पाठ केने छलहुं. ओहि दिन सभा नुक्कड़ पर छल आइ प्रेक्षागृह मे अछि. स्थान अलग, समय अलग मुदा संस्था वैह, शहर वैह आ हम वैह (?).
हम भनहि कवि मे नामित छी, मुदा सुनबा लेल जा रहल छी — वीरेन्द्र मल्लिक, लक्ष्मण झा 'सागर', बिनय भूषण केर संगहि नामचीन हस्ताक्षर लोकनि कें. आइ दिनकरक धरती हुनका स्मरण क' रहल छनि, हुनक समांग हुनका स्मरण क' रहल छनि. मिथिला एहन महान पुत्र पाबि धन्य अछि.
मिथिला महोत्सवक तेसर दिनक कार्यक्रम रविदिन २३ सितम्बर २०१२ कें भारतीय भाषा परिषद् मे आयोजित अछि. कार्यक्रमक संयोजक अंजय चौधरी केर अनुसार पूर्ण तैयारी क' लेल गेल अछि. मिथिला विकास परिषद् द्वारा आयोजित मिथिला महोत्सवक तेसर दिन साहित्य कें समर्पित अछि.
चारि सत्र मे विभाजित कार्यक्रम मे उद्घाटन-अभिभाषण सहित 'आधुनिक मैथिली कविताक दिशा आ दृष्टि' विषय पर संगोष्टी, काव्य गोष्ठी ओ भाव नृत्य कयल जायत. बेरू पहर ४.३० बजे सं शुरू होमय वला एहि कार्यक्रम मे मैथिली लेखन क्षेत्र केर अनेको व्यक्तित्व केर सहभागिता रहत.
मिथिला विकास परिषद् केर केंद्रीय कार्यालय मे रविदिन (१६ सितम्बर, २०१२) केर सांझ मे कार्यकर्ता लोकनि द्वारा विस्तृत विमर्श कयल गेल. मिथिला महोत्सव केर तेसर दिनक कार्यक्रम आगामी रविदिन २३ सितम्बर, २०१२ कें भारतीय भाषा परिषद् मे साहित्यिक अनुष्ठानक रूप मे होयत. कार्यक्रमक संयोजक अंजय चौधरी जनतब देलनि जे एही कार्यक्रम मे मैथिलीक साहित्यिक क्षेत्रक नामचीन नव-पुरान साहित्यकारक जमघट रहत. पहिने त' मैथिली मे युवा लेखन पर परिचर्चा होयत. तकर बाद कवि गोष्ठी होयत. तत्पश्चात सांगीतिक कार्यक्रमक संग एहि अनुष्ठानक समापन होयत. परिषदक राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक झा कहलनि जे कार्यक्रमक पूर्ण तैयारी भ' चुकल अछि आ ई मैथिली कें समर्पित कार्यक्रम अछि
एखनो जीबैत अछि कलकत्ता रंगमंच : अशोक झा
कलकत्ता. मैथिली रंगमंच आ कलकत्ता केर सम्बन्ध रौद-छांह केर अछि. एहना मे केओ कलकतिया रंगमंच आ रंगकर्म कें कम क' नहि आंकय. ई बात मिथिला विकास परिषदक राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक झा परिषदक बैसार मे कहलनि. ओ जनओलनि जे किछु लोक कलकत्ता रंगमंच केर विषय मे अनाप बजै अछि. हुनका सभ कें नहि बिसरबाक चाही जे कलकत्ता एक सं एक रंगकर्मी, नाटककार ओ निर्देशक देलक अछि. मिथिला विकास परिषद् केर संगहि एतय कोकिल मंच सेहो समय-समय पर नाट्य मंचन करैत अछि. मिथिला विकास परिषद् द्वारा १९८३ सं धारावाहिक रूपें लगभग अढाइ दर्जन नाटकक मंचन भेल अछि. हम सभ एखनो नाटक करब त्यागने नहि छी. आगामी कार्यक्रम घोषणा हम शीघ्र करब.
ओ भारतीय भाषा परिषद् मे आयोजित मिथिला महोत्सव केर तेसर दिनक कार्यक्रम केर अंतिम तैयारीक समीक्षा लेल कार्यकर्ता केर बैसार मे बाजि रहल छलाह. हुनक वक्तव्य सं कलकत्ता केर नाट्य दर्शक केर आस एक बेर फेर जागल अछि.
चोर रोशन कुमार झा अखनो नै हटेलक जगदीश प्रसाद मण्डलक ओकरा (चोर रोशन कुमार झा ) द्वारा कएल चोरिक लघुकथा सभ अपन ई-पत्रिका (ब्लॉग)सँ- साहित्यिक जगतमे ऐ सँ घोर क्षोभ अछि- चोर आ ओकर अधीनस्थ सम्पादक-सहयोगीपर कार्रवाइपर विचार
-चोर रोशन कुमार झा अखनो नै हटेलक जगदीश प्रसाद मण्डलक ओकरा (चोर रोशन कुमार झा ) द्वारा कएल चोरिक लघुकथा सभ अपन ई-पत्रिका (ब्लॉग)सँ- साहित्यिक जगतमे ऐ सँ घोर क्षोभ अछि- चोर आ ओकर अधीनस्थ सम्पादक-सहयोगीपर कार्रवाइपर विचार
-चोर रोशन कुमार झाक चोरिक सबूत नीचाँ लिंकमे अछि जे ओ अखन धरि अपन ई-पत्रिका (ब्लॉग) सँ डिलीट नै केलक अछि। ओकर एकटा आर ई-पत्रिका (ब्लॉग) छै जैमे ओकर अधीनस्थ सम्पादक अमलेन्दु शेखर पाठक आ सहयोगी कुमार शैलेन्द्र, शंकरदेव झा आदि छै। एकर अतिरिक्त मिथिलांगनसँ जुड़ल रवीन्द्र दासक सेहो ऐ चोरक प्रति सहानुभूति छै।
-
-जगदीश प्रसाद मण्डलक रचनाक केलक चोरि-
चोरिक लिंक नीचाँ देल जा रहल अछि:
http://mithlakgaamghar.blogspot.in/2012/05/rikshaavala.html
http://mithlakgaamghar.blogspot.in/2012/05/jivika.html
http://mithlakgaamghar.blogspot.in/2012/05/blog-post_7993.html
http://mithlakgaamghar.blogspot.in/2012/05/blog-post_9212.html
http://mithlakgaamghar.blogspot.in/2012/05/blog-post_4646.html
http://mithlakgaamghar.blogspot.in/2012/05/blog-post_691.html
http://mithlakgaamghar.blogspot.in/2012/05/blog-post_88.html
http://mithlakgaamghar.blogspot.in/2012/05/blog-post_7693.html
http://mithlakgaamghar.blogspot.in/2012/05/blog-post_4876.html
http://mithlakgaamghar.blogspot.in/2012/05/blog-post_31.html
ई धूर्त रोशन कुमार झा ई सभ रचना जगदीश प्रसाद मण्डलक " गामक जिनगी" सँ चोरा कऽ अपन ई-पत्रिकामे छपने अछि जेकर लिंक ऊपर देल गेल अछि। गामक जिनकीकेँ मैथिलीक पहिल टैगोर पुरस्कार भेटल छै।
पहिनहियो एकर संगी रण्जीत चौधरी मुन्नाजीक रचनाक लगातार चोरिमे पकड़ाएल अछि, जे अजित आजादक मिथिलाक अबाज पर अखनो अछि। अजित आजाद मुन्नाजीकेँ कहने रहथिन्ह जे ओ रण्जीत चौधरीकेँ बैन करताह आ चोरिक रचनाकेँ डिलीट करताह, मुदा हुनकर कार्यालसँ से अखन धरि से नै भेल तावत ओही कार्यालयसँ ई नबका चोर रोशन कुमार झा आबि गेल।
ऐ चोरक संरक्षक अमलेन्दुशेखर पाठक (जिनकर पिता शिवकान्त पाठक रामदेव झा आदिक संग आकाशवाणी दरभंगा खोलने छथिन्ह, जे रोशन झाक निचुक्का ब्लैकमेल पत्रसँ सिद्ध होइत अछि, कारण ओ जकरा चाहता तकरा अमरसँ रोशन झा धरिकेँ आकाशवाणीमे कार्यक्रम देता आ गौहाटीक विद्यापति पर्वक आयोजक ककरा कहियाक टिकट पठबै छथि से ओ हिनके आ बैजू सँ पुछि कऽ आगाँसँ पठेथिन्ह!!), शंकरदेव झा आदि छथि जकरा संगे मिलि कऽ ई ब्लॉग (ई-पत्रिका) चलबैत अछि।
-ऐ संगठित चोरिमे रोशन कुमार झा, रणजीत चौधरी आदि प्यादा अछि, मुख्य खिलाड़ी यएह सभ छै।
-पूर्वपीठिका देखू http://esamaad.blogspot.in/2012/08/blog-post_4877.html
रोशन कुमार झा जे रचना चोरि केलक तकर सरगना सभक चिट्ठी/ किरदानी आदि नीचाँमे अछि |
मातृभाषा: मैथिलि पाक्षिक ई-पत्रिका(!!)
जे की दरभंगास प्रकाशित पहिल ई-पत्रिका अछि . एकर पहिल अंक छपी चुकल अछि . जेना की सर्वविदित अछि जे अहि स पहिने विदेह ई-पत्रिका सेहो निकली रहल अछि . विदेह साहित्य लेल काज त कैरते अछि मुदा एक टा काज ओ बखूबी क रहल अछि आ दिन प्रतिदिन क रहल अछि . ओ काज अछि जातिवादिताक नाम पर झगरा केनाइ साहित्यकार सभ केर खुलेआम फसबूक आ ब्लोगक माध्यम स गारि पढ्नाई .
मातृभाषा ई-पत्रिकाक अंक देखैत देरी नहीं जानी किया गजेन्द्र ठाकुरअक देह में आगि किअक लागी गेलें आ ओ अपन चेला चपाटीकेर पुनः मैदान में लड़बाक लेल उतारी देलैन . हुनक एक टा चेला जिनकर नाम उमेश् मंडल छियैन ओ अपन घरवाली केर ब्लॉग ईसमदिया पर एक टा पोस्ट केलें जे फल फल आदमी मिलि ब्लाच्क्मैलिंग करबाक उद्देश्य स अहि पत्रिकाक शुरुआत केलक अछि . विदेह फसबूक ग्रुपअक एक टा पोस्ट पर माननीय आशीष अनचिन्हार आ उमेश मंडल जी कमेन्ट देला जे मा
तृभाषा ई-पत्रिकाक सम्पादक महान ब्रह्मण वादी अमलेंदु शेखर पाठक छैथ .
अमलेंदु शेखर पाठक मैथिलिक साहित्यकार , दरभंगा रेडिओ स्टेशनअक उद्घोषक आ वरिस्थ पत्र्रकार छैथ . आब सवाल उठैत अछि जे एहन आदमी पर उमेश मंडल जी ब्रह्मण वादी हेबाक आरोप किअक लगा रहल छैथ .
अहि सवालक जवाब लेल किछु समय पाछू घुर पडत . रेडिओ स्टेशन स एक दिन पाठक जी उमेश मंडल केर फ़ोन केल्थिन जे अपनेक पोस्टल एड्रेस की अछि ? उमेशक पुछला पर पाठक जी कहलें जे आहाक रेडिओ में कथा पढबा हेतु छित्ती पता रहल छि . उमेशक काटन छल जे हमरा बदला ज हमर पिताजिकर अवसर देब त हमरा नीक लागत . पाठक जी कहलें जे आहा चिंता जुनी करू हम दुनु गोटेक अवसर देब . ओही दिन स पाठक जी ओही उमेश लेल भगवान् छल आ बहूत दिन रहबो केला . तखन उमेश आ हुनका किअक गाडिया रहल छैन .
पछिला बरख गुवाहाटी में अंतर रास्ट्रीय मैथिलि सम्मलेन भेल छल ओही थाम २ दिवसीय कार्यक्रमअक आयोजन छल . पहिल दिन कवि घोस्थी आ दोसर दिन विद्यापति समारोह . उमेश मंडल आ हुनक पिताजी केर दोसर दिनक आयोजनक लेल आमंत्रित कैल गेल छल , मुदा महा साहित्यकार उमेश मंडल एक दिन पहिने गुवाहाटी पहुँच गेला . उमेश पाठकजी स आग्रह केलें जे हाम्रो पिताजी केर कविता पढबा लेल बजेबैं अपनेक आभारी रहब . मुदा समय कम रहबाक आ कवि बेसी हेबाक कारण उमेशक आग्रह पाठक जी नहीं पूरा का सकला अहि कारने जे आदमी हुनका नजरी में आई धरी भगवान् छल से आबी ब्राह्मण वादी बनी गेल छल .
विदेह केर एहो कास्ट छैन जे दोसर ई-पत्रिका किअक निकली रहल अछि . कारण साफ़ अछि जाहि पत्रिकाक सम्पादक मंडली लोकनि अपन समय झगरा आ गारि पढबा में बितेता टा निक रचना कतय स छपता .
"राड़केँ सुख बलाय" केर लेखक रोशन कुमार झा रामदेव झाक बेटा, विद्यानाथ झा विदितक जमाए आ चन्द्रनाथ मिश्र "अमरक" नैत शंकरदेव झा-विजयदेव झाक संग मिलि कऽ एकटा ब्लैकमेलिंग ब्लॉग ई-पत्रिका (!!) मातृभाषा शुरू केलक अछि।(रिपोर्ट पूनम मण्डल)
राड़केँ सुख बलाय" केर लेखक रोशन कुमार झा रामदेव झाक बेटा, विद्यानाथ झा विदितक जमाए आ चन्द्रनाथ मिश्र "अमरक" नैत शंकरदेव झा-विजयदेव झाक संग मिलि कऽ एकटा ब्लैकमेलिंग ब्लॉग ई-पत्रिका मातृभाषा शुरू केलक अछि।
धूर्त रोशन कुमार झा:राअर के सुख बले :
मिथिलाक गाम घर :
राअर के सुख बले :
पढुआ काका किछु काज स दरभंगा आयल छलाह . जखन सव काज भ गेलैन त बस पकर्बाक लेल बस स्टैंड गेलाह , मुदा गामक बस छुट्टी गेलैन .
पधुआ काका हमरा फ़ोन केलैने ? रोशन कतय छ: ? हम आकाशवाणी लग ठाढ़ छि ? हाउ हम तोहर घरे बिसरी गेलिय . तो आबी क हमरा ल जा .
जखन हम पढुआ काका क ल के घर पर आय्लाहू त घर पर लाइन छल .चुकी गर्मी काफी छल ताहि कारने पंखा चला हुनका लग बैसी गेलहु आ हुनका अपन कंप्यूटर पर फसबूक के खोली हुनका देखाबय लाग्लाहू ?
अचानक ललका पाग केर देखैत देरी हुनक मन गडद-गडद भ गेलैने . ओ कह्लैने जे की " इ थिक मिथिला वासी केर पहचान , आ पाग पहिर्ला स बाढ़ी जाइत अछि मान "
हम कहलियैक , काका किछू लोक केर कथन अछि जे की पाग मात्र उपनयन , विवाह में पहिरे वाला एक टा परिधान अछि जे की बाभन आ लाला सब मे पहिरल जाइत अछि ?
ओ कह्लैने हौ जे इ गप करैत अछि ओ पागल हेताह ?
हम कहलियैक , कका ओ सब पढ़ल लिखल आ पैघ-पैघ साहित्यकार छैथ आ विदेह सनक पत्रिका सेहो निकालैत छैथ ?
किछु काल केर उपरान्त पढुआ कका कह्लैने जे की एकटा , दूटा ओही महानुभाव केर नाम त कहक जे सब पाग केर मिथिला केर मान नहीं बुझैत अछि आ मात्र ओकरा जातिगत स जोरी रहल अछि ?
हम कहलियैक आशीष अनचिन्हार , उमेश मंडल , पूनम मंडल प्रियंका झा आ विदेह केर सम्पादक गजेन्द्र ठाकुर .
कका कह्लैने हौ अहि मे त कोनो पैघ साहित्य कार लोकनि केर नाम कहा अछि ?
कका आजुक समय केर इ सब करता धर्ता छैथ साहित्य जगत के .
हौ यदि आजुक साहित्य केर करता एहन छैथ त नहीं जानी की होयत भविष्य मे ?
हमरा सब केर समर में हरिमोहन झा , नागार्जुन , दिनकर सब सनक महान रचना कार लोकिन छलाह . से इ सब कोनो हुनका स पैघ छैथ जखन ओ लोकिन पाग पहिर अपना केर गौरवान्वित बुझैत छलाह तखन आजुक नौसिखुआ सब के की औकात ?
ओ कह्लैने हौ बाऊ ब्रह्मण एकर विरोध किअक क रहल अछि से नहीं जानी मुदा जिनकर बाप दादा कहियो पहिर्बे नहीं केने हैथ हुनका त अवस्य ने असोहाथ बुझेतैन .
ओहुना मिथिलाक गाम घर मे कहल जाइत अछि जे की " राअर केर सुख बले " .
· · · 3 hours ago
राड़केँ सुख बलाय" केर लेखक रोशन कुमार झा रामदेव झाक बेटा, विद्यानाथ झा विदितक जमाए आ चन्द्रनाथ मिश्र "अमरक" नैत शंकरदेव झा-विजयदेव झाक संग मिलि कऽ एकटा ब्लैकमेलिंग ब्लॉग ई-पत्रिका मातृभाषा शुरू केलक अछि।
धूर्त रोशन कुमार झा:राअर के सुख बले :
मिथिलाक गाम घर :
राअर के सुख बले :
पढुआ काका किछु काज स दरभंगा आयल छलाह . जखन सव काज भ गेलैन त बस पकर्बाक लेल बस स्टैंड गेलाह , मुदा गामक बस छुट्टी गेलैन .
पधुआ काका हमरा फ़ोन केलैने ? रोशन कतय छ: ? हम आकाशवाणी लग ठाढ़ छि ? हाउ हम तोहर घरे बिसरी गेलिय . तो आबी क हमरा ल जा .
जखन हम पढुआ काका क ल के घर पर आय्लाहू त घर पर लाइन छल .चुकी गर्मी काफी छल ताहि कारने पंखा चला हुनका लग बैसी गेलहु आ हुनका अपन कंप्यूटर पर फसबूक के खोली हुनका देखाबय लाग्लाहू ?
अचानक ललका पाग केर देखैत देरी हुनक मन गडद-गडद भ गेलैने . ओ कह्लैने जे की " इ थिक मिथिला वासी केर पहचान , आ पाग पहिर्ला स बाढ़ी जाइत अछि मान "
हम कहलियैक , काका किछू लोक केर कथन अछि जे की पाग मात्र उपनयन , विवाह में पहिरे वाला एक टा परिधान अछि जे की बाभन आ लाला सब मे पहिरल जाइत अछि ?
ओ कह्लैने हौ जे इ गप करैत अछि ओ पागल हेताह ?
हम कहलियैक , कका ओ सब पढ़ल लिखल आ पैघ-पैघ साहित्यकार छैथ आ विदेह सनक पत्रिका सेहो निकालैत छैथ ?
किछु काल केर उपरान्त पढुआ कका कह्लैने जे की एकटा , दूटा ओही महानुभाव केर नाम त कहक जे सब पाग केर मिथिला केर मान नहीं बुझैत अछि आ मात्र ओकरा जातिगत स जोरी रहल अछि ?
हम कहलियैक आशीष अनचिन्हार , उमेश मंडल , पूनम मंडल प्रियंका झा आ विदेह केर सम्पादक गजेन्द्र ठाकुर .
कका कह्लैने हौ अहि मे त कोनो पैघ साहित्य कार लोकनि केर नाम कहा अछि ?
कका आजुक समय केर इ सब करता धर्ता छैथ साहित्य जगत के .
हौ यदि आजुक साहित्य केर करता एहन छैथ त नहीं जानी की होयत भविष्य मे ?
हमरा सब केर समर में हरिमोहन झा , नागार्जुन , दिनकर सब सनक महान रचना कार लोकिन छलाह . से इ सब कोनो हुनका स पैघ छैथ जखन ओ लोकिन पाग पहिर अपना केर गौरवान्वित बुझैत छलाह तखन आजुक नौसिखुआ सब के की औकात ?
ओ कह्लैने हौ बाऊ ब्रह्मण एकर विरोध किअक क रहल अछि से नहीं जानी मुदा जिनकर बाप दादा कहियो पहिर्बे नहीं केने हैथ हुनका त अवस्य ने असोहाथ बुझेतैन .
ओहुना मिथिलाक गाम घर मे कहल जाइत अछि जे की " राअर केर सुख बले " .
· · · 3 hours ago
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Umesh Mandal जगदीश प्रसाद मण्डल जीकेँ गौहाटी विद्यापति समारोहमे मुख्य अतिथि बनाओल गेलापर वैद्यनाथ बैजू आ अमलेन्दु शेखर पाठक आदि हंगामा केने रहथि, अमलेन्दु शेखर पाठक कहि रहल रहथि "सपनोमे नै सोचने हेतै", एकर वीडियो देखू www.purvottarmaithil.org पर
रणजीत चौधरी |
अजित आजाद नहिये अखन धरि माफी मंगने छथि आ नहिये अखन धरि ऐ रणजीत चौधरीक आइ.डी.केँ प्रयोग वा सह देनाइ बन्ने केने छथि। एकर प्रमाण अछि जे एतेक बेइजत्तीक बादो ओ अपन "मिथिला अवाज" ग्रुपपर ऐ फेक द्वारा (नमस्कार मिथिला जेकरा फेक नै कहि रहल छथि, तँ प्रमाणित भेल जे ई तूनू मिलल छथि)मुन्नाजीक चोरि कएल गजल अखनो विराजमान अछि, ने ऐ फेक पर कोनो कार्वाइ कएल गेल छै। साबित भेल वा बाकी अछि? मुदा ई लोकनि माफी कोना मंगता। पहिने नवारम्भ पत्रिकामे त्रिकालज्ञक फेक आइ.डी.सँ अजित आजाद जे धंधा करै/ करबै छलाह से "मिथिला अवाज" मे रणजीत चौधरीक माध्यमसँ करबा रहल छथि। नमस्कार मिथिला जी, ऐ रणजीत चौधरीकेँ अहाँ चिन्है छिऐ ने, आ अजित बाबू सेहो चिन्है छथिन्ह, तखन ओ मुन्नाजीकेँ किए कहलखिन्ह जे ओ रणजीत चौधरीकेँ नै चिन्है छथिन्ह? की ई फेक आइ.डी. वा अहाँ सभक छाया मिइत्र मिथिला अवाज कार्यालयसँ ई कुकृत्य तँ नै कऽ रहल अछि?
अमलेन्दु शेखर पाठकक आ बैजू आदिक कुकृत्यक वीडियो आब www.purvottarmaithil.org
तकर बाद एकरा सभकेँ मंचपर सेहो बजाओल गेलै आ ई निर्लज्जतासँ टीक नुरियाबैत ओतऽ पहुँचल।
रणजीत चौधरी नाम्ना एकटा फेक आइ.डी.द्वारा मुन्नाजीक गजल चोरि कऽ कए मिथिला अवाज ग्रुप (संचालक अजित आजाद) पर देल जा रहल अछि। हमरा शंका अछि जे ई फेक आइ.डी. अजित आजाद द्वारा द्वारा संचालित अछि वा ओकरा द्वारा सह देल जा रहल अछि
Saturday, September 22, 2012
मैथिली भाषाक कवि गोष्ठी सम्पन्न (रिपोर्ट सुजीत कुमार झा)
जनकपुरधाम, आसिन ६ ।
मैथिल ब्राह्मण समाजक आयोजनामे शनिदिन कवि गोष्ठी सम्पन्न भेल अछि ।
जनकपुरक क्याम्पस चौक स्थित समाजक सभा कक्षमे भेल ओ गोष्ठीमे पुनम झा, देवेश्वर लाल मुन्ना, चन्द्र कान्त झा, विजय मस्त, हसमुखी कर्ण, जय शंकर नाथ झा, कोमल कर्ण, रुपकला कर्ण कविता वाचन कएने समाजक केन्द्रीय अध्यक्ष पवन कुमार झा जानकारी देलन्हि अछि ।
समाजक केन्द्रीय सदस्य पं. जय कृष्ण मिश्रक प्रमुख आतिथ्यमे भेल ओ कवि गोष्ठीक संचलान विजय मस्त कएलन्हि ।
मैथिल ब्राह्मण समाज प्रत्येक महिनाक पहिल शनिदिन मासिक कवि गोष्ठीक आयोजना करैत आबि रहल अछि ।
राजेश्वर नेपालीक मैथिली पुस्तक विमोचन मैथिली पुस्तक प्रकाशनक संख्या बढलापर साहित्यकारसभद्वारा प्रशन्नता व्यक्त (रिपोर्ट सुजीत कुमार झा)
जनकपुरधाम,आसिन ५ ।
वरिष्ठ पत्रकार राजेश्वर नेपालीद्वारा लिखित मैथिली भाषाक कथा संग्रह ‘सोमली’क शुक्रदिन विमोचन कएल गेल अछि । मैथिलीक वरिष्ठ साहित्यकार एवं अन्तराष्ट्रीय मैथिली परिषदक अध्यक्ष डा. कमला कान्त झा विमोचन कएलन्हि अछि ।
९६ पृष्ठक ओ पुस्तकमे २३ टा कथा समावेश कएल गेल अछि ।
समारोहमे बजैत वक्तासभ मैथिली भाषाक पुस्तक प्रकाशनमे आएल तेजी प्रति प्रशन्नता व्यक्त कएलन्हि । ओसभ साहित्यकेँ सभ विधामे रचना करवाक लेल साहित्यकारसभ सँ आग्रह कएलन्हि ।प्रमुख अतिथिक आसन सँ बजैत डा. झा मैथिली साहित्यकेँ स्वर्णीम ईतिहास रहल अछि एकरा आम लोक सँ जोड़एकेँ आवश्यकता रहल चर्चा कएलन्हि ।
मैथिलीक वरिष्ठ साहित्यकार डा. रेवती रमण लालक सभापतित्वमे भेल ओ समारोहमे पुस्तकक लेखक राजेश्वर नेपाली, मैथिली विभागक पूर्व विभागाध्यक्ष डा. पशुपति नाथ झा, राजनीतिकर्मी राम हृदय प्रसाद, साहित्यकार श्रीराम सिरज, नेपाल पत्रकार महासंघ धनुषाक अध्यक्ष राम अशिष यादव, वानक केन्द्रीय उपाध्यक्ष राजेश कुमार कर्ण, रेडियो मिथिला एवं मिथिला डटकमक सम्पादक सुजीत कुमार झा, रेडियो नेपालक समाचारदाता अजय कुमार झा, हर्दीनाथ साप्ताहिकक सम्पादक जयशंकर नाथ झा, जनार्दन मण्डल, नेपाल टेलिभिजनक जनकपुर समाचारदाता श्रीनारायण साह सहितक वक्तासभ वाजल छलथि ।
जगदीश मल्लिक (श्री जगदीश मल्लिककेँ विदेह हस्तकला सम्मान- २०१२ देल गेल। बेचन ठाकुर हुनकासँ साक्षात्कार लेलनि।)
जगदीश मल्लिक (श्री जगदीश मल्लिककेँ विदेह
हस्तकला सम्मान- २०१२ देल गेल। बेचन ठाकुर हुनकासँ साक्षात्कार लेलनि।)
बे.ठाकुर- अहाँकेँ ऐ कार्यक प्रति रुचि केना आ कहियासँ जगल?
जगदीश मल्लिक- पथिया, कोनियाँ, चंङेरा,
बिआहक डाला बनेनाइ हमर खानदानी
पेशा अछि, बच्चेसँ ई सिखाएल गेल।
बे.ठाकुर- ऐ कार्य करबामे अहाँकेँ के प्रोत्साहित करैत अछि?
जगदीश मल्लिक- हमरा लेल ई काज हमर जीविका अछि, हमर माए-बाबू विशेष रूपसँ हमरा प्रोत्साहित करैत रहथि।
बे.ठाकुर- अहाँकेँ कार्य करबामे की प्रोत्साहित करैत अछि?
जगदीश मल्लिक- लोककेँ हमर काजक महीनी नीक लगै छै, सएह हमरा प्रोत्साहित करैत अछि।
बे.ठाकुर- पहिल बेर कोन कृति/ काजसँ अहाँ आरम्भ केलौं आ कहियासँ?
जगदीश मल्लिक- पथिया, कोनियाँ, चंङेरा,
बिआहक डाला, बिअनि, घिरनी,
फिरकी, गुड़चल्ला, बच्चेसँ बनबै छी।
बे.ठाकुर- अहाँ अपन काजमे १.“सोच”, २.“कोनो पुरान वा नव लीख” वा ३ “शिल्प” ऐ तीनूमे सँ केकरा प्रधानता दै छी?
जगदीश मल्लिक- हम अपन काजमे शिल्पकेँ ऐ तीनूमे सँ बेसी प्रधानता दइ छी।
बे.ठाकुर- अहाँ अपन काजक दिशाकेँ, रूपकेँ एक पाँतिमे कोन रूपमे वर्णन करब।
जगदीश मल्लिक- हमर शिल्प लोककेँ नीक
लगै छै, हमरा लोक बिसरि जाइए मुदा हमर शिल्पकेँ मोन राखैए।
बे.ठाकुर- अहाँक काजक समाजमे कोन स्थान छै? की ऐसँ समाजमे परिवर्तन एतै?
जगदीश मल्लिक- लोकक आवश्यकताक पूर्ति
होइ छै, हम सभ अखनो समाजसँ अलगे छलौं मुदा हमर सभक शिल्प अछूत नै अछि।
बे.ठाकुर- अहाँ जइ विधामे लागल छी ओकर की व्यक्तिगत विशेषता छै, ई ऐ क्षेत्रमे कार्यरत दोसर लोकक काजसँ कोन अर्थे भिन्न छै?
जगदीश मल्लिक- हम ऐ विधामे
लागल छी, ऐ क्षेत्रमे लोकक एगो विशेष पहचान रहबाक चाही छलै मुदा से नै छै। सुन्दर कलाकृति बनेनहार अछोप
छै!!
बे.ठाकुर- अहाँक विधाक क्षेत्रमे आन के सभ छथि आ ओ कोन तरहक विशिष्ट काज कऽ रहल छथि?
जगदीश मल्लिक- हमरा विधाक
क्षेत्र जातीय आधारपर अछि आ एकसँ एक बस्तु सभ बनबै छथि।
बे.ठाकुर- की अहाँक काज अहाँक जीवन-यापनक काजमे, घरेलू काजमे बाधा होइए वा सहायता पहुँचाबैए?
जगदीश मल्लिक- हमर यएह जीवन यापन छी तेँ
ई सहायता पहुँचाबैए।
बे.ठाकुर- अहाँ अपन आन रुचिक विषयमे बताउ।
जगदीश मल्लिक- ऐ केँ अलाबा
हमर सभक पुश्तैनी सुअर पालनक व्यवसाय अछि, मुदा नव पीढ़ी पढ़ि सेहो रहल अछि।
बे.ठाकुर- कोनो संदेश जे अहाँ देबए चाही।
जगदीश मल्लिक- ऐ सभसँ की हएत। लोकक
दिमागमे जे खेला छै तकरा दूर करए पड़त। सभकेँ समाजक अंग बुझए पड़त।
शिल्पीकेँ सम्मान देबए पड़त, कोनो काजकेँ खास कऽ हाथसँ करैबला काजकेँ सम्मान देबए पड़त।
कतेक शिल्पी मरि खपि गेला। मिथिलामे कलाक विस्तार केना हएत
जखन सुन्दर वस्तु बनबैबलाकेँ असुन्दर मानि बहिष्कार करब। अहाँ
लोकनि हमर शिल्पकेँ सम्मान देलौं ओइ लेल आभार। पढ़ाइ लिखाइ आ बदलल सोच दिमागी खेलाकेँ
दूर कऽ सकत, गलत सोचकेँ पटकनियाँ दऽ सकत, तखने शिल्प आ शिल्पकार आ हाथसँ काज केनिहारकेँ
सम्मान भेटतै। अहाँ सभ जीती तकर शुभकामना दै छी।
परिचए- श्री जगदीश मल्लिक, पिताक नाओं- स्व. स्वरूप मल्लिक, गाम+पोस्ट- चनौरागंज, भाया- झंझारपुर, जिला- मधुबनी (बिहार) केर स्थायी निवासी छथि। शिल्पकलामे हिनक प्रतिष्ठा छन्हि। हिनक बनाओल पथिया, कोनियाँ, चंङेरा, बिआहक डाला इत्यादि प्रशंसनीय होइत छन्हि। विदेह हस्तकला सम्मान- २०१२ सँ सम्मानित करैत विदेह परिवार प्रसन्नता महसूस कएलक अछि।
धनुषा जिल्लाक दुर्दशा (रिपोर्ट सुजीत कुमार झा)
सभकेँ आश्चर्य लागल हएत नेपाली काँग्रेसक सभापति सुशिल कोइराला ई टायर गाडीपर बैसि कऽ कि कऽ रहल छथि । एसी गाडी सँ मात्र चलएबला सभापति कोइरालाकेँ ई कि भऽ गेल छन्हि ? धनुषा जिल्लाक हठीपुर हडवारा गाम जाएकाल थालक कारण गाडी नहि जा स
कलाक बाद ओ टायर गाडीपर बैसि कऽ गेलथि । जनकपुर सँ मुस्किल सँ १० किलो मिटरक दूरीपर रहल ई गाममे मात्र नहि धनुषाक दू दर्जन गाममे कनिको पानि पडिते गाडी जाएकेँ अवस्था नहि रहि जाइत अछि । सुशिल कोइरालाकेँ एहि यात्रामे रोमाञ्च तऽ अवश्य भेल हेतन्हि कारण एहि अवस्थाक जिम्मेवार ओहो छथि । २०४६ सालक बाद सभ सँ बेसी सरकारमे रहलाक बादो देशक प्रमुख जिल्ला धनुषाक कतेक विकास भेल अछि ? धनुषाकेँ एहिबेर मात्र २४ टा सभासद छल । प्रत्येक सभासदकेँ वर्षमे १० लाख खर्च करवाक अधिकार छल । ओ रुपैयाक कनिको सदुपयोग भेल रहैति तऽ धनुषाक एहने अवस्था रहथि ? प्रत्येक सरकारमे धनुषोकेँ मन्त्री रहैत अछि । मुदा की धनुषाक विकास भेल अछि ? ई अनुतरित प्रश्नकेँ खोजी होएब सम्भव नहि अछि कारण नहि सरकारकेँ धनुषा सँ मतलव छैक आ नहि एहि ठामक जनताकेँ । आ कहियो काल एहन नाटक देखला पर जनतोकेँ आनन्दे अबैत छैक ।
राकेश सिन्हा जी : भोजपुरी सीरियलके माध्ये मैथिली सेवा (रिपोर्ट भास्कर झा)
सिनेमा ओ सीरियलके माध्यमसं मैथिलीक सेवा केना करी ,ई बात सब गोटे के मन में रहैत छैन।भोजपुरी सिनेंमा आ सीरियलक लोकप्रियता सं मैथिलीक सेवा केना कायल जा सकैत अछि जदि ई बात बुझ चाहैत छी त अहां निर्माता निर्देशक राकेश सिन्हा जी सं सीख सकैत अछि। राकेश जी भोजपुरी में कयकटा सीरियलक निर्माण ओ निर्देशन केने छैथ। हिनका बारेमें विशेष जनबाके होय त अहि ठाम पढु । हिनकर सीरियलमें मैथिलीक चर्चित फ़िल्म ‘ ससता जीनगी महग सेनुरक” मुख्य अभिनेता ललितेश जी, लल्लन सिंह , मोना राय, “हमर अप्पन गाम अप्पन लोक”क नायक कमलेश पाण्डेय आदि के अपन सीरियल में अभिनयक अवसर प्रदान केने छैथ। अपन भोजपुरी सीरियल “ घर पहुंचा द देवी मैया” में एकटा मैथिली बाजय बाली पात्रक इस्तेमाल केने छलैथ जेकि पूरा सीरियल में मैथिलीये बाजय छलीह। ई भूमिका मैथिल अभिनेत्री मोना राय केने छलीह जेकि खूब चर्चित भेल छलीह। सीरियलक कैमरामेन निशिचन्द्र जी छलैथ जेकि मधुबनी के रहनिहार छैथ।
भोजपुरी सीरियलमें मैथिल अभिनेता ओ अभिनेत्री के काज देबय के अतिरिक्त, राकेश जी सीरियल में समय समय पर कवि कोकिल विद्यापतिक गीतक प्रयोग केने छलैथ जेकि अपने आपमें महत्वपूर्ण अछि। आजुक समयक मांग़ थीक कि सब मैथिल निर्माता ओ निर्देशक अपन फ़िल्म ओ सीरियलमें एहने प्रयोग करैथ आ मैथिल कलाकार के अभिनय प्रतिभा देखाबके अवसर प्रदान करैत। एहन मैथिल पर के नहिं गर्व कय सकैत अछि।
एखन किछु देर पहिने हिनका सं गप शप भेल जाहिके दौरान बड्ड हर्खक संग कहलाह कि वो आब अपन मातॄभूमिके लेल उल्लेख़नीय काज करय चाहैत छैथ। अहि लेळ हिनका पास प्रोजेक्ट छैन आ काज कय रहल छैथ।-------- भास्कर झा
विद्यापति स्मारक पर घडी घण्टा लगाएब समाज सेवाक एकटा उदाहरण (रिपोर्ट सुजीत कुमार झा)
जनकपुरक विद्यापति चौकपर रहल विद्यापति स्मारकमे हेमचन्द्र चौधरीक पुत्र राजेश चौधरी राजु घडी घण्टा लगौलन्हि अछि । ओ घडी घण्टा लगलाक बाद विद्यापति चौकपर भीड लागल रहैत अछि । घडी घण्टा सँ गीतो गबैत छैक सभकेँ उत्सुकता अछि । विद्यापति स्मारकक उद्घाटन समारोहमे तात्कालिन प्रधानमन्त्री शेर बहादुर देउवा घडी घण्टा सरकार लगाओत घोषणा कएने रहथि । सरकारकेँ एकरबाद कतेको बेर घडी लगाबए लेल कहल गेल छल । मुदा ओहि ठाम सँ कोनो प्रयास नहि भेलाक बाद स्थानीय स्तर सँ घडी घण्टा लगाबएकेँ प्रयास शुरु भेल छल । हेमचन्द्र चौधरी विद्यापति स्मारक निर्माण समितिक सदस्य सचिव छलथि । हुनकर इच्छा छलन्हि अपन जिवैतकाल घडी घण्टा लागि जाए । सरकार नहि सही हुनक पुत्र ओ इच्छा पुरा कएलन्हि ।
राजु घडी घण्टा लगा कऽ अपन पिताक इच्छा मात्र पुरा नहि कएलन्हि अछि । एकटा इहो सन्देश गेल अछि जनकपुरवासी सरकारेपर पुरा निर्भर नहि अछि । ओ चाहे तऽ अपनो किछु कऽ सकैत अछि । ई एकटा समाज सेवा सेहो भेल । एहि काजक लेल चौधरी परिवारकेँ प्रशंसा करहे पड़त । संगहि दोसरो युवा सभ जनकपुरक विकासमे योगदान दैक एकर प्रेरणा सेहो देलक अछि ।
कहियो जनकपुर एयरपोर्टक विस्तारक लेल आन्दोलन हएत ? (रिपोर्ट सुजीत कुमार झा)
पोखरामे क्षेत्रीय अन्तराष्ट्रीय विमान स्थल निर्माणक मांग करैत आन्दोलन कऽ रहल पोखरेली पाँच दिन सँ सरकारी कार्यालयक कामकाज अवरुद्ध कएलक अछि । पोखराक जनतासभ एहि मांगकेँ लऽ कऽ करिव दू महिना सँ आन्दोलित अछि । कहियो विमान स्थल ठप्प करैत अछि तऽ कहियो कोदारि खुर्पी लऽ कऽ विमान स्थल अपने विस्तार करय लगैत अछि । पोखराक जनता पुरापुर आन्दोलित भऽ गेल अछि । पोखराक जनताक मांग सरकारो मानएकेँ स्थितिमे पहुँच चुकल अछि । क्षेत्रीय विमान स्थलक बात जनकपुरमे पोखरा सँ पहिने उठल छल । मुदा एहि ठामक जनता चुपचाप रहलाक कारण जनकपुरक बात हेराए लागल अछि ।
जाहि देशमे खाए लेल सेहो आन्दोलन करय पड़ैत अछि ओतए कोनो विकासक बात अपने मोने भऽ जाएत ई सम्भव नहि अछि । चुपचाप रहला सँ काज नहि चलत । जनकपुरमे आन्दोलनो होइत अछि तऽ दोसर जिल्लामे ओ कार्यालय किए स्थापना भेलैक ? मूल मुद्दापर गम्भीर नहि भेलाक कारण एहन स्थिति आएल अछि । फेर जनकपुरक नेतो सभकेँ जे इमान्दारिता देखाबक चाही से नहि भऽ रहल अछि । एहि क्षेत्रक कोनो मन्त्री भऽ गेल ओहि मन्त्रालय सँ जुड़ल कार्यालय आओर अस्तव्यस्त भऽ जाइत जेना एखन स्वास्थ्य मन्त्री जनकपुर क्षेत्रक छथि तऽ ओ मन्त्रालय आओर अस्त व्यस्त अछि । अर्थात कहियो प्रसुति केन्द्र वन्द तऽ कहियो डाक्टरे नहि । पर्यटन मन्त्री सेहो जनकपुर क्षेत्रकेँ नहि भेल छथि से नहि मुदा एयरपोर्ट विस्तारक लेल कोनो काज नहि भेल अछि । की एक बेर जागक नहि चाही ?
यमुना देवी :जितवारपुर सँ जापान तकक यात्रा (रिपोर्ट बी.एन.झा)
मधुबनी लोक -चित्र कला क प्रख्यात शिल्पी स्व - यमुना देवी , अनु- सूचित जातिक पहिल महिला कलाकार भेलिह जे रास्ट्रीय सम्मान सँ सम्मानित भेलीह . तकर बाद शानटी देवी , शिवन पासवान सहित कतेको लोक रास्ट्रीय आ राजकीय सम्मान सँ सम्मानित भेलीह मिथिला लोक -चित्र कला के विश्व-अस्तर पर ख्यापित करबा में हिनक योगदान सराहनीय रहल अछि . यमुना देवी दू बेर जापान गेलीह जत एक बरख रहलीह . जापान में हिनक पेंटिंग खूब लोक प्रिय भेल बिशेष क जापानक वस्त्र -उद्योग क क्षेत्र में . हिनकर घर- आँगन आश्रम सदृश्य लागैत छल जाही ठाम जाति- पाति क कुनो भेद -भाव नहीं छल . सभ जातिक आ सभ वर्ग क महिला लोकनि हिनका सँ पेंटिंग सिखैत छलीह . हम सेहो कखनो काल हिनका लग जाइत छलों आ हिनका संगे पाटिया पर बैसि गप- सप करैत छ्लोऊं . हिनका सेहनता होएत छ्लैंह जे पदमश्री अथवा पद्मभूषण सँ सम्मानित होए . जकर ओ पात्र छलीह . दुखक विषय जे हुनका त नइये भेटलेंह आई तक कुनो अनसुचित जातिक मधुबनी पेंटिंग कलाकार पद्मश्री वा पदमभूषण सँ सम्मानित नहि भेल्हिः आई हुनका अस्मरण करैत शत -शत नमन करैत छी ............................!!!!!!!!!!!!!!!
प्रसिद्ध तबला-नाल वादक साजन राम, मधुबनी नइ रहलाह (रिपोर्ट धीरेन्द्र प्रेमर्षि/ गुंजन श्री)
१.रिपोर्ट धीरेन्द्र प्रेमर्षि
विश्वास नइ भऽ रहल अछि जे हमर साजन भाइ (प्रसिद्ध तबला-नाल वादक साजन राम, मधुबनी) नइ रहलाह। समाचारमे पढलहुँ जे हुनक काल्हि सहरसामे एकटा सडक दुर्घटनामे देहान्त भऽ गेलनि। दुर्घटनामे बेञ्जोवादक राजू सहित अन्य ३ गोटेक सेहो निधन भऽ गेलनि। मैथिली संगीत क्षेत्रकेँ भारी धक्का अछि ई। एहि दुर्घटनामे लोकप्रिय मैथिली गायक कुञ्जबिहारी मिश्र आ गायिका अर्चना सिन्हा गम्भीर घायल छथि। हिनकासभक शीघ्र स्वास्थ्यलाभक कामना करैत छी।
२. रिपोर्ट गुंजन श्री
मैथिलि भाखा में बिद्यापति संगीत के एकटा नीक ऊँचाई पर ले जयबा में और common wealth game में बिद्यापति संगीत प्रस्तुत केनिहार सुप्रसिद्ध गायक "श्री कुञ्ज बिहारी मिश्र" काल्हिखन सहरसा कार्यक्रम में जयबा काल रास्ट्रीय-राजमार्ग पर एकटा साइकल सवार के बचाबय के क्रम गंभीर रूप घायल भ' गेलाह अछि और DMCH में भरती छैथ और गाड़ी में सवार महिला कलाकार के पटना PMCH रेफर कैल गेल अछि आ
नाल बादक "श्री साजन राम" और बेन्जो बादक "श्री राजू जी" के देहांत भ' गेलैंह,,..
कुञ्ज बिहारी मामा एखन स्वस्थ भ रहल छैथ,...
मृतात्मा के सादर श्रधांजलि, और
घायल कलाकार सबके शीघ्र स्वस्थ होबय के कामना.....
विश्वास नइ भऽ रहल अछि जे हमर साजन भाइ (प्रसिद्ध तबला-नाल वादक साजन राम, मधुबनी) नइ रहलाह। समाचारमे पढलहुँ जे हुनक काल्हि सहरसामे एकटा सडक दुर्घटनामे देहान्त भऽ गेलनि। दुर्घटनामे बेञ्जोवादक राजू सहित अन्य ३ गोटेक सेहो निधन भऽ गेलनि। मैथिली संगीत क्षेत्रकेँ भारी धक्का अछि ई। एहि दुर्घटनामे लोकप्रिय मैथिली गायक कुञ्जबिहारी मिश्र आ गायिका अर्चना सिन्हा गम्भीर घायल छथि। हिनकासभक शीघ्र स्वास्थ्यलाभक कामना करैत छी।
२. रिपोर्ट गुंजन श्री
मैथिलि भाखा में बिद्यापति संगीत के एकटा नीक ऊँचाई पर ले जयबा में और common wealth game में बिद्यापति संगीत प्रस्तुत केनिहार सुप्रसिद्ध गायक "श्री कुञ्ज बिहारी मिश्र" काल्हिखन सहरसा कार्यक्रम में जयबा काल रास्ट्रीय-राजमार्ग पर एकटा साइकल सवार के बचाबय के क्रम गंभीर रूप घायल भ' गेलाह अछि और DMCH में भरती छैथ और गाड़ी में सवार महिला कलाकार के पटना PMCH रेफर कैल गेल अछि आ
नाल बादक "श्री साजन राम" और बेन्जो बादक "श्री राजू जी" के देहांत भ' गेलैंह,,..
कुञ्ज बिहारी मामा एखन स्वस्थ भ रहल छैथ,...
मृतात्मा के सादर श्रधांजलि, और
घायल कलाकार सबके शीघ्र स्वस्थ होबय के कामना.....
Friday, September 21, 2012
Thursday, September 20, 2012
अमित रंजन (अमित रंजन केँ विदेह नृत्यकला सम्मान- २०१२ देल गेल। बेचन ठाकुर हुनकासँ साक्षात्कार लेलनि।)
अमित रंजन (अमित रंजन केँ विदेह नृत्यकला सम्मान- २०१२ देल गेल। बेचन ठाकुर हुनकासँ साक्षात्कार
लेलनि।)
बे.ठाकुर- अहाँकेँ ऐ कार्यक प्रति रुचि केना आ कहियासँ जगल?
अमित- जखन हम सभ कोइकेँ मंचपर नृत्य करैत देखलौं तँ
हमरा इच्छा भेल जे एना हमहूँ करितौं। 2005 ई.क ओ समए रहए।
बे.ठाकुर- ऐ कार्य करबामे अहाँकेँ के प्रोत्साहित करैत अछि?
अमित- श्री बेचन ठाकुर जीक प्रोत्साहन हमरा सभकेँ
भेटैत रहल अछि। ओ हमर गुरुजी सेहो छथि।
बे.ठाकुर- पहिल बेर कोन कृति/ काजसँ अहाँ आरम्भ केलौं आ कहियासँ?
अमित- पहिल बेर हम गीत गेलौं। स्कूलमे। शुरूमे बेसी
गीते गबैत छलौं। धीरे-धीरे नृत्यमे सोहो भाग लिअए लगलौं। ओना हमरा नृत्यमे बेसी
प्रत्साहन भेटल।
बे.ठाकुर- अहाँ अपन काजमे १.“सोच”, २.“कोनो पुरान वा नव लीख” वा ३ “शिल्प” ऐ तीनूमे सँ केकरा प्रधानता दै छी?
अमित- हम ऐ तीनूमे सोचकेँ बेसी प्रधान्ता दइ छी।
बे.ठाकुर- अहाँ अपन काजक दिशाकेँ, रूपकेँ एक पाँतिमे कोन रूपमे वर्णन करब।
अमित- हम अखन बी.ए. पार्ट-वनमे पढ़ैत छी। हिन्दी
ऑनर्स अछि। दसमामे मैथिली एच्छिक विषयमे पढ़ने छी। मैथिलीसँ प्रेम अछि।
मौका भटैत रहत तँ आरो किछु-किछु करैत रहब।
बे.ठाकुर- अहाँ जइ विधामे लागल छी ओकर की व्यक्तिगत विशेषता छै, ई ऐ क्षेत्रमे कार्यरत दोसर लोकक काजसँ कोन अर्थे भिन्न छै?
अमित- संगीसँ सिनेह अछि। गबैयोमे बड्ड मन लगैए।
बे.ठाकुर- की अहाँक काज अहाँक जीवन-यापनक काजमे, घरेलू काजमे बाधा होइए वा सहायता पहुँचाबैए?
अमित- हमर जीवन-यापनमे घरेलू काज कोनो महत्वपूर्ण नइए।
हम ओइ सभसँ अलग छी। खाली पढ़ै-लिखैक रहैए। तँए हमरा कोनो बाधा नै अछि। घरसँ बहुत
सहायता भेटैए।
बे.ठाकुर- अहाँ अपन आन रुचिक विषयमे बताउ।
अमित- संगीसँ सिनेह अछि। गबैयोमे बड्ड मन लगैए।
परिचए- श्री अमित रंजन, पिताक
नाअों- श्री नागेश्वर कामत, गाम- पौराम, पोस्ट- चनौरागंज, भाया- झंझारपुर, जिला-
मधुबनी, बिहारक स्थायी निवासी छथि। १८ वर्षीय अमित १२म कक्षाक छात्र छथि।
अनुमण्डल स्तरपर नृत्यकलामे हिनका प्रथम पुरस्कार भेटल छन्हि। जे.एम.एस.
कोचिंग सेन्टर, चनौरागंजक प्रांगणमे आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रममे नृत्य
लेल सराहल जाइत रहला अछि। विदेह नृत्यकला सम्मान- २०१२ सँ सम्मानित करैत विदेह
परिवार प्रसन्नता महसूस करैत अछि।
यदुनन्दन पंडित, (यदुनन्दन पंडित केँ विदेह शिल्प कला सम्मान- २०१२देल गेल। बेचन ठाकुर हुनकासँ साक्षात्कार लेलनि।)
यदुनन्दन पंडित, (यदुनन्दन पंडित केँ विदेह शिल्प कला सम्मान- २०१२देल गेल। बेचन ठाकुर हुनकासँ साक्षात्कार
लेलनि।)
बे.ठाकुर- अहाँकेँ ऐ कार्यक प्रति रुचि केना आ कहियासँ जगल?
य.पंडित- हम ई काज माने मुर्ति बनेनाइ आ कुम्हारक जे
वर्तन होइए, बच्चेसँ यानी कि ताबए दसे बरखक रही तहियेसँ करै छी। ई काज हमर पिताजी
आ नानासँ सिखलौं।
बे.ठाकुर- ऐ कार्य करबामे अहाँकेँ के प्रोत्साहित करैत अछि?
य.पंडित- ऐ कार्य करबामे हमरा ग्राहकक संतुष्टि आ जश
प्रोत्साहित करैए।
बे.ठाकुर- पहिल बेर कोन कृति/ काजसँ अहाँ आरम्भ केलौं आ कहियासँ?
य.पंडित- शुरूमे हम छोट-छोट काज जेना हाथी बनेनाइ,
घोड़ा बनेनाइ शंकरजी, सरस्वती मूर्ति इत्यादिसँ काज शुरू केलौं यएह सभ प्रथम
काजमे अछि हमर। ओइ समैमे हम लगभग चौदह बर्खक रही।
बे.ठाकुर- की अहाँक काज अहाँक जीवन-यापनक काजमे, घरेलू काजमे बाधा होइए वा सहायता पहुँचाबैए?
य.पंडित- हमर काज हमरा जीवन-यापनक काजमे सहायता
पहुँचाबैए। चूकि ई काज हमरा समाजक जन्मजात वृत्ति अछि। ऐ काजसँ पूरा परिवारक
भरन-पोषन होइए। ई हमर जीविका छी।
परिचए- श्री यदुनन्दन पण्डित, पिताक
नाओं- श्री अशर्फी पण्डित, गाम+पोस्ट- बेलाराही, भाया- झंझारपुर, जिला- मधुबनी (बिहार)
केर स्थायी निवासी छथि। उम्र ५० बर्ख। हिनका बचपनसँ कुम्हारक कार्यमे अभिरूचि
छन्हि। माटिक बर्तन-बासन आदिक अतिरिक्त विभिन्न देवी-देवताक मूर्ति
बनेबामे सिद्धस्त छथि। उक्त कलासँ ई इलाकामे प्रसिद्ध छथि। सरस्वती सनक
देवीकेँ दूगो हाथ काटैबला कुम्हारकेँ कलाक संग मजाक बुझै छथि, मुदा अपने चारि हाथवाली प्रतिमा बना अपन क्षेत्रमे प्रसिद्धि हासिल
कएने छथि। विदेह शिल्प कला सम्मान- २०१२ सँ सम्मानित कऽ विदेह परिवार
हर्षित अछि।
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