जितेन्द्र झा- नेपालक राजनीतिक अबस्थासँ उपजल –ग्लानि
नेपालक राजनीतिक अबस्थासँ उपजल –ग्लानि-
मैथिली भाषामे उपन्यास विधामे न्युन रचना भऽ रहल कहैत साहित्यकारसभ चिन्ता व्यक्त कएलनि अछि । नेपालसँ मैथिलीमे एखन धरि मात्र चारिटा उपन्यास प्रकाशित भेल कहैत साहित्यकारलोकनि औपन्यासिक कृति लेखन आ प्रकाशन नइँ हएब दुखद रहल मन्तव्य व्यक्त कएलनि अछि ।
राजेश्वर ठाकुर रचित ग्लानि मैथिली राजनीतिक लघु उपन्यासके साओन २७ गते राजधानीक भृकुटीमण्डपमे आयोजित कार्यक्रममे विमोचन कएल गेल । प्राज्ञ रामभरोस कापडि ‘भ्रमर’ ठाकुरक प्रथम कृति ग्लानिके विमोचन कएलनि । भ्रमर नेपालीय मैथिली साहित्यकार उपन्यास रचना करबादिस रुचि नइँ देखौने छथि कहलनि । नेपालमेँ कुल १ सय पचासटा मैथिली पुस्तक प्रकाशित अछि जाहिमे उपन्यासक संख्या मात्र चारि रहल हुनक कहब छलनि । उपलब्ध चारिटा उपन्याससेहो आह्लादकारी नइँ रहल टिप्पणी भ्रमरके छलनि ।
राजेश्वर ठाकुर ग्लानिक सम्बन्धमे कहलनि जे उपन्यासक प्रमुख पात्र रमेश अछि जे मधेश आ मधेशीके हक अधिकारके लेल लडऽ चाहैत अछि । गजेन्द्र बाबुके मधेश आन्दोलनमे रमेश नौकरी छोडिकऽ कुदि जाइत अछि मुक्ति कामनाक सँग । पहाडिया शासन प्रवृतिक विरोधीक रुपमे आगु बढैत रहैत अछि रमेश । मुदा सत्ता लिप्सामे डुबि जाइत अछि राजनीतिक व्यक्तित्वसभ । एहन अबस्थामे रमेशके ग्लानि उत्पन्न होइत छैक आ लघु उपन्यासक जन्म होइत अछि ।
ओही अवसरमे मन्तव्य दैत डा रामदयाल राकेश राजेश्वर ठाकुरक ग्लानि कृतिसँ मैथिलीक उपन्यास साहित्यमे एकटा नव अध्याय जुडल कहलनि । कार्यक्रममे सहभागीसभ नेपालीय मैथिलीमे उपन्यास विधामे कलम चलएबादिस साहित्यकारसभके लगबाक आग्रह कएने रहथि । कार्यक्रममे डा गंगा प्रसाद अकेला गोपाल अश्क संचारकर्मी चन्द्रकिशोर झा सहितके व्यक्ति सहभागी रहथि । (साभार विदेह: www.videha.co.in )
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