Friday, August 19, 2011

सुजीत कुमार झा जनकपुरमे कोजागरा महोत्‍सव

सुजीत कुमार झा

जनकपुरमे कोजागरा महोत्‍सव


महोत्‍सव केँ आइ काल्‍हि फैशन चलि आएल अछि । लोककेँ आकर्षित करवाक लेल
महोत्‍सव शब्‍द बेर–बेर प्रयोग होइत आएल अछि । जनकपुरमे मात्र वर्षमे मिथिला
महोत्‍सव, होली महोत्‍सव, जुड़शीतल महोत्‍सव, झुलन महोत्‍सव, विवाह पञ्‍चमी
महोत्‍सव, कोजागरा महोत्‍सव, कि कि महोत्‍सव होइत अछि । दर्शक तनवाक लेल
किया नहि होउ महोत्‍सव नाम जोड़ला सँ एकटा आकर्षण अवश्‍य बढल अछि
इलेक्‍ट्रोनिक मिडिया सँ आबद्ध पत्रकार रामअशिष यादव कहैत छथि ।
कोजागरा महोत्‍सव

कोजागरा समान्‍यतया नव विवाहितकेँ घरमे होइत अछि । जाहि साल विवाह भेल
ओहि साल मात्र बरक घरमे कोजागरा होइत अछि । मुदा अहिठाम तऽ बरक घरमे जे
होइत अछि से हेबे करेत अछि मुदा प्रसिद्ध धार्मिक स्‍थल जानकी मन्‍दिरमे जे
होइत अछि से देखय लाइक रहैत अछि । कोजागराक अवसरपर जानकी मन्‍दिरमे मखान,
खाजा, लड्डुक भार अबैत अछि आ फेर भगवानकेँ चुमाओन होइत अछि ।
चुमाओन देखवाक लेल मन्‍दिर प्राङ्गणमे हजारो केँ भीड़ रहैत अछि । जानकी
मन्‍दिरक महन्‍थ रामतपेश्‍वर दास वैष्‍णवक अनुसार चुमाओनक दृश्‍य देखवाक लेल
आगामे बैसवाक लेल लोक दिनमे मन्‍दिरमे पहुँच जाइत अछि ।
ओहि ठाम महिलासभ घण्‍टो गीत गबैत छथि फेर हास परिहासक कार्यक्रम सेहो
होइत अछि । जानकी मन्‍दिरक महन्‍थ दास कहैत छथि – लोकक घरमे कहाँ एतेक हास
परिहास होइत अछि । विधक बाद तऽ हमरा स्‍नानो करय परैत अछि । ततेक लोक
दही लगा दैत अछि । कोजागरा दिन मखान चढावयबलाकेँ सेहो अबेर रातिधरि
मन्‍दिरमे भीड़ लागल रहैत अछि ।
भारक परम्‍परा सय वर्ष सँ बेसी पुरान
जानकी मन्‍दिरमे भारक परम्‍परा एक सय सात वर्ष सँ निरन्‍तर चलैत आवि रहल अछि ।
महोत्तरीक रतौली गामक ब्रह्‍मदेव ठाकुरक घर सँ १ सय १ टा भार प्रत्‍येक वर्ष
अबैत अछि । ओ सभ दशमी शुरु होइते कोजागराक भार साठयकेँ लेल तैयारी शुरु
कऽ दैत छथि । ठाकुुर कहैत छथि– भार संगे छोट सँ लऽ कऽ बड़काधरि घरक सभ
सदस्‍य पहुँचैत छी । घरक कोनो सदस्‍य बाहरो कमाई छथि ओहोसभ कोजागरा
महोत्‍सवमे सहभागि होवयकेँ लेल चलि अबैत छथि ।
फेर भार पुरे परम्‍परागत शैलीमे मन्‍दिरमे पठाओल जाइत अछि । भरियाक परम्‍परा
क्रमशः मिथिलामे हटय लागल समयमे सेहो दर्जनो भरियाकेँ कोजागरामे जानकी
मन्‍दिरमे लऽ जायत देखल जा सकैत अछि । ब्रह्‍मदेव ठाकुर कहैत छथि–अन्‍य काल
एकोटा भरिया तैयारी नहि होएत मुदा जानकी मन्‍दिरमे जायकेँ लेल तऽ मारि
करय लैत अछि ।
घरोकेँ कोजागरामे कम आकर्षण नहि
मन्‍दिरमे कोजागरा महोत्‍सव होइत अछि तऽ घरमे होवयबला कोजागराक आकर्षण
समाप्‍त भऽजाइत हैत से नहि घरोसभमे सेहो ओतवे उत्‍साह संग कोजागरा होइत
अछि । जनकपुरक पण्‍डित विद्यानन्‍द झा कहैत छथि–जाहिना मन्‍दिरक कोजागरामे
भव्‍यता आएल अछि तहिना घरक कोजागरामे । लोक मखान बटैत अछि, भोज करैत
अछि कि कि होइत अछि कि कि नहि ।
आब तऽ गाम–गाममे अहि अवसरपर नाटक सभ सेहो होवय लागल अछि ।(साभार विदेह www.videha.co.in)

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