नूतन झा; गाम : बेल्हवार, मधुबनी, बिहार; जन्म तिथि : ५ दिसम्बर १९७६; शिक्षा - बी एस सी, कल्याण कॉलेज, भिलाई; एम एस सी, कॉर्पोरेटिव कॉलेज, जमशेदपुर; फैशन डिजाइनिंग, एन.आइ.एफ.डी., जमशेदपुर।“मैथिली भाषा आ' मैथिल संस्कृतिक प्रति आस्था आ' आदर हम्मर मोनमे बच्चेसॅं बसल अछि। इंटरनेट पर तिरहुताक्षर लिपिक उपयोग देखि हम मैथिल संस्कृतिक उज्ज्वल भविष्यक हेतु अति आशान्वित छी।”
मिथिलांचलक भ्रातृद्वितीया
भ्रातृद्वितीया हिन्दु समाज मे प्रचलित पाबनि अछि । मिथिलांचल मे सेहो अकर विशिष्ट महत्व अछि । कार्तिक मास मे शुक्ल पक्ष के द्वितीया तिथि क ई पाबनि मनाओल जाइत अछि । ई दिन भाय - बहिनक अटूट प्रेम के समर्पित होइत अछि । अहि पाबनि सऽ जुड़ल एक पौराणिक कथा अछि जाहि अनुसारे जमुना अप्पन भाय यम के अहि दिन नोतने रहैथ । बहिन सब अप्पन भाय के पूजा करैत छथि । बहिन अपन घरक ऑंगन नीप कऽपीठार सऽ षष्ठदलक अड़िपन बनाबैत छैथ । भाय के आसन अथवा पीढ़ी पर बैसाबैत छैथ । अड़िपन पर एक गोट बाटी राखै छैथ ।लोटा मे अछिंजल लैत छैथ । पूजा के लेल छह गोट कुम्हरक फूल, पिठार, सिन्दूर, छह गोट डॉंट सहित पानक पात, छह गोट सुपाड़ी, दुनु प्रकारक इलायची आर हरीर आवश्यक होइत अछि । कुम्हरक फूल नहिं भेटला पर गेंदाक फूल सऽ काज लेल जाईत अछि ।
बहिन अपन भाय के आसन पर बैसाकऽ पिठार आ सिन्दूर सऽ तिलक करैत छैथ । तकर बाद भाय दुनु कर पसारिकऽ बाटिक ऊपरि राखैत छैथ आ' बहिन भाय के हाथ मे पिठार सिन्दूर सहित पूजाक सब सामग्री राखैत छथि । पुन जलसॅं भायके हाथ धो दैत छैथ । जलसऽ हाथ धोईत काल बहिन निम्नलिखित फकरा गाबैत छथि
''यमुना नोतली यम के़ हम नोतै छी भाय के,
जते दिन यमुनाक धार रहै तते दिन भाय के अरूदा रहै"
तकर बाद बहिन अपन भाय के वैभवानुसार उपहार दैत छथि । मान्यता अछि जे ई पूजा करै वाली स्त्री वैधव्य एवम् अन्य क्लेश सऽ दूर रहैत छथि ।बचपन मे जतऽ ई पाबनि बहिन सभ लेल उपहारक लालसा आ' भाई सभ लेल पूजा कराबऽ के खुशी दैत अछि ओतई पैघ भेलापर ई पाबनि भाय बहिन के भेंट करबाक अवसर बनि जाईत अछि ।(साभार विदेह www.videha.co.in)
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