जितेन्द्र झा
महाकवि विद्यापति अक्षयकोष
नेपालमे मैथिली भाषा, संस्कृतिक संरक्षण, सम्बर्द्धनमे सरकार कतेक उदासिनताक नमूना बनल अछि महाकवि विद्यापति अक्षयकोष । एहिकोषक दयनीय अबस्था बयान कऽरहल अछि जे सरकारी संयन्त्र कतेक संवेदनशील अछि नेपालमे सभसं बेशी बाजल जाएबला दोसर भाषा मैथिलीक लेल ।
नेपाल सरकारे गत आर्थिक वर्ष व़ि स़ ०६६/०६७ क बजेटमे १ करोड टका अलग कएलक विद्यापति अक्षयकोषलेल । जकर उद्देश्य छल अक्षयकोषक स्थापना आ मैथिली भाषाक विकासमे योगदान कएनिहारके पुरस्कृत करब ।
नेपाल सरकार पहिल बेर बजेट भाषण मार्फत विद्यापतिक सम्मानमे एहि तरहक कोष स्थापनाक घोषणा कएने छल । मूदा बजेट भाषणक १७ महिना बितिगेलाकबादो अक्षयकोषक स्थापना नईं होब सकल अछि । संस्कृति मन्त्रालय अक्षय कोषक भार टारऽ लेल १ करोड राशि बृहत्तर जनकपुर क्षेत्र विकास परिषद्क जिम्मा लगा देने अछि । बृहत्तर जनकपुर क्षेत्र विकास परिषद् संस्कृति मन्त्रालय अन्तर्गतके एकटा कार्यालय अछि जे धनुषा आ महोत्तरी जिलाक धार्मिक तथा ऐतिहासिक सम्पदा संरक्षण करबाक उद्देश्यसं स्थापित अछि ।
संस्कृति मन्त्रालय अक्षयकोषक काज बृहत्तर जनकपुर क्षेत्र विकास परिषद् करत से कहैत कानमे रुइतेल धऽ कऽ सूतिरहल अछि । भाषा संस्कृतिक विकासक सरकारी ठेकेदार संस्कृति मन्त्रालयक अकर्मन्यतासं अक्षयकोष स्वरुप नईं ल सकल अछि ।
संगीत तथा नाट्य प्रज्ञा प्रतिष्ठानक प्राज्ञ रमेश रञ्जन कहैत छथि र्अक्षयकोषक राशि फ्रिज होएवाक अबस्थामे पहुंचलाकवाद मन्त्रालय बृहत्तर जनकपुर परिषद्क खातामे पाई पठओलक । एखन बृहत्तर जनकपुर क्षेत्र विकास परिषद् आ संस्कृति मन्त्रालयक सझिया खातामे कोषक राशि राखल अछि ।
सिमित दायरा रहल जनकपुर क्षेत्र विकास परिषद्मे कोषक राशि पठाओल जएबाक आलोचना सेहो भऽ रहल अछि । परिषद् समग्र मैथिली भाषीक प्रतिनिधित्व नहि करैत अछि कहैत छथि कोषक पूर्व अध्यक्ष रामचन्द्र झा । झा कहैत छथि परिषद् सभक भावनाके नहि समेटि सकैत अछि । विद्यापति अक्षयकोषक उद्देश्य मैथिली भाषामे योगदान कएनिहारके पुरस्कृत करबाक अछि । बृहत्तर दू जिलामे लक्षित कार्यक्रम करैत अछि, एहनमे बृहत्तरके अक्षयकोष स्थापनाक जिम्मा देनाइ औचित्यहीन रहल भाषा संस्कृतिविद्सभ कहैत छथि ।
परिषद् भ्रष्टाचारमे डुबिगेल आरोप लागि रहल समयमे कोष मूर्त रुप लऽ सकत या नहि कहब कठिन अछि । कोष आकार ग्रहण करए ताहिके लेल संस्कृति मन्त्रालयके कार्यविधि बनाबऽ पडतै, जाहिलेल एखनधरि कोनो काज शुरु नहि भेल अछि । कोषक कार्यविधि आ निर्देशिका नईं भेलाक कारणें कोषक पाई सरकारी खाताक शोभा मात्र बढा रहल अछि । कोषक १ करोड राशि बैंकमे रखैत काल बेशी ब्याज देनिहार बैंकके नहि चुनल गेल कहैत छथि प्राज्ञ रञ्जन । बैंकसभमे पाइके अभाव रहल अबस्थामे बेशी ब्याज लेल बार्गेनिंग हएबाक चाही छल, मुदा मन्त्रालय मनमौजी काठमाण्डू स्थित एक निजी बैंकके शाखामे पाइ राखिदेलक ।
संस्कृति मन्त्रालयक सचिव मोदराज डोटेल कोषक राशि बैंकमे सुरक्षित रहल प्रतिक्रिया देलनि । अक्षयकोषलेल कार्यविधि बनबाक प्रकृया शुरु भऽ गेल डोटेल जनतब देलनि ।
मैथिली भाषाक महाकवि विद्यापति नेपालक राष्ट्रिय विभूति भेलाकबादो हूनक परिचय स्थापित नहि होब सकल अछि । मैथिली भाषा आ संस्कृति लेल बजेटक अभाव रहल समयमे विद्यापति कोष सेहो अनिर्णयके बन्दी भऽ गेल अछि ।
विद्यापति स्मृति पर्वपर मैथिली भाषा संस्कृति उत्थानक भाषण त बहुत देल करैत छथि कथित बौद्धिक वर्ग । एहिबेरके स्मृति पर्व सेहो ओहने भाषणसभसं बितिगेल ।
महोत्तरी जिलाक बनौलीमे बर्षोसं निर्माणाधीन विद्यापतिद्वार एखनोधरि टकटकी लगौने ठाढ अछि । विद्यापति स्मृति दिवसमे जनकपुरक विदापति चौकपर रहल विद्यापति स्मारकमे घडी रखवाक भाषण सबनेता देलकरैत अछि ,मुदा दशो वर्षक अन्तरालमे घडी लगेवाक कुवत किनको नईं भेलन्हि अछि । भोटक समयमें मैथिली भाषा संस्कृतिक रक्षा एवं विकासक वाचा केनिहार नेतासब मात्र नइभ विद्यापतिक नामपर पेट पोसनिहार सेहो दोषी अछि एहिमे । विद्यापति स्म्ृत्ति पर्व पिण्डदानक पर्व मात्र बनिक रहिगेल अछि । (www.videha.co.in साभार विदेह)
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