Monday, August 29, 2011

भट्टराई नेपालक नव प्रधानमंत्रीं

-भट्टराई नेपालक नव प्रधानमंत्रीं
-माओवादी नेता डा. बाबूराम भट्टराई नेपालक नव प्रधानमंत्री चुनल गेलाह
-नेपाली कांग्रेसक प्रतिद्वंद्वी रामचंद्र पौडेलकेँ हरेलन्हि

Sunday, August 28, 2011

दलित बच्ची सिमरन आ इकड़ा पियेलन्हि नारिकेल पानि आ मधु अन्नाकेँ- अन्ना तोड़लन्हि अनसन

-अन्ना तोड़लन्हि अनसन
-दलित बच्ची सिमरन आ तुरकमान गेट दिल्लीक इकड़ा पियेलन्हि नारिकेल पानि आ मधु अन्नाकेँ
-३०० घण्टासँ बेशी पानि पीबि कऽ रहलथि अन्ना
-मात्र आधा लड़ाइ जीतल गेल अछि
-अन्ना दू-तीन दिन लेल स्वास्त्य कारणसँ जएताह अस्पताल
-आइ २८ अगस्त २०११ साँझ ६ बजे इण्डिया गेटप, दिल्ली पर जश्न

स्थायी समिति अध्यक्ष अभिषेक मनु सिंघवी- कोनो समय सीमा नै, मुदा जल्दी हएत काजक निपटारा

-"सेन्स ऑफ रेसोल्युशनक" दुनू सदन द्वारा पास हेबाक भारतीय प्रधान मंत्री मनमोहन सिंहक चिट्ठी काल्हि (२७ अगस्त २०११) रातिमे अन्नाकेँ देल गेल
-अन्ना रामलीला मैदानक मंचपर २७ अगस्त २०११ आबि गेल छथि,किछुए कालमे दस बाजिते तोड़ताह अनसन
-तीनू मुख्य मांग (१. राज्य सभमे लोकायुक्त सेहो बनाएल जाए२.सभ विभागमे जन समस्या लेल सिटिजन चार्टर बनाएल जाए३. केन्द्र सरकारक ऊपरसँ नीचाँ सभ कर्मचारी आ राज्यक सभ कर्मचारीकेँ एकर अन्तर्गत आनल जाए)३१ सदस्यक "विधि आ न्यायक" संसदीय स्थायी समिति, जकर अध्यक्ष अभिषेक मनु सिंघवी छथि, आ जइमे कांग्रेसक ७ सदस्य छथि,लग पठाओल जाएत
-स्थायी समिति अरुणा रॉयक "नेशनल कैम्पेन फॉर पीपुल्स राइट टू इनफॉर्मेशन"क संग ७ सितम्बर २०११ केँ बैसकी करत
-देश द्वारा हमरा सभपर देल ई महत्वपूर्ण कार्य- कहलन्हि अभिषेक मनु सिंघवी
-स्थायी समिति विज्ञापन द्वारा सेहो मांगलक अछि सुझाव
-कोनो समय सीमा नै, मुदा जल्दी हएत काजक निपटारा- कहलन्हि अभिषेक मनु सिंघवी

Saturday, August 27, 2011

जन लोकपालक प्रस्तावपर लोकसभा आ राज्यसभामे सहमति

-प्रणव मुखर्जीक लोकपालक प्रस्तावपर लोकसभा आ राज्यसभामे सहमति, तीन मुख्य मांगपर सहमति,सिविल सोसाइटीक ४० मे ३४ प्रस्ताव पर पहिनहिये सरकार सहमत
-सर्वसम्मतिसँ प्रस्ताव बेंच थपथपा क' स्वीकृत, लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार "टाइम्स नाउ" टी.वी. चैनलपर एकरा ध्वनिमत द्वारा पास होएब कहलन्हि
-केंद्रीय कानून मंत्री सलमान खुर्शीद कहलन्हि जे दुनू सदन सर्वसम्मति द्वारा प्रस्ताव पारित केलक
-स्थायी समितिकें संसदक कार्यवाही पठाओल जाएत, ओना स्थायी समिति लेल ई बाध्यकारी नै
-बिन मतदान लोकसभा स्थगित
-तीन मुख्य मांग (१. राज्य सभमे लोकायुक्त सेहो बनाएल जाए२.सभ विभागमे जन समस्या लेल सिटिजन चार्टर बनाएल जाए३. केन्द्र सरकारक ऊपरसँ नीचाँ सभ कर्मचारी आ राज्यक सभ कर्मचारीकेँ एकर अन्तर्गत आनल जाए)  पर स्थायी समिति विचार करत
-सदन सहमत अछि सैद्धांतिक रूपमे तीनू मुद्दासँ
-सशक्त लोकपालक पक्षमे अछि सदन
-अन्नाक गाम रालेगान सिद्धिमे खुशी
-किरण बेदी आ मेधा पाटकर दुनू गोटे कहलन्हि जे अन्ना काल्हि २८ अगस्तक भोर मे अनसन तोड़ताह

काल्हि दस बजे (२८ अगस्त २०११ केँ) अन्ना हजारे डॉ. नरेश त्रेहनक उपस्थितिमे अनशन तोड़ताह

-प्रस्ताव पास हेबाक अछि इन्तजार, प्रणव मुखर्जीक संसदमे अपील, चर्चा जल्दी खतम हुअए, प्रस्ताव अछि तैयार, ध्वनिमतसँ दुनू सदनसँ लेल जाएत मंजूरी
-मुख्य तीन मांग मानलक सरकार (१. राज्य सभमे लोकायुक्त सेहो बनाएल जाए२.सभ विभागमे जन समस्या लेल सिटिजन चार्टर बनाएल जाए३. केन्द्र सरकारक ऊपरसँ नीचाँ सभ कर्मचारी आ राज्यक सभ कर्मचारीकेँ एकर अन्तर्गत आनल जाए)

-अहिंसाक जीत, आइ अनसनक बारहम दिन भेल घोषणा
- शान्ति भूषण केलन्हि एलान
-किरण बेदी ट्विटरपर ट्वीट सेहो केलन्हि
-काल्हि दस बजे अनसनक तेरहम दिन (२८ अगस्त २०११ केँ) अन्ना हजारे डॉ. नरेश त्रेहनक उपस्थितिमे अनशन तोड़ताह
-कारण अन्ना रातिमे अनसन नै तोड़ै छथि

कटिहारमे ट्रेन आटो टक्कर - चालक जख्मी

आजमनगर ,कटिहारमे ट्रेन आटो टक्कर
- चालक जख्मी

-आजमनगर-राघोल मार्गक बलसमा समपारपर ४०८३ महानंदा एक्सप्रेससँ टक्कर
-ऑटो चालक अजय चौधरी घायल

बहादुरगंज (किशनगंज)झीगाकांटा हाटमे एकटा विक्षिप्त कुड़हरिसँ चाह दोकानदार मुख्तार आलम ५० बर्ख,केँ मारलक

बहादुरगंज (किशनगंज)झीगाकांटा हाटमे एकटा विक्षिप्त कुड़हरिसँ चाह दोकानदार मुख्तार आलम ५० बर्ख,केँ मारलक
-उग्र भीड़ द्वारा मंगला नाम्ना विक्षिप्तक पिटाइ

अररिया: दूटा हत्या

अररिया: दूटा हत्या
अररिया: सिकटी थाना, अररियामे बिन टोला निवासी सूमो चालक अवधेश महतोक हत्या, सूमो गाड़ी लऽ कऽ अपराधी फरार
-महलगांव थानामे बरडेंगा निवासी मो. आशिफक हत्या
-सूमो चालकक हत्याक विरोधमे वाहन चालक आ स्थानीय लोक द्वारा शव संग प्रदर्शन राजमार्ग ५७ जाम

सुपौलक सरायगढ़-भपटियाही प्रखंडमे कटैयासँ भपटियाही बाजार आबि रहल एकटा नौका कोसी नदीमे डूमि गेल

सुपौलक सरायगढ़-भपटियाही प्रखंडमे कटैयासँ भपटियाही बाजार आबि रहल एकटा नौका कोसी नदीमे डूमि गेल
-बारह सवारीमे सात बचलाह
-चारि गोटे लापता
- एकटा मृत शव बरामद

नवनियुक्त डीजीपी अभ्यानंद सिंहेश्वर ,मधेपुरा सपत्‍‌नीक बाबा सिंहेश्र्वर मंदिर मे तीन घंटा धरि रुद्राभिषेक केलन्हि

नवनियुक्त डीजीपी अभ्यानंद सिंहेश्वर ,मधेपुरा सपत्‍‌नीक बाबा सिंहेश्र्वर मंदिर मे तीन घंटा धरि रुद्राभिषेक केलन्हि
-कहलन्हि नीक पुलिसिया वएह जे होअए नीक मनुक्ख

मनसाही कटिहार मुफस्सिल थानाक उदामारेखा गाममे अपराधी सभकेँ गामक लोक भगा देलक


मनसाही कटिहार मुफस्सिल थानाक उदामारेखा गाममे अपराधी सभकेँ गामक लोक भगा देलक
-एकटा कथित अपराधीकेँ पीट कऽ मारलक, ओ तिनगछियाक बजरंगी साह छल
-मरैत काल ओ अपन संगी सभक नाम बतेलक
- भागैत काल अपराधी सभ बम फोड़लक जइसँ किछु ग्रामीण घायल भेलाह

मधेपुरा उदाकिशुनगंजमे रामपुर खोड़ा गामक दूटा बच्चा नदीमे डूमि कऽ मृत

मधेपुरा उदाकिशुनगंजमे रामपुर खोड़ा गामक दूटा बच्चा नदीमे डूमि कऽ मृत
-एक्के परिवारक तीन टा बच्चा हरैली नदीमे स्नान करैत काल डूमल
-दूटा बच्चा मरि गेल तेसरक हालत गंभीर
-प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रमे भर्ती
- बीन टोलीक नवल महतोक पुत्र सौरभ, रघुनी महतोक पुत्र बुलेट आ रीतेश हरैली नदीमे स्नान करबा लेल गेल छल
-सौरभ १२ बर्ख आ बुलेट १३ बर्खक मृत्यु

केरल आ आंध्र प्रदेश जकाँ ग्रामीण विकास विभाग बिहारक नक्सल प्रभावित सात जिलामे आजीविका कार्यक्रम चलाएत

-केंद्रीय ग्रामीण विकास आ पेयजल मिशन मंत्री जयराम रमेश मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आ ग्रामीण विकास विभागक अधिकारीक संग बिहारमे केंद्रीय सहायतासँ चलि रहल ग्रामीण विकास योजनाक समीक्षा केलन्हि

-फैसला - प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनाक कोर नेटवर्कसँ संबंधित सड़कपर ग्रामीण विकास मंत्रालय १५ सितंबर धरि अंतिम निर्णय लेत
- देशमे ९० हजार करोड़ टाका ग्रामीण विकासपर खर्च होइत अछि आ ऐ मे सँ नौ हजार करोड़ बिहारकेँ भेटैत अछि
-केरल आ आंध्र प्रदेश जकाँ ग्रामीण विकास विभाग बिहारक नक्सल प्रभावित सात जिलामे (सात नक्सल प्रभावित जिला अछि- जहानाबाद, औरंगाबाद, गया, अरवल, सासाराम, जमुई आ नवादा) आजीविका कार्यक्रम चलाएत
-महिला स्वयं सहायता समूहक माध्यमसँ ई संचालित हएत
-जयराम रमेश कहलन्हि जे ग्रामीण क्षेत्रमे पेयजल योजना लेल बिहारकेञ्ं १७८ करोड़क पहिल किस्त आबंटित कऽ देल गेल अछि
-सात नक्सल प्रभावित जिला - जहानाबाद, औरंगाबाद, गया, अरवल, सासाराम, जमुई आ नवादा- मे २१७७ कि.मी. सड़क निर्माण योजना

बिहारकेँ विशेष श्रेणीक राज्यक दर्जा देनाइ संभव नै- केंद्र सरकार कहलक

-केंद्र सरकार कहलक जे संवैधानिक प्रावधानक अन्तर्गत बिहारकेँ विशेष श्रेणीक राज्यक दर्जा देनाइ संभव नै
-मुदा केंद्र देत पूर्ण सहायता
-केंद्रीय योजना राज्यमंत्री अश्विनी कुमार लोकसभामे भोला प्रसाद सिंहक प्रस्तावपर चर्चाक जवाब दैत कहलन्हि
- वित्तीय वर्ष २००३-०४ सँ राज्यकेँ स्पेशल प्लानमे सभ साल १००० करोड़ देल गेल
-२०१०-११ सँ तकरा बढ़ा कऽ प्रति वर्ष २००० करोड़ कएल गेल

राजीव गाँधी हत्यारा केँ फाँसी ९ सितंबर२०११ केँ

राजीव गाँधी हत्यारा मुरुगन, संथन आ पेरारीवालनकेँ २१ मई १९९१ केँ कएल हत्याक सजाक तौरपर ९ सितंबर२०११ केँ फाँसी देल जाएत। भारत मे अन्तिम फाँसी २००४ मे कोलकातामे एकटा ४१ वर्षीय सिक्युरिटी गार्डकेँ १४ सालक स्कूली छात्रा संग कएल बलात्कार लेल देल गेल छल।

अन्ना अनसन- बारहम दिन

अन्ना अनसन- बारहम दिन

-लोकसभामे सदनक नेता प्रणब मुखर्जी अनाक तीनटा मुख्य मुद्दापर चर्चाक लेल राखलन्हि

-अना शर्त रखने छथि जे जँ जनलोकपालक तीन टा मुख्य मुद्दापरपर संसद सहमत होइत अछि तँ ओ अनशन खतम कऽ देताह
-पहिल मुद्दा- राज्य सभमे लोकायुक्त सेहो बनाएल जाए
-दोसर-सभ विभागमे जन समस्या लेल सिटिजन चार्टर बनाएल जाए
-तेसर केन्द्र सरकारक ऊपरसँ नीचाँ सभ कर्मचारी आ राज्यक सभ कर्मचारीकेँ एकर अन्तर्गत आनल जाए
- अन्ना अनसन- बारहम दिन जारी अछि- सोनू निगम अखने "वैष्णव जन" गीत रामालीला मैदानमे गओलन्हि , संसदमे बहस जारी अछि
-अन्नाक स्वास्थ्य बिगड़ि गेल अछि, देखलासँ ओ बड्ड कमजोर लागि रहल छथि- नरेश त्रेहन कहलनि जे हुनकर ओजन ७ किलो घटि गेल छन्हि आ ब्लड प्रेसर आ हृदय गति सेहो घटि गेल छन्हि
-मुखर्जी कहलनि जे जँ संसदमे सहमति बनैत अछि तँ ओकरा संसदक स्थायी समितिक सोझाँ पठा देल जाएत -पाँच अप्रैल २०११ सँ अन्नाक आंदोलन प्रारम्भ भेल छल
-१६ अगस्त २०११ सँ अनानाक आन्दोलनक दोसर चरण अछि

Friday, August 26, 2011

आमिर खान आ सलमान खानकेँ जोडी- फिल्म अपडेट- साभार http://www.mithilaonline.com/?p=2866

फिल्म अपडेट- सुदीप कुमार झा- जनकपुर


आमिर खान आ सलमान खानकेँ जोडी एक रुपमे उक साथ एक फिल्ममे देखनाइ प्रशंसककेँ लेल सपना बनि कऽ रहि गेल अछि । दर्शककेँ पछिलावेर अहि दुनुकेँ राजकुमार संतोषी केँ ‘अंदाज अपना अपना’ मे एक साथ देखने छल ।
आव ओ उक साथ एक आ फिल्ममे देखनाइ एक सपनाकेँ सच होवय जेहन हैत । आमिर सलमान खानकेँ साथ डेविड धवनकेँ ‘पार्टनर २’ मे काज करयकेँ लेल सम्पर्क कएने छल मुदा ओ दुनु अस्वीकार कएने छल । ओ महसूस कएलन्हि कि ओ दुुनकेँ काज करयकेँ समय अलग अलग अछि ।
मुदा अमिर खानकेँ फिलमकेँ स्क्रिप्ट बहुत पसन्द आएल छल आ सलमानकेँ साथ ओ दोस्ताना वयवहार जगजाहि अछि । ओ महसूस कएलन्हि कि दुनु केँ काज करयकेँ समय एक दोसर सँ उल्टा अछि । सुत्र सँ पता लागल अछि कि आमिर बतौने छल कि जखन सलमान अपन शुटिङ्ग शुरु करैत अछि तखन ओ पैकअप कऽ चुकल रहैत अछि । अहि कारण दुनुकेँ एक साथ काज करय सम्भव नहि होवय सकल ।
अपसोचकेँ बात अछि कि अहि दिन विभिन्न कार्यक्रमकेँ कारण एक साथ काज करयकेँ अवसर नहि भेटल । आशा अछि कि दुनु खान अपन प्रशंसककेँ लेल किछ समयकेँ बाद काम सँ कम एक फिल्ममे काज करत आ दर्शककेँ वडा पर्दापर हुनका एक साथ देखकेँ सपना पूरा हैत ।

साभार http://www.mithilaonline.com/?p=2866

‘सिंघमक काजल अग्रवाल- फिल्म अपडेट- साभार http://www.mithilakhabar.com/

फिल्म अपडेट- सुदीप कुमार झा- जनकपुर


दक्षिण भारतीय फिल्म सँ एक आओर हिरोइन काजल अग्रवाल फिल्म ‘सिंघम’ सँ बालीउडमे प्रवेश करय लागल अछि ि। अजय देवगनकेँ साथ अपन वाँलीउड कैरियर शुरु कऽ रहल काजल गैलमरस देखयमे कोनो परेशानी नहि रहल कहैत छथि ।

संगहि काजल इहो स्पष्ट करैत अछि कि ग्लैमरस होवय आ कम कपडा पहिरकेँ विचमे कोनो सम्वन्ध नहि अछि । ओ कहैत छथि—‘अपने साडी पहिर कऽ फेर एक पूरा बाहिकेँ शर्ट आ जीन्स पहिर कऽ ग्लैमरस देखा सकैत छी ।’ ग्लैमरस देखवाक लेल कम कपडा पहिरनाइ जरुरी नहि अछि ।

काजल कहैत अछि कि ग्लैमर शव्दकेँ हम अक्सर गलत प्रयोग करैत छि । मात्रे एक सुन्दर चेहरा सेहो गलैमरस भऽ सकैत अछि ।

ओ कहलन्हि—‘हमरा हाँट या सेक्सी देखायमे कोनो आपति नहि अछि मुदा अंगप्रदर्शनकेँ एक सीमा होयवाक चाही । जाहि ठाम सँ सभ्य लोक इ सभ एक सीमामे होयवाक चाही ।

साभार http://www.mithilakhabar.com/

लीबिया अपडेट- साभार http://www.mithilakhabar.com/?p=11359

सुदीप कुमार झा- जनकपुरक रिपोर्ट- लीबिया अपडेट


संयुक्त राष्ट्रसङ्घ लिबियाके डेढ अर्ब अमेरिकी डलर उपर लगाओलगेल प्रतिवन्ध हटाबय योजना बनौने अछि ।

राष्ट्रसङ्घक कुटनीतिज्ञसभ मानवीय कार्यमे प्रयोग करयके लेल लिवियाली सम्पत्ति उपर लगाओल गेल प्रतिवन्ध हटाबय लागल बतौने अछि । अहि सँग दक्षिण अफ्रिका लिबियाली विद्रोहीके हातमे रहय आशङ्का जनबैत राष्ट्रसङ्घके योजनाक विरोध करैत आएल छल ।

अमेरिका यी मुद्दामे राष्ट्रसङ्घमे मतदान करयके योजना बनौलाक बाद दक्षिण अफ्रिका अपन आपत्ति फिर्ता लेने अछि ।

तहिना, ईटाली सेहो विद्रोही ट्रान्जिशनल नेशनल काउन्सिलके कर्मचारीके तलब भुक्तान आ तेल संशाधनके रक्षामे सहयोग करय लिवियाके ५० करोड अमेरिकी डलर रिलिज करबाक निर्णय कएने बीबीसी जनौलक अछि ।

इमहर, लिबियाके राजधानी त्रिपोलीक किछु भू–भागमे कर्णेल मुअम्मार गद्दाफीक बफादार सेना आ विद्रोही सैनिकबीच आइ सेहो घमासान युद्ध जारी अछि ।

कर्णेल गद्दाफीके जन्म भेल सिर्ते सहरमे प्रवेशके कोशिश कऽ रहल विद्रोही सेनाके सरकारी सेना कडा चुनौती देने बताओलगेल अछि ।

अहिबीच कर्णेल गद्दाफी अपन नियन्त्रणमे रहल एकटा टेलिभिजन च्यानलमे अडियो सन्देश दैत लिबियाली नागरिकके विद्रोहीक विरुद्धमे लडय आह्वान कएने अछि ।

साभार http://www.mithilakhabar.com/?p=11359

प्रदेशमे लागत चौदहटा नव उद्योग समूह, असोचैम कएलक एहि दिस पहल- मिथिलांचलमे सेहो लागत नव उद्योग/रेल लाइनसँ जुड़त भारत आ नेपाल-नवेन्दु कुमार झा

नवेन्दु कुमार झा १.रेल लाइनसँ जुड़त भारत आ नेपाल २. भारतीय सामाजिक व्यवस्थामे आइयो जीवन्त अछि जाति व्यवस्था- प्रो. शर्मा ३.प्रदेशमे लागत चौदहटा नव उद्योग समूह, असोचैम कएलक एहि दिस पहल- मिथिलांचलमे सेहो लागत नव उद्योग

१.रेल लाइनसँ जुड़त भारत आ नेपाल

भारतीय सामाजिक व्यवस्थामे आइयो जीवन्त अछि जाति व्यवस्था- प्रो. शर्मा

प्रदेशमे लागत चौदहटा नव उद्योग समूह, असोचैम कएलक एहि दिस पहल- मिथिलांचलमे सेहो लागत नव उद्योग

रेल लाइनसँ जुड़त भारत आ नेपाल


पड़ोसी देश नेपालक संग दोस्तीकेँ आर मजगूत करबाक लेल भारतीय रेल नेपालमे रेल लाइन बनाओत। एक दोसराक संग सहयोग बढ़ेबाक उद्देश्यसँ बनएबला ई रेल लाइन भारतमे मधुबनीक जयनगरसँ नेपालक बरदीवासक मध्य बनाओल जाएत। ई नव रेल लाइन सत्तरि किलोमीटरक होएत, जकर स्वीकृति रेल मंत्रालय दऽ देलक अछि। एहि नव रेल लाइन बनबऽ मे गोटेक चारि सौ सत्तरि करोड़ टाका खर्च होएबाक अनुमान अछि। एकर काज प्रारम्भ करबाक लेल मंत्रालय दस करोड़ टाका दऽ देलक अछि आ वित्तीय वर्ष २०११-१२ मे एकर काज प्रारम्भ भऽ जाएत। ई रेल लाइन दू चरणमे पूरा होएत। पहिल चरणमे जयनगर आ जनकपुरक मध्य तीस किलोमीटर छोटी लाइनक आमान परिवर्तन होएत आ दोसर चरणमे जनकपुरसँ बरदीवास धरि नव रेल लाइन बनेबाक काज प्रारम्भ होएत। नव रेल लाइनक वास्ते जमीन अधिग्रहणक काज जल्दीए प्रारम्भ होएत।

भारतीय सामाजिक व्यवस्थामे आइयो जीवन्त अछि जाति व्यवस्था- प्रो. शर्मा

दरभंगा स्थित ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालयमे महाराजाधिराज कामेश्वर सिंह स्मारक व्याख्यानमाला सम्पन्न भेल। एहि व्याख्यानमालाक मुख्य वक्ता राजस्थानक प्रतिष्ठित नेशनल ओपन यूनिवर्सिटीक कुलपति आ जानल-मानल समाजशास्त्री प्रो. के.एल.शर्मा कहलनि जे भारतीय सामाजिक व्यवस्थामे जाति व्यवस्था नियंत्रण बल अछि। श्री शर्मा कहलनि जे सामाजिक व्यवस्थामे आइयो जाति व्यवस्था प्रत्यक्ष आ जीवन्त अछि आ एकटा व्यवस्थाक रूपमे बदलाब अनबाक प्रयास करैत अछि। ओ कहलनि जे देशक राजनीतिक व्यवस्था सेहो जाति व्यवस्थाकेँ जीवन्त रखबामे महत्वपूर्ण भूमिकाक निर्वाह कएलक अछि। वर्ष १८९१ सँ १९३१ धरि सरकारी स्तरपर जाति व्यवस्थाक श्रेणीकरणक काज कएल गेल। स्वतंत्रता प्राप्तिक बाद १९५१ जनगणनामे जातिकेँ छोड़ि देल गेल मुदा एक बेर फेर राजनीतिक उद्देश्य आकि विवशताक अन्तर्गत जाति गणना करेबापर सहमति बनल अछि। ओ कहलनि जे सामाजिक परिवर्तनक संग-संग अहूमे बदलाव आएल अछि मुदा एकर बावजूद आइयो एकर सातत्व कायम अछि। व्याख्यानमालाक अध्यक्षता भारतीय प्रशासनिक सेवाक सेवानिवृत्त अधिकारी एस.एन.सिन्हा कएलनि।

प्रदेशमे लागत चौदहटा नव उद्योग समूह, असोचैम कएलक एहि दिस पहल- मिथिलांचलमे सेहो लागत नव उद्योग


बिहारमे मुख्यमंत्री नीतीश कुमारक नेतृत्वबला राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधनक दोबारा आपसीक संगहि देशक उद्योग जगतक नजरि बिहारपर पड़ल अछि। देशक औद्योगिक संगठन एसोचैमप्रदेशमे अगिला तीन वर्षमे तीनटा बिजनेस मार्टक माध्यमसँ चारि लाख टाकाक निवेशक योजना बनौलक अछि। एसोचैम बिहार चेम्बर ऑफ कामर्स (बी.सी.सी.) आ बिहार इन्डस्ट्रीज एसोसिएशनक सहयोगसँ ई बिजनेस मार्ट आयोजित करत। पहिल बिजनेस मार्ट अप्रील २०११ मे होएत जाहिमे पचास हजार करोड़ टाकाक निवेशक लक्ष्य राखल गेल अछि, जखनकि २०१३ मे आयोजित होमएबला दोसर मार्टमे एक लाख पचीस हजार करोड़ टाका आ वर्ष २०१५ मे आयोजित होमएबला तेसर मार्टक माध्यमसँ पचहत्तरि करोड़ टाकाक निवेशक लक्ष्य राखल गेल अछि। ई संगठन चेम्बर ऑफ कामर्स आ इन्डस्ट्रीज एसोसिएशनक सहयोगसँ चौदह टा नव उद्योग समूह दरभंगा, मुजफ्फरपुर, मधुबनी, बरौनी, कटिहार, भागलपुर, मुंगेर, सुपौल, हाजीपुर, पटना, नवादा, गया आ भोजपुरमे स्थापित करत, जाहिमे सभ उद्योग समूहमे अठारह सौसँ दू हजार नव औद्योगिक इकाइ रहत। एहिसँ सरकारकेँ गोटेक बारह प्रतिशत राजस्व भेटत। गोटेक चरि सौ पचास करोड़ टाकाक निवेशबला सभ प्रस्तावित उद्योग समूह गोटेक छह लाख लोककेँ परोक्ष अथवा अपरोक्ष रूपसँ रोजगार उपलब्ध कराओत। एसोचैम सरकारसँ प्रदेशमे क्लस्टर्स डेवेलपमेन्ट अथोरिटीक स्थापनाक मांग सेहो कएलक अछि।

उदय चटर्जीक दरभंगासँ रिपोर्ट

उदय चटर्जीक दरभंगासँ रिपोर्ट
-दरभंगामे पूब-पच्छिम एक्सप्रेसवे पर टाटा मोटर्सक मेगा आउटलेटक निर्माण ६ करोड़क लागतसँ शुरू
-दरभंगाक हसन चौकपर म्यूनिसिपल कॉरपोरेशनक जमीनपर बनैबला मॉल रद्द, आब ओइ १५० करोड़सँ शहरमे लागत स्ट्रीट लाइट, हएत सड़क निर्माण।
-दरभंगा डी.एम.सी.एच. मे इण्डियन ऑयल कॉरपोरेशन (आइ.ओ.सी.) पार्कक निर्माण शुरू।

-भारतक सभ पार्टीक नेतामे सँ ४८ गोटेक शिष्टमण्डल जाएत पाकिस्तान, जइमे बी.जे.पी. सँ कीर्ति आजादक सेहो नाम छन्हि।
-दरभंगाक डी.एम.सी.एच. आ मुजफ्फरपुरक एस.के.एम.सी.एच.केँ भेटत अ.ऐइ.आइ.एम.एस. जकाँ सुविधा, दुनू मेडिकल कॉलेजकेँ देल जाएत १५० करोड़

-दीवानी तकिया भूखण्डपर कएल जाएत इण्डोर स्टेडियम एवं शॉपिंग कॉम्प्लेक्सक निर्माण

Thursday, August 25, 2011

ऐ मासक सभसँ नीक समदिया- सम्मान

"ऐ मासक सभसँ नीक समदिया" सम्मान

http://esamaad.blogspot.com/

समदिया- पूनम मंडल आ प्रियंका झाक मैथिली न्यूज पोर्टल।

अपन इलाकाक कोनो समाचार ऐ अन्तर्जाल (http://esamaad.blogspot.com/)पर देबा लेल , समाचार poonamberma@gmail.com वा priyanka.rachna.jha@gmail.com पर पठाउ वा एतए http://www.facebook.com/groups/samadiya/फेसबुकपर राखू।

सभ मासमे "ऐ मासक सभसँ नीक समदिया" सम्मानक घोषणा कएल जाएत।

प्रधानमंत्रीक संसदमे बयान/ संसद अन्ना हजारे सँ तकर बाद अनशन खतम करबाक आह्वान केलक

भारक प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह -अन्ना हज़ारे जीक एक लोकपाल है
-सरकारक पक्ष
-अरुणा राय जीक जयप्रकाश नारायण जीक वर्जन बला लोकपाल
- संसदमे ऐ सभपर बहस हुअए आ फेर ओकरा स्थायी समितिकेँ पठा देल जाए।

-प्रधानमंत्रीक संसदमे बयान
- अन्नासँ अनशन तोड़बाक आग्रह
-सरकारक बिल स्थायी समिति लग

-संसद अन्ना हजारे सँ तकर बाद अनशन खतम करबाक आह्वान केलक



मनमोहन सिंह-भावुक भ’ कहलन्हि जे हुनकापर लगाओल आरोप दुःखदायी अछि। मुरली मनोहर जोशीक व्यक्तिगत हमला जे ओ भ्रष्टाचारक मिसाल छथि, ओ कहलन्हि जे ई दुखद आरोप अछि। विपक्षक नेता सँ ओ पुछलन्हि जे ओ ई देखथि जे हम कोन संपत्ति जमा केने छी।

बाढ़ि अपडेट

बाढ़ि अपडेट
-सिकटामे ओरिया नदीक पुबरिया बान्ह टूटल
-नेपालक जल अधिग्रहण क्षेत्रमे भारी बर्खा
-वरदही गामक घरमे पानि
-बीडीओ, सीओक घरमे तीन फीट पानि
-कटिहारमे गंगामे बाढ़ि
- कुर्सेला, बरारी, मनिहारी, अमदाबाद सहित प्राणपुर पंचायत प्रभावित
-मनिहारी अनुमंडलक अमदाबाद प्रखंडक सभटा 14 पंचायत प्रभावित

- बिहपुर प्रखंडमे मड़वा एनएच 31 महंत स्थान चौक सँ जमालपुर रेल गुमटी तक रिंग बांध मूसक बिलक कारण पंचायतक वार्ड 5 सँ 13 तक पानि पसरल

-मुखिया पवन कुमार राय आ पं.स.से. मनोरंजन राय कहलन्हि जे बचाव कार्य जारी अछि।

-नरकटिया, अमरपुर, सोनवर्षा गाममे स्थिति ओहिना।
-सी.ओ. नरोत्तम पांडेय कहलन्हि- हरियो, लत्तीपुर दक्षिण, लत्तीपुर उत्तर आ बिहपुर दक्षिण पंचायतक बाढ़ पीडि़तक बीच चूड़ा-गुड़ ,चाउर, आ गहूम (50-50 किलो) क वितरण शुरू कएल गेल अछि।

अन्ना हजारेक स्वास्थ्य बुलेटिन-

अन्ना हजारेक स्वास्थ्य बुलेटिन-

सम्पूर्ण रक्त गणना- सामान्य
ब्लड सुगर- किछु कम
एलेक्ट्रोलाइट- पानिक कमी
लीवर आ किडनी- सामान्य सीमाक भीतर मुदा हालत बिगड़ि रहल अछि।

अन्ना अनसन- दसम दिन

अन्ना अनसन- दसम दिन
-जाधरि संसदमे जनलोकपाल बिल नै आएत हम मरब नै- अन्ना

-अन्ना हज़ारेक ओजन साढ़े छह किलो घटल
-सलमान खुर्शीद कहलन्हि जे आइ २५/०८/२००११ केँ दुपहरमे बैसकी हएत, अन्ना टीमक अरविन्द केजरीवाल कहलन्हि- एहेन कोनो सूचना नै।


केजरीवाल-सरकारी पक्ष कहलक जे अन्नाक अनशन अन्ना टीमक जिम्मेदारी, सरकारक कोनो सरोकार ऐ सँ नै। सलमान खुर्शीद ऐ गपकेँ निराधार कहलन्हि।
-दोसर सिविल सोसाइटीक अरुणा रॉय जे जनलोकपाल बिलक किछु धारासँ सहमत नै छथि, सेहो अन्नासँ भेँट केलन्हि



Wednesday, August 24, 2011

किशन बाबूराव हजारे/ उपासक चिकित्सा विज्ञान/ आइरोम शर्मिला- गजेन्द्र ठाकुर

किशन बाबूराव हजारे (अन्ना हजारे) पहिनहियो 16 बेर एहेन उपास केने छथि। सभसँ बेसी दिन चलैबला उपास 12 दिन चलल (9 अगस्त 2003 सँ) जकर 12म दिन महाराष्ट्र सूचनाक अधिकार 2002 राष्ट्रपतिसँ अनुमोदित भ’ कानून बनि गेल छल।
उपासक चिकित्सा विज्ञान-
एक दिनक उपासमे की होइए- लीवरक ग्लाइकोजेन सामान्य शर्करामे बदलि जाइए आ ओइसँ ऊर्जा भेटैत अछि। ई शर्करा मस्तिषक धरि निरंतर जाइए आ ओकरा सक्रिय रखैत अछि।
मुदा दू सँ दस दिन धरि लीवर मांसपेशीक प्रोटीन आ अमीनो एसिडसँ ग्लूकोज बनबैत अछि।

दस दिनसँ पन्द्रह दिनक भीतर शरीरक चर्बीसँ ऊर्जा भेटैत अछि।
सोलहमसँ बीस दिन धरि शरीरक उपापचय गति घटि जाइत अछि।
एक्केसम दिन मस्तिष्कक तीन चौथाइ शक्ति खतम भ’ जाइत अछि, सभ क्षेत्रमे शक्ति घटैत अछि, हीमोग्लोबिन सेहो भयंकर रूपसँ घटि जाइए।
आइरोम शर्मिला2000 मे अपन उपास शुरु केने रहथि, मणिपुरमे, जखन ओ इम्फालक बगलमे मालोम गाममे सुरक्षा बल द्वारा 11 गोटेकेँ मारल जाएब देखने रहथि। हुनकर माँग छन्हि जे ओतए आर्म्ड फोर्सेस (स्पेशल पावर एक्ट) खतम कएल जाए, जे सुरक्षा एजेँसीकेँ “देखिते गोली मारबाक” आ बिना वारंट गिरफ्तारीक शक्ति दैत अछि। टीम अन्ना “जस्ट पीस फाउंडेशन”- जे शर्मिलाक सँघर्षकेँ समर्थन दैत अछि- केँ चिट्ठी लिख हुनका एतए अएबाक आग्रह केने अछि। मुदा शर्मिला लिखै छथि जे ओ हॉस्पीटलमे गिरफ्तार छथि, आ हुनका जबरदस्ती डॉक्टर ग्लूकोज चढा रहल छन्हि।

अन्ना अनसन नवम दिन सेहो जारी

-जनलोकपाल विधेयक संसदक स्थायी समिति लग पठा देल गेल
-अन्नाकेँ किछु भेल तँ सरकार जिम्मेदार हएत- अरविंद केजरीवाल

-जनलोकपाल विधेयक संसदक स्थायी समिति लग पठा देला भरिसँ टीम अन्ना संतुष्ट नै
-संसदमे जनलोकपाल विधेयक राखल जाए- तखन अन्ना हजारे अनशन तोड़ि देताह-टीम अन्ना
-प्रधानमंत्री आवासपर सर्वदलीय बैठक असफलआइ साँझ प्रणव दासँ ८.१५ (२४ अगस्त २०११) सायंमे भेल बैठक सेहो असफल- टीम अन्ना कहलक जे गप जतए शुरू भेल ओतै पहुँचि गेल , काल्हि आ आइमे सरकारक रुखिमे परिवर्तन।

Tuesday, August 23, 2011

एसएसबी जवान मुंशीकेँ पिटलक

-एसएसबी जवान मुंशीकेँ पिटलक
-वाल्मीकिनगर गंडक बराजपर तैनात एस.एस.बी. 21 म वाहिनी थानाक मुंशीकेँ पिटलक

जुआरी सभ बजरंगबलीक प्रतिमा तोड़लक

-ताजपुर, जिला समस्तीपुरक घटना
-बंगरा थाना क्षेत्रक रहिमाबाद ठगबा चौकक काली मंदिर परिसरमे स्थापित बजरंगबलीक किछु बदमाश तोड़ि कऽ फेकलक -प्रतिमा झाँखुरमे फेकलक
जुआरी सभ एना केलक

Monday, August 22, 2011

सहरसाक बिजलपुर पंचायतक मुखिया उपेन्द्र यादवक हत्या

-सहरसाक बिजलपुर पंचायतक मुखिया उपेन्द्र यादवक हत्या
-पंचगछिया स्टेशन पर कएक घंटा धरि जाम
-ओ कटैयासँ गाम घुरि रहल छलाह, पंचगछिया स्टेशन लग हमला
-सदर अस्पतालमे मृत्यु
-राजद विधायक अब्दुल गफूर, माकपा नेता ओमप्रकाश नारायण, मुखिया जयशंकर सिंह पप्पू, पूर्व मुखिया चंद्रशेखर ठाकुर स्टेशनपर धरनापर बैसला
-एसडीओ राजेश कुमार, पुलिस निरीक्षक गणपति ठाकुर, थानाध्यक्ष मो. एम अशर्फी, रेल निरीक्षक मोती पासवान आ जीआरपी थानाध्यक्ष हरि राम पहुँचलाह
-पुलिस अधीक्षक मो. रहमानक एलापर जाम हटल।
-छह लोकक गिरफ्तारी।

Sunday, August 21, 2011

अन्ना हजारे क अनसनक छअम दिन

अन्ना हजारे- बिल पास नै हेबा धरि नै उठता चाहे प्रधानमंत्रीये किए नै आबि जाथि।

-आइ 21 अगस्त 2011 रविवार केँ अनसनक छअम दिन।

- समर्थक सभकेँ कहलनि जे अपन-अपन सांसदक घरक बाहर जाउ आ राष्ट्रभक्तिक गीत गाउ।

- कहलनि जे ऐ आंदोलनक पाछाँ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ आ भारतीय जनता पार्टीक हाथ नै।

बाढ़ि अपडेट

बाढ़ि अपडेट
मधेपुरा- नदीमे पानिक बढ़ब रुकल
एनएच 107- बलुआहा डायवर्सनक 20 फीट हिस्सा बहल
बेंगा पुल- लगक डायवर्सनपर तीन फीट पानि
चौसा प्रखंड- 6 टा पंचायत नदीक पानीमे
सुपौलक अमहा- नहर टूटल; दक्षिणी सुखासन आ पूर्वी आर्मी डायवर्सन पुलक जलकुंभी प्रशासन निकलबेलक

सुपौलक सरायगढ़ प्रखंड- उत्क्रमित मवि पिपरा-खुर्द पुनर्वासमे बाढ़िक पानि भरल
कटिहार- बारसोईमे बिहार-बंगाल सीमापर नागर नदीमे बाढ़ि, विघोर क्षेत्रक गाम जलमग्न, डेंगरापाड़ा , नजराबाड़ी, पीरासन गाममे बाढ़िक पानि

प्रो. रामशरण शर्मा क मृत्यु

प्रो. रामशरण शर्मा 1 सितम्बर 1920 बरौनी (बिहार) मे जन्म , मृत्यु पटनामे 21 अगस्त 2011 पटनामे।
- 15 देशी-विदेशी भाषामे 115 से बेशी किताब प्रकाशित

-पहिल किताब "विश्व इतिहास की भूमिका (दू खंडमे) 1949 मे प्रकाशित
-अंतिम पुस्तक "इकोनामिक हिस्ट्री आफ अर्ली इंडिया"
-भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषदक संस्थापक अध्यक्ष
-जवाहरलाल नेहरू फेलोशिप, यूजीसी नेशनल फेलोशिप आ वीके राजवाड़े लाइफटाइम अवार्ड

Saturday, August 20, 2011

मैथिली महिला संघ, पटना

मैथिली महिला संघ, पटना

स्थापित- १९७९ (१९७९-१९९२ अध्यक्षा- श्रीमती शकुन्तला चौधरी; सचिव- श्रीमती कविता देवी; कोषाध्यक्षा डॉ. प्रभावती झा)

कार्यालय- विद्यापति भवन, विद्यापति मार्ग, पटना-८००००१

२०११-१२

अध्यक्षा- प्रो. डॉ. शीला चौधरी- , मैथिली महिला संघ, पटना
उपाध्यक्षा- श्रीमती रेणु झा
सचिव- श्रीमती सरिता झा
संयुक्त सचिव- श्रीमति आभा सिंह
कोषाध्यक्षा- श्रीमती सुभद्रा चौधरी
संगठन सचिव- डॉ. अरुणा चौधरी/ श्रीमती कल्पना कुमारी
सांस्कृतिक कार्यक्रम अधिकारी- सुश्री स्वाति सिंह

कार्यकारिणीक सदस्या:
१.श्रीमती वीणा मिश्र
२.श्रीमती शकुन्तला चौधरी
३.श्रीमती अम्बिका मिश्र
४.डॉ. उषाकिरण खाँ
५.श्रीमती प्रेमलता मिश्र
६.डॉ. पन्ना झा
७.डॉ. इन्दिरा झा
८.डॉ. विमला झा
९.डॉ. पद्मलता ठाकुर
१०.डॉ. वीणा कर्ण
११.श्रीमती प्रमिला झा
१२.डॉ. शेफालिका वर्मा
१३.श्रीमती श्यामा मिश्र
१४.श्रीमती उषा झा
१५.श्रीमती सुशीला झा
१६.श्रीमती रेणु चौधरी
१७.श्रीमती मीनाक्षी झा
१८.श्रीमती रेखा रानी दास
१९.श्रीमती रमा खर्गा
२०.श्रीमती कविता देवी
२१.श्रीमती मन्दाकिनी झा
२२.श्रीमती निम्मी दास

२२ मई २०१० जानकी नवमी अवतरण दिवसपर डॉ. उषाकिरण खानकेँ जानकी सम्मान।
१२ मइ २०११ -जानकी नवमीक अवसरपर नाटक/ कार्यक्रम

रामलीला मैदान दिल्लीमे अभूतपूर्व अन्नालीला

जन लोकपाल-मे चुनाव सुधार आ किसानक हितमे भूमि अधिग्रहण कानून सेहो चाही
-16 अगस्तसँ अन्ना अनशन पर- अनशनक पाँचम दिन
-सरकार कहलक 30 अगस्त धरि विधेयक पारित भेनाइ संभव नै

- गिरफ्तारीक बाद तिहारमे सेहो अनशन केलन्हि,१९ अगस्तकें रामलीला मैदान आबि गेला
-चुनाव प्रक्रियाक कारण 150 अपराधी संसदमे- कहलन्हि अन्ना

अन्ना हजारे कहलन्हि-

"हमरा संघर्ष किए करबाक अछि? सरकारी खजानामे राखल पाइ हमर छी, जकरा ओकर रक्षकसँ खतरा छै।
बिना ग्राम सभाक अनुमतिक किसानक जमीन कियो नै लऽ सकए, तकर व्यव्स्था हेबाक चाही।

-30 अगस्तक समय सीमा

उमेश मंडल सुपौलक कथा गोष्‍ठी : ४ दि‍सम्‍बर २०१०

उमेश मंडल

सुपौलक कथा गोष्‍ठी : ४ दि‍सम्‍बर २०१०


व्‍यापार संघ भवन सुपौलमे दि‍नांक ४.१२.२०१०केँ सगर राति‍ दीप जरय'क ७२म कथा गोष्‍ठी श्री अरवि‍न्‍द कुमार ठाकुरक संयोजकत्‍वमे बि‍पल्‍व फाउण्‍डेसन आ प्रगति‍शील लेखक संघ द्वारा आयोजि‍त कएल गेल। सांझ ६ बजे प्रो. सचि‍न्‍द्र महतोजी दीप प्रज्‍वलन सह उद्घाटन केलनि‍। मंच संचालन श्री अजीत झा आजादजी केलनि‍ आ गोष्‍ठीक अध्‍यक्षता श्री रमानन्‍द झा रमणजी केलनि‍। एहि‍ अवसरपर जीवकान्‍त जीक पोथी 'एकहि‍ पच्‍छ इजोर'क लोकार्पण अजीत आजादक माध्‍यमसँ अरवि‍न्‍द ठाकुर जीक द्वारा भेल।
कुल २१गोट नव-पुरान कथाकार अपन-अपन नूतन कथा वा लघुकथाक पाठ केलनि‍। जे एहि‍ तरहेँ अछि‍- रंजीत कुमार खाँ राही- (फाेंक), रजनीश कुमार ति‍वारी- (गप्‍पी), अरवि‍न्‍द कुमार ठाकुर- (युटोपि‍या), अजीत आजाद- (रोग), पंकज सत्‍यम्- (तर्दनकृवा घुमैत पि‍बैत), महाकान्‍त ठाकुर- (शि‍क्षाक प्रयोजन), चौधरी जयंत तुलसी- (धीपल फाढ़), आशीष चमन- (नि‍ष्‍कर्ष), राजाराम सि‍ंह राठौर- (राखीक रंग फीका), वि‍जय महापात्रा- (मोन कि‍एक पाड़लेँ), जगदीश प्रसाद मंडल- (दोहरी मारि‍), दुर्गानन्‍द मंडल- (लबकी कनि‍याँ), कपि‍लेश्वर राउत- (कि‍सानक पुजी), मनोज कुमार मंडल- (बेमेल वि‍‍आह), रामबि‍लास साहु- (गामक गाछी), बेचन ठाकुर- (अनैति‍क वि‍आह), संजय कुमार मंडल- (सि‍नेह), अकलेश मंडल- (टि‍टनेस), मुकेश मंडल- (लोभक फल), लक्ष्‍मी दास- (बुड़ि‍बकक बुड़ि‍बक) आ उमेश मंडल- (युगक खेल आ आधा भगवान)क पाठ केलनि‍।
प्रो. सचि‍न्‍द्र महतो, शैलेन्‍द्र शैली, महेन्‍द्र, कि‍शलय कृष्‍ण, अरवि‍न्‍द्र ठाकुर पठि‍त कथापर समीक्षा केलनि‍। ओना तुलसी जयंत चौधरी, राजाराम सि‍ंह राठौर, जगदीश प्रसाद मंडल, महाकान्‍त ठाकुर, दुर्गानन्‍द मंडल, आशीष चमन, वि‍जय महापात्रा इत्‍यादि सेहो‍ कि‍छु कथापर अपन टि‍प्‍पणी केलनि‍।
श्री अजीत कुमार झा आजाद मंच संचालनक संग-संग पठि‍त कथा सभपर आ कएल समीक्षापर अपन कि‍छु वि‍चार माने टि‍प्‍पणी करैत रहला, तहि‍ना संयोजक श्री अरवि‍न्‍द ठाकुरजी सेहो वि‍शेष बात रखलनि‍ जेकर कछु वि‍चारणीय अंश नि‍म्‍नांकि‍त अछि‍-
भोजनक वादक समए छल। उमेश मंडल, कपि‍लेश्वर राउत, अकलेश मंडल, दुर्गानन्द मंडल, लक्ष्‍मी दास, रामवि‍लास साहु, मनोज कुमार मंडल, बेचन ठाकुरक कथा पाठ भऽ गेल छल। प्राय: एकसँ दू पालीमे। समीक्षक लोकनि‍ हि‍नकर सबहक कथापर बाजि‍ चूकल छलाह। जाहि‍मे उमेश मंडलक अाधा भगवान कथापर श्री शैलेन्‍द्र शैल, अरवि‍न्‍द ठाकुर राजाराम सि‍ंह राठौर आ तुलसी जयंत चौधरी, कर्मवादी कथाक रूपमे समीक्षा केलनि‍। जेकर पुन: एकबेर दोहरबैत संचालक श्री अजीत आजाद जी बजै छथि‍- “उमेश मंडलक कथा आधा भगवान भाग्‍यवादीसँ कर्मवादी दि‍शि‍ लऽ जाइत अछि‍। वास्‍तवमे ई कथा कि‍सानी जि‍नगीक लेल नीक प्रयास मानल।”‍
अकलेश मंडलक कथा टि‍टनेस आ दुर्गानन्‍द मंडलक कथा लबकी कनि‍याँ'पर श्री अरवि‍न्‍द ठाकुर बजै छथि‍- “लबकी कनि‍याँ कथा मंडलजी बला सुनलहुँ ठीके शैलेन्‍द्र शैलजी कहलथि‍हेँ जे ई कथा वि‍षए-वस्‍तु‍क खि‍यालसँ ओहि‍ना लगैत अछि‍ जेना राजश्री प्रोजेक्‍टक सि‍नेमा चलि‍ रहल हुअए। अकलेश मंडलक कथा टि‍टनेसपर हम एतबए कहब जे ई कोनाे हेल्थ मेग्‍जि‍नमे छपैत तँ उत्तम। हमरा लगैए जे आइ मैथि‍ली साहि‍त्‍यक चौराहापर कि‍छु ओहन आदमीक उपस्‍थि‍ति‍ भऽ रहल अछि‍ जे देखबा, सुनबा आ वि‍चार करबा योग्य अछि‍। आइ बेरमा कथा गोष्‍ठीकेँ लेल जाए। जेकर संयोजक जगदीश प्रसाद मंडल, मंच संचालक अशोक कुमार मेहता आ अध्‍यक्ष तारानन्‍द वि‍योगी रहथि‍। तँ हम कहलौं जे ई जे पौतीमे बन्‍द मैथि‍लीक दुर्दशा छल ओ आब फूटि‍ बहराएलहेँ। एकरा अहाँ कि‍ कहि‍ सकै छि‍ऐ? आइ साहि‍त्‍यि‍क मंचपर टाल ठाेकि‍ कऽ ओ सभ चुनौती बुझू दऽ रहला छथि‍ जे कहि‍यो खबास होइत छलाह। एकरा अन्‍यथा नहि‍ लेल जाए। जे सत्‍य छै ओ सोझाँ राखलौं अछि‍। जगदीश प्रसाद मंडल जीक कथा-उपन्‍यास जखन हमरा सभ पढ़ै छी तँ जेना लगैए जे एकटा नव दुनि‍याँमे प्रवेश पौलहुँ अछि‍। एकदमसँ ओहेन दुनि‍याँ जै दुनि‍याँक कल्‍पनो ने बुझू भेल छल। जहि‍ना वि‍षए-वस्‍तु तहि‍ना शब्‍द-संयोजन तहि‍ना दृष्‍टि‍कोण....। तँ आब अहाँ सभ ई बुझि‍यौ जे जगदीश मंडलजी एकटा एहेन रेखा खि‍ंचि‍ देलनि‍। जेकरा धि‍यानमे राखि‍ कऽ अहाँ कथा लि‍खी तँ उत्तम। आइ जै वर्गसँ अहाँ सभ आबि‍ रहल छी ओइ वर्गमे माने कि‍सानी जि‍नगीक अनेकानेक वि‍षए-वस्‍तुक चर्च मंडलजी केलनि‍ अछि‍। ओकरा धि‍यानमे राखि‍ अहाँ सभ आगाँ लि‍खी।”
अरवि‍न्‍द ठाकुरजीक वक्तव्यक बाद माइक लैत अजीत आजादजी बजै छथि‍- “अरवि‍न्‍द‍ बाबू ठि‍के कहै छथि‍। हि‍नका बातकेँ हम समर्थन करैत छि‍अनि‍। अहुँ सभ कथा गोष्‍ठीमे अबै छी पहि‍ने तँ जगदीश मंडल एलथि‍ बादमे अहाँ सभकेँ सेहो अनलाह आ अबै छी। जगदीश मंडल आ उमेश मंडलजीकेँ आब हम सभ दूरेसँ चि‍न्‍है छि‍अनि‍। लेकि‍न अहाँ सभ ऐ बातकेँ बुझि‍यौ जे कथा कोना लि‍खा रहलैहेँ। अबै छी, कथा पढ़ै छी, जाइ छी। बड़ नीक मुदा ई बुझि‍यौ जे जै वर्गक अहाँ सभ लोक छी मतलब कि‍सान वर्ग जे आधार भेलै। कृषि‍ आधार छि‍ऐ कि‍ नहि‍ छि‍ऐ? तँ ओइमे जे बात सभ छै, जटीलता सभ छै ओकरा अहाँ सभ नै लि‍खबै तँ के लि‍खताह...? तँ ई कहलौं जे एम्‍हर-ओम्‍हर नै लि‍खि‍ ओ सभ लि‍खल जाए। जैमे एकटा बड़का रेखा, कहबे केलथि‍हेँ अरवि‍न्‍द बाबू जे जगदीश मंडल द्वारा खिचि‍ देल गेलहेँ। जँ एकरा नै धि‍यान राखब तँ गोष्‍ठि‍मे एनाइ-गेनाइ बुझू नीक नहि‍। ओना ऐ गोष्‍ठि‍सँ बाहरो नि‍कालल जाइ छै।” ई गप्‍प अध्‍यक्ष महोदय दि‍शि‍ तकैत आ मुड़ी डोलबैत अजीत जी अगाँ बजै छथि‍- “आब एकटा खि‍स्‍सा सुनबै छी- यंत्रनाथ मि‍श्रकेँ गोष्‍ठीसँ नि‍कालल गेलन्‍हि‍, की यौ.....? आश्‍चर्य लागत जे गेट आउट कहि‍ देल गेलन्‍हि‍ माने गेटसँ बाहर कऽ देल गेलन्‍हि‍।‍”
वातावरणमे खटमिट्ठी बुझू पसरि‍ गेल। एत्ते बात बजबाक प्रयोजनपर सभकेँ सब तरहक चि‍न्‍तन-मनन हुअए लागल। दू-चारि‍ मि‍नटक लेल शान्‍त...। एकदम्‍म शान्‍ति‍, सन्नाटा। कि‍छु लोक एक-दोसराक मुँह दि‍शि‍ तकैत। आ कि‍छु लोक गोष्‍ठि‍क गार्जियन श्री रमानन्‍द झा रमणजी दि‍शि‍ गोरसपट टकधि‍यान लगेने। मुदा जे कि‍छु....।
आगाँ उमेश मंडल (माने हम) हमर नामक चर्च संचालक महोदय पहि‍नहि‍ उद्वोधि‍त कऽ चूकल छलाह जे एहि‍ पालीक पठि‍त कथापर हमहुँ कि‍छु टि‍प्‍पणी करबै। हम प्राय: छुब्‍ध रही जे ई कोन समीक्षा भेल। एहि‍ तरहक समीक्षासँ नवाङकुरपर आखिर की‍ प्रभाव पड़तनि‍। खएर जे से हम आगू जा माइक हाथमे लैत बजलहुँ- “जहि‍ना पठित पालीपर समीक्षाक ‍बहाने अन्‍यान्न वि‍षए-वस्तुपर गप-सप्‍प राखल तहि‍ना हमहुँ कि‍छु बात राखि‍ रहल छी। सभसँ पहि‍ने हम ओइ कथाकार सभकेँ कहि‍ देबऽ चाहैत छि‍यनि‍ जे पहि‍ल या दोसर कथा लऽ कऽ उपस्‍थि‍त भेलहुँ आ कथा पाठ केलौं। सबहक कथामे यथार्थ अछि, सुन्नर अछि‍, कथ्‍य, शि‍ल्‍प, भाषा, शैली सभ कि‍छु उत्तम। एक्को पैसा उदास हेबाक प्रयोजन नहि‍। दोसर गप्‍प जे अपने सभ एहि‍ बातकेँ बुझल जाए जे जहि‍ना भोजक पाँति‍मे बैसल पंचक आगाँ पहि‍ल खेपमे परसल व्‍यंजनपर कोनो तरहक टि‍का-ति‍रस्‍कारक व्‍यवहार नहि‍ कएल जाइत हँ, दोसर-तेसर बेर माने परसन लेबाकाल ई जरूर धि‍यान राखल जाइत जे की नीक आ की बेजाए....। तेसर बात अपने सभक द्वारा नव लोककेँ कहल गेलन्‍हि‍हेँ जे एना नै ओना आकि‍ ओना नै एना लि‍खू। कृषि‍ वि‍कासक बात लि‍खू आ से ई के लि‍खता अहीं सभ ने लि‍खबै। ठीक बात मुदा इंजि‍नि‍यर डाॅक्‍टरक पढ़ाइ करैबलाक भरमार लागल अछि‍ आनो-आन क्षेत्रमे जि‍नका पढ़ाइ-लि‍खाइक सुवि‍धा पर्याप्‍त छन्‍हि‍ नम्‍बर लगौने छथि‍। लेकि‍न कृषि-‍कार्यक पढ़ाइ हेतू कि‍एक ओ सभ विमुख भेल छथि‍। ई गप्‍प आ समस्‍याकेँ के लि‍खताह? ऐ पर कथा कि‍एक नै लि‍खल जाइत अछि‍। ऐ पर अहुँ सभ वि‍चार करू।” अपन बातपर वि‍राम लगा हम माइक संचालक महोदयकेँ हाथमे दैत यथास्‍थान जा बैस रहलहुँ। गोष्‍ठि‍मे बैसल सभ कथाकार आ समीक्षकक मनमे जेना समीक्षाक नव-नव बि‍म्‍व नॉचए लगलनि‍। अध्‍यक्ष महोदय सेहो उठि कऽ बैस रहला।

अध्‍यक्ष महोदय दि‍शि‍ देखैत संचालक एक बेर पुन: अपन बात स्‍पष्‍ट करैत बजलाह- “देखियौ हमर कहब छल जे अहाँ सभ एत्ते दूरसँ एलौं जेबा-एबामे बड़ कठि‍नाइ होइ छै। हमर कहबाक भाव रहए जे जहि‍ना जगदीश बाबू लि‍खै छथि‍ ओ जे रेखा खि‍चलन्‍हि‍हेँ ओकरा धि‍यानमे राखि‍.....। अहाँसँ साहि‍त्‍यमे कि‍ लाभ भेलै। मतलब कि‍ देलि‍ऐ। से जौं नइ तखन तँ.....।‍”
ऐ बातपर हम पुन: बाजलहुँ- “‍अजीत बाबू अपने साहि‍त्‍यि‍क लाभक बात एहि‍ नव लोकमे तकै छी। मुदा एकबेर अपना दि‍शि‍ देखल जाए जे स्‍वयं थोड़ेखन पहि‍ने बजलाैंहेँ‍ जे सत्तरह सालसँ लगातार अहाँ सभ कथा गोष्‍ठि‍मे भाग लेलहुँ। आइसँ नै सत्तरह सालसँ। मुदा कएकटा कथा संग्रह देलि‍ऐहेँ?”
अजीत आजाद- “अहीं जकाँ हमरा प्रकाशन नै ने भेट गेल जे......।‍ अक्‍खैन कि‍यो भार लेथि‍ हम परसू तक तीनटा कथा संग्रह थम्‍हा दैत छि‍यनि‍। लेकि‍न ओहोसँ पैघ बात जे कै स्‍तरक कथा सभ हमर वि‍भि‍न्न पत्र-पत्रि‍कामे छपि‍ चूकल अछि‍ आ कहि‍यासँ तेकरो तँ देखबै।”
अगल-बगलसँ पाँच-छह गोटा एक्केबेर- हँ, से तँ ठीके बात। हँ से तँ ठीके बात। बजैत अागाँ‍क कथा पाठ लेल अग्रसरक वि‍चार प्रकट केलाह। माहौलमे परि‍वर्त्तन भेल। लगभग चारि‍टा कथापाठ फेर भेल आ तेकर संक्षि‍प्‍त समीक्षा सेहो कएल गेल। तात् भि‍नसर ६बाजि‍ गेल। श्री रमानन्‍द झा रमण अपन अध्‍यक्षीय उद्वोधनमे उपरोक्‍त झजमझ (मतांतर)पर एक्को शब्‍द नै बजलाह।
अगि‍ला कथा गोष्‍ठि‍क आयोजन श्री वि‍जय महापात्रा जीक संयोजकत्‍वमे हुनके मातृभूमि‍ महिषी मे कएल जाएत ताहि‍ लेल सुपौलक संयोजक श्री अरवि‍न्‍द ठाकुरजीक द्वारा दीप आ उपस्‍थि‍ति‍ पुस्‍ति‍का भावी संयोजककेँ समर्पित करैत गोष्‍ठि‍क समापन कएल गेल। (साभार विदेह www.videha.co.in)

सगर राति दीप जरए: ६६म आयोजन :३० मई,२००९: मधुबनी - मिथिलेश कुमार झा

सगर राति दीप जरए: ६६म आयोजन :३० मई,२००९: मधुबनी
- मिथिलेश कुमार झा
सगर राति दीप जरए नामे आयोजित होमएबला कथा गोष्ठीक ६६म आयोजन तीस मई शनि दिन मधुबनीमे आयोजित भेल। मिथिला साहित्यिक एवम् सांस्कृतिक परिषद, मधुबनीक तत्वाधानमे श्री दिलीप कुमार झाक संयोजनमे आयोजित ई कथा गोष्ठी कथा-उत्सवक नामसँ माध्यमिक शिक्षक संघ भवन, मधुबनीक सभा भवनमे संध्या ६ बजी सँ आयोजित कयल गेल। एहि कथागोष्ठीक उद्घाटन दीप जरा कए कयलनि डॉ. देवकान्त झा। मिथिलाक परम्परानुसार गोसाउनिक गीत गयलनि श्री प्रवीण कुमार मिश्र। एहि कथागोष्ठीक अध्यक्ष प्रस्तावित कयल गेलाह प्रसिद्ध कथाकार श्री हीरेन्द्र कुमार झा। अतिथि लोकनिक स्वागतमे स्वागत गान गओलन्हि श्री प्रवीण कुमार मिश्र। एहि आयोजनक प्रति दुइ शब्दक संगहि स्वागत भाषण देलनि संयोजक श्री दिलीप कुमार झा।
एहि कथा-उत्सवमे श्री शैलेन्द्र आनन्दक कथा संग्रह “घरमुहा”क लोकार्पण डॉ.रमानन्द झा “रमण”क हाथे भेल। ॠषि वसिष्ठक लिखल मैथिली बाल कथाक एकटा पोथी“झुठपकड़ा मशीन” केर लोकार्पण सेहो डॉ. रमानन्द झा “रमण” कयलनि। एहि उद्घाटन सत्रक संचालन कयलनि श्री दमन कुमार झा।
एहि कथागोष्ठीमे स्थानीय आ बाहरी कथाकार सभक लगभग ४२ गोट कथा पढ़ल गेल। कथाकार लोकनि छलाह:
१.जगदीश कुमार भारती- बिन टिकटक यात्रा
२.श्रीमती रानी झा- परिवर्तन
३.योगानन्द सुधीर- पाठकक गाछ
४.अजित कुमार आजाद- रोग
५.जगदीश कुमार मंडल- बिसंध
६.शैलेन्द्र आनन्द- सरहुलक सुगन्ध
७.कामेन्द्रनाथ झा “अमल”- गामक मोह
८.मिथिलेश कुमार झा -ब्रह्मसत्य, टीस
९.अमलेन्दु शेखर पाठक- विद्रोह, प्रहरी, चानसागर
१०.उमेश मंडल- बाइस भोजन, कर्तव्यनिष्ठ
११.नारायण यादव- अंधविश्वास, सुविधाक टैक्स
१२.अनमोल झा- रिलेशन १, रिलेशन २
१३.रघुनाथ मुखिया- बुद्ध, अजगरवृत्ति, धर्मनिष्ठ
१४.मनोजराम आजाद- बड़की बहुरिया
१५.चन्डेश्वर खान- सुशासन
१६.दुर्गानन्द मंडल- अपराजित
१७.उमाकान्त- अन्हार घरक साँप
१८.फूलचन्द्र झा “प्रवीण”- परिवर्तित स्वर
१९.उग्रनारायण मिश्र “कनक”- साय सुतारि
२०.दीनबन्धु- गाँधीक सात रंग
२१.रमाकान्त राय “रमा”- अप्पन हारल बहुक मारल
३०.डॉ.कमल कान्त झा- एखन छुट्टी नहि अछि
३१.ऋषि वशिष्ठ- ओ नाबालिक
३२.सुभाष चन्द्र झा “स्नेही”- अन्हार
३३.देवकान्त मिश्र- अपनत्व
३४.अशोक अविचल- गाम हमरो छी
३५.महेन्द्र पाठक “अमर”- परिवर्तनक संकल्प
३६. डॉ.हेमचन्द्र झा- निष्ठावान व्यक्तिक कन्यादानक अनुभव
३७.महाकान्त ठाकुर- अनुभूति
३८.विनय विश्वबन्धु- रहीम काका
३९.डॉ. सुरेन्द्र लाल दास- घण्टी घनघनाए उठल
४०.उमेश नारायण कर्ण- विधानक लेख
४१.शत्रुघ्न पासवान- सहयात्री
४२.अनिल ठाकुर- दुःख
भोर भय जएबाक कारणेँ चन्द्रपति लाल, भोगेन्द्र मिश्र “रमण”, विजेन्द्र कुमार मिश्र, पं.यन्त्रनाथ मिश्र आदि कैक गोट कथाकार अपन-अओपन कथा पढ़ि नहि सकलाह।
कथा सत्रक संचालन सम्मिलित रूपेँ अशोक कुमार मेहता आओर अजित कुमार आजाद कयलनि। पठित कथा सभ पर तत्काल आलोचना कयल गेल। प्रमुख आलोचक छलाह डॉ. महेन्द्र नारायण राम, फूलचन्द्र झा “प्रवीण”, डॉ. श्रीमती रंजना झा, कमल मोहन चुन्नू, डॉ. देवकान्त झा, उदयचन्द्र झा “विनोद”, डॉ. कमलानन्द झा, डॉ. फूलचन्द्र मिश्र“रमण”, नित्यानन्द गोकुल, शैलेन्द्र आनन्द, अशोक अविचल आदि।
गोष्ठीक अन्तमे हीरेन्द्र कुमार झा अपन अध्यक्षीय वक्तव्यमे पठित समस्त कथापर अपन समवेत दृष्टिकोण रखलनि।
सगर राति दीप जरए केर अगिला आयोजन रमाकान्त रॉय रमाक आयोजनमे मन राइ टोल (सिंघिया घाट, समस्तीपुर) मे हेबाक निर्णय सर्वसम्मतिसँ लेल गेल तथा गोष्ठीक दीप रमाकान्त बाबूकेँ अर्पित कय देल गेल। एहि संग एक बेर फेर नव साहियारक संग उपस्थित होयबाक उल्लासक संग कथाकार लोकनि प्रस्थान कयलनि। (३१.०५.२००९)।

उमेश मंडल सगर राति‍ श्रोता कथा-सागरमे डुबकी लगेलन्‍हि‍-

उमेश मंडल
सगर राति‍ श्रोता कथा-सागरमे डुबकी लगेलन्‍हि‍-

मधुबनी जि‍लाक लखनौर प्रखण्‍डक बेरमा गामक मध्‍य वि‍द्यालय परि‍सरमे २ अक्‍टूबर २०१०केँ मैथि‍ली कथा आन्‍दोलनकेँ समर्पित ‘सगर राति‍ दीप जरय’क ७१म आयोजन श्री जगदीश प्रसाद मंडलक संयोजकत्‍वमे कएल गेल। दीप प्रज्‍वलन सह उद्घाटन श्री उग्र नारायण मि‍श्र ‘कनक’ संध्‍या ६:३० बजे केलनि‍। तत्पश्‍चात डॉ. रमानन्‍द झा रमण, बेरमाक स्‍व. वि‍जय नाथ ठाकुर (चेतना समि‍ति‍सँ जुड़ल रहथि‍।) चर्चा करैत गामक (बेरमाक) साहि‍त्‍यक इति‍हासक चर्चा केलनि‍।
गोष्‍ठि‍क सुभारम्‍भ स्‍वागत गीतसँ, सपत्‍नी संजीव कुमार ‘समा’, अजय कुमार कर्ण, बेचन ठाकुर, आ जागेश्‍वर प्रसाद राउत जीक द्वारा भेल। तत्‍पश्‍चात ‘मंगला चरण’क उच्‍चारण शि‍वकुमार मि‍श्र जी केलनि‍।
‍गोष्‍ठि‍क अध्‍यक्षता डॉ. तारानन्‍द वि‍योगी आ संचालन श्री अशोक कुमार मेहता जी केलनि‍। कार्यक्रमकेँ आगाँ बढ़ाओल गेल पोथीक लोकार्पणसँ जेकर सूचि‍ एहि‍ तरहेँ अछि‍-
१ प्रलय रहस्‍य (कवि‍ता संग्रह) लेखक- तारानन्‍द वि‍योगी, लोकार्पणकर्ता- डॉ. रमानन्‍द झा रमण,
२ जीबन-मरण (उपन्‍यास) ले. जगदीश प्रसाद मंडल, लो.- श्री कुमार सहाएब आ श्री रमाकान्‍त राय ‘रमा’,
३ तरेगन (बाल प्रेरक कथा संग्रह) ले. जगदीश प्रसाद मंडल, लो.- डॉ. रमानन्‍द झा ‘रमण’ आ डॉ. फूलचन्‍द्र मि‍श्र ‘रमण’,
४ जीवन-संघर्ष (उपन्‍यास) ले. जगदीश प्रसाद मंडल, लो.- श्री अशोक (पटना) आ श्री उग्रनारायण मि‍श्र ‘कनक’,
५ सी.डी. ति‍रहुत्ता (वि‍देह ई पत्रि‍का, ६०म अंक धरि‍) संपादक गजेन्‍द्र ठाकुर, लो.- डॉ. योगानन्‍द झा, श्री उग्रनारायण मि‍श्र ‘कनक’ आ श्री नारायण जी,
६ सी.डी. देवनागरी (वि‍देह ई पत्रि‍का, ६०म अंक धरि‍) सं. गजेन्‍द्र ठाकुर, लो.- डॉ. तारानन्‍द वि‍योगी, डॉ. मंजर सुलेमान आ श्री अजीत आजाद,
७ नि‍बंध-तरंग (नि‍बंध-संग्रह) ले. श्रीपति‍ सि‍ंह, लो.- डॉ. रमानन्‍द झा ‘रमण’
८ अलका (कथा संग्रह) ले. कमलकान्‍त झा, लो.- डॉ. धनाकर ठाकुर आ डॉ. खुशीलाल झा।
छह गोट पोथी आ दू गोट सी.डी.क लोकार्पणक पश्‍चात कथा पाठ आ तेकर समीक्षा/समालोचना प्रारम्‍भ भेल। चारि‍-पाँच कथा/लघुकथाक पाठ आ तेकर समीक्षा चारि‍-पाँच समीक्षकक एक पालीमे होइत रहल। एहि‍ तरहेँ भरि‍ राति‍मे सात पालीक सुन्‍दर प्रदर्शन भेल। नव पुरान कथाकारक अलावे बाल-कथाकार सेहो अपन नूतन कथाक पाठ केलनि‍। कथा आ कथाक समीक्षा संपूर्ण श्रोताकेँ आकर्षित कएलकनि‍। ताहि‍पर श्रोताक टि‍प्‍पणी सेहो आएल। नव-कथाकारकेँ श्री अशोक, डॉ. फूलचन्‍द्र मि‍श्र रमण आ डाँ रमानन्‍द झा रमणक संग-संग आरो समीक्षक आपन खुशी व्‍यक्‍त केलनि‍ आ दि‍शा नि‍र्दे‍श सेहो देलनि‍। अध्‍यक्षीय भाषणमे डाँ तारानन्‍द वि‍योगी सेहो बेरमाक नव-कथाकारक संग-संग नव दृष्‍टि‍कोणक कथाकारक कथापर साकारात्‍मक वि‍चार रखलनि‍‍।
श्रोताक मनोयोग श्रवणसँ प्रभावि‍त भऽ कथाकार लोकनि‍क उत्‍साह भरि‍ राति‍ बनल रहल। उपरोक्‍त वर्णित कथाकार आ समीक्षकक अलावे कमलेश झा, उमेश नारायण कर्ण, शंकर झा, बुचरू पासवान, महेन्‍द्र नारायण राम, वि‍नय वि‍श्‍व वन्‍धु, रघुनाथ मुखि‍या, आशीष चमन, पंकज सत्‍यम्, ऋृषि‍ बशि‍ष्‍ठ, राजदेव मंडल, ि‍वनय मोहन ‘जगदीश’ इत्‍यादि‍क गरि‍माय उपस्‍थि‍त छल रहए।
दर्जनोसँ ऊपर श्रोताक टि‍प्‍पणीमे- रमण कि‍शोर झा, शशि‍कान्‍त झा, वि‍रेन्‍द्र यादव, लाल कुमार राय, घुरन राम, मो. इब्राहि‍म, दीपक कुमार झा, राम वि‍लास साहु आ राम प्रवेश मंडलक महत्‍वपूर्ण रहल। श्रोताक अनेको वि‍षए-वस्‍तुपर टि‍प्‍पणीक संग-संग एकटा महत्‍वपूर्ण टि‍प्‍पणी कपि‍लेश्वर राउत जीक द्वारा- ‘दर्जनक-दर्जन कथा पाठ भेल नीक लागल मुदा हम सभ कि‍सान छी कि‍सानी जि‍नगीक (खेती-बाड़ी) बात-चीत/वि‍षए-वस्‍तुक चर्च कथामे नहि‍ भऽ पावि‍ रहल अछि‍।’
एहि‍ टि‍प्‍पणीपर श्री अशोक अपन वि‍चार व्‍यक्‍त करैत कहलनि‍- ‘खेती-बाड़ी, कि‍सानी जि‍नगी आ गाम-घरक चर्चा वास्‍तवमे कम कएल गेल अछि‍, ने सि‍र्फ मैथि‍ली साहि‍त्‍यमे वरण् हि‍न्‍दी साहि‍त्‍यमे सेहो एकर अभाव माने जतेक अबैक चाही ओते नहि‍ आएल अछि‍।
भि‍नसर छह बजे एहि‍ ७१ गोष्‍ठीकेँ अन्‍त करैत श्री अरवि‍न्‍द ठाकुर (सुपौल) अग्रि‍म कथा गोष्‍ठी ७२म आयोजन हेतु दीप आ उपस्‍थि‍ति‍ पुस्‍ति‍का लेलनि‍। स्‍पष्‍ट अछि‍ जे अगि‍ला कथा गोष्‍ठी दि‍सम्‍बर मासमे सुपौलमे आयोजि‍त हएत।(साभार विदेह www.videha.co.in)

उमेश मंडल नि‍र्मलीसँ जनकपुर धाम

उमेश मंडल

नि‍र्मलीसँ जनकपुर धाम


प्राय: बच्‍चेसँ जनकपुर धाम जेबाक जि‍ज्ञासा छल जे आयोजि‍त कथा गोष्‍ठी ‘‘सगर राति‍ दीप जरय’’ क 69म खेपमे शामिल भऽ 3 अप्रैल 2010 केँ पूरा भेल। जहि‍सँ दोहरी खुशी भेटल।
चारि‍ए बजे भोरमे नि‍र्मली टीशनपर पहुँचलहुँ। करीब पॉंच बजे गाड़ी खुजल आ समएसँ सकड़ी टीशनपर उतरलहुँ। सकड़ीसँ जयनगरक मेल नहि‍ रहने मेक्‍सी पकड़ि‍ मधुबनी गेलहुँ। मधुबनीसँ पुन: मेक्‍सी पकड़ि‍ कलवाही, नगर कोठी होइत जयनगर गेलौं। तखन ढाइ बजैत रहै। जयनगरसँ जनकपुर लेल नेपाली ट्रेन
तीन बजेमे खुलत से जानकरी भेल। तहि ‍बीच हमसभ भोजन केलौं आ समएसँ अबिब ट्रेनमे बैसि रहलौं।
मैक्‍सीमे जखन भीड़ आ गुमारसँ परेशान रही तँ मनमे हुअए जे कोनो तरहेँ जयनगर तक पहुँचक अछि‍। ओइठॉंसँ तँ ट्रेनक यात्रा रहत। मुदा, ट्रेनक नमती आ भीड़ देखि‍ हुअए जे बसे जेकॉं हाल हएत। सएह भेल। मुदा, तइयो मनमे खुशी रहए ि‍कएक तँ दस-बारह गोटाक संगवे रहए जहि‍सँ यात्रामे कोनो कठि‍नाइ नहि‍ बुझना गेल, भरि‍ रस्‍ता गप-सप्‍प चलैत रहल। नव कथाकारक संग-संग श्री जगदीश प्रसाद मंडल आ श्री राजदेव मंडल सेहो संगमे रहथि‍, जे हमरा सबहक लेल सौभाग्‍य छल। गोसॉंइ लुक-झुक करि‍ते छल तावत् गाड़ी जनकपुर धाम पहुँचि गेल।
ट्रेनसँ उतरि‍ हमसभ रामानन्‍द युवा क्‍लब जेबाक लेल आगॉं बढ़लौं। ि‍मथि‍ला महोत्‍सवसँ जनकपुर भरि‍ बाजारमे रमणीय वातावरण छल। जहि‍सँ चाह-जलपान केनाइ आकि रि‍क्‍सासँ गेनाइ सभ कियो ि‍बसरि‍ गेलाह। पएरे सभ बिदा भेलौं। देखैत-सुनैत समए रामानन्‍द युवा क्‍लबमे प्रवेश केलौं। दोसर मंजि‍लपर पएर दइते रही आकि श्री राजाराम सि‍ंह राठौरजी भेंट भऽ गेला। हमरा सभकेँ देखते हाथ पकड़ि‍ बड़ी अहलाद्सँ यथोचि‍त स्‍थानपर लऽ गेलथि‍। उपस्‍थि‍त साहि‍त्‍यकार लोकनि‍केँ देखि‍ हर्ष भेल। दीप जरा गोष्‍ठि‍क शुभारम्भ भेल। संयोजक महोदय श्री राजाराम सि‍ंह राठौर सभ व्‍यवस्‍था बड़ नीक जेकॉं कएने रहथि‍। कथा जानकीक नामसँ एकटा बैनर टांगल रहै। आदरणीय रमानन्‍द झा “रमण”जी पहि‍नहि‍सँ उपस्‍थि‍त रहथि‍। गोष्‍ठीक संचालन आदरणीय फूलचन्‍द्र ि‍मश्रजीकेँ देल गेलनि‍।
गोष्‍ठि‍क शुरूहेँमे दर्जन भरि‍ पोथीक लोकार्पण कएल गेल, जहि‍मे मौलाइल गाछक फूल (उपन्‍यास) आ ि‍मथि‍लाक बेटी (नाटक)- जगदीश प्रसाद मंडल। भाग रौ आ बलचन्‍द्रा (नाटक)- ि‍वभा रानी। हम पुछैत छी (कवि‍ता संग्रह)- वि‍नीत उत्‍पल। नताशा (कॉंि‍मक्‍स)- देवांशु वत्‍स। अर्चिस (कवि‍ता संग्रह)- ज्‍योति‍ सुनीत चौधरी। नेपथ्‍य (नाटक संग्रह) आ नैमि‍कानन (कथा संग्रह)- सम्‍पादक- रेबती रमण लाल। ि‍मथि‍ला सृजन (पत्रि‍का) सम्‍पादक ऋृषि‍ बशि‍ष्‍ठ। वि‍देह- कथा 2009-10, प्रबन्‍ध समालोचना 2009-10 आ वि‍देह पद्य 2009-10 सम्‍पादक गजेन्‍द ठाकुर जीक रहनि‍।
एहि‍ तरहेँ बारह गोट पोथी‍क लोर्कापणक शि‍लशि‍ला करीब घंटा भरिक‍ रहल। फोटोग्राफर सभ फोटो खि‍चलनि‍। तहि‍बीच चाह-जलपान सेहो चलल। रजि‍स्टरपर सभ कथाकार अपन-अपन उपस्‍थि‍ति‍ आ कथाक नाम दर्ज केलनि‍। पहि‍ल कथा श्री सुरेन्‍द्र नाथ, दोसर श्रीमती ि‍वजेता चौधरी, तेसर ि‍वभूति‍ आनन्‍द फेर ि‍जज्ञासु जी, जगदीश प्रसाद मंडल, रौशन जनकपुरी, अरवि‍न्‍द ठाकुर, ऋृषि‍ बशि‍ष्‍ठ, उमेश मंडल, रघुनाथ मुखि‍या, महाकान्‍त ठाकुर, चौधरी जयंत तुलसी, बेचन ठाकुर, कपि‍लेश्‍वर राउत, मनोज कुमार मंडल, खड़ा नन्‍द यादव, राजदेव मंडल, दुर्गानन्‍द मंडल इत्‍यादि‍ तीस गोट कथाकार कथा पाठ केलनि‍। तीन-तीन कथाक पाली होइत छल। एक पालीक पठित कथापर समी‍क्षा होइत रहए। प्रखर समी‍क्षक डॉ. रामावतार यादव, डॉ राजेन्‍द्र ि‍वमल, रौशन जनकपुरी, डॉ रमानन्‍द झा रमण, श्री ही‍रेन्‍द्र कुमार झा, श्री योगानन्‍द झा, श्री अजीत आजाद आदि‍ अपन दृष्‍टि‍कोण दैत समीक्षा रखलखि‍न। ई शि‍‍लशि‍ला राति‍ भरि‍ चलैत रहल। लागि‍ रहल छल जे ई नव कथाकारक लेल ट्रेनि‍ंग काॅलेज सदृश्‍य अछि‍।
भि‍नसर छह बजे गोष्‍ठि‍क समापन भेल। अगि‍ला कथा गोष्‍ठी 70म सगर राति‍ दीप जरय केँ प्रस्‍ताव श्री योगानन्‍द झाजी रखलनि‍। आदरणीय रमानन्‍द झा रमण जीक संग-संग सभ साहि‍त्‍यकार लोकनि‍ सहर्ष एकरा स्‍वीकार केलनि‍। रजि‍स्टर आ दीप श्री राजाराम सि‍ंह राठौर जी अगि‍ला कथा उत्‍पल हेतु श्री योगानन्‍द झा जीकेँ देलनि‍। एकबेर सभ खुशी-खुशी थोपड़ी बजेलनि‍।
अगि‍ला कथा गोष्‍ठीक स्‍थान- कवि‍लपुर लहेरि‍यासरय (दरभंगा)
ति‍थि‍- 12 जून 2010
संयोजक- श्री योगानन्‍द झा
कबि‍लपुर (दरभंगा)
रामानन्‍द युवा कल्‍व जनकपुर धाममे ३ अप्रैल २०१० 69म सगर राि‍त दीप जरय- कथा गोष्‍ठीकेँ उद्दघाटन- डॉ रामावतार यादवकेँ द्वारा कएल गेल। संयोजक श्री राजाराम सि‍ंह राठौर आ रामानन्‍द युवा कल्‍व रहथि‍।

12टा पोथीक वि‍मोचनक कएल भेल

1 मौलाइल गाछक फूल (उपन्‍यास)
जगदीश प्रसाद मंडल
-- डॉ राजेन्‍द वि‍मल
--
-- श्री रामनन्‍द झा ‘‘रमण’’

2 ि‍मथि‍लाक बेटी (नाटक)
जगदीश प्रसाद मंडल
-- डॉ राजेन्‍द्र वि‍मल
-- श्री रामानन्‍द झा ‘‘रमण’’
--

3 वि‍देह पद्द 2009-10

-- श्री हीरेन्‍द्र कुमार झा
--
-- श्री रामानन्‍द झा ‘‘रमण’’
4 ि‍वदेह प्रवन्‍ध-समालोचना 2009-10
-- डॉ वि‍भूति‍ आनन्‍द
--
--

5 वि‍देह कथा 2009-10
-- डॉ वि‍भूति‍ आनन्‍द
-- श्री अजीत आजाद
--

6 हम पुछैत छी (कवि‍ता संग्रह)
वि‍नीत उत्‍पल
-- राम भरोस कापड़ि‍ ‘‘भ्रमर’’
--
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7 भाग रौ आ बलचन्‍द्रा (नाटक)
वि‍भा रानी
-- श्री अरवि‍न्‍द ठाकुर
--
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8 अिर्चस (कवि‍ता संग्रह)
ज्‍योति सुनीत चाैधरी‍
-- डॉ वि‍भूति‍ आनन्‍द
--
-- श्री रामानन्‍द झा ‘‘रमण’’

9 नताशा पहि‍ल चि‍त्र श्रंृखला
देवांशु वत्‍स
-- श्री प्रफूल कुमार मौन
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10 नेपथ्‍य (नाटक)
-- डॉ रेबती रमण लाल
-- डाॅ रामावतार यादव
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11 नैमि‍कानन (कथा संग्रह)
-- श्री फूलचन्‍द्र ि‍मश्र
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12 ि‍मथि‍ला सृजन पत्रि‍का
सम्‍पादक- ऋृषि‍ बशि‍ष्‍ठ
-- डॉ राजेन्‍द्र वि‍मल
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एहि‍ तरहेँ दर्जन भरि‍ पोथीक लोकार्पण भेल। आ एहि‍ कथा गोष्‍ठीमे 30 टा कथाक पाठ भेल जाहि‍मे सभसँ खुशीक बात ई जे दजनोसँ बेसी नव कथा कारक उपस्‍थि‍ति‍ रहय।

कथाकार आ कथाक नाम एहि‍ तरहेँ छल-

श्री सुरेन्‍द्र नाथ सुमन- संस्‍कृति‍
श्रीमती वि‍जेता चौधरी- भ्रूण
ि‍वभूति‍ आनन्‍द- अरे
जि‍ज्ञासू जी- वि‍वस्‍ता
जगदीश प्रसाद मंडल- प्रेमी
रौशन जनक पुरी-
ऋृषि‍ बशि‍ष्‍ठ- जौवॉं
उमेश मंडल- जेहन मन तेहन जि‍नगी
रघुनाथ मुखि‍या- वंश
महाकान्‍त ठाकुर- दि‍यादी
चौधरी ज्‍यंत तुलसी- के वुरि
बेचन ठाकुर- पत्तावाली
कपि‍लेश्‍वर राउत- सलाह
मनोज कुमार मंडल- घासवाहि‍नी
खड़ानन्‍द यादव- गहुमक बोड़ा
दुर्गानन्‍द मंडल- लाल भौजी
राजदेव मंडल- ‍

(साभार विदेह www.videha.co.in)

श्री गंगेश गुंजन/ मैथिलीक उर्वर क्षेत्रमे कॉरपोरेट-जगत धाप/ ॥ किछु एहनो बात विषय॥

श्री गंगेश गुंजन(1942- )। जन्म स्थान- पिलखबाड़, मधुबनी। एम.ए. (हिन्दी), रेडियो नाटक पर पी.एच.डी.। कवि, कथाकार, नाटककार आ' उपन्यासकार। मैथिलीक प्रथम चौबटिया नाटक बुधिबधियाक लेखक। उचितवक्ता (कथा संग्रह) क लेल साहित्य अकादमी पुरस्कार। एकर अतिरिक्त्त हम एकटा मिथ्या परिचय, लोक सुनू (कविता संग्रह), अन्हार- इजोत (कथा संग्रह), पहिल लोक (उपन्यास), आइ भोट (नाटक)प्रकाशित। हिन्दीमे मिथिलांचल की लोक कथाएँ, मणिपद्मक नैका- बनिजाराक मैथिलीसँ हिन्दी अनुवाद आ' शब्द तैयार है (कविता संग्रह)।

मैथिलीक उर्वर क्षेत्रमे कॉरपोरेट-जगत धाप
एम्हर आब मैथिलीकेँ ई अष्टम सूचीक मान्यता एकटा आओर नव वादक उपहार-दरभंगा-मधुबनी-सहरसा वादक उपहार बनि रहलए। नव बाजारी प्रवृत्तिक ई प्रच्छन्न बीज-वपन आरम्भ भ’ चुकल अछि। सावधान। जे वर्ग एहि नव प्रयोजन-सिद्धिक बाट पर चलि आ’ चला रहलाह अछि, तनिकासँ संवाद होयबाक चाही। एखनहि-एही काल। अन्यथा मैथिलीक जतेक आ’ जेहन हानि आइ धरि नहि भेल छलैक, ताहिसँ बहुत बेशी आ’ खतरनाक नोकसान भ’ जयतैक। देशमे प्रचलित तुच्छतावादी प्रवृत्तिक विरुद्ध रखबारी कर’ पड़त। पूरवाग्रह मुक्त्त मन-प्राणसँ। अपना-अप्नी क’ क’ सुतारबाक, हथिययबाक अवसरवादी प्रवृत्तिसँ बाज अबै जाथि।
मैथिलीक विषयकेँ समग्रतामे -देखि-बूझि क’- जाहिमे सम्पूर्ण मिथिला, मैथिल आ’ मैथिली अछि। छुछे दरभंगा-सहरसा-मधुबनी –ए टा नहि। आ’ ने छुच्छे सोति-ब्राह्मण-ब्राह्म्णेतर मैथिली भाषा-संस्कृति। तहिना साहित्य कथा कि कविता कि उपन्यास कि नाटके टा नहि। ई सभटा समस्त मिथिलांचलक एक जातीय सांस्कृतिक समग्रता तथा लोक गरिमाक, मानवीय गुणवत्ता, जीवनमूल्यक दबाबमे करैत रचनाकर-विचारकक संघर्ष आ’ आदर्शोन्मुख अभिव्यक्त्तिमे समस्त युग-यथार्थ बनैत अछि।
ओना अपना-अपना पीढ़ीक प्रति आग्रह-आवेश स्वाभाविक, तेँ सभ दिना यथार्थ। मुदा वैह यदि कट्टरताक रूप ल’ लिअय तँ सामाजिक जहर बनि जाइछ। दुःखद आ’ चिन्तक विषय तँ ई जे एहन प्रवृत्ति मैथिली भाषा आ’ साहित्यमे सृजनरत अधिकांश नव्यतम रचनाकारमे पर्यंत देखाइ पड़’ लागलए। जनिकर लेखनसँ मैथिलीकेँ बड़-बड़ आशा छैक। से लोक सेहो।ई दुश्चिन्तेक विषय। एहन विभाजनकारी, विद्वेषोन्मुखी डेगकेँ रोकबाक चेतना जगाउ। आरम्भेमे-एखने।
एहन वेगमे संस्थामूल्य सभक क्षय होयबामे समकालीन लोकक नकारात्मक पहल केर मुख्य भूमिका रहैत आयल छैक। आइ तँ आर। संस्था समेत साहित्यक आकलन-मूल्यांकनसँ ल’ साहित्य-सम्मान धरिक मानदण्ड-निकष-कसौटीक निष्पक्षता आ’ ईमानदारी पर प्रश्न उठि रहल अछि। संस्था मूल्य सभक क्षरण आ’ कठघरामे ठाढ़ कएल जयबाक घटना सभकेँ, हल्लुक क’ नहि, बहुत गंभीरता आ’ जिम्मेदारीसँ स्वीकार करबाक एखनहि अछि- बेर छैक। नहि तँ पछताय लेल तँ सौँसे भविष्य धएल अछि। एहि परिस्थिति तथा एकर खतरनाक प्रवृत्ति पर लोकक ध्यान जयबाक चाही, जे कोना एन.आर.आइ. प्रकारक लोक सभ आइ एक-बएक अचानक मैथिलीक भाषा-सांस्कृतिक आँगनकेँ सेहो कब्जा क’ रहल छथि। तेहन देशी एन.आर.आइ प्रकारक लोककेँ अवश्य चिन्हित कयल जयबाक चाही जे मिथिलांचल-मैथिली भाषा आ’ लोकक प्रसँग कहियो किछु नहि कयलनि। कोनो योगदान नहि। परन्तु आइ मैथिलीक ओहू क्षेत्रक अवसर आ’ संस्थाकेँ अपने अधीन क’ लेबाक प्रबंधमे सक्रिय, लगातार सफल भ’ रहल छथि। विडंबना तँ ई जे मैथिली-मिथिलांचलक विरुद्ध एहि गतिविधिमे बहुत रास तथाकथित मैथिलीक उच्चकोटिक लेखक-समालोचक-कवि ( छद्म प्रातिशील रचनाकार समेत) सेहो कोनो आपत्ति वा विरोध दर्ज नहि क’ रहल छथि। बल्कि मैथिलीक एहि नवोदयक-साम्राज्यवादक परोक्ष सहयोगे क’ रहल छथि। सँभव जे भविष्यमे अपना लेल कोनो उत्पादक अवसरक वास्ते निवेश बुद्धिसँ, ई सभ क’ रहल होथि, एकरे व्यावहारिक बाट मानि क’ चुप बनल छथि। युवा पीढ़ीक सेहो। के पड़य एहि सभमे?
अद्यावधि प्राप्त इतिहासक जानकारीमे तत्काल यश-धनक अति-उताहुल , व्यग्र नव पीढ़ी! ई पराभव बजार आ’ भूमंडलीकरण (प्रायः!) मिथिलांचलक एहि नव गणित आ’ समाजशास्त्रकेँ की चीन्हओ? जा रहल लोक चीन्हओ कि आबि रहल लोक? ककर दायित्व।
हमरा जनैत अवसर आ’ दूरगामी प्रभाव परिणतिकेँ दृष्टिमे राखि क’, छुच्छे बौद्धिकताक, बुद्धिजीविताक संकीर्णताक नहि, सबजन मैथिल अर्थात् जनसाधारणक मंगलकेँ नजरि पर राखि, स्वच्छ हृदय, पारदर्शी व्य्वहारवादक चलन अनै जाउ। यदि सत्ये मैथिली, मिथिलासँ अनुराग हो। पारम्परिक मैथिल कूटिचालि चोड़ै जाइ जाउ। अंततः मैथिली अपना सभक एकहि टा नाओ अछि। सभ गोटय एही नाओमे सवार छी। पार उतरब तँ सभ क्यो। तेँ नाओमे भूर नहि हो। बीचहिमे डूबय ने कतहु। अन्हारोमे अनका टाटक भूर देखबाक आँखि आ’ नेत बदल’ पड़तैक।(अन्हारोमे अनका टाटक भूर देखबाक बिम्ब पूर्णियाक कवि- प्रशान्तजीक मन पड़ि गेलय ‘सद्य मैथिल छी’) जे ओ’ आकश्ववाणी पटनाक मैथिली कार्यक्रम भारतीमे प्रसारित कयने रहथि)।
नकारात्मक-ध्वंसात्मक समझ आ’ बुद्धिसँ परहेज करए जाइ जे क्यो से क’ रह्ल होइ। चन्द्रमा पर नव प्रभुवर्गक प्लॉट-रजिस्ट्री जेकाँ सद्याः उपलब्ध मैथिलीक एहन ऐतिहासिक अवसरक उपयोग सोचै जाउ-उपभोग नहि। दरभंगा बनाम सहरसा बना क’ मैथिलीक क्षेत्रीय रजिस्ट्री जुनि करबै जाउ। मनै छी, कहियो छल हेतै ई मनवाद। मुदा से मैथिलीक नितांत दोसर दौर छलैक। से ध्यान रखबाक थिक।
ई(वि)काल प्रायः सभ भाषा-साहित्यक इतिहासमे अबैत रहलैए। साहित्यिक सरोकार समाजसँ रहैत छैक, तथा समाज जीवन-यापन समेत जीवन-शैली आ’ जीवन मूल्यक निर्मिति आ’ निर्वहन तत्कालीन सत्ताक उपज होइत अछि। तेँ जन साधारणे लोकटा नहि, बुद्धिजीवी आ’ नेतृवर्ग सेहो ताही दबाबमे अपन प्राथमिकता तय क’ क’ अपन बाट बनबैत अछि आ’ सुभीता चह’ लगैत अछि। कालांतरमे जल्दीये तकर अभ्यस्त भ’ जाइत अछि। मध्यम वर्ग बेशी आ’ जल्दी।
ई सुविधावादी जीवन-शैली आ’ जीवनदर्शन जन्मैत छैक- कहियो धर्म-सत्ता, कहियो राज-सत्ता, कहियो विकलांग लोकतंत्र वा कहियो अपरिपक्व लोक सत्ताक विचार-व्यवहारक संवेदनशील व्यवस्था शासनक अधीनतामे। बहुसंख्यक जनताक अशिक्षा दुआरे। तखन ओहि समयक जे बुधियार वर्ग रहैत अछि से सत्ताक अनुगमन करबाक सुभीतगर निष्कंटक बाट चुनैये। सुभीताकेँ अपन जीवन-मूल्य बना लैत अछि। जे बुधियार नहि अर्थात् जनसाधारण लोक, ताहि परिस्थितिकेँ अपन नियति वा प्रारब्ध मानि लैत अछि। एना अगिला कएक पीढ़ी धरि एहिना ओंघड़ाइत चलैत चलि जाइत छैक।
गुलामी खाली कोनो बाहरीये देश वा सम्राट-साम्राज्येक टा नहि होइत अछि। गतानुगतिकता आ’ यथास्थितिवादी मानसिकता आ’ युगक प्रगति-गतिकेँ नहि बूझि, मूड़ी निहुँरैने सभ किछु स्वीकार आ’ सहैत चलि जाइक प्रवृत्ति सेहो गुलामियेक थिक। सत्ता तुष्ट लोकक ताबेदारी सेहो नव भाँग-गाँजाक अभ्यास अर्थात् गुलामिये होइत अछि। से ई सभ प्रकारक गुलामी बहुत युग धरि चलैत रहि जाइत छैक- अगिला कोनो सामाजिक परिवर्त्तन- कोनो महाक्रांति अयबा धरि। एखन धरिक इतिहासक शिक्षा तँ यैह कहैत अछि।
उर्वर क्षेत्रक आविष्कारक बाद बजार ओकरा हथियबैत छैक। तेहन लोक से क’ नहि गुजरय। निजी सम्पत्ति ने बना लिअय। एकर रजिस्ट्री-केबाला ने करबा ने करबा लिअय। मैथिलीकेँ मसोमातक जमीन जेकाँ अपना-अपना नामे लिखबाक व्योंतमे लागल तेहन लोक से क’ नहि लिअय।
एहि प्रक्रियामे माफियो –घुसपैठियो सभक गतिविधि अचानक तेज भ’ जाइत छैक। कहबाक प्र्योजन नहि जे मैथिली एखन सैह उर्वर क्षेत्र बनल अछि। मैथिली माफियाक कॉरपोरेट सेक्टर जोशमे अछि। गतिविधि तेज केने अछि।
मैथिलीक विषयकेँ समग्रतामे -देखि-बूझि क’- जाहिमे सम्पूर्ण मिथिला, मैथिल आ’ मैथिली अछि। छुच्छे दरभंगा-सहरसा-मधुबनी-ए टा नहि। आ’ ने छुच्छे सोति-ब्राह्मण-ब्राह्मणेतर मैथिली भाषा, संस्कृति। तहिना साहित्य कथा कि कविता कि उपन्यास कि नाटके नहि। ई सभटा समस्त मिथिलांचलक एक जातीय सांस्कृतिक समग्रता तथा लोक गरिमा, मानवीय गुणवत्ता, जीवनमूल्यक दबाबमे करैत रचनाकार-विचारकक संघर्ष आ’ तकरे आदर्शोन्मुख अभिव्यक्त्तिमे युग-यथार्थ बनैत अछि। सद्यः उपलब्ध मैथिलीक एहन ऐतिहासिक अवसरक उपयोग सोचै जाइ- उपभोग नहि। दरभंगा बनाम सहरसा बना क’ मैथिलीक रजिस्ट्री-बन्दोबस्त नहि करबै जाइ जाय।

॥ किछु एहनो बात विषय॥

यद्यपि एहि बात –‘सगर राति दीप जरय’ पर हम सिद्धांततः प्रभासजीसँ सहमत नहि रहलौँ, परन्तु एम्हर पछिला दशकमे ई तिमाही-कथा गोष्ठी- ‘सगर राति दीप जरय’- आजुक मैथिली कथा-विधामे की योगदान कएलक अछि, से तथ्य आब इतिहासमे दर्ज अछि। ई बात सही छैक जे एहन कोनो कार्य कोनो एक गोटेक नहि होइछ। मुदा सभ वर्त्तमानकेँ ओहि एक संस्थापना-कल्पक व्यक्त्ति-लेखककेँ अवसरोचित रूपेँ कृतज्ञतासँ स्मरण अवश्य कयल जयबाक चाही। से लेखकीय नैतिकता थिक। आ’ हमरा जनतबे, से रहथि- स्व. प्रभास कुमार चौधरी।
हमरा तखन दुखद निराशा भेल जखन एहि बेरक मैथिली साहित्य अकादेमी पुरस्कार पओनिहार प्रदीप बिहारीजी साहित्य अकादेमी-सभागारमे लेखक-सम्मिलन-अवसर पर अपना वक्तव्यमे सगर राति दीप्प जरयक उपलब्धिक चर्चा तँ कएलन्हि, मुदा स्व. प्रभास जीक नामोल्लेखो नहि कयलखिन। एकरा हम साधारण घटना नहि मानि सकैत छी। गंभीर बात बुझैत छी। कारण हमरा लोकनि रचनाकार छी। औसत कोटिक कोनो राजनीतिक नहि। संभव हो नाम अनावधानतामे छूटि गेल होनि। मुदा हमरा सभ लेखक छी तेँ एहन असावधानी करबा लेल स्वाधीन नहि छी। यद्यपि अपन खेद हम हुनका प्रकट कयलियनि।
हमरा लगैये जे अपन-अपन सकारात्मक इतिहासक प्रति सभ पीढ़ीक मनमे कृतज्ञताक भाव अंततः लेखकक ऊर्जा आ’ प्रेरणे बनैत रहैत छैक। बतौर कवि हम मैथिलीमे जाहि काल-बिन्दु पर ठाढ छी, तकर जड़ि विद्यापतिसँ ल’ सुमन-किरण-मधुप- आ यात्रीएमे। ई सोचि क’ मन कृतज्ञ होइत अछि! बल्कि गौरांवित। ओना, एकटा लेखक रूपमे हम एहिमे सँ क्यो नहि छी। जेना सभ, सभक कारयित्री प्रस्थान छथि, तहिना हमहुँ नागार्जुन-यात्रीक कारयात्री प्रस्थान छी। आ’ ई भाव हमरा रचनाकर्ममे अग्रसर करबाक उत्तरदायित्व द’ गेलय।
तर्पण तिल-कुश –अंजलि बला कर्मकाण्डकेँ तँ हम नहि मानैत छी, मुदा पुरखाक तर्पण हमरा प्रिय अछि। अपना शैलीमे। अपन जीवन-मूल्यक एकटा अभिन्न तत्त्व बुझाइत अछि।
तकर बाट की हो? अवसर पर कृतज्ञ स्मृति! अवसर पर- तिथि पर नहि।(साभार विदेह www.videha.co.in)

विदेह ई-पत्रिकाक ७७म अंक जे नारी विशेषांक छल, अपनामे एकटा अध्याय छल/ वीणा ठाकुर

विदेह ई-पत्रिकाक ७७म अंक जे नारी विशेषांक छल, अपनामे एकटा अध्याय छल, ओइ अंकसँ किछु रचना आ चर्चा साभार दऽ रहल छी: ......

वीणा ठाकुर

प्राचीन भारतीय संस्कृतिमे मिथिलाक योगदान

1. प्राचीन भारतक इतिहासमे मिथिलाक सांस्कृतिक इतिहास अत्यंत गौरवपूर्ण एवं महिमाशाली रहल अछि। सत्य तँ ई अछि जे मिथिलाक सांस्कृतिक इतिहासक ज्ञान बिना भारतक इति सांस्कृतिक इतिहासक यथार्थ ज्ञान संभव नहि अछि। सुदूर अतीतमे मानव मनीषा आर प्रतिभाक प्रोज्वल प्रकाश एतय विद्दमान छल, धर्म-दर्शन, ज्ञान-विज्ञानक प्रत्येक क्षेत्रमे विश्व विश्रुत ज्ञानी-गुणी जनक जन्मभूमि होएबाक सौभाग्य मिथिलाके प्राप्त छल। धर्म तथा दर्शनक क्षेत्रमे मिथिला नहि मात्र अपन महत्व स्थापित कयलक अपितु ओकर पुष्टि सेहो कयलक तथा तत्कालीन विश्वक चारू-दिशामे ओकर संदेश प्रसारित करैत मानव जातिक कल्याण साधन कयलक। जनक सदृश राजर्षि, याज्ञवल्क्य सदृश ज्ञानी, गार्गी, मैत्रेयी, भारती सदृश विदुषी नारी, जगत-जननी सीताक जन्म स्थली तथा गौतम, कपिल, मंडन मिश्र, वाचस्पति मिश्र, उअदयनाचार्य, गंगेश उपाध्याय, पक्षधर मिश्र, दार्शनिक प्रवर एवं ज्योतिरीश्वर-विद्यापति सदृश कवि तथा विद्वानक जन्म स्थली मिथिला भारतक इतिहासमे अनंत काल धरि अपन उज्वल कीर्त्ति स्थापित कऽ लेने अछि। जाहि प्रकारे प्राचीन युगमे एथेंस युनानि लेल ज्ञान-विज्ञान एवं सभ्यता-संस्कृतिक केन्द्रस्थल छल, तहिना मिथिला सम्पूर्ण भारत वर्ष लेल।
2. प्राचीन संस्कृत वाङ्मयक अवलोकन सँ ज्ञात होइत अछि-जे भू-भाग वर्त्तमानमे बिहार कहल जाइत अछि, ओ प्राचीन कालमे तीन खण्ड राज्यमे वियक्त छल; विदेह, मगध आर अंग। गंगा नदीक दक्षिण-पश्चिममे ‘मगध’ राज्य छल, जकर प्राचीन नाम “कीकट’’ छल आर जे अनार्यक निवास स्थान बुझल जाइत छल। पश्चात् ई प्रदेश मगध नामसँ अभिहित होमय लागल एवं एतुका निवासी के हेय दृष्टिसँ देखल जाइत छल। पाश्चात्य विद्वान वेवर, पार्जिटर आदि विस्तारसँ विचार करैत कहने छथि जे- अनार्थक आगमन एहि ठाम पूर्व दिशसँ बराबर होइत छल आर एहि ठामक निवासी आर्य सभ्यताक अधिपत्य सहजहिं स्वीकार नहि कयलक, ताहि हेतु वैदिक साहित्यमे ई प्रदेश निंदनीय कहल गेल। निरंतरमे कहल गेल अछि- “की कदा नाम देशोऽनार्थ विशेषः” मुदा एहि कीकट प्रदेशमे गया तीर्थ के अत्यंत पवित्र मानल गेल अछि; कीकटेषु गया पुण्या नदी पुण्या पुनः पुनः। च्यवनस्याल्रयं पुण्यं पुण्यं राज गृह वनस”। वौद्धायन धर्मसूत्रमे अंग एवं मगध निवासी संकीर्णयोनि कहल गेल छथि। मुदा वैदिक युगमे बिहारक एकटा भाग एहन छल जे आर्य सभ्यताक केन्द्रक रूपमे प्रसिद्ध छल आर ओ छल विदेह। शतपथ ब्राह्मणक अनुसार विदेह अपन पुरहितक संग सरस्वती नदीक तीरसँ सदानीरा (गंडकी)क तीरपर आयल छलाह आर नदी पार कऽ ओ पूर्व दिशामे अयलाह आर ओतए बसि गेलाह। इयह विदेह कालातंरमे मिथिला आर तीरभुक्ति नामसँ प्रसिद्ध भेल। वाल्मिकि रामायणक बाल-काण्डमे मिथिलाक चर्च करैत कहल गेल अछि; “रामोऽपिपरमा पूजा गौतमस्य महात्मनः। सकाशाद विधिवत् प्राण्य जगाम मिथिलां ततः”। ‘अनर्घ राघव’मे मिथिलाके विदेहक एकटा नगरी कहल गेल अछि; “वत्स! शृणोषि विदेहेषु मिथिलां नाम नगरीम्”। कालिदासक “रघुवंश”, श्री हर्षक “नहिषधीय चरित” तथा जयदेवक “प्रसन्न राघव” नाटकमे सेहो मिथिलाक उल्लेख भेटैत अछि। ‘भृंगदूत’मे “तीरभुक्ति”क उल्लेख मिथिला लेल बुझल गेल अछि। “गंगातीरावधिरधिगता यदभुवो भृङग युक्तिनाम्ना सैव त्रिभुवनतले विश्रुतः तीरभुक्ति:”।
3. विदेह वशंक सभसँ प्रसिद्ध राजा जनक भेलाह, जे बहुत पैघ ब्रह्मज्ञानी छलाह आर राजर्षि जनक नामसँ विख्यात भेलाह। हिनक राज सभा महाज्ञानी ब्राह्मण विद्वानसँ अलंकृत छल आर जाहिमे सर्व प्रधान ऋषि याज्ञवल्क्य छलाह। “शुक्ल यजुर्वेद’क प्रवर्त्तक याज्ञवल्क्य मानल जाइत छथि। आध्यात्म्य विद्याक संगहि वैदिक कर्मकाण्ड निष्णात ज्ञाता याज्ञवल्क्य: ख्याति सम्पूर्ण ब्रह्मावर्त्तमे व्याप्त छल। राजा जनक स्वंय ब्रह्म विधाय ज्ञाता एवं ब्राह्मणक पोषक छलाह। ब्राह्मग्रंथ आर उपनिषदमे जनक तथा याज्ञवल्क्यक आध्यात्म विधा संबन्धी शास्त्रार्थक चर्चा बहुतो प्रसंगमे कयल गेल अछि, मात्र चर्चा नहि अपितु प्रशंसा सेहो कयल गेल अछि। “बृहदारण्यकोपनिषद”क एक कथामे जनक द्वारा आहूत एक सभाक उल्लेख भेल अछि, जाहिमे कुरू-पांचाल आदि प्रदेशक बहुतो वेदक विद्वान पधारल छलाह आर जिनका सभके शास्त्रार्थमे परास्त कऽ याज्ञवल्क्य राज-सम्मान प्राप्त कयने छलाह। एहि सभामे विदुषी गार्गी सेहो उपस्थित छलीह। गार्गी आर याज्ञवल्क्य मध्य शास्त्रार्थक चर्चा “वृहदारण्यकोपनिषद”मे कयल अछि। तथा याज्ञवल्क्य द्वारा अपन पत्नी विदुषी मैत्रेयीकेँ प्रदत्त आध्यात्म्य तत्वक उपदेशक उल्लेख “बृहदारण्यकोपनिषद”मे अछि। बीतरागी, ब्रह्मज्ञानी आर त्यागी राजा जनकक सम्बन्धमे एकटा उक्ति प्रसिद्ध अछि- मिथिलायां प्रदीप्रायां नमे दहनति किञ्चन (सम्पूर्ण मिथिला जौं प्रदग्ध भऽ जाए, तथापि हमर किछु नष्ट नहि होएत)। शुकदेव सदृश सहज वीतरागी एवं परमज्ञानी पिता व्यासदेवक आज्ञासँ राजा जनकसँ त्राणोपदेश प्राप्त कएने छलाह। भगवान कृष्ण गीतामे प्रवृतिमार्गक आदर्श रूपमे जनकक उल्लेख कएने छथि।
4. महर्षि याज्ञवल्क्य द्वारा रचित विख्यात स्मृति ग्रंथ थिक। एहि ग्रंथमे चौदह विद्याक परिगणन एहि प्रकारे कएल गेल अछि – चारि वेद, छह अंग, एक मीमांसा, एक न्याय, एक पुराण आर एक धर्मशास्त्र। सम्पूर्ण वाङ्मयक समावेश एहि चौदह विद्यामे भऽ जाइत अछि, तथा याज्ञवल्क्य स्मृतिक अनुसार हिन्दु सम्पतिक उत्तराधिकार निर्णीत होइत अछि।
5. न्याय दर्शन कर्त्ता महर्षि गौतम मिथिलाक निवासी छलाह, जिनका श्रापसँ हिनक पत्नी अहिल्या पाथरक भऽ गेल छलीह। आर भगवान श्री राम जनकपुर यात्राक मार्गमे चरण स्पर्शसँ हिनक उद्धार कएने छलाह। न्याय शास्त्रक अतिरिक्त गौतम एकटा स्मृतिक रचना सेहो कएने छलाह।
6. विद्वान लोकनिक मतानुसार गौतम रचित ब्रह्म विद्यापर एकटा ग्रंथ छल, जे अनुपलब्ध अछि। वर्त्तमान कालहुँमे गौतम कुंड आर अहिल्या स्थान प्रसिद्ध अछि तथा गौतमक पुत्र शतानन्द राजा जनकक पुरहित छलाह।
7. सांख्य शास्त्रक निर्माता महर्षि कपिलक आश्रय मिथिलामे छल। हिनका द्वारा स्थापित शिवलिंग वर्त्तमानमे कपिलेश्वर नाथ महादेव नामसँ प्रसिद्ध तीर्थ स्थल अछि।
8. आचार्य शंकराचार्यक संग शास्त्रार्थ कएनिहार न्याय आ मीमांसाक अद्वितीय विद्वान मंडन मिश्र सेहो मिथिलाक रत्न छलाह। महिषी गाममे हिनक निवास स्थान छल, जे वर्त्तमानमे सहर्षा जिलामे अवस्थित अछि। हिनक धर्मपत्नी सरस्वतीक साक्षात अवतार विदुषी भारती शंकराचार्य आर मंडन मिश्रक मध्य शास्त्रार्थमे मध्यस्तता कएने छलीह आर मंडनमिश्रक पराजयक पश्चात स्वंय शंकराचार्यकेँ शास्त्रार्थमे पराजित कएने छलीह। कहल जाइत अछि जे मडंन मिश्रक गृहक पता शंकराचार्यसँ पूछबाक क्रममे एकटा पनिभरनी हुनका उत्तर दैत कहने छलनि जे “जगद् ध्रुवं स्याजगद् ध्रुवं आ कीड़ाङ्गना यत्र गिरो गिरंति। द्वारस्थ पीड़ाङ्गणसन्निरन्धो जानोहि तन्मण्डन मिश्र धाय”। ई प्रमाणित करैत अछि जे ओहि कालमे मिथिलामे संस्कृत विद्याक पूर्ण प्रचार छल तथा साधारण स्त्री सेहो सुशिक्षित छलीह।
9. मिथिला निवासी वाचस्पति मिश्र षददर्शनक अतिरिक्त समस्त शास्त्रक विद्वान छलाह। ब्रह्मसूत्र शंकर भाष्यपर हिनक “भामती टीका अत्यंत प्रसिद्ध अछि। वेदांतक ई एकटा प्रमाणिक ग्रंथ मानल जाइत अछि। हिनक रचित अन्य ग्रंथ अछि। ब्रह्म तत्व समीक्षा, न्याय कणिका, सांख्य तत्व कौमुदी, न्याय वर्त्तिक तात्पर्य आ योगदर्शन, ई हिनक विद्या-वेदध्यक परिचायक अछि। एकर काल एगारहम शताब्दी (सवंत) मानल जाइत अछि।
10. मिथिलाक न्याय शास्त्रक प्रसिद्ध पण्डित उदयनाचार्य रचित बहुतो ग्रंथ यथा – कुसुमाञ्जलि, किरणावली, लक्षणावली, न्यायपरिशिष्ट, आत्मतत्व विवेक आदि। स्वाभिमानी पण्डित उदयनाचार्यक ई गर्दौति, एखनहु प्रसिद्ध अछि -
11. ”वयमिह पदविद्यां तर्कमान्वीक्षिको आ।
12. यदि पथि विपथे आ वर्त्तयामस्स पन्था॥
13. उदयति दिशि यस्यां भानुमान् सैव पूर्वा।
14. नहि तरणिरन्दीते दिक् पराधीन वृत्ति:”॥
15. मिथिलाक अन्य प्राचीन दार्शनिकमे गंगेश उपाध्याय आ पक्षधर मिश्रक नाम विशेष रूपसँ उल्लेखनीय अछि। गंगेश उपाध्याय न्याय शास्त्रक अप्रतिम विद्वान छलाह आ खाद्य खडंन मतक खडंन अत्यंत विद्वतासँ कएने छलाह आ हिनक रचित प्रसिद्ध ग्रंथ थिक “तत्व चिंतामणि”।
16. पक्षधर मिश्रक सम्बन्धमे प्रचलित श्लोक-–“शंकर वाचस्पत्योः शंकरवाचस्पती सदृशौ। पक्षधर प्रतिपक्षी लक्षीभूतो नचय्वापि”॥ हिनक विद्वताकेँ प्रमाणित करैत अछि। विद्यापतिक समकालीन पक्षधर मिश्र “तत्व चिंतामणि” ग्रंथक “आलोक” नामक टीका रचना कयलनि संगहि “प्रसन्न राघव” आर “चन्द्रालोक” ग्रंथक सेहो रचना कयलनि।बंगालसँ बहुतो छात्र न्यायशास्त्रक अध्ययन करवा हेतु हिनका सँ अबैत छलाह तथा हिनक बंगाली शिष्य रघुनन्दन नवद्वीपमे न्यायशास्त्रक पठन-पाठन आ प्रचार कयलनि आर पक्षधर मिश्र द्वारा प्रवर्त्तित नव्यन्यायक परम्पराकेँ आँगा बढ़ौलनि।
17. मिथिलावासी गोवर्द्धनाचार्य उदयनाचार्यक शिष्य आ ‘आर्यासप्तशती’क रचयिता छलाह। दर्शनशास्त्रक पण्डितक संगहि कवि सेहो छलाह, जकर प्रमाण उक्त ग्रंथ थिक।
18. भवनाथ मिश्र आ हिनक सुपुत्र शंकर मिश्र दुनू प्रकाण्ड पण्डित छलाह। भवनाथ मिश्र महान पण्डितक संगहि सर्वथा निस्पृह छलाह, कहियो ककरहुँसँ कोनो याचना नहि कयलनि, ताहि हेतु हिनक नाम अयाची मिश्र पड़ि गेल। हिनक पुत्र शंकर मिश्रक ख्याति सम्पूर्ण मिथिलामे एकटा अलौकिक योग्यता सम्पन्न बालक रूपमे ख्यात भऽ गेल। मात्र पाँच वर्षक अवस्थामे हिनक इ महाराज दरभंगाक समक्ष निम्न श्लोक पढ़ि कऽ सुनौने छलाह-
19. ”वालोऽहं जगदान्द नमे वाला सरस्वती।
20. अपूर्णे पंचमे वर्षे वर्णयामि जगत्यायम”॥
21. (हम बालक छी, एखन पाँच वर्षक अवस्था सेहो पूर्ण नहि भेल अछि। मुदा हमर सरस्वती अर्थात् विद्या वला नहि छथि। तीनू लोकक हम वर्णन कऽ सकैत छी।)
22. ”अनर्थराघव” नाटकक रचयिता दार्शनिक प्रवर मुरारि मिश्र मिथिलाक निवासी छलाह आ साहित्यशास्त्रक ज्ञाता छलाह। बहुतो ग्रंथक रचयिता महान दार्शनिक वर्द्धमान उपाध्याय सेहो मिथिला निवासी महान विभूति छलाह।
23. महामहोपाध्याय महेश ठाकुर अपन विद्वताक बलपर सम्राट अकबरसँ मिथिला राज्य प्राप्त कयने छलाह। व्याकरण आ न्यायशास्त्रक श्रेष्ठ विद्वान महेश ठाकुर दरभंगा राजवंशक संस्थापक सेहो छलाह। महाराज शिवसिंहक मित्र आ राजपण्डित कवि कोकिल विद्यापति नहि मात्र मैथिली भाषाक सर्वश्रेष्ठ कवि छलाह अपितु हिनक गीत द्वारा विभिन्न भारतीय भाषा अनुप्राणित भेल आर बंगाल, आसाम, उड़ीसामे हिनक गीतक अनुकरणसँ एक नव भाषा साहित्यक उदय भेल जकरा व्रजवुलिक संज्ञा देल गेल।
24. एहि प्रकारे प्राचीन कालहिसँ मिथिला धर्म, दर्शन आ विभिन्न शास्त्रक केन्द्रस्थली रूपमे विख्यात रहल अछि। वेद, वेदांत, न्याय, मीमांसा, धर्मशास्त्र, ज्योतिष, व्याकरण, साहित्य, कर्मकाण्ड कोनो एहन विद्या नहि अछि, जकर विश्व-विख्यात पण्डित एतय नहि भेलाह। मात्र प्राचीन आ मध्ययुगमे नहि अपितु वर्त्तमान कालमे अर्थात् बीसम शताब्दीमे सेहो एहि भूमिकेँ महामहोपाध्याय मीमांसक चित्रधर मिश्र, सर्वतंत्र-स्वतंत्र बच्चा झा, विद्या-वाचस्पति विश्व विख्यात वेदज्ञ मधुसुदन झा, महामहोपाध्याय वैयाकरण केसरी परमेश्वर झा, महामहोपाध्याय जयदेव मिश्र, महावैयाकरण विश्वनाथ झा, महामहोपाध्याय सर गंगानाथ झा, ज्योतिषी बबुआजी मिश्र, विख्यात विद्वान त्रिलोकनाथ मिश्र सदृश विख्यात विद्वान आ साहित्यमर्मज्ञक जन्म देबाक सौभाग्य प्राप्त अछि। एहिमे बच्चा झा अपना समयक दर्शनशास्त्रक अद्वितीय पण्डित छलाह आर दर्शन आ साहित्य विषयपर उच्च कोटिक रचना कयलनि। वैदिक साहित्यक प्रकाण्ड पण्डित मधुसूदन झाक ख्याति देश-विदेशमे विख्यात छलनि। काव्य आ काव्यशास्त्र आर श्रृंगारक क्षेत्रमे सेहो एतय “प्रसन्न राघव”, “अनर्थराघव”, “काव्यप्रदीप”, “रसमंजरी” “रसिक सर्वस्व” आर संगीत शास्त्र सबन्धी ग्रंथ “संगीत सर्वस्व” आ “सरस्वती छद्यलंकार”क रचना भेल। आधुनिक भारतीय आर्यभाषामे सर्वप्रथम गद्य ग्रंथ होयबाक गौरव मिथिला निवासी ज्योतिरिश्वर रचित “वर्णरत्नाकर”केँ प्राप्त अछि।
25. आ एवम् प्रकारे स्वतः सिद्ध अछि जे विश्वव्यापी भारतीय संस्कृतिक केन्द्र स्थल मिथिला रहल अछि, आर मिथिला चिरकालहिसँ अपन महत्वपूर्ण भूमिकाक निर्वाह धर्म, साहित्य, दर्शन आ न्यायक क्षेत्रमे करैत रहल अछि।

विदेह ई-पत्रिकाक ७७म अंक जे नारी विशेषांक छल, अपनामे एकटा अध्याय छल/ संस्कृति वर्मा

विदेह ई-पत्रिकाक ७७म अंक जे नारी विशेषांक छल, अपनामे एकटा अध्याय छल, ओइ अंकसँ किछु रचना आ चर्चा साभार दऽ रहल छी: ......

संस्कृति वर्मा
हमर देश
हम सब भारत केर संतान छी
जगमग धरतीक ख़ुशी महान छी
हिमालय पर्वत स निकलैत
गंगाक पावन धार छी

हमर भारत देश महान
सब से सुन्दर ,सब से प्यारा
हमर देश सब ठाम से न्यारा..
रंग रंग के फूल खिलल अछि
चलि रहल सुंदर सुखद समीर
जन जन के मोन में सत्य , शिव आ
सुन्दर क भाव भरल अछि ...
उत्तर में कश्मीर - फूल क घाटी
दक्षिण में कन्या कुमारी क
पैर छुवैत सागर अछि
रंग रंग क वेश भूषा में
एकताक सूत्र में बान्हल
ई हमर देश भारत अछि ........

विदेह ई-पत्रिकाक ७७म अंक जे नारी विशेषांक छल, अपनामे एकटा अध्याय छल/ ज्योति सुनीत चौधरी

विदेह ई-पत्रिकाक ७७म अंक जे नारी विशेषांक छल, अपनामे एकटा अध्याय छल, ओइ अंकसँ किछु रचना आ चर्चा साभार दऽ रहल छी: ......

ज्योति सुनीत चौधरी
उजागर भविष्य :

कतेक उत्साह सऽ अहिभफ्फर बनाओल आ बॉंटल गेल छल भरिगाम।एक सऽ एक अमीर आ प््राभावशाली परिवारक घटक आयल छलैन मुदा मिसराइनजी अपन एकलौता बेटा के विवाह एक मध्यम वर्गीय परिवारक शिक्षित बेटी के पुतहु बनाकऽ अनली आ सब बिध बड्ड मोन सऽ पुरौली।पुतहु के स्नेह सऽ ‘सुकृती’ नामकरण सेहो केली। ओना तऽ एकटा भट्ठी आ कै टा छोट मोट व्यापार छलैन परिवार के जाहि लऽ कऽ सम्पन्न परिवार मे गिनती छलैन। मुदा मोन छलैन जे गरीब परिवारक बेटी आनब तऽ सहमिलु होयत आ बेसी नीक सऽ संयुक्त परिवारमे मिल कऽ रहत।शुरूआतमे तऽ ठीके बड्ड प््रासन्न छलीह मुदा पाइक गौरब सऽ बेसी खतरनाक ज्ञानक गरमी होयत छहि से मिसराइन सहित पूरा परिवार के बड्ड जल्दी बुझा गेलैन जखन पोर्तापोती के आगमन भेलैन।
पोता के प््राति सबहक व्यवहार बेसीतर पुतहुक अनुकूले छलैन मुदा पोती के मैट्रिक पास करेलाक बाद जैने सब घरक काज दिस झोंकय चाहलखिन त पुतहु विद्रोह कय देलखिन।ननदि सब मिडिल स्कूले तक पढ़ने छली से सब कहलखिन जे अहि सऽ बेसी पढ़क कोनो प््रायोजन नहिं। मुदा सुकृतीजी में सबसऽ विद्रोह कय असगर अपन विचार पर अडिग रहय के साहस कतय सऽ आयल छलैन ताहिपर सबके क्षोभ छलैन।पति सऽ मात्र आर्थिक सहारा चाही छलैन से अतेक दिनक नीष्ठाक बदले भेट गेलैन।
सुकृतीजी भूत जकॉं सब काज अपने कय बेटी के पाहुन जकॉं भोजन हाथ कय दय कॉलेज विदा करैत छलीह। घरक बूर्ढ़ बुजुर्गक विरूद्ध काज केनाई आसान तऽ भऽ नहिं सकैत छलैन। बेटी कुनो असाधारण प््रातिभा के धनी नहिं छलैन।ओ एक सामान्य छात्रा छलैन ईहो बात ककरो सऽ नुकायल नहिं छल।एहेनमे घरक लोक सब खूब चुटकी लय रहल छलैन। दियाद सबमे हहारो मचल छल। बेटीके रिक्सा पर कॉलेज जायत आबैत काल भरि ऑंगनक कनिया सब घोघ तानि ताना मारैत छलैर्न नहिं जानि कोन कलक्टर बनतैन बेर्टी जकर माय एहेन अनुशासनहीन आ एकढ़बा अछि तकर बेटी केहेन होयत. आदि आदि।मुदा सुकृतीजीके शिक्षाक महत्ता पर अतेक विश्वास छलैन जे ओ अहि सबलेल बहिर भऽ गेल छली आ अपन बेटी के कॉलेज जायर्त आबैत देखि हुन्का स्त्रीवर्गक एक उजागर भविष्यके दर्शन होएत छलैन।

विदेह ई-पत्रिकाक ७७म अंक जे नारी विशेषांक छल, अपनामे एकटा अध्याय छल/ डॉ शेफालिका वर्मा

विदेह ई-पत्रिकाक ७७म अंक जे नारी विशेषांक छल, अपनामे एकटा अध्याय छल, ओइ अंकसँ किछु रचना आ चर्चा साभार दऽ रहल छी: ......

डॉ शेफालिका वर्मा
हम आबि रहल छी.. ........
माँ !
अहाँ किएक कानि रहल छी
कोन सोच में डूबल छी
शक्ति रहितो अशक्त बनल छी
हम सबटा जनैत छी
सबटा बूझैत छी .................
अहाँ स्वयं के मेटी
आन के बनव चाहलों
लोक बनैत रहल ,अहाँ मिटैत रहलों
ई की अहाँक त्याग नै थीक माँ ?
------हम चौंकी उठलों ..अहाँ के छी
कत स बाजि रहल छी ??
माँ - हम अहांक कोखि में छी
अहाँ हमरा नहि चिन्हलों..
हम अहींक गर्भ स बाजि रहल छी
अहाँ चोंकि किएक गेलों
अहींक तं प्रतिकृति छी हम \
हमर दादा दादी स डरा गेलों माँ
फेर बेटिय भेल के दंस स तिलमिला गेलों
घाह घाह भेल अहांक अंतर
हम देखने छी ...किन्तु,
अहाँ हमरा नष्ट नहि करब माँ
हम अहांक हिस्सा छी
अहांक अपूर्ण कामनाक पूर्णता छी
हम जनैत छी
हमर माँ नै कान्तिह
बाबु उदास नै हेताह
एखनही त एकटा माय बाबु
अपन विकलांग बेटी के योग्य बना देलनि
बेटी की होयत छैक जमाना के देखा देलनि
अहांक विहुँसैत चेहरा हमर ताकत बनत
हम आबि रहल छी माँ
अहाँ जत जत हारलों
अपन आन में उन जकां ओझरेलों
हम ओते ओते जीती के देखा देब
सबटा सम्बन्ध सोझरा लेब
हम आबि रहल छी माँ ....................

ठप्पा


अहांक गाम कते अछ
प्रश्न सुनतही अकचका गेलों हम
कनिक काल सोचैत ---
हमर गाम ??
उयेह ने जाहि ठाम अपन घर होयत छैक ?
हं हं उयेह घर ,उयेह गाम !
हमरा ते दू टा गाम अछ ..
एकटा जते से हम आयल छी
दोसर हम जते एलहुं अछ
मुदा, एहि में हमर कोन अछ
हम नै बूझैत छी जते स हम एलों
ओते स सनेस बारि द हमरा विदा
क देल गेल 'जाह अपन घर बेटी'
जाहि ठाम आयल छी ओहिठाम सब
सनेस बारी बिल्हल गेल
'कनियाक गाम से आयल छैक'
हम की जाने गेलों हमर गाम कोन थीक
हमरा नाम पर ते कत्तो किछ नै
भरल पुरल घर में हमर अस्तित्व किछ नै
बस 'फलना गामवाली' बनि रही गेलों
जाहि ठाम स आयल छलों
ओहि गामक ठप्पा बनल रही गेलों............

मिथिलाक बाढ़ि- गजेन्द्र ठाकुर

मिथिलाक धरती बाढ़िक विभीषिकासँ जुझैत रहल अछि। कुशेश्वरस्थान दिसुका क्षेत्र तँ बिन बाढ़िक, बरखाक समयमये डूमल रहैत अछि। मुदा ई स्थिति १९७८-७९ केर बादक छी। पहिने ओ क्षेत्र पूर्ण रूपसँ उपजाऊ छल, मुदा भारतमे तटबन्धक अनियन्त्रित निर्माणक संग पानिक जमाव ओतए शुरू भए गेल। मुदा ओहि क्षेत्रक बाढ़िक कोनो समाचार कहियो नहि अबैत अछि, कहियो अबितो रहए तँ मात्र ई दुष्प्रचार जे ई सभटा पानि नेपालसँ छोड़ल गेल पानिक जमाव अछि। कुशेश्वरस्थान दिसुका लोक एहि नव संकटसँ लड़बाक कला सीखि गेलाह। हमरा मोन अछि ओ दृश्य जखन कुशेश्वरस्थानसँ महिषी उग्रतारास्थान जएबाक लेल हमरा बाढ़िक समयमे अएबाक लेल कहल गेल छल कारण ओहि समयमे नाओसँ गेनाइ सरल अछि, ई कहल गेल। रुख समयमे खत्ता-चभच्चामे नाओ नहि चलि पबैत अछि आ सड़कक हाल तँ पुछू जुनि। फसिलक स्वरूपमे परिवर्तन भेल, मत्स्य-पालन जेना तेना कऽ कए ई क्षेत्र जबरदस्तीक एकटा जीवन-कला सिखलक।
कौशिकी महारानीक २००८ ई.क प्रकोप ओहि दुष्प्रचारकेँ खतम कए पाओत आकि नहि से नहि जानि !
पहिने हमरा सभ ई देखी जे कोशी आ गंडकपर जे दू टा बैराज नेपालमे अछि ओकर नियन्त्रण ककरा लग अछि। ई नियन्त्रण अछि बिहार सरकारक जल संसाधन विभागक लग आ एतए बिहार सरकारक अभियन्तागणक नियन्त्रण छन्हि। पानि छोड़बाक निर्णय बिहार सरकारक जल संसाधन विभागक हाथमे अछि। नेपालक हाथमे पानि छोड़बाक अधिकार तखन अएत जखन ओतुक्का आन धार पर बान्ह/ छहर बनत, मुदा से ५० सालसँ ऊपर भेलाक बादो दुनू देशक बीचमे कोनो सहमतिक अछैत सम्भव नहि भए सकल। किएक?
सामयिक घटनाक्रम- कोशीपर भीमनगर बैरेज, कुशहा, नेपालमे अछि। १९५८ मे बनल एहि छहरक जीवन ३० बरख निर्धारित छल, जे १९८८ मे बीति गेल। दुनू देशक बीचमे कोनो सहमति किएक नहि बनि पाओल ? छहरक बीचमे जे रेत जमा भए जाइत अछि, तकरा सभ साल हटाओल जाइत अछि। कारण ई नहि कएलासँ ओकर बीचमे ऊंचाई बढ़ैत जएत, तखन सभ साल बान्हक ऊँचाई बढ़ाबए पड़त। एहि साल ई कार्य समयसँ किएक नहि शुरू भेल? फेर शुरू भेल बरखा, १८ अगस्तकेँ कोशी बान्हमे २ मीटर दरारि आबि गेल। १९८७ ई.क बाढ़ि हम आँखिसँ देखने छी। झंझारपुर बान्ह लग पानि झझा देलक, ओवरफ्लो भए गेल एक ठामसँ, आ आँखिक सोझाँ हम देखलहुँ जे कोना तकर बाद १ मीटरक कटाव किलोमीटरमे बदलि जाइत अछि। २७-२८ अगस्त २००८ धरि भीमनगर बैरेजक ई कटाव २ किलोमीटर भए चुकल छल। आ ई कारण भेल कोशीक अपन मुख्य धारसँ हटि कए एकटा नव धार पकड़बाक आ नेपालक मिथिलांचलक संग बिहारक मिथिलांचलकेँ तहस नहस करबाक। नासाक ८ अगस्त २००८ आ २४ अगस्त २००८ केर चित्र कौशिकीक नव आ पुरान धारक बीच २०० किलोमीटरक दूरी देखा रहल छल। भीमनगर बैरेज आब कोशीक एकटा सहायक धारक ऊपर बनल बैरेज बनि गेल रहए।

राष्ट्रीय आपदा: जाहि राज्यमे आपदा अबैत अछि, से केन्द्रसँ सहायताक आग्रह करैत अछि। केन्द्रीय मंत्रीक टीम ओहि राज्यक दौड़ा करैत अछि आ अपन रिपोर्ट दैत अछि जाहिपर केन्द्रीय मंत्रीक एकटा दोसर टीम निर्णय करैत अछि, आ ओ टीम निर्णय करैत अछि जे ई आपदा राष्ट्रीय आपदा अछि वा नहि। बिहारक राजनीतिज्ञ अपन पचास सालक विफलता बिसरि जखन एक दोसराक ऊपर आक्षेपमे लागल छलाह, मनमोहन सिंह मंत्रीक प्रधानक रूपमे दौड़ा कए एकरा राष्ट्रीय आपदा घोषित कएलन्हि। कारण ई लेवल-३ केर आपदा अछि आ ई सम्बन्धित राज्यक लेल असगरे - नहि तँ वित्तक लिहाजसँ आ नहिए राहतक व्यवस्थाक सक्षमताक हिसाबसँ- पार पाएब संभव नहि अछि। आब राष्ट्रीय आकस्मिक आपदा कोषसँ सहायता देल जा रहल अछि, किसानक ऋण-माफी सेहो सम्भव अछि।

उपाय की होअए ? कुशेश्वर स्थानक आपदा सभ-साल अबैछ, से सभ ओकरा बिसरिए जेकाँ गेलाह। मुदा आब की होअए ? दामोदर घाटीक आ मयूरक्षी परियोजना जेकाँ कार्य कोशी, कमला, भुतही बलान, गंडक, बूढ़ी गंडक आ बागमतीपर किएक सम्भव नहि भेल ? विश्वेश्वरैय्याक वृन्दावन डैम किएक सफल अछि ? नेपाल सरकारपर दोषारोपण कए हमरा सभ कहिया धरि जनताकेँ ठकैत रहब ? एकर एकमात्र उपाए अछि बड़का यंत्रसँ कमला-बलान आदिक ऊपर जे माटिक बान्ह बान्हल गेल अछि तकरा तोड़ि कए हटाएब आ कच्चा नहरिक बदला पक्का नहरिक निर्माण। नेपाल सरकारसँ वार्ता आ त्वरित समाधन। आ जा धरि ई नहि होइत अछि तावत जे अल्पकालिक उपाय अछि से करब, जेना बरखा आबएसँ पहिने बान्हक बीचक रेतकेँ हटाएब, बरखाक अएबाक बाट तकबाक बदला किछु पहिनहि बान्हक मरम्मतिक कार्य करब, आ एहि सभमे राजनीतिक महत्वाकांक्षाकेँ दूर राखब। कोशीकेँ पुरान पथपर अनबाक हेतु कैकटा बान्ह बनाबए पड़त आ ओ सभ एकर समाधान कहिओ नहि बनि सकत।
कमला धार
नहरिसँ लाभ हानि- एक तँ कच्ची नहरि आ ताहूपर मूलभूत डिजाइनक समस्या, एकटा उदाहरण पर्याप्त होएत जेना-तेना बनाओल परियोजना सभक। कमलाक धारसँ निकालल पछबारी कातक मुख्य नहरि जयनगरसँ उमराँव- पूर्वसँ पछबारी दिशामे अछि। मुदा ओतए धरतीक ढ़लान उत्तरसँ दक्षिण दिशामे अछि। बरखाक समयमे एकर परिणाम की होएत आकि की होइत अछि ? ई बान्ह बनि जाइत अछि आ एकर उत्तरमे पानि थकमका जाइत अछि। सभ साल एहि नहर रूपी बान्हसँ पटौनी होअए वा नहि एकर उतरबरिया कातक फसिल निश्चित रूपेण डुमबे टा करैत अछि। फलना बाबूक जमीन नहरिमे नञि चलि जाए, से नहरिक दिशा बदलि देल जाइत अछि !
 कमला नदीपर १९६० ई. मे जयनगरसँ झंझारपुर धरि छहरक निर्माण भेल आ एहिसँ सम्पूर्ण क्षेत्रक विनाशलीलाक प्रारम्भ सेहो भए गेल। झंझारपुरसँ आगाँक क्षेत्रक की हाल भेल से तँ हम कुशेश्वरक वर्णन कए दए चुकल छी। मधेपुर, घनश्यामपुर, सिंघिया एहि सभक खिस्सा कुशेश्वरसँ भिन्न नहि अछि। कमला-बलानक दुनू छहरक बीच जेना-जेना रेत भरैत गेल, ताहि कारणेँ एहि तटबन्धक निर्माणक बीस सालक भीतर सभ किछु तहस-नहस भए गेल। कमला धार जे बलानमे –पिपराघाट लग १९५४ मे- मिलि गेलीह, हिमालयसँ बहि कए कोनो पैघ लक्कड़क अवरोधक कारण। आब हाल ई अछि जे दस घण्टामे पानिक जलस्तर एहि धारमे २ मीटरसँ बेशी धरि बढ़ि जाइत अछि। १९६५ ई.सँ बान्ह/ छहरक बीचमे रेत एतेक भरि गेल जे एकर ऊँचाइ बढ़ेबाक आवश्यकता भए गेल आ ई माँग शुरू भए गेल जे बान्ह/ छहरकेँ तोड़ि देल जाए !
कोशी: कोशीक पानि माउन्ट एवेरेस्ट, कंचनजंघा आ गौरी-शंकर शिखर आ मकालू पर्वतश्रृंखलासँ अबैत अछि। नेपालमे सप्तकोशीमे, जाहिमे इन्द्रावती, सुनकोसी (भोट कोसी), तांबा कोसी, लिक्षु कोसी, दूध कोसी, अरुण कोसी आ तामर कोसी सम्मिलित अछि।
एहिमे इन्द्रावती, सुनकोसी, तांबा कोसी, लिक्षु कोसी आ दूध कोसी मिलि कए सुनकोसीक निर्माण करैत अछि आ ई मोटा-मोटी पच्छिमसँ पूर्व दिशामे बहैत अछि, एकर शाखा सभ मोटा-मोटी उत्तरसँ दक्षिण दिशामे बहैत अछि। ई पाँचू धार गौरी शंकर शिखर आ मकालू पर्वतश्रृंखलाक पानि अनैत अछि।
अरुणकोसी माउन्ट एवेरेस्ट (सगरमाथा) क्षेत्रसँ पानि ग्रहण करैत अछि। ई धार मोटा-मोटी उत्तर-दक्षिण दिशामे बहैत अछि।
तामर कोसी मोटा-मोटी पूबसँ पच्छिम दिशामे बहैत अछि आ अपन पानि कंचनजंघा पर्वत श्रृंखलासँ पबैत अछि।
आब ई तीनू शाखा सुनकोसी, अरुणकोसी आ तामरकोसी धनकुट्टा जिल्लाक त्रिवेणी स्थानपर मिलि सप्तकोसी बनि जाइत छथि। एतएसँ १० किलोमीटर बाद चतरा स्थान अबैत अछि जतए महाकोसी, सप्तकोसी वा कोसी मैदानी धरातलपर अबैत छथि। आब उत्तर दक्षिणमे चलैत प्रायः ५० किलोमीटर नेपालमे रहला उत्तर कोसी हनुमाननगर- भीमनगर लग भारतमे प्रवेश करैत छथि आ कनेक दक्षिण-पच्छिम रुखि केलाक बाद दक्षिण-पूर्व आ पच्छिम-पूर्व दिशा लैत अछि आ भारतमे लगभग १३० किमी. चललाक बाद कुरसेला लग गंगामे मिलि जाइत छथि। कोसीमे बागमती आ कमलाक धार सेहो सहरसा- दरभंगा- पूर्णिया जिलाक संगमपर मिलि जाइत अछि।
कोसीपर पहिल बान्ह १२म शताब्दीमे लक्ष्मण द्वितीय द्वारा बनाओल वीर-बाँध छल जकर अवशेष भीमनगरक दक्षिणमे एखनो अछि।
भीमनगर लग बैराजक निर्माणक संगे पूर्वी कोसी तटबन्ध सेहो बनि गेल आ पूर्वी कोसी नहरि सेहो।
कुँअर सेन आयोग १९६६ ई. मे कोसी नियन्त्रणक लेल भीमनगरसँ २३ किमी. नीचाँ डगमारा बैराजक योजनाक प्रस्ताव देलक जे वाद-विवाद आ राजनीतिमे ओझरा गेल। एहि बैराजसँ दू फायदा छल। एक तँ भीमनगर बैरेजक जीवन-कालावधि समाप्त भेलापर ई बैरेज काज अबितए, दोसर एहिसँ उत्तर-प्रदेशसँ असम धरि जल परिवहन विकसित भऽ जाइत जाहिसँ उत्तर बिहारकेँ बड़ फाएदा होइतए। मुदा एहि बैरेज निर्माण लेल पाइ आवंटन केन्द्रीय सिंचाई मंत्री डॉ के.एल.राव नहि देलखिन्ह। पश्चिमी कोसी नहरि एकर विकल्प रूपमे जेना तेना मन्थर गति सँ शुरू भेल मुदा एखनो धरि ओहिमे काज भइये रहल अछि।
कोसी लेल किछु नहि भऽ सकल। विचार आएल तँ योजना अस्वीकृत भए गेल। जतेक दिनमे कार्य पूरा हेबाक छल ततेक दिन विवाद होइत रहल, डगमारा बैराजक योजनाक बदलामे सस्ता योजनाकेँ स्वीकृति भेटल मुदा सेहो पूर्ण हेबाक बाटे ताकि रहल अछि !
विश्वेश्वरैय्या पड़ैत छथि मोन : हैदराबादसँ ८२ माइल दूर मूसी आ ईसी धारपर बान्ह बनाओल गेल आ नगरसँ ६.५ माइलक दूरीपर  मूसी धारक उपधारा बनाओल गेल। संगहि धारक दुनू दिस नगरमे तटबन्ध बनाओल गेल। कृष्णराज सागर बान्ह, हुनकर प्रस्तावित १३० फुट ऊँच बनेबाक योजना मैसूर राज्य द्वारा अंग्रेजकेँ पठाओल गेल तँ वायसराय हार्डिंज ओकरा घटा कए ८० फीट कए देलन्हि। विश्वेश्वरैय्या निचुलका भागक चौड़ाई बढ़ा कए ई कमी पूरा कए लेलन्हि। बीचेमे बाढ़ि आबि गेल तँ अतिरिक्त मजदूर लगा कए आ मलेरियाग्रस्त आ आन रोगग्रस्त मजदूरक इलाज लए डॉक्टर बहाली कए, रातिमे वाशिंगटन लैम्प लगा कए आ व्यक्तिगत निगरानी द्वारा समयक क्षतिपूर्ति केलन्हि। देशभक्त तेहन छलाह जे सीमेन्ट आयात नहि केलन्हि वरन् बालु, कैल्सियम, पाथर आ पाकल ईटाक बुकनी मिला कए निर्मित सुरखीसँ , एहि बान्हक निर्माण कएलन्हि। बान्ह निर्माणसँ पहिनहि द्विस्तरीय नहरिक निर्माण कए लेल गेल।
दिल्ली अछि दूर एखनो ! : प्रधानमंत्री आपदा कोष आ मुख्यमंत्री आपदा कोषक अतिरिक्त स्वयंसेवी संगठन सभक कोषमे  सेहो दिल्लीवासी अपन अनुदान दए सकैत छथि।
मुदा दीर्घ सूत्री काज होएत, निम्न बिन्दुपर दिल्लीमे केन्द्र सरकारपर दवाब बनाएब।
१. स्कूल कॉलेजमे गर्मी तातिलक बदलामे बाढ़िक समए छुट्टी देबामे कोन हर्ज अछि, ई निर्णय कोन तरहेँ कठिन अछि? सी.बी एस.ई आ आइ.सी.एस.ई. तँ छोड़ू बिहार बोर्ड धरि ई नहि कए सकल अछि। दिल्लीवासी सी.बी एस.ई आ आइ.सी.एस.ई.सँ एहि तरहक कार्यान्वयन कराबथि तँ लाजे बिहार बोर्ड ओकरा लागू कए देत।
२. भारतमे डगमारा बैराजक योजनाक प्रारम्भ कएल जाए, कारण भीमनगर बैरेज अपन जीवन-कालावधि पूर्ण कए लेने अछि। एहिमे फन्ड, रेलवे आ सड़क दुनू मंत्रालयसँ लेल जाए कारण एहिपर रेल आ सड़क सेहो बनि सकैछ/ आ बनबाक चाही।
३. बैरेज बनबाक कालवधियेमे पक्की नहरि धरातलक स्लोपक अनुसारे बनाओल जाए।
४. कच्ची बान्ह सभकेँ तोड़ि कए हटा देल जाए आ पक्की बान्हकेँ मोटोरेबल बनाओल जाए, बान्हक दुनू कात पर्याप्त गाछ-वृक्ष लगाओल जाए।
५. बिहारमे सड़क परियोजना जेना स्वप्नक सत्य होअए जेना देखा पड़ि रहल अछि, तहिना सभ विघ्न-बाधा हटा कए, युद्ध-स्तरपर एहि सभपर काज शुरू कएल जाए।
उपरोक्त बिन्दु सभपर दिल्लीमे लॉबी बना कए केन्द्र सरकारपर/ मंत्रालयपर दवाब बनाएब तखने बिहार अपन नव छवि बना सकत। १२म शताब्दीमे शुरू कएल बान्ह तखने पूर्ण होएत आ धारसभ मनुक्खक सेविका बनि सकत।

मैथिल समाज ऑफ़ यु. के. केर तेसर वार्षिक समारोहसमाचार:(मीना झा) ९.४.२०११

समाचार:(मीना झा)

९.४.२०११

आइ लंदनक स्लौवक ४०० वर्ष पुरान ऐतिहासिक किला बेलिस हाउस ( Baylis House , Slough ) लंदनमे मैथिल समाज ऑफ़ यु. के. केर तेसर वार्षिक समारोह भेल। एहि समारोहमे भारतसँ मुख्य अतिथि मैथिलीक सुप्रतिष्ठित लेखिका एवं मैथिलीक महादेवी वर्मा डॉ. शेफालिका वर्मा आयल छलीह।
समारोहक आरम्भ बालिका पारुल क गायत्री मंत्रपर भारत नाट्यम नृत्यसँ भेल. डॉ. विभाष मिश्र संबोधन मे मैथिल समाज केर परिचय देलनि ,डॉ.. अरुण कुमार झा (बर्नली ) अध्यक्ष मैथिल समाज , उद्घाटन भाषण केलनि 'हम सब मैथिल समाजक स्थापना संयुक्त राज्य मे बसल मैथिल सब कोना अपन संस्कृतिक रक्षा क सकी. खास कय हमर ब्रिटिश युवा वर्ग अपन देस कोस के नै बिसरैथ, हम की छी से जानैथ, अपन परंपरा अपन संस्कृति के ज्ञान हुनका रहैक ,अपने सब देखैत छी जे कतेक ब्रिटिश युवा एहि मे आय भाग ल रहल छैथ...' . डॉ. कल्पना झा समारोहक विषय मे विस्तार से सब बात कहलनि. . श्रीमती ज्योति झा चौधरी मिथिलाक टूर पर अपन प्रोजेक्ट देखोलनी ,जाहि मे मिथिलाक संस्कार संस्कृतिक झलक छल. डॉ. रीता झा अपन प्रोजेक्ट स्त्रीक स्वास्थ्य एवं स्तिथि भारत मे कोन दयनीय अवस्था मे छैक से अपन प्रोजेक्ट से जाहिर केलनि, लोग के आह्वान केलनि जे एहि स्तिथिक रोक्वाक उपाय कयल जाय..डॉ अरुण कुमार झा (लन्दन ) अपन प्रोजेक्ट मे कन्या महाविद्यालय ,जनकपुर के देखोलनी ,जाहि मे स्कूल कोना चलि रहल अछ,कोना ओहि स्कूल के कंप्यूटर आदिक सुविधा उपलब्ध करोलनी. सब स आग्रह केलनि जे हम सब जे अपन लैपटॉप सब जे कनिको ख़राब होयत छैक टकरा फेकी दैत छी, से नहि क एकठाम जमा करी ओकरा अपन देस कोस मे भेजवाक प्रबंध करी...ठसाठस भरल हॉल मे सब मन्त्र मुग्ध सन सुनि रहल छलाह..डॉ. अरुण झा क पत्नी श्रीमती मीना झा जे स्वयं मैथिली मे लिखैत छैथ पूर्ण सहयोग द रहल छलीह समारोह मे डॉ. रामभद्र झा , डॉ. कौशलेन्द्र कर्ण, डॉ. मिथिलेश झा आदि सबहक सहयोग छल. ..तकर बाद, डॉ.नूतन मिश्र क आग्रह पर डॉ. कलाधर झा मुख्य अतिथि डॉ. शेफालिका वर्मा क परिचय करोलनी-- कोना हिनकर विषय मे केरला सरकार की सब लिखने छैक,कोना हिनक कविता सब यु.के. क पाठ्य क्रम मे छैक. ...' एहि से पहिने बालिका पारुल आ वत्सला ----- राधा कृष्ण पर बड सुन्दर नृत्य नाटिका प्रस्तुत केलनि .
समारोहक दोसर सत्र खुलल आकाशक नीचा बासंती उपवन मे मुख्य अतिथि डॉ शेफालिका वर्मा के भाषण स शुरू भेल. ओ अपन भाषण मे मिथिलांचलक अतीत केर परिचय दैत,बजलीह.. विदेशक एहि भावभूमि पर अपन मिथिला देश के देखि रहल छी.मैथिल समाजक ई ओ समारोह अछ जाहि ठाम ह्रदय ह्रदय स जुडैत अछ ,बुध्धि बुध्धि स, चिंतन चिंतन स ..सब स पहिने हम अपन हार्दिक आभार प्रकट करैत छी जे अपने सब ई सम्मान हमरा देलों. हम कत्तो मिथिला मैथिली शब्द देखैत छी ते हमर मोन प्राण अद्भुद रूप स झंकृत होम लगैत अछ. अपने सब विदेश मे रही अपन समाज के नै बिसरल छी..एहि लेल अपने सब के बेर बेर नमन...
सौँसे पृथ्वी पर यदी हम घूमी आबि ते सब ठाम कत्तो ने कत्तो एक टा छोट मोट मिथिला अवस्य भेटि जायत. मिथिलाक संस्कृति,मिथिलाक संस्कार हमरा बुझने विश्व मे स्एतते कत्तो होई. वास्तव मे मिथिला आधा बिहार मे छपल अछ,लागले पडोसी देश नेपाल ते मैथिली स महामंवित अछ..पहिने दरभंगा ,समस्तीपुर मुझफरपुर ,भागलपुर स लक सहरसा, सुपौल मधेपुरा कटिहार पुरनिया सब मिथिले
थीक..कहल जैत छैक जे चारि कोस पर पानि बदले, पांच कोस पर वाणी ...यानि सब ठाम मैथिलीक उच्चआरण अपन अपन क्षेत्र क अनुसार होइत अछ..जेना विश्व भाषा अंग्रेजी के मानल गेल छैक जाहि मे कतेको स्थान के अंग्रेजी उच्चारण समाहित अछ ..हं, ई आन गप थीक जे मुझफरपुर बज्जिका बनि गेल, ते भागलपुर अंगिका के जन्म द देलक,किन्तु, सबहक ह्रदय मे मैथिलीक संस्कार ओहिना अविरल रूप से प्रवाहित होइत रहैत अछ.. , पुनः ओ विद्यापति क गीत स मैथिलीक कव्यधारक उत्पति कहैत लोकप्रिय साहित्य बनेवा मे प. हरिमोहन झा के साहित्य रचना के बड़का योगदान कहलनि....आजुक वैचारिक क्रांति , वैज्ञानिक क्रांति क उल्लेख करैत ओ कहलनि जे संचार क्रांतिक एहि युग मे सओनसे विश्व एकटा गाम बनि गेल . हम सब देशक नै वरन विश्वक नागरिक बनि गेल छी. आय दुनियाक एक कोन स दोसर कोन धरि सोझे संवाद क लैत छी..एहि से मैथिली साहित्य के बहुत फायदा भेलैक ..नेट पर मैथिली पत्रिका सब अबी लागल ,मिथिलाक खबर अबए लागल.जाहि मे मिथिला मंथन ,मैथिल मिथिला , अनचिन्हार आखर, विदेह .कॉम आदि बहुतो पत्रिका नेट पर अवैत अछिमुदा, असगरे विदेह पत्रिका जे प्रसिद्ध साहित्यकार गजेन्द्र ठाकुर क सम्पादन मे शिव कुमार झा, उमेश मंडल आदिक संयोजन मे बंगला ,उड़िया, तमिल,तेलगु, कन्नड़, ,मलयालम, गुरुमुखी आदि लिपिमे छपैत अछ. एकटा सर्वेक्षण के अनुसार २००४ स आय धरि विदेह १०७ देश के १०७२६, ठाम स ५७,००० लोग ,२००९४९९० बेर एहि पत्रिका के देख्लनी, सब स पैघ गप छैक जे नव लेखनक प्रतिभा के उजागर कयल गेल ,आ सब जाती पातिक प्रतिभा के उजागर कयल गेल . दिल्ली स मिथिलांगन , अंतिका, कोलकाता स कर्नामृत ,मिथिला दर्शन, बम्बई स मिथिला दर्पण, आसाम स पूर्वोत्तर मैथिल, पटना स समय साल, घर बाहर, झारखंड स पक्षधर आदि आदि कतेको पत्रिका बहराय रहल अछ मुदा सब टा नेट स जुडल अछ.. हम हुनका सब के कहलों जे मैथिली पुस्तक एक से एक प्रकाशित भ रहल अछि मुदा बाज़ार नै छैक. सरकार nai ते विश्व विद्यालय के भरोसे छैक. अहाँ सब पुस्तक एहि ठाम मंगाऊ आ हिन्दीक पोथी पुस्तकालय मे एहिठाम अछिमैथिलीक पोथी किएक नै....मिथिला मैथिली बहुत तरहक समस्या स ग्रस्त अछ ओकर समाधान क सेहो सोचु....

दिल्ली सरकार क मैथिली भोजपुरी अकादेमी से बहुत काज मैथिली लेल भ रहल छैक...यानी मैथिलीक चहुमुखी विकास भ रहल अछ. तैयो मिथिलांचल बाढ़ी,रौदी,दाही , बेरोजगारी आदि समस्या स ग्रस्त अछ..सब स पैघ बात ओ कहलनि जे नबका पीढ़ी अपन भाषा बिसरल जा रहल छथि देश विदेश सब ठाम ,.. ई एकटा गंभीर प्रश्न सभक सोझा मे छैक, एहेन नहि होई जे एकदिन अपन मूल गामो बिसरी जित हवाक वेग मे पानि मे हेलैत जडविहीन भाखन जकां हेलैत रही जाय...मिथिलाक नारी लेल सेहो ओ कहलनि कोना अपन अस्तित्व लेल छटपटा रहल छथि, स्त्री के सुरक्षित नै स्वरक्षित हेवाक चाही ,निर्णय लेवाक क्षमता हेवाक चाही. भाषण क अंत अपन कविता स केलनि..हमर घर कते हेरा गेल ; कतेको श्रोता क आंखी नोरा गेल .
एकर सब स मनोरंजक कार्यक्रम रहल विदेश मे रहल मैथिल बच्चा मैथिली कोना बाजत जकर बहुत नीक आ सटीक संचालन डॉ. अरुण झा ( लन्दन) केलनि. एकर आकर्षक पक्ष छल एक दिस पुरान पीढ़ी दोसर दिस नव पीढ़ी.. दुनूक समस्या आ समाधान क चेष्टा...डॉ. विभाष मिश्र ,डॉ. नूतन मिश्र आ श्रीमती ज्योति झा चौधरी तिनु हरिमोहन झा क खट्टर ककाक तरंग पर एकटा छोट सनक स्वर- रूपक प्रस्तुत केलनि ,समूचा हॉल ठाहक्का स गूंजी उठल.
एहि समारोहक विशेष आकर्षण रहल मैथिली पुस्तक आ मिथिला पेंटिंग क बिक्री ....
गीत संगीत मे श्रीमती अनीता चौधरी आ श्रीमती माला मिश्र ,डॉ. वीणा झा आ डॉ. विभाष मिश्र क गान पर समस्त हाल झूमी उठल , पुनः अंग्रेजी कविता डॉ. सीमा झा ,मैथिली कविता श्रीमती ज्योति झा चौधरी आ डॉ. शेफालिका वर्मा क कविता ,माय विलेज ' क पाठ हुनके नतिनी सुश्री अंकिता कर्ण केलनि . डॉ वंदना कर्ण मुख्य अतिथि डॉ शेफालिका वर्मा के हाथे पुरस्कार वितरण कयल गेल . सबहक समाप्ति डॉ. मिथिलेश झा क धन्यवाद ज्ञापन स भेल ....एहि समारोहक समापन क उपरांत लागले कार्यकारिणी समिति क मीटिंग भेल , जाहि मे समय पूर्ण हेवाक कारन नव कार्यकारिणी क गठन भेल .
पुरान कार्यकारिणी
अध्यक्ष ..डॉ. अरुण झा ( बर्नली ), सचिव एवं कोषाध्यक्ष - डॉ. मिथिलेश झा ,
कार्यकारिणी क सदस्य.--डॉ. रामभद्र झा, डॉ. डॉ. वंदना कर्ण , डॉ. पूनम झा , डॉ. कल्पना झा , डॉ. राजीव रंजन दास ,
वेब साईट रचयिता श्री अखिलेश कुमार

नव समिति ..
अध्यक्ष --डॉ. अरुण झा ( लन्दन )
सचिव डॉ वन्दना कर्ण ,
कोषाध्यक्ष--डॉ. मिथिलेश झा .
कार्यकारिणी क सदस्य--डॉ. विभाष मिश्र , डॉ. राहुल ठाकुर , डॉ. आलोक झा , श्री राजेन्द्र चौधरी, श्री राज झा , श्रीमती ज्योति झा चौधरी
२०१२ मे ३१ मार्च के तारीख अखन राखल गेल ऐछ अन्नुअल जेनेरल
मीटिंग के लेल.
बेसी जानवा लेले वेबसाइट www.maithili.co.uk देख सकैत छी.( साभार विदेह www.videha.co.in )

ज्योति सुनीत चौधरी यूके मे भेल 2011 के वार्षिक मिथिला सांस्कृतिक कार्यक्रम पर एक विवरण :

ज्योति सुनीत चौधरी
यूके मे भेल 2011 के वार्षिक मिथिला सांस्कृतिक कार्यक्रम पर एक विवरण :
बहुत गर्वक बात अछि जे अपन माटि सऽ दूर रहितो यू के मे रहैवला मैथिल सब. जाहिमे बेसीतर दम्पति कार्यरत छैथ. अपन कला आ संस्कृतिके प््राति सम्मानक भाव जीवित रखने छैथ।जाहि भव्य रूपे तेसर बेरक मैथिल वार्षिक समारोह 9 अप््िराल 2011 क स्लाऊमे सम्पन्न भेल हमरा सबके अपन संस्कृतिके स्वर्णिम युगक प््राारम्भ नजदीके बुझबाक चाही।
कार्यक्रमक प््राारम्भ कल्पनाजी. जे लॉयड्स बैंकमे कार्यरत छैथ के मधुर वाणी सऽ स्वागत सम्भाषण सऽ भेल।कल्पनाजी स्वयम् भागलपुरके छैथ आ मैथिली उच्चारणमे पारंगत नहिं छैथ मुदा हुन्कर प््रायास आ अभ्यास सऽ ओ कठिन शब्दके तेहेन सहजता सऽ बजली जाहि लऽ कऽ हुन्का मिथिला के ‘कैटरीना कैफ’ कहल जा सकैत छैन। तकरबाद डॉक्टर जी डी झा सबके आर्शीवचन के संग एक भजन “जनक नन्दिनी मॉं” सुनेलखिन।पारूलके गायत्रीमन्त्र पर भरतनाट्यम् आ पारूल आ वत्सलाके ‘सुनु सुनु रसिया’ पर राधाकिसनक रूपमे नृत्य बड़ मनमोहक छल।फेर मिथिला संस्कृति पर मधुबनी ्र मिथिला पेण्टिग के माध्यम सऽ एक पावरप्वाइंट प््रोजेन्टेशन प््रास्तुत कैल गेल।फेर सबसऽ गर्वक समय छल मुख्य अतिथि आदरणीया डॉक्टर शेफालिका वर्मा जीके परिचय।
किछु डॉक्टरसब अपन अपन अवैतनिक रूपसऽ कैल गेल सामाजिक कार्य आ चिकित्सा सुविधाक अभाव. विकासक आवश्यकता आ सम्भावना पर बहुत ज्ञानपूर्ण पावरप्वाइंट प््रास्तुतिकरण केलैन। डॉ अरूण झा ह्यसेण्ट अलबन्सहृ मानसिक रोग . सामान्य चिकित्सा तथा स्त्री शिक्षा पर बजला । डॉ रीता झा सबके मोन पारलखिन जे पानि. बिजली आ पौष्टिक आहारक उपलब्धता कतेक पैघ सौभाग्य अछि।हुन्कर प््रास्तुतिकरणमे गर्भावस्थामे होयवला मृत्युक कारण पर सेहो जोर देल गेल छल।डॉ रामभद्रजी शल्य चिकित्साक कौशल्य विकास पर सेहो बजला।
अध्यक्ष डॉ अरूण झा ह्यबर्नलेहृ मैथिल साहित्यिक संस्था यूके के आर्थिक दशा पर अपन वक्तव्य देला।नब सदस्यसबहक स्वपरिचय के बाद मुख्य अतिथि अपन सुभाषण के प््राारम्भ ‘हरसिंगार’ के पंक्ति स केली जाहिमे हुन्कर नाम ‘शेफालिका’ राखैके कारण व्यक्त छल।हुन्कर भाषणमे विदेहके सबसऽ प््राचलित आ लोकप््िराय मैथिली पत्रिकाके रूपमे चर्चा भेल।कहैके आवश्यकता नहिं जे अहि पत्रिका के सम्पादक महोदयके सेहो प््राशंसा भेलैन।मुख्य अतिथिके फूल आदि उपहार देलाक बाद “विदेशमे रहै वला नबका दोसर पीढ़ी अपन संस्कृति बिसरि रहल छैथ” ताहि विषय पर वार्द विवाद प््रातियोगिता भेल।भाषा मैथिली तक सीमित नहिं छल कारण किछु बुद्धिजीवी नब पीढ़ीक लोक मैथिली बाजैमे असमर्थ छलैथ आ हुन्कर सबहक विचार बहुत महत्वपूर्ण छल।बहुत नीक विचारविमर्श छल मुदा सबहक निष्कर्ष किछु हद तक निराशाजनक छल जे ठीके हमसब अपन संस्कृति बिसरि रहल छी।मुदा अन्तमे एकटा खट्टरकक्काके प््रासंग ‘मिथिला संस्कृति’ पर हास्य नाट्य प््रास्तुत कैल गेल जाहिके संवाद बहुत तर्कसंगत आ विषय स सम्बद्ध छल।
फेर नाच गान करैलेल बच्चा सबके मिथिला पेण्टिग सऽ बनल प््रामाणपत्र देलगेल।वाद विवाद जीतनाहरके मिथिला पेण्टिग छपल टी कप देल गेल। श्रीमती माला मिश्रा. डॉ वीणा झा. डॉ विभाष मिश्र. श्रीमती अनीता चौधरी द्वारा प््रास्तुत गीत नादक कार्यक्रम सेहो बड्ड मनोरंजक छल।कविता पाठ सेहो भेल। अध्यक्ष दम्पत्ति. सचिव दम्पत्ति. कोषाध्यक्ष दम्पत्ति के संग विभाषजी सपरिवार बड्ड प््रायास केने छलैथ अहि कार्यक्रमके सफल करैमे ताहि कारणे विशेष धन्यवादक पात्र छैथ। आशा करैत छी नब अध्यक्ष आ नब सदस्यगण अकरा आर ऊपर लऽ जेता ।कार्यक्रमके चित्र लेल www.maithili.co.uk वेब साइट देखू। (साभार विदेह www.videha.co.in)

18 नवम्बर 2011 केँ बटुकेश्र्वर दत्तक 100 म जयंती

-विधान परिषदक सभापति ताराकांत झाक नेतृत्वमे एकटा टीम शहीद भगत सिंह आ राजगुरूक संग बम काण्डमे शामिल बटुकेश्र्वर दत्तक पंजाबक हुसेनीवाली स्थित समाधी स्थलपर श्रद्धांजलि अर्पित करबा लेल जेता
-18 नवम्बर 2011 केँ बटुकेश्र्वर दत्तक 100 म जयंती अछि

"हरित बिहार" कार्यक्रम

-मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपन पैतृक गाममे गाछ रोपि "हरित बिहार" कार्यक्रमक प्रारम्भ केलनि

रामविलास पासवानक समधिनक मृत्यु

-रामविलास पासवानक समधिनक (दामाद मृणालक माए) मृत्यु

-समस्तीपुर जिलाक विद्यापति नगर रेलवे स्टेशनक नाम आब विद्यापति धाम

-समस्तीपुर जिलाक विद्यापति नगर रेलवे स्टेशनक नाम आब विद्यापति धाम
- भारत सरकारक गृह मंत्रालय आदेश देलक

बिहारक मुख्यमंत्री नीतीश कुमारक विधायक आ विधान पार्षदक संग बैसकी

-मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लोकसेवाक अधिकार एक्टक भ्रष्टाचारक विरुद्ध योजना पर नजर रखबा लेल विधायक आ विधान पार्षदकेँ कहलनि
-लोक सेवा अधिकार आवेदनक निष्पादन नै करैबला अफसरक दरमाहा कटत
-लोकायुक्तक परिधिमे मुख्यमंत्री सेहो आएत
-मंत्रिक सम्पत्ति पहिनहिये वेबसाइटपर
-विधायक आ विधान पार्षदक सम्पत्तिक विवरण सेहो सार्वजनिक हएत
-सदस्य अपन क्षेत्रमे 40 हजार गाछ लगाबथि

कोसी आ परमान धारमे तीन गोटेक डुमलासँ मृत्यु

अररिया नगर परिषद क्षेत्रक कोसी आ परमान धारमे तीन गोटेक डुमलासँ मृत्यु
-ओम नगरक लड्डू मेहतरक आठ बर्खक पुत्र अभय कुमार, बिन्देश्र्वरक दस बर्खक पुत्र बादल आ खरैया बस्ती वार्ड संख्या 11 क मो. सिकन्दरक सात बर्खक पुत्र बाबुलक मृत्यु

सहरसा-ओवर ब्रिज


सहरसा- बंगाली बाजार रेलवे ढालापर 12 करोड़ टाकामे ओवर ब्रिज बनत
-ब्रिज इरकॉन बनाएत
- सुपौलक फाटक नंबर 53 पर सेहो 17 करोड़मे ओवर ब्रिज बनत

निर्मलीमे गिरफ्तारी

निर्मली (सुपौल)क तेज नारायण कामतक पुत्र अर्जुन कामत विगत दू वर्षसँ गाजियाबादमे व्यवसायी डा. नीरज जैनक घरमे नोकर
-हुनकर घरसँ 60 लाख क गहना आ आठ लाख नकद चोरेबाक आरोप
-पुलिस दुनूकेँ गिरफ्तार केलक

कीर्ति आजादक विरुद्ध गैर जमानती वारंट

-कीर्ति आजादक विरुद्ध गैर जमानती वारंट
-लोकसभा निर्वाचनमे आदर्श आचार संहिताक उल्लंघनक आरोप

कोसीक जलस्तर बढ़ल: २० अगस्त २०११

-कोसी नदीक 5.30 किमी स्परपर दवाब अछि,
-कदवामे महानंदा खतरा निशानसँ चारि फीट ऊपर
-सिंहेश्र्वरमे नहर टूटल
-वीरपुर लग कोसी नदीक पूब तटबंध 5.30 किलोमीटर स्परक नोज 10 मीटर लंबाइमे कटल
-नेपालक जल अधिग्रहण क्षेत्रमे लगातार बर्खा
- कोसी नदीक जल स्तर 1,69,625 क्यूसेक
-कोसी नदीमे जल स्तरमे सँ कटाव बढ़ैए

Friday, August 19, 2011

सुमित आनन्द कार्यशालाक आयोजन

सुमित आनन्द
कार्यशालाक आयोजन

भारतीय भाषा संस्थान मैसूर तथा विश्वविद्यालय मैथिली विभाग, ल॰ ना॰ मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगाक संयुक्त तत्वावधानमे विश्वविद्यालय मैथिली विभागमे नेशनल ट्रांसलेशन मिशनक अन्तर्गत द्वि- दिवसीय ट्रांसलेशन ओरियेंटेशन प्रोग्रामक कार्यशालाक आयोजन 28-06-2011 तथा 29-06-2011 केँ भेल। कार्यक्रमक शुभारम्भ प्रतिभागीमेसँ श्री सुमित आनन्द एवं डॉ. लालति कुमारी द्वारा प्रस्तुत ‘जय जय भैरविसँ’ कयल गेल। एहि अवसरपर प्रो. वीणा ठाकुरक समीक्षात्मक ग्रंथ ‘वाणिनी’क लोकार्पण करैत डॉ. सुरेश्वर झा हिनका उत्कृष्ट समालोचकक रूपमे चित्रित कयलनि।
कर्यक्रमक रूपरेखा प्रस्तुत करैत मैसूरसँ आयल नेशनल ट्रांसलेशन मिशनक मैथिली भाषाक मुख्य शैक्षिक सलाहकार डॉ. अजीत मिश्र कहलनि जे राष्ट्रीय स्तरपर 63 पोथीक अनुवादक निर्णय भेल अछि जाहिमे नओ गोट अंग्रेजीसँ मैथिलीमे अनुवाद कयल जायत। एहि अवसरपर चारि गोट विशेषज्ञ 28-06-11 केँ तथा चारि गोटए 29-06-11 केँ अपन-अपन विचार प्रतिभागी लोकनिक समक्ष रखलनि। एहि क्रममे डॉ. भीमनाथ झा कहलनि जे पाठ्यक्रमक पोथीक अनुवादक हेतु टीमवर्क होयब आवश्यक अछि। मैथिली, अंग्रेजीक विशेषज्ञक संग-संग विषयक विशेषज्ञ सेहो रहथि से आवश्यक। डॉ. प्रभात नारायण झा कहलनि जे अनुवाद नव खिड़की खोलैत अछि किन्तु एकरा सहज रखबाक थिक जाहिसँ मूल गप्प पाठक धरि पहुँचि सकए। एहि अवसरपर अन्य विशेषज्ञ लोकनि सेहो अपन अपन विचार रखलनि जाहिमे प्रमुख छलाह- डॉ. विजय मिश्र, ई. अशोक ठाकुर, डॉ. अरुण कुमार झा एवं अन्य। एहि क्रममे बीस गोट प्रतिभागी लोकनि उपस्थित छलाह जाहिमे प्रमुख छलाह-डॉ. नवोनाथ झा, डॉ उषा चौधरी, डॉ. अशोक कुमार मेहता, श्री अमलेंदु शेखर पाठक, श्री अमित आनन्द, श्रीमती शालिनी झा, डॉ. दुर्गानन्द ठाकुर, श्री मिथिलेश कुमार झा इत्यादि। डॉ. वीणा ठाकुरक अघ्यक्षतामे सम्पन्न समारोहमे मुख्य सहयोगी छलाह डॉ. रमण झा। कार्यक्रमक संबंधमे मैसूरसँ आयल श्री पवन कुमार चौधरी सेहो एहि ट्रांसलेशन मिशनक उद्देश्यपर प्रकाश देलनि।(साभार विदेह www.videha.co.in)

सुजित कुमार झा जनकपुरमे पागे पाग

सुजित कुमार झा
जनकपुरमे पागे पाग

पागक व्यवसायीकरण पर किया नहि सोची ?
सुजीतकुमार झा
राष्ट्रीय निजी तथा अवासिय विद्यालय एशोसिएशन (एनप्याब्सन)क राष्ट्रीय अधिवेशनमे सहभागि होवय जनकपुर आएल सदस्य सभकेँ माथ पर एखन कोनो अन्य टोपी नहि पाग मात्र रहैत अछि । जतय जाउ खाली पाग पहिरने लोक भेटत ।
राष्ट्रीय समाचार समितिक काठमाण्डू कार्यालयमे कार्यरत पत्रकार प्रकाश सिलवाल कहैत छथि — अहि बेर जनकपुर सँ पागे सनेश लऽ जा रहल छी । एन प्याब्सनक कार्यक्रममे हुनका पाग पहिराओल गेल छल । ओ समारोहमे एक हजार सँ बेसी पाग वितरण भेल छल ।
एन प्याब्सनक केन्द्रीय अध्यक्ष गीता राणा पागकेँ देशक पहिचान सँ जोडैÞत
छथि । बातचितक क्रममे ओ कहलन्हि — ‘ढाका टोपी जतबे नेपालीक लेल प्रियगर अछि ओतबे प्रियगर पाग सेहो अछि ।’ हुनका सेहो जनकपुरमे पाग पहिरने घुमैत देखल गेल । पाग पहिराबयकेँ परम्परा मिथिलाञ्चलमे बहुत लम्बा समय सँ चलैत आएल अछि । विवाह, उपनयनमे विशेष रुपसँ पाग पहिराओल जाइत अछि । ओना किछ वर्ष सँ सम्मान स्वरुप पाग पहिराओल जएबाक चलन बढल अछि । आब पागकेँ सम्मानमे मात्र नहि व्यवसायिक रुपमे विकासक बात सेहो उठय लागल अछि ।
पत्रकार एवं मैथिली साहित्यकार श्याम सुन्दर शशि कहैत छथि — ‘व्यवसायिक रुपमे आगा बढावयसँ पहिने बनावटमे समय सापेक्ष बदलाब करय परत ।’ माथमे खप्प सँ बैसत तखने लोक एकरा कस्सि कऽ स्वीकार करत ओ कहलन्हि । पागक दोकानदारसभ कहैत छथि— ‘एन प्याब्सनक कार्यक्रममे बहुत पाग बिक्री भेल अछि एक गोटे चारि–चारि टा पाग किनलन्हि ।’

पाग उद्योग पर विचार
पागकेँ बढैत मांगकेँ ध्यानमे रखैत जनकपुरमे सेहो अहि सँ जुडल लघु उद्योग खोलल जाय अहि पर जनकपुरक व्यापारीसभ छलफल करय लागल छथि । पहिले वर्षमे ४÷५ हजार पाग बिक्री होइत छल ओ पाग मधुवनी सँ आनि काम चलाओल जाइत छल । मुदा आब तीन चारि गुणा बिक्रीमे बढोतरी भेल अछि एहनमे बाहर सँ नहि आनल जा सकैत अछि व्यापारीसभ कहैत अछि । व्यापारी रामकुमार साह लगनमे मात्र नहि आन समयमे सेहो पागकेँ खोजी होइत रहैत अछि जानकारी दैत छथि ।
जनकपुर उद्योग वाणिज्य संघक कोषाध्यक्ष जितेन्द्र प्रसाद साह कहैत छथि ‘पाग उद्योग खोलवाक लेल वाणिज्य संघ सेहो प्रयत्न करत ।


१० वर्ष पूर्व जनकपुरमे पागो नहि भेटैत छल

जनकपुरमे पाग उद्योगकेँ बात उठि रहल अछि । मुदा १० वर्ष पूर्व एतयकेँ दोकानसभ पर पाग नहि भेटैत छल विवाह दानोक लेल मधुवनी आ दरभंगा सँ लोक पाग अनैत छल । पहिने विवाहदान सौराठ सँ होइत छल । ओतहि विवाह तय कएलक आ पाग लऽ आएल । जाहि कारण जनकपुरमे नहि कियौ पाग खोजी करैत छल आ नहि एतह बिक्री । जनकपुरक प्रसिद्ध स्थान जानकी मन्दिरक महन्थ रामतपेश्वर दास वैष्णव कहैत छथि—‘जानकी मन्दिरकेँ शतवार्षिकी हुऐ वा विशेष उत्सव दश वर्ष पहिने मधुवनी सँ पाग मंगबैत छलहँु ।’ अहि ठाम बिक्री भेला सँ सभकेँ सुविधा भेल अछि ओ कहलन्हि ।

मैथिलक पहिचान बनि रहल
मैथिलक पहिचान कि अछि ? अहि पर किछु वर्ष पूर्व तक पान मखान, माछ सहितक बात लोक कहैत छल । मुदा आब पाग बनि गेल अछि । पूरे मिथिलाञ्चलमे जतह कतहु कार्यक्रम होइत अछि सम्मानमे पागे रहैत अछि । नेपाल संगीत तथा नाट्य प्रज्ञा प्रतिष्ठानक प्राज्ञ रमेश रञ्जन झा कहैत छथि पाग आइ सँ मात्र नहि सभ दिन सँ अपन क्रेज बनौने अछि । मुदा जाहि रुप सँ एकर प्रसार भऽ रहल अछि ई सुखद अछि ।

पागक विकासक लेल सरकार दिस सँ एकटा योजना आनय परत इमेज च्यानल टेलिभिजन सँ आवद्ध पत्रकार रामअशिष यादव कहैत छथि । ओ आगा कहलन्हि पाग आव सम्पूर्ण मैथिलक पहिचान वनि गेल अछि अहिमे वहस कएनाइ बुद्धिमता नहि भऽ सकैत अछि ।।(साभार विदेह www.videha.co.in)